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  • सर्दियों में घी खाने के ये फायदे जानकर आप भी हो जायेंगे हैरान

    15-Nov-2024

    घी का सेवन सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता हा, ये बात हम सभी बचपन से सुनते आ रहे हैं. कुछ लोग बड़े चाव से घी खाते हैं, वहीं कई लोग ऐसे हैं जिन्हें इसका टेस्ट पसंद भी आता है. आयुर्वेद में तो घी को औषधि माना गया है.जिसके बहुत सारे फायदे हैं.अगर आप चाहते हैं आपकी हड्डियाँ मजबूत रहे तो आपको दिन में दो चम्मच घी का सेवन जरूर करना चाहिए. ठंड के मौसम में शरीर में बहुत सी समस्याएं भी बढ़ जाती है, ऐसे में आपके लिए घी जा सेवन अच्छा माना जाता है. आइए जानते हैं ठंड के मौसम में घी खाने के फायदे.

     
    बॉडी को मिलती है गर्माहट
     
    घी कैलोरी और हेल्थी फैट का अच्छा स्रोत है जो की ठंड के मौसम में शरीर को गर्म रखने में मदद करता है.इसके अलावा घी आसानी से पच भी जाता है, इसलिए भी ठंड में मौसम में आपको घी का सेवन जरूर करना चाहिए.
     
    जोड़ो के दर्द में फायदेमंद
     
    घी में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाया जाता है. ठंड अधिक बढ़ने और अक्सर लोगों को जोड़ो के दर्द की समस्या होने लगती है. ऐसे में अगर आप अभी से रोजाना घी का सेवन करते हैं हैं तो आपको जोड़ो के दर्द की समस्या से राहत मिलेगी.
     
    बढ़ती है रोग प्रतिरोधी क्षमता
     
    घी एंटीऑक्सीडेंट और वसा में घुलनशील विटामिन A,D, E और K का एक प्राकृतिक स्रोत है. रोजाना घी खाने से मौसमी बीमारियों से लड़ने के लिए पोषण मिलता है और शरीर की एंटीबॉडी प्रतिक्रिया को बढ़ावा मिलता है. यानी घी आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है.
     
    त्वचा के लिए भी हेल्थी
     
    घी में एंटॉक्सीडेट भी होते हैं जो त्वचा को हेल्थी बनाते हैं. रोज सुबह नहा कर आने के बाद आप देसी घी लें और उसे अपनी त्वचा और लगाएं.ऐसा करने से स्किन हेल्थी और चमकदार बनती है.कब्ज के लिए घी एक रामबाण इलाज है रोजाना एक चम्मच घी का सेवन करने से यह पाचन तंत्र मजबूत होता है.

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  • रेलवे स्टेशन में दर्दनाक घटना में 45 साल की महिला की मौत

    11-Nov-2024

     भोपाल। मध्य प्रदेश के भोपाल रेलवे स्टेशन में एक दर्दनाक घटना में 45 साल की महिला की मौत हो गई। चलती ट्रेन से उतरने के दौरान उसका पैर ट्रेन और प्लेटफार्म के बीच में फंस गया। इस दौरान महिला ट्रेन और प्लेटफार्म के बीच कुछ दूरी तक घिसटते हुए चली गई। जिससे उसने मौके पर ही दम तोड़ दिया।

     
    दरअसल, महिला को मालवा एक्सप्रेस में सवार होकर देवास जाना था, लेकिन वो गलती से जल्दबाजी में समता एक्सप्रेस पर सवार हो गई। ट्रेन में मौजूद पैसेंजर से जब उसने पूछा कि यह कौन से ट्रेन है? जिस पर उन्होंने समता एक्सप्रेस बताया। जिससे उसे गलत ट्रेन में बैठने की जानकारी मिली। लेकिन तब तक ट्रेन ने रफ्तार पकड़ ली थी। महिला ट्रेन से उतरने का प्रयास करने लगी। इस दौरान उसका पैर फिसल गया और वह ट्रेन और प्लेटफार्म के बीच में फंस गई।
     
    45 वर्षीय बिंदु परिहार नरसिंहपुर से भोपाल अपनी बेटी से मुलाकात करने आई थी। वह अपने घर वापस लौट रही थी। उन्हें अपनी भाभी के साथ देवास जाना था। लेकिन गलत पर चढ़ने और फिर उससे उतरने के दौरान यह दर्दनाक हादसा हो गया। जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और पंचनामा कर पीएम के लिए भेज दिया। मृतिका के परिजनों को सूचना दे दी गई है।

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  • अच्छी ओरल हेल्थ के लिए सही दातुन का चुनाव जरूरी

    11-Nov-2024

     Teeth Health Tips:टूथब्रश, टूथपेस्ट के जमाने में दातुन का इस्तेमाल बहुत कम लोग ही करते हैं. मगर, जो बुजुर्ग हैं या गांव के लोग हैं वे आज भी दातुन को प्रिफर करते हैं. दातुन करने के बहुत फायदे हैं. जो आपके मसूड़ों को मजबूत बनाते हैं और ओरल हेल्थ को बेहतर करते हैं. मगर, अच्छी ओरल हेल्थ के लिए सही दातुन का चुनाव जरूरी है. अच्छे दातुन पेड़ों के होते हैं. आज इस आर्टिकल में दातुन और इनके फायदे के बारे में जानते हैं.

     
    किस पड़े के दातुन में क्या है गुण
    नीम के दातुन
    नीम के दातुन में एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण होते हैं. ये मसूड़ों के लिए लाभप्रद होते हैं.
     
