सरगुजा। सरगुजा जिले के लखनपुर थानाक्षेत्र अंतर्गत कुन्नी चौकी क्षेत्र में 70 वर्षीय वृद्ध ने घर में काम करने वाली 16 वर्षीय किशोरी के साथ रेप की नाकाम कोशिश की। आरोपी ने किसी को घटना की जानकारी देने पर उसे जान से मार देने की धमकी दी। सहमी किशोरी ने साढ़े तीन माह बाद घटना की जानकारी परिजनों को दी एवं कुन्नी चौकी पहुंचकर रिपोर्ट दर्ज कराई। रिपोर्ट पर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। जानकारी के मुताबिक, कुन्नी अंतर्गत ग्राम बिनिया के कौरू पटेल (70) के घर रहकर 16 वर्षीय किशोरी घरेलू काम करती थी। कौरू पटेल की पत्नी की मौत करीब एक वर्ष पूर्व हो गई है। उसके दो बेटे अलग घर बनाकर रहते हैं। वह अकेले ही घर में रहता है। किशोरी को उसने घरेलू कार्यों के लिए रखा हुआ था। उसे गांव में पटेल का दर्जा मिला हुआ था। खेती की काफी जमीनें होने के कारण वह संपन्न है। कौरू पटेल की नीयत घर में रहकर काम करने वाली 16 वर्षीय किशोरी पर खराब हो गई। उसने 13 जनवरी 2024 को किशोरी से छेड़छाड़ करते हुए उसके कपड़े उतार दिए एवं उससे रेप की नाकाम कोशिश की। किशोरी को उसने किसी को भी घटना की जानकारी देने पर जान से मारने की धमकी दी। इससे सहमी किशोरी ने घटना की जानकारी किसी को नहीं दी। करीब साढ़े तीन माह बाद किशोरी ने घटना की जानकारी अपने परिजनों को दी एवं कुन्नी चौकी पहुंच घटना की रिपोर्ट दर्ज कराई। रिपोर्ट पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 354, 354 (क), 376, 506, 511 पॉक्सो एक्ट की धारा, एवं 3(1)(डब्लू) एससी/एसटी एक्ट का अपराध पंजीबद्ध किया। पुलिस ने आरोपी कौरू पटेल उर्फ़ कदरू (70) को गिरफ्तार कर उसे न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है। कार्रवाई में चौकी प्रभारी कुन्नी एएसआई राजेश्वर महंत, आरक्षक आंनद गुप्ता, महेन्द्र राजवाड़े, गोविन्द टोप्पो, विकास शामिल रहे।
सरगुजा। आपसी रंजिश में मीटर रीडिंग बढ़ाकर बिल भेजने और कनेक्शन काटने के मामले में स्थायी लोक अदालत सरगुजा ने CSPDCL के अधिकारियों को 9 लाख रुपए क्षतिपूर्ति देने का आदेश दिया है। अधिकारियों ने बिल भुगतान के 13 साल बाद फिर से अतिरिक्त 23 हजार 973 यूनिट का डेढ़ लाख बिजली बिल भेज दिया था। एक किश्त जमा करने के बाद भी बिजली कनेक्शन काट दिया था। जानकारी के मुताबिक, गोधनपुर निवासी जितेंद्र यादव (35) के घर पर 21 मार्च 2001 को बिजली कनेक्शन लगाया था। 21 मार्च 2001 से 31 दिसंबर 2013 तक उसके घर के मीटर की कुल रीडिंग 14 हजार 375 यूनिट हुआ था। जिसका संपूर्ण बिल भुगतान जितेंद्र यादव द्वारा दिसंबर 2013 तक कर दिया गया था। इस बीच पांच मार्च 2014 को उनके पास बिजली का बिल आया तो उसमें 13 साल बाद कुल रीडिंग 14 हजार 375 से बढ़ाकर 38,557 यूनिट कर दिया गया। 