बड़ी खबर

देश-विदेश

03-Jul-2023 5:11:07 pm

‘कोई भी आत्महत्या नहीं करना चाहता’... सुप्रीम कोर्ट ने ‘राष्ट्रीय पुरुष आयोग’ बनाने संबंधी याचिका की खारिज

‘कोई भी आत्महत्या नहीं करना चाहता’... सुप्रीम कोर्ट ने ‘राष्ट्रीय पुरुष आयोग’ बनाने संबंधी याचिका की खारिज
नई दिल्ली 03 जुलाई 2023। सुप्रीम कोर्ट ने घरेलू हिंसा से पीडि़त विवाहित पुरुषों द्वारा आत्महत्या करने की घटनाओं से निपटने के लिए दिशा निर्देश बनाने और उनके हितों की रक्षा के लिए ‘‘राष्ट्रीय पुरुष आयोग स्थापित करने का अनुरोध करने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई से सोमवार को इनकार कर दिया। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस दीपांकर दत्ता ने मामले पर विचार करने से इनकार कर दिया।
पीठ ने कहा, ‘‘आप केवल एकतरफा तस्वीर पेश करना चाहते हैं। क्या आप हमें शादी के तुरंत बाद जान गंवाने वाली युवतियों का आंकड़ा दे सकते हैं?ज्कोई भी आत्महत्या नहीं करना चाहता, यह अलग-अलग मामलों के तथ्यों पर निर्भर करता है।" शीर्ष न्यायालय वकील महेश कुमार तिवारी द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें भारत में दुर्घटनावश मौत पर 2021 में प्रकाशित राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों का हवाला दिया गया है जिसमें कहा गया है कि उस साल देशभर में 1,64,033 लोगों ने आत्महत्या की। उनमें से 81,063 विवाहित पुरुष थे जबकि 28,680 विवाहित महिलाएं थीं।
याचिका में एनसीआरबी के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा गया है, ‘‘2021 में करीब 33.2 प्रतिशत पुरुषों ने पारिवारिक समस्याओं के कारण जान दी और 4.8 प्रतिशत पुरुषों ने विवाह संबंधित मुद्दों के कारण आत्महत्या की। इस साल कुल 1,18,979 पुरुषों ने खुदकुशी की जो करीब 72 प्रतिशत है और कुल 45,026 महिलाओं ने आत्महत्या की जो करीब 27 प्रतिशत है। याचिका में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को विवाहित पुरुषों द्वारा आत्महत्या के मुद्दे से निपटने और घरेलू हिंसा से पीडि़त पुरुषों की शिकायतें स्वीकार करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था। 

Leave Comments

Top