    आम के दातुन
    मसूड़ों को मजबूती देता है. दांत-मसूड़ों के कीटाणुओं को खत्म करते हैं.
     
    अमरूद के दातुन
    यह नेचुरली मुंह के संक्रमण को कम करने में बहुत मददगार है.
     
    कड़ी पत्ते के दातुन
    कड़ी पत्ते, जैसा नाम है लेकिन इसका दातुन ज्यादा कड़वा नहीं होता. यह फायदेमंद होता है.
     
    दातुन क्यों जरूरी
    दातुन का सबसे बड़ा फायदा है कि इसे चबाने से मसूड़े मजबूत होते हैं. जब जबड़े मजबूत होंगे तो पकड़ अच्छी होगी. इससे मसूड़ों में ब्लड सर्कुलेशन अच्छा होगा. इससे ओरल हेल्थ में सुधार भी होगा. दातुन करने से दांतों की सफाई तो होती है, दांत चमकते भी हैं. पेस्ट की तरह दातुन में कोई मिलावट नहीं होती. नीम और आम जैसे पड़ों के दातुन में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं. इससे मुंह के घाव और सूजन में राहत मिलती है.
    इसे करे कैसे
     
    आप, अगर दातुन करना चाहते हैं तो नीम, आम, अमरूद, या कड़ी पत्ते के दातुन का उपयोग करें. अगर, रोज करें तो बेहतर होगा. न करें तो हफ्ते में दो बार करने से ओरल हेल्थ में सुधार होगा, ताजगी महसूस होगी.

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  • स्वाद और सेहत का संगम: अमरूद पेट की समस्याओं का समाधान

    09-Oct-2024

    अमरूद का सीज़न शुरू हो गया है। बाजार में यह फल अब खूब बिकने लगा है। इसका खट्टा मीठा स्वाद लोगों को बेहद पसंद आता है। लेकिन क्या आप जानते हैं यह फल पेट के लिए काफी फायदेमंद है। अमरूद विटामिन सी, एंटीऑक्सीडेंट, पोटैशियम और अन्य पोषक तत्वों का भंडार है। दरअसल, अमरूद एक ट्रॉपिकल फल है जिसमें कैलोरी कम और फाइबर, पोटेशियम, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, विटामिन सी, बी6, कैल्शियम, आयरन और मैग्नीशियम अधिक मात्रा में होता है। अगर आप पेट से जुड़ी समस्याओ से परेशान हैं तो यह फल आपके लिए संजीवनी बूटी समान है। चलिए बताते हैं अमरूद का सेवन किस तरह से किया जा सकता है।

     
    पेट की इन परेशानियों में अमरूद है फायदेमंद :
     
    पाचन तंत्र होगा मजबूत: अमरूद ही नहीं बल्कि उसकी पत्तियां भी पाचन को बेहतर करती हैं। इसमें मौजूद एस्ट्रिंजेंट पेट और आंत को साफ करने में मदद करता है और संक्रमण पैदा करने वाले बैक्टीरिया को रोकता है। इस फल में मौजूद विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट अशुद्धियों को बाहर निकालने में भी मदद करते हैं, जिससे पाचन स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने में मदद मिलती है।
     
    अपच में लाभकारी: अगर आपको अपच की समस्या रहती है तो अमरूद का सेवन आपके लिए लाभकारी हो सकता है। अपच की परेशानी से छुटकारा पाने के लिए भुना हुआ अमरूद का सेवन करें।
     
     
    कब्ज में फायदेमंद: अमरूद में फाइबर की मात्रा ज़्यादा होती है, जो पाचन में मदद कर सकता है और कब्ज़ से राहत दिला सकता है। फाइबर मल को ठोस और मुलायम बनाकर पाचन में मदद करता है। यह दस्त और कब्ज दोनों के लक्षणों को कम कर सकता है। अमरूद के पत्तों का अर्क दस्त की तीव्रता और अवधि को कम करने में मदद कर सकता है।
     
    कब और कैसे खाएं?
     
    अमरूद का सेवन फायदेमंद है लेकिन इसका सेवन शाम या रात नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह ठीक से पच नहीं सकता है। इसका सेवन आप दोपहर में 12 बजे के आसपास करें। साथ ही आप लंच के बाद भी खा सकते हैं। अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं तो अमरूद खाने में सावधानी बरतें, क्योंकि इससे रक्त शर्करा कम हो सकता है।

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  • खतरनाक कॉम्बिनेशन: चाय और सिगरेट का साथ पीने से हो सकते हैं ये बड़े नुकसान

    03-Oct-2024

    Health Tips: अकसर लोग चाय और सिगरेट साथ पीते हैं. खासकर ऑफिस में काम करते-करते रिफ्रेश होने के टी-ब्रेक के दौरान ऐसा करते हैं. डेढ़, 2, ढ़ाई बजते ही तलब लगने लगती है. वह चाय-सिगरेट पीकर ही मिटती है. ऑफिस के बाहर चाय के ठेले, गुमटी में जाते हैं. चाय ऑर्डर करते ही हैं, सिगरेट भी लेते हैं. चाय-सिगरेट पीते-पीते गप-शप करते हैं. यह सबकुछ इसलिए ताकि थकान मिट सके, तनाव कम हो सके. अगर, आप भी ऐसा करते हैं, तो इस आदत को तुरंत बदलिए. क्योंकि यह शौक आपकी जान का दुश्मन बन सकता है. आपके हार्ट को बुरी तरह नुकसान पहुंचा सकता हैं,

     
    हार्ट अटैक की सबसे ज्यादा आशंका
     
    एक सिगरेट में 6-12 मिलीग्राम निकोटीन होता है. जो लोग सिगरेट पीते हैं, उनमें हार्ट अटैक की आशंका सामान्य व्यक्ति से 3 गुना तक ज्यादा होती है. क्योंकि निकोटीन हार्ट को ब्लड सप्लाई करने वाली धमनियों में संकुचन पैदा करता है. इसकी वजह से हार्ट को साफ रक्त नहीं मिलता और हार्ट अटैक का खतरा बना रहता है.
     