13 साल बाद पूर्व के भुगतान किए गए बिल में विद्युत विभाग की ओर से 23,973 यूनिट की बेतहाशा वृद्धि कर दी गई। इसमें अतिरिक्त रीडिंग का 1 लाख 52 हजार 818 रुपए बिल भेज दिया गया। जितेंद्र यादव ने रीडिंग सुधार के लिए 20 मार्च 2014 को आवेदन दिया तो पुनरक्षित बिल 25 मार्च को घटाकर 1 लाख 14 हजार 730 रुपए कर दिया गया। युवक द्वारा पुनरक्षित बिल में से 37 हजार 913 रुपए का भुगतान भी किया गया था। इसके बाद 11 अगस्त 2015 को युवक के घर का कनेक्शन काट दिया गया था। युवक ने सहायक अभियंता विद्युत वितरण कम्पनी मर्यादित को आवेदन देकर मीटर हटाने का आग्रह किया था। आवेदक जितेंद्र यादव के द्वारा पुनः नए कनेक्शन के लिए आवेदन दिया गया तो उसके घर में कनेक्शन नहीं दिया जा रहा था। ऐसे में युवक द्वारा जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण फोरम में आवेदन दिया गया और उपभोक्ता फोरम से भी 1 लाख 597 रुपए सरचार्ज न लगाते हुए मासिक किश्त की सुविधा के साथ भुगतान करने का आदेश दिया था। न्यायालय ने मानसिक क्षतिपूर्ति 5 हजार रुपए व वाद व्यय 1500 रुपए बिल से घटाने को कहा था, लेकिन निर्णय के बाद भी विभाग की ओर से कोई सुविधा युवक को नहीं दी गई। युवक द्वारा मार्च 2019, जुलाई 2021 और नवंबर 2022 को दोबारा कंपनी को आवेदन कर न्यायालय का आदेश पालन करने का आग्रह किया गया, लेकिन जब उन्होंने न्यायालय का आदेश नहीं माना तो युवक द्वारा स्थायी लोक अदालत में आवेदन दिया था। मामले में कोर्ट की ओर से कंपनी को नोटिस जारी कर सुनवाई की जा रही थी। इस दौरान विद्युत विभाग की ओर से भी पक्ष रखा गया। सुनवाई के बाद आज स्थायी लोक अदालत जन उपयोगी सेवाएं अध्यक्ष उर्मिला गुप्ता ने सीएसपीडीसीएल के सहायक अभियंता गांधीनगर व मुख्य अभियंता के खिलाफ अपना फैसला दिया है। पीठासीन अध्यक्ष गुप्ता ने आवेदक को मानसिक और आर्थिक क्षतिपूर्ति के रूप में 9 लाख रुपए 30 दिन के अंदर प्रदान करने का आदेश दिया है। निर्धारित समय के बाद 7 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज भी प्रदान करना होगा। फैसले में स्पष्ट रूप से कहा है कि बढ़े हुए बिल के लिए आवेदक उत्तरदायी नहीं है। निर्णय के दो दिनों के अंदर आवेदक के घर का कनेक्शन बहाल किया जाए।
सरगुजा। सरगुजा जिले के महामाया पहाड़ (हाथी पखना) स्थित ऑक्सीजन पार्क का नाम "गणपति धाम" रखा गया। राज्य शासन द्वारा आदेश जारी। am-3162510
सरगुजा। जिले में लुंड्रा वन परिक्षेत्र में वन विभाग की लापरवाही सामने आई है. जहां दंतैल हाथी के हमले से ग्रामीण की मौत हो गई. घटना के बाद इलाके में हड़कंप मच गया है. वहीं लोगों में काफी गुस्सा भी देखने को मिल रहा है. बता दें कि पूरा मामला लुंड्रा वन परिक्षेत्र के झेराडीह का है. जहां पिता-पुत्र गेंहू के खेत में सिंचाई कर वापस आ रहे थे. इसी दौरान हादसा हुआ है. वहीं घटना की सूचना पर वनकर्मी और पुलिस टीम मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया. पुलिस टीम की मौजूदगी में ग्रामीणों की मदद से शव को उसके घर लाया गया. जानकारी के अनुसार, घटना के बाद वन विभाग मुआवजे देने की बात कह रहा है.