    चाय पीने से दिल की धड़कन बढ़ जाती है
     
    दूध में मिलने वाले कैजिन प्रोटीन चाय का पॉलीफिनॉल तत्व के असर को कम कर देते हैं. जिसकी वजह से अधिक मात्रा में चाय पीने से दिल की धड़कन और ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है.
     
    चाय और सिगरेट एक साथ पीने से होने वाले नुकसान
     
    एक स्टडी के मुताबिक चाय के साथ सिगरेट पीने से कैंसर होने की संभावना 30% तक बढ़ जाती है. चाय में टॉक्सिंस होता है, यदि वह सिगरेट के धुंए के साथ मिल जाएं तो वह कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी का कारण बन सकते हैं. इसलिए चाय के साथ सिगरेट का सेवन नहीं करना चाहिए.
     
    सबसे ज्यादा खतरा
     
    हार्ट और ब्रेन स्ट्रोक को खतरा. हाथ-पैरों में अल्सर(गैंग्रीन) होने का खतरा. मैमोरी लॉस होने का खतरा. फेफड़ों में सिकुड़न का खतरा. पेट में अल्सर होने का खतरा. बांझपन का खतरा.
     
    अब आखिर में सवाल, आखिर कैसे छोड़े चाय और सिगरेट की लत
     
     
    अपनी इच्छाशक्ति और संकल्पशक्ति को मजबूत बनाकर आप इस लत से आसानी से छोड़ सकते हैं. अगर, आप इस लत को छोड़ नहीं पा रहे हैं तो अपने परिवारजनों से डिसकस करें, करीबी दोस्तों की मदद ले सकते हैं.

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  • वरिष्ठ नागरिक दिवस पर विशेष: जानें 21 अगस्त के दिन का इतिहास और महत्व, समाज में वरिष्ठ नागरिकों की भूमिका

    21-Aug-2024

    विश्व वरिष्ठ नागरिक दिवस हर साल 21 अगस्त को मनाया जाता है. साल 1991 में अपने बुजुर्गों के लिए पहली बार ये दिन मनाया गया था. इस दिन का उद्देश्य उन कारकों और मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है, जो वृद्ध लोगों को प्रभावित करते हैं, जैसे स्वास्थ्य में गिरावट और बुजुर्गों के साथ होने वाले दुर्व्यवहार. यह समाज में वृद्ध लोगों के योगदान को पहचानने और स्वीकार करने का भी दिन है.

     
    क्या है World Senior Citizen Day का इतिहास
     
    वरिष्ठ नागरिक दिवस का इतिहास साल 1988 से शुरू होता है. इसकी आधिकारिक स्थापना संयुक्त राज्य अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन ने की थी. उन्होंने 19 अगस्त 1988 को 5847 की घोषणा पर हस्ताक्षर किए थे, जो 21 अगस्त को तीसरे युग के राष्ट्रीय दिवस के रूप में सामने आया. रोनाल्ड रीगन तीसरे युग के पहले राष्ट्रीय दिवस की घोषणा करने वाले पहले व्यक्ति थे.
     
    इन चुनौतियाँ का सामने करते हैं वरिष्ठ नागरिक (Senior Citizen Day 2024)
     
    स्वास्थ्य देखभाल चुनौतियाँ
     
    वरिष्ठ नागरिकों को पुरानी बीमारियों, सीमित वृद्धावस्था देखभाल, बढ़ती मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं और उच्च स्वास्थ्य देखभाल लागत का सामना करना पड़ता है.
     
    आर्थिक चुनौतियाँ
     
    बुजुर्गों को अपर्याप्त पेंशन, वित्तीय निर्भरता, आय असुरक्षा और सेवानिवृत्ति के बाद रोजगार खोजने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, जिससे आर्थिक अस्थिरता पैदा होती है.
     
    सामाजिक चुनौतियाँ
     
    अलगाव, बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार, सामाजिक बहिष्कार और डिजिटल विभाजन आधुनिक समाज में वरिष्ठ नागरिकों के लिए महत्वपूर्ण चुनौतियाँ पैदा करते हैं. अपर्याप्त आवास और सीमित गतिशीलता विकल्प वरिष्ठ नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता में बाधा डालते हैं.
     
    कानूनी और नीतिगत चुनौतियाँ
     
    कमजोर कानूनी सुरक्षा, जागरूकता की कमी और नौकरशाही बाधाएँ बुजुर्गों को आवश्यक सेवाओं और सहायता तक पहुँचने से रोकती हैं.

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  • कजरी तीज पर दान करें ये आवश्यक चीजें, वैवाहिक जीवन में खुशियों का वास्ता होगा सुनिश्चित

    21-Aug-2024

    जुलाई के महीना लगते ही त्योहारों की बहार सी आ जाती है. अभी राखी का त्योहार गया है और आने वाले दिनों में जन्माष्टमी, कमरछठ, कजरी तीज पड़ने वाली है. इस साल कजरी तीज का पर्व 22 अगस्त को मनाया जाएगा. सनातन धर्म में इस त्योहार का विशेष महत्व है, और सुहागिन महिलाएं इस दिन व्रत करती हैं.

     
     
    ऐसा माना जाता है कि जो अविवाहित कन्याएं इस दिन उपवास करती हैं उनको मनचाहा वर मिलता है. इस दिन दान करने से भी बहुत पुण्य मिलता है. तो आइए जानते हैं कि कजरी तीज के दिन आप किन चीजों का दान कर सकते हैं
     
    सिंदूर
    कजरी तीज के दिन आप किसी सुहागिन महिला को सिंदूर का दान जरूर करें. ऐसा करने से यदि आपके वैवाहिक जीवन में कोई समस्या चल रही है तो वह दूर होती है.
     
    कपड़े
    कजरी तीज के दिन किसी जरूरतमंद को कपड़े का दान भी करें ऐसा करने से वैवाहिक जीवन में और भी मधुरता आती है.
     
    श्रृंगार सामग्री
    16 श्रृंगार का दान बहुत अच्छा माना जाता है. इसमें आप चूड़ी, बिंदी, मेहंदी, आलता, नेलपॉलिश, काजल, सिंदूर के साथ अन्य श्रृंगार की सामग्री रखकर दान करें. इससे पति-पत्नी के रिश्ते मजबूत होते हैं, और जीवन खुशहाल होता है.
     
    दूध-दही का दान
    इस दिन दूध, दही, घी,मिश्री का दान करना भी बहुत अच्छा माना जाता है. इनके दान से वैवाहिक जीवन में सुख बना रहता है.

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  • सोनाली सहगल ने किया प्रेग्नेंसी का ऐलान....

    17-Aug-2024

    सोनाली सहगल ने इंस्टाग्राम पर प्रेग्नेंसी की अनाउंसमेंट किया है. खुशखबरी देते हुए एक्ट्रेस ने तीन फोटोज शेयर की हैं, जिनमें उनका बेबी बंप नजर आ रहा है. फोटोज में वह कुछ खाती हुई दिख रही हैं और वहीं उनके बाजू में एक्ट्रेस के हस्बैंड मुंह में बीयर की बॉटल लगाए और हाथों में बेबी के दूध की बॉटल पकड़े दिख रहे हैं. सोनाली सहगल के सामने बेड पर खूब सारे चिप्स के पैकेट, कुकीज और किताबें भी दिख रही हैं.

     
    कब होगी सोनाली की डिलीवरी
     
    सोनाली सहगल ने अपनी प्रेग्नेंसी की अनाउंसमेंट करते हुए कैप्शन लिखा, ‘बीयर की बोतलों से लेकर बेबी बोतलों तक, आशीष की जिंदगी बदलने वाली है. जहां तक मेरा सवाल है, कुछ चीजें वैसी ही रहती हैं. पहले 1 के लिए खा रही थी, अब 2 के लिए खा रही हूं. इस बीच शमशेर (सोनाली का डॉगी) एक अच्छा बड़ा भाई बनने के लिए नोट्स बना रहा है. धन्य हूं और बहुत खुश हूं. प्रार्थना करिए’. एक्ट्रेस ने यह भी बताया कि उनकी डिलीवरी दिसंबर में होगी.
     
    शादी के एक साल बाद हुईं प्रेग्नेंट
     
    लव लाइफ और शादी की बात करें, तो सोनाली सहगल ने 7 जून 2023 को आशीष सजनानी के साथ शादी की थी. सोनाली और आशीष ने करीब पांच साल तक एक दूसरे को डेट किया. हालांकि दोनों ने इसकी खबर किसी को नहीं लगने दी थी. कपल अक्सर सोशल मीडिया पर अपनी रोमांटिक फोटोज शेयर करता रहता है. अब सोनाली बहुत जल्द मदरहुड एंजॉय करती नजर आएंगी.

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  • खांसी की दवाई में जहर! सरकार के क्वालिटी टेस्ट में फेल हो गईं 100 से ज्यादा कफ सिरप

    23-Jul-2024

    नई दिल्ली. कफ सिरप को लेकर भारत की फार्मा कंपनियों पर दुनिया के कई देशों में सवाल उठने के बाद अब सरकारी रिपोर्ट में कहा गया है कि कम से कम 100 कफ सिरप क्लालिटी टेस्ट में फेल हो गई हैं। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि गांबिया, उज्बेकिस्तान और कैमरून में बच्चों की मौत के लिए जिम्मेदारी बताई गईं खांसी की सिरप में जो टॉक्सिन मौजूद थी वही टॉक्सिन इन सिरप में भी पाया गया है।

     
    सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन के मुताबिक डाइएथिलीन ग्लाइकोल और एथिलीन ग्राइकोल पाए जाने की वजह से 100 कंपनियों के कफ सिरप को ”नॉट ऑफ स्टैंडर्ड क्वालिटी’ की श्रेणी में रखा गया है। इकनॉमिक टाइम्स के मुताबिक स्वास्थ्य मंत्रालय को सौंपी गई रिपो्ट में कहा गया है कि डीईजी/ईजी, माइक्रोबायोलॉजिकल ग्रोथ, पीएच वॉल्यूम के आधार पर कफ सिरप को एनएसक्यू की श्रेणी में रखा गया है।
     