सरगुजा। संभाग में एक बार फिर से हाथियों की आमद ने वनांचल के ग्रामीणों के लिए परेशानी कड़ी कर दी हैं। झारखण्ड से छत्तीसगढ़ की सीमा में दाखिल हुए हाथियों के दल ने फिर एक बार खूनी उत्पात मचाया हैं। हाथियों ने एक पहाड़ी कोरवा समेत दो ग्रामीणों को मौत के घाट उतार दिया हैं। दो-दो मौत से सरगुजा इलाके में हड़कंप मचा हुआ हैं।
सरगुजा। आज झिलमिली थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम सत्यनगर निवासी एक व्यक्ति की रेण नदी में डूबने से मौत हो गई। झिलमिली पुलिस व नगर सेना की टीम मौके पर पहुँच उसकी तलाश कर रही है। मिली जानकारी के अनुसार सत्यनगर निवासी रामचंद्रर गुप्ता 38 वर्ष आज पितृ विसर्जन के लिए रेण नदी में नहाने पहुँचा था और नदी में नहा रहा था, उसी दौरान नदी के गहरे पानी चले जाने से वह डूब गया।
सरगुजा। स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार विभिन्न योजनाएं चला रही है. लेकिन सरगुजा जिले के सीतापुर में झोलाछाप डॉक्टर ने एक महिला की जिंदगी छीन ली है. परिजनों ने मौत का जिम्मेदार डॉक्टर को ठहराया है. दरअसल, मिश्रा मेडिकल के संचालक द्वारा महिला को गलत इंजेक्शन लगाने के बाद स्वास्थ्य बिगडऩे पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सीतापुर में मेडिकल संचालक द्वारा महिला को छोड़ कर फरार हो गया. जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद महिला को मृत घोषित कर दिया. वहीं जांच के बाद डॉक्टरों ने परिजनों को जानकारी दी कि, महिला की मौत अस्पताल में लाने से आधे घंटे पहले हो चुकी थी. घटना के बाद मिश्रा फार्मेसी को प्रशासन ने सील कर दिया गया।
सरगुजा। आपसी विवाद पर कंपनी बाजार में मुक्का मार कर युवक की हत्या करने वाले फरार आरोपी को गढ़वा से गिरफ्तार करने में सरगुजा पुलिस को सफलता हाथ लगी है. आरोपी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया. जहां से कोर्ट ने जेल भेज दिया है.
सरगुजा। सीतापुर में सडक़ किनारे नाली का अभाव होने के कारण बारिश का पानी गांव में घुसकर तबाही मचा रहा है। निकासी के अभाव मे पानी ने कई घरों के अलावा खेत मे लगी धान की फसल को भी अपनी चपेट में ले लिया है। घरों में पानी भर जाने के कारण लोग बेघर हो गए हैं। वहीं खेतों मे पानी भर जाने के कारण धान की फसलों का नुकसान होने लगा है। पानी की निकासी न होने की वजह ग्रामीणों में काफी आक्रोश है। ग्रामीणों ने कहा जब सडक़ निर्माण हो रहा था, तब यदि नाली बना दी गयी होती तो हमारा इतना नुकसान ना होता।
अंबिकापुर : मैनपाट के टाइगर प्वाइंट पर शनिवार की शाम जिस व्यक्ति की लाश लावारिश हालत में मिली थी उसकी पहचान हो गई है। मृतक विजय मिंज कोरिया जिले के पीएचई में कार्यपालन अभियंता के तौर पर पदस्थ थे। जानकारी के मुताबिक श्री मिंज जशपुर से रायगढ़ के लिए निकले थे। इस बीच मैनपाट के टाइगर प्वाइंट पर वे रूक गए और अपने ड्रायवर को जाने के लिए कह दिया। ड्रायवर को भेजने और लाश के मिलने से पहला अंदेशा आत्महत्या का लगाया जा रहा है, हालांकि इस पर अधिकारिक तौर पर कोई भी बयान सामने नहीं आया है। पुलिस इस मामले में दोनों पहलुओं पर ध्यान रखकर जांच कर रही है।
अंबिकापुर : फर्जी तरीके से दवाई दुकान और क्लीनिक संचालित करने वाले 12 वीं पास कथित डॉक्टर के खिलाफ जिला प्रशासन ने कारवाई की है। बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर विकासखंड के ग्राम बरतीकला में एक युवक डॉक्टर बन गया था। वाड्रफनगर एसडीएम विशाल महाराणा के नेतृत्व में स्वास्थ्य और राजस्व विभाग की टीम जब दवा दुकान पहुंची तो संचालक निहार मलिक द्वारा कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया जा सका। दवा दुकान के पीछे एसडीएम के साथ कर्मचारी पहुंचे तो पता चला कि यहां चार बेड का एक नर्सिंग होम भी संचालन किया जा रहा है। विकासखंड में बिना