    7,087 में से 353 की गुणवत्ता ठीक नहीं
    7087 बैच दवाओं की जांच की गई जिनमें से 353 को एनएसक्यू की श्रेणी में रखा गया। वहीं 9 सैंपल में डीईजी और ईजी की मात्रा थी। गुणवत्ता ठीक ना होने की वजह में डीईजी और ईजी की उपस्थिति के अलावा असुरक्षित सप्लाई चेन और प्रोपिलीन ग्लाइकोल बल्क टेस्टिंग में फेल होने को बताया गाय है। कई देशों में बच्चों की मौत के बाद भारत में बनने वाली कफ सिरप पर सवाल खड़े किए गए हैं। इसके बाद सरकारी और प्राइवेट लैब्स में इनकी जांच की जा रही है।
     
    WHO ने उठाए थे सवाल
    विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने अक्टूबर 2022 में भारत की कफ सिरप पर सवाल उठाए थे। दरअसल बताया गया था कि गांबिया में कफ सिरप की वजह से बच्चों की किडनी फेल हुईं और 70 बच्चों की मौत हो गई। इसके बाद से राज्ये के स्टेट ड्रग कंट्रोल डिपार्टमेंट  की मदद से देशभर में कफ सिरप बनाने वाली यूनिट्स की जांच की जा रही है। कंपनियों को ग्रोपीलीन ग्लाइकोल के इस्तेमाल को लेकर जानकारी भी दे दी गई है।
     
    DCGI ने राज्यों के ड्रग कंट्रोलर्स से कहा है कि एक्सपोर्ट के लिए बनाई जा रही कफ सीरप की गंभीरता से जांच की जाए। इसके आलावा डायरेक्टर जनरल ऑफ फॉरेड ट्रेड ने भी कफ सिरप के निर्यातकों को निर्देश दिया कि दवा विदेश भेजने से पहले सरकारी लैब में टेस्टिंग करवाई जाए।

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  • मौसमी बीमारियों बुखार एवं उल्टी-दस्त होने पर स्वास्थ्य विभाग को तत्काल करें सूचित

    23-Jul-2024

    कोरबा। बरसात के दिनों में उल्टी-दस्त एव मलेरिया महामारी के रूप में फैलने की संभावना बनी रहती है। इस दिशा में स्वास्थ्य विभाग द्वारा मौसमी बीमारी के रोकथाम हेतु विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। जिले में कलेक्टर अजीत वसंत के मार्गदर्शन तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. केशरी के नेतृत्व में जिले के प्रत्येक क्षेत्र में मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए युद्धस्तर पर प्रतिबंधात्मक कार्यवाही पूर्ण करने हेतु सभी खण्ड चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। जिले के प्रत्येक स्तर के स्वास्थ्य केन्द्रों तथा मैदानी क्षेत्र में कार्यरत स्वास्थ्य कार्यकर्ता, मितानिन व डिपोहोल्डर्स के पास जीवनरक्षक दवाईयों की उपलब्धता तथा सतत औषधियों की प्रतिपूर्ति व्यवस्था की कार्यवाही की जा रही है। साथ ही स्वास्थ्य अमलों द्वारा शिविर लगाकर उपचार किया जा रहा है। मौसमी बीमारियों/महामारी के नियंत्रण हेतु जिला स्तर एवं विकासखण्ड स्तर पर काम्बेट टीम का गठन किया गया है तथा उन्हें क्षेत्रों में सतत् भ्रमण कर निगरानी बनाए रखने के स्पष्ट निर्देश दिये गए हैं। टीम द्वारा सूचना प्राप्त होते ही प्रभावित क्षेत्र में तत्काल चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे। स्वास्थ्य विभाग द्वारा आमजनों से जिले के किसी भी क्षेत्र में बुखार, मलेरिया या उल्टीदस्त के संक्रमण की शिकायत होने पर तत्काल मितानिन, स्वास्थ्य कार्यकर्ता तथा खण्ड चिकित्सा अधिकारी को सूचना प्रदान करने का आग्रह किया गया है। डायरिया एवं मलेरिया से बचाव हेतु रखें इन बातों का ध्यान – सीएमएचओ ने जनसामान्य को मौसमी बीमारियों से बचाव की जानकारी देते हुए सदैव भोजन करने से पूर्व एवं शौच के पश्चात् हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोने, घरों के आस-पास स्वच्छता रखने और व्यक्तिगत साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने की बात कही। साथ ही खाने-पीने की वस्तुओं और पानी को हमेशा ढककर रखने, बासी भोजन, सड़े गले फलों का सेवन न करने, हमेशा ताजे फलों और भोजन का सेवन करने, फल और सब्जियों को खाने और पकाने से पहले अच्छी तरह से धोने के लिए कहा। उन्होंने पीने के लिए हैण्डपंप का पानी का उपयोग करने तथा पानी को उबालकर व छानकर पीने की बात कही। पानी की शुद्धता के लिए क्लोरिन की गोली डालकर ही पीने के लिए उपयोग में लाने, साथ ही कुओं में ब्लीचिंग पाउडर डलवानें तथा जल स्त्रोत के पास कुड़ा-करकट गंदे पानी एकत्र न होने देने, मल विसर्जन घर से दूर तथा पीने के पानी के स्रोत से 25 अधिक दूरी पर होना सुनिश्चित करने की अपील की। उन्होंने दस्त या बुखार होने पर स्थानीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता, मितानिन, डिपोहोल्डर अथवा नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से तत्काल प्राथमिक उपचार लेने, दस्त होने की स्थिति में शरीर में पानी की कमी को दूर करने ओ.आर.एस. का घोल सेवन करने, नीबू की सिकंजी, चावल का मांड हल्की चाय दाल का पानी का सेवन लगातार करने, मच्छरों में बचाव हेतु मच्छरदानी का उपयोग करने, सोने के पूर्व संभव हो तो शरीर में मच्छरनाशक क्रीम अथवा नीम तेल लगाने, घर अथवा घर के आस-पास कूलर, टायर, टूटे बर्तन अथवा अन्य कोई भी वस्तुओं में पानी जमने न देने, उल्टी दस्त से किसी भी मृत्यु होने पर उन घरो में स्वास्थ्य कार्यकर्ता के सहयोग से ब्लीचिंग पाउडर से शुद्धिकरण कराने तथा घर के अन्य सदस्यों को भी उल्टी-दस्त की दवाईयों खिलाने, ग्राम में होने वाले सभी सार्वजनिक आयोजनों में खाने-पीने का विशेष ध्यान रखने, कार्यक्रम के दौरान ताजा भोजन का उपयोग करने आदि सुझाव जिलेवासियों को दिए। कलेक्टर श्री वसंत ने जिले की जनता से अपील की है कि उल्टी-दस्त मलेरिया से बचाव हेतु स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन करें, जिससे महामारी जैसी बीमारियों पर नियंत्रण की कार्यवाही की जा सके एवं जिले में असामयिक मृत्यु को रोका जा सके। साथ ही उन्होंने जनप्रतिनिधियों से आग्रह किया है कि मौसमी बीमारियों के नियंत्रण में अपनी सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित कर जिले को मौसमी बीमारी से विमुक्त करने की दिशा में अमूल्य योगदान दें। जागरूकता सतर्कता से आप न केवल अपने प्रियजनों अपितु अन्य व्यक्तियों की स्वास्थ्य रक्षा का पुण्य अर्जित कर सकते हैं एवं अच्छे स्वास्थ्य तथा खुशहाली का वातावरण बनाने में मददगार साबित हो सकते हैं। वे। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के सभी अमली को सजगतापूर्वक दायित्वों का निर्वहन करने व मौसमी बिमारियों की सतत् जानकारी लेते हुए समुचित प्रतिबंधात्मक कार्यवाही तथा उल्टी दस्त मलेरिया से पीड़ित व्यक्तियों के इलाज में किसी तरह की लापरवाही न बरतने के कड़े निर्देश दिए हैं।


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  • गर्भवती महिलाओं के लिए खतरनाक है ये बीमारी : जीका वायरस

    03-Jul-2024
    जीका वायरस का गर्भवती महिलाओं पर प्रभाव :- देश में एक बार फिर जीका वायरस के मामले मिलने से हड़कंप मचा हुआ है. मच्छरों ने महामारी फैलानी शुरू कर दी है, कहीं मलेरिया, कहीं डेंग्यू और कहीं जीका वायरस के प्रकोप की खबरें मिल रही हैं. प्राप्त खबरों के अनुसार पिछले दिनों जीका वायरस के कुछ रोगी पुणे (महाराष्ट्र) के अस्पताल में इलाज करवा रहे हैं. चूंकि यह संक्रमित बीमारी है, इसलिए मच्छरों वाली जगहों से खुद को सुरक्षित रखने की कोशिश करनी चाहिए. बरसात के मौसम में इसका खतरा ज्यादा होता है. जीका एक वायरल इंफेक्शन है और इससे प्रेग्नेंट महिलाओं को सबसे ज्यादा नुकसान हो सकता है. ऐसे में सभी लोगों को इस वायरस से बचने की कोशिश करनी चाहिए और लक्षण दिखने पर डॉक्टर से मिलना चाहिए.
     
    मच्छर के काटने से फैलता है वायरस :-
    जीका वायरस संक्रमित एडीज मच्छर के काटने से फैलता है और बारिश में इसका खतरा बढ़ जाता है. डेंगू और चिकनगुनिया की तरह जीका एक वायरल इंफेक्शन होता है. इससे संक्रमित होने पर लोगों को बुखार, सिरदर्द, जॉइंट पेन, मसल्स पेन, आंखें लाल होना और स्किन पर रैशेस जैसे लक्षण नजर आते हैं. जीका वायरस मच्छर काटने के 2 से 7 दिन के अंदर संक्रमण पैदा कर देता है और कई मामलों में इसके भी लक्षण नजर नहीं आते हैं. इसलिए चेकअप जरूरी होता है.
     
    इसकी कोई सटीक दवा या वैक्सीन नहीं है :-
    जीका वायरस की कोई सटीक दवा या वैक्सीन नहीं है. अधिकतर मामलों में सिम्प्टमेटिक ट्रीटमेंट के जरिए लोग 8-10 दिनों में रिकवर हो जाते हैं. हालांकि सही समय पर इलाज न कराने से कंडीशन सीरियस हो सकती है और इससे लोगों की जान भी जा सकती है. ऐसे में इसे लेकर किसी भी तरह की लापरवाही न बरतें.
     