डिग्री और डिप्लोमा के मेडिकल स्टोर तथा क्लीनिक संचालन की सामने आ रही शिकायतों के मद्देनजर एसडीएम विशाल महाराणा, नायब तहसीलदार विनीत सिंह और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कर्मचारियों को साथ लेकर ग्राम बरतीकला स्थित दीप मेडिकल स्टोर पहुंचे थे। इस दवा दुकान के संचालन को लेकर लगातार शिकायत सामने आ रही थी। जब टीम के सदस्य वहां पहुंचे तो संचालक निहार मलिक मिला। दवा दुकान संचालन को लेकर दस्तावेज प्रस्तुत करने आदेशित करने पर संचालक हड़बड़ा गया। उसके पास किसी भी फार्मासिस्ट का लाइसेंस नहीं था। दस्तावेज के नाम पर खुद का 12वीं पास प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया जिसमें गलत तरीके से डॉक्टर भी लिखा हुआ था। मेडिकल स्टोर के पीछे एक-दो लोगों की आवाजाही होता देख टीम के सदस्य जब वहां पहुंचे तो नजारा देखकर अवाक रह गए। एक कमरे में चार बेड लगा हुआ था। दवाइयां रखी हुई थी। एक महिला को भर्ती किया गया था। पूछताछ करने पर पता चला कि महिला को बुखार है। उसे टाइफाइड से पीड़ित बता कर निहार मलिक द्वारा उपचार किया जा रहा था। क्लीनिक में कई ऐसी दवाइयां रखी गई थी जिसका सामान्य तौर पर विशेषज्ञ चिकित्सक भी उपयोग करने से बचते हैं। हाई एंटीबायोटिक सहित अन्य साइड इफेक्ट वाली दवाइयों का उपयोग कर उपचार करने की जानकारी सामने आई। मेडिकल स्टोर और क्लीनिक संचालन नियम विरुद्ध तरीके से पाए जाने के कारण उसे सील कर दिया गया है।
अंबिकापुर : बाबूपारा में वरिष्ठ कांग्रेसी माधवेंद्र सिंह के पुत्र अजुनेन्द्र सिंह ने अपने घर पर गोली मारकर खुदकुशी कर ली। उसके खुदकुशी करने का कारण पता नहीं चला है, लेकिन प्रथम दृष्टया प्रेम प्रसंग से इस घटना को जोड़ कर देखा जा रहा है । बहरहाल पुलिस घटना की जांच कर रही है।
सरगुजा : अंबिकापुर में सोमवार को एक युवक ने खुद को गोली मार कर अपनी जान दे दी। प्रथम दृष्टया मामला प्रेम प्रसंग का बताया जा रहा है ।
यह घटना अंबिकापुर के बाबूपारा की है। मृतक का नाम अजुनेन्द्र सिंह है जो वहां के वरिष्ठ कांग्रेसी माधवेंद्र सिंह का पुत्र था ।
मौके पर पहुँच कर पुलिस छानबीन कर रही है।
अंबिकापुर : कोरोना संक्रमण काल में जहां बेरोजगारी बढ़ रही है वहीं लोगों में लालच भी काफी बढ़ गया है । इसी लालच में करीब 25 हजार से भी ज्यादा लोग अपनी कमाई के 5 करोड़ गंवा बैठे हैं । पुलिस ने बताया कि गुजरात के बड़ोदरा जिले के एक युवक ने फर्जी चिटफंड कंपनी बनाई और महीने भर में जमा राशि चार गुना करने का झांसा देकर विश वायलेट एप के माध्यम से हजारों लोगों से करोड़ों रुपए ऑनलाइन जमा करा लिए।कथित कंपनी के संचालक अशोक आचार्य उर्फ प्रियदर्शी ने शुरू में कुछ लोगों को झांसा देने जमा राशि के बदले रिटर्न भी किया। कंपनी के फर्जी होने के बारे में तब पता चला जब जुलाई में 14 हजार से अधिक निवेशकों का करीब 6 करोड़ 2 लाख रुपए डूब गया। इसमें सरगुजा जिले के भी हजारों लोग शामिल थे। जिन्होंने पुलिस से शिकायत की थी। इतनी बड़ी ठगी का मामला सामने आने पर पुलिस ने जांच शुरू की तो पता चला कि सरगुजा संभाग से कंपनी में करीब 12 हजार लोगों का 5 करोड़ रुपए डूबा है। को-आर्डिनेशन सेंटर में बुधवार को मामले का खुलासा करते हुए एसपी ने बताया कि पुलिस की टीम बड़ोदरा गई थी। जहां स्थानीय पुलिस की मदद से आरोपी अशोक को गिरफ्तार कर लिया। एसपी ने बताया कि आरोपी ने शुरुआत में राशि जमा करने वाले निवेशकों को अप्रैल, मई व जून में रिटर्न दिया । पिछले महीने एक दिन में करीब 75 लाख रुपए लोगों ने जमा किए थे। एक साथ जब ज्यादा राशि जमा हो गई तो आरोपी ने कंपनी बंद कर दी। एसपी ने बताया कि अभी मामले की जांच की जा रही है और अन्य कई आरोपी इसमें जुड़े मिलेंगे। उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
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