    लक्षण दिखने पर तुरंत लें डॉक्टर की सलह :-
    जीका वायरस से बचने का सबसे अच्छा तरीका मच्छरों से बचाव करना है. मच्छर न सिर्फ आपको जीका वायरस से संक्रमित कर सकते हैं, बल्कि डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया का खतरा भी बढ़ा सकते हैं. अगर किसी व्यक्ति को जीका वायरस का इंफेक्शन हो, तो उससे दूरी बनाएं. इसके अलावा अगर बुखार, सिरदर्द, मसल्स में दर्द या आंखों में परेशानी हो, तो तुरंत डॉक्टर से मिलकर अपना ब्लड टेस्ट कराएं. टेस्ट रिपोर्ट के आधार पर डॉक्टर आपका ट्रीटमेंट शुरू कर सकते हैं.

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  • इन 5 चीजों से बना लें दूरी, एक महीने में कंट्रोल हो सकता है शुगर लेवल

    24-Jun-2024

     आजकल तेजी से बिगड़ती लाइफ स्टाइल का असर सेहत पर नजर आने लगा है. लाइफ स्टाइल से जुड़ी बीमारी डायबिटिज के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. आमतौर 40 वर्ष के बाद होने वाली यह बीमारी अब युवाओं में भी नजर आने लगी है. कई चीजें शुगर लेवल को बढ़ाती है, जो डायबिटिज के मरीजों के लिए खतरनाक साबित हो सकती है. हालांकि, आदतों में बदलाव और कुछ बातों का ध्यान रखकर शुगर को कंट्रोल मे रखा जा सकता है।

     
    रात में देर से खाना
     
    कई लोगों को रात में देर से खाने की आदत होती है. शुगर के मरीजों के लिए यह आदत खतरनाक साबित हो सकती है. देर से खाने से भोजन पचता नहीं है. इससे कई तरह की परेशानियां हो सकती है. यह आदत शुगर बढ़ने से लेकर हार्ट अटैक का कारण बन सकती है।
     
    खाना खाने के तुरंत बाद सोना
     
    डायबिटिज में लाइफ स्टाइल से संबंधित आदतों पर ध्यान देना जरूरी है. खाना खाने के बाद तुरंत सोने की आदत शुगर के मरीजों के लिए अच्छी नहीं होती है. इससे बॉडी में कफ बढ़ सकता है जिसका असर शुगर लेवल पर पड़ता है. खाना खाने के बाद कम से कम 3 से 4 घंटे बाद सोना बेहतर होगा।
     
    चीनी और मैदे से परहेज
     
    शुगर के मरीजों को चीनी और मैदे से बनी चीजों से दूर रहना चाहिए. इनसे शुगर लेवल बढ़ने का खतरा होता है. इन चीजों में कार्ब्स और कैलोरी बहुत अधिक होती है।
     
    इनएक्टिव लाइफ स्टाइल
     
    शुगर लेवल को कंट्रोल में रखने के लिए एक्टिव रहना जरूरी है. बहुत ज्यादा सोना, एक ही जगह पर घंटों बैठे रहना जैसी आदतें शुगर लेवल को बढ़ा सकती हैं।
     
    समय पर लें दवा
     
    शुगर के मरीजों को शुगर लेवल को कंट्रोल में रखने के लिए समय पर दवा लेनी चाहिए. इसके साथ ही शुगर को कंट्रोल में रखने वाली घरेलू उपायों को भी आजमाते रहना चाहिए. इन पांच चीजों को ध्यान में रखने से शुगर को कंट्रोल में रखने में काफी मदद मिल सकती है।

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  • यूरिक एसिड के हाई लेवल को नीचे लाने के लिए पिएं जीरे का पानी

    24-Jun-2024

    आजकल की बदलती लाइफस्टाइल और खानपान की आदतों के कारण बहुत से लोग हाई यूरिक एसिड लेवल की समस्या से जूझ रहे हैं. हाई यूरिक एसिड लेवल से गठिया और दूसरी कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं. इस समस्या का एक प्राकृतिक और सरल समाधान जीरा पानी हो सकता है. जीरा पानी पीने से यूरिक एसिड लेवल को कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है।

     
    1. यूरिक एसिड लेवल को कम कर सकता है
    जीरे में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो शरीर में सूजन और दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं. यह किडनी को हेल्दी रखने में मदद करता है, जिससे यूरिक एसिड को सही तरीके से फिल्टर किया जा सके।
     
    2. पाचन में सुधार
    जीरा पानी पाचन तंत्र को सुधारता है और एसिडिटी को कम करता है. यह शरीर में मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देता है, जिससे टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद मिल सकती है।
     
    3. वजन घटाने में मददगार
    जीरा पानी का नियमित सेवन वजन घटाने में भी सहायक हो सकता है, जो हाई यूरिक एसिड के लेवल को कंट्रोल करने में मदद कर सकता है।
     
    जीरा पानी बनाने की विधि
    2 चम्मच जीरा, 1 गिलास पानी लें. रात को सोने से पहले एक गिलास पानी में 2 चम्मच जीरा डालें और इसे रात भर के लिए छोड़ दें. सुबह उठकर सबसे पहले इस पानी को छान लें और खाली पेट पी लें।
     
    अगर किसी प्रकार की एलर्जी या असुविधा हो, तो जीरा पानी का सेवन बंद कर दें और डॉक्टर से सलाह लें। जीरा पानी एक प्राकृतिक और सुरक्षित उपाय है जो हाई यूरिक एसिड लेवल को कंट्रोल करने में सहायक हो सकता है. इसके नियमित सेवन से न केवल यूरिक एसिड को कम किया जा सकता है, बल्कि यह पाचन तंत्र को भी सुधारता है और ऑलओवर हेल्थ को बढ़ावा देता है. इसलिए, हेल्दी लाइफस्टाइल के साथ-साथ जीरा पानी का सेवन करें और हाई यूरिक एसिड की समस्या से राहत पाएं.

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  • डायबिटीज समेत इन 5 बड़ी बीमारियों का काल है ये हरी सब्जी, आपकी डाइट में नहीं है शामिल तो सेहत के साथ कर रहे हैं बड़ी भूल

    24-Jun-2024

    कई तरह की सब्जियां होती हैं और सभी के अपने-अपने सेहत लाभ होते हैं. आप फूलगोभी सर्दियों में खूब खाते होंगे, इसी की तरह दिखने वाली सब्जी होती है ब्रोकली. बस, दोनों के रंग में फर्क होता है. ब्रोकली पूरी तरह से हरे रंग की सब्जी है. ज्यादातर इसका इस्तेमाल सूप, सलाद, जंक फूड्स में अधिक किया जाता है, लेकिन आप इस सब्जी को नहीं खाते हैं तो डेली डाइट में जरूर शामिल कर लें. खासकर, डायबिटीज के रोगियों को तो ब्रोकली का सेवन करने से ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है. इसमें कुछ ऐसे तत्व मौजूद होते हैं, जो कैंसर के होने की संभावना को भी कम कर सकते हैं।

     
    1. हेल्थलाइन में छपी एक खबर के अनुसार, ब्रोकोली में कई तरह के विटामिंस, मिनरल्स, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होते हैं. ब्रोकोली के लाभों में सूजन को कम करने, रक्त शर्करा को स्थिर रखने और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करना शामिल है। 2. ब्रोकली में ग्लाइसेमिक इंडेक्स काफी कम होता है, ऐसे में डायबिटीज के रोगियों को इस सब्जी का सेवन करना चाहिए. इसे खाने से ब्लड शुगर लेवल नहीं बढ़ता है. यदि आपको डायबिटीज है और आपका शुगर लेवल हाई रहता है तो आप अपनी दवाएं तो सही समय पर खाए हीं, साथ ही ब्रोकली को भी डाइट में शामिल कर लें. ब्रोकली से रक्त में शुगर लेवल को मेंटेन करने के लिए ये हरी सब्जी बेस्ट है।
     
    3. एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर ब्रोकली फ्री रेडिकल्स से होने वाली कोशिकाओं की क्षति को रोकने में कारगर होता है. इससे इंफ्लेमेशन कम हो सकता है, जिससे संपूर्ण सेहत पर पॉजिटिव असर होता है. क्रोनिक डिजीज के होने की संभावना कम हो जाती है. इसमें कई तरह के बायोएक्टिव कम्पाउंड्स होते हैं जो शरीर के टिशूज में होने वाले इंफ्लेमेशन को कम करते हैं।
     
    4. ब्रोकली एक क्रूसिफेरस सब्जी है. इसमें मौजूद बायोएक्टिव कम्पाउंड सेल डैमेज को कम करके क्रोनिक डिजीज से बचाते हैं. कई अध्ययनों से पता चला है कि क्रूसिफेरस सब्जियां खाने से कुछ प्रकार के कैंसर से बचाव हो सकता है. इनमें ब्रेस्ट कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, पेट का कैंसर, कोलोरेक्टल, किडनी, ब्लैडर आदि के कैंसर शामिल हैं. हालांकि, क्रूसिफेरस सब्जियों और कैंसर की रोकथाम के बीच संबंध निर्धारित करने के लिए अभी कई इंसानों पर होने वाले शोध की आवश्यकता है।
     
    5. ब्रोकली खाने से आपका डाइजेशन हेल्दी रह सकता है. चूंकि, इस सब्जी में फाइबर और एंटीऑक्सीडेंड्स की मात्रा काफी अधिक होती है, ये दोनों ही हेल्दी डाइजेशन, बेहतर बाउल मूवमेंट को बनाए रखते हैं. भोजन सही से पचता है और कब्ज की समस्या नहीं होती है. पेट में हेल्दी बैक्टीरिया को बढ़ाता है. एक हालिया मानव अध्ययन से संकेत मिलता है कि जो लोग ब्रोकली खाते हैं, वे इसका सेवन न करने वाले ग्रुप के व्यक्तियों की तुलना में आसानी से मल त्याग करने में सक्षम होते हैं।

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  • आपकी ये गलतियां भी जवानी में किडनी खराब कर देंगी!

    20-Jun-2024

    किडनी हमारे शरीर के सबसे जरूरी अंगों में से एक है। आपको बात दें कि इसका काम ब्लड को फिल्टर करने का होता है। सिर्फ यही नहीं बल्कि ये सभी टॉक्सिन्स को पेशाब के जरिए बाहर निकालने में मदद करती है। किडनी बीसों घंटे काम करती हैं, लेकिन आज कल का बिगड़ता लाइफस्टाइल कम उम्र में ही किडनी डैमेज या किडनी डिजीज होने के खतरे को बढ़ा रहा है। ऐसे में लोग खुद ही कुछ गलतियां कर अपनी किडनी की हेल्थ खराब कर रहे हैं। आज हम आपको यहां कुछ आदतों के बारे में बताएंगे जो आपकी किडनी को डैमेज कर सकती हैं। तो आइए जानते हैं –

     
    पानी कम पीना
    किडनी को ठीक रखने में पानी बेहद मददगार होता है। दरअसल, पानी वेस्ट पदार्थों कर उसे पेशाब के जरिए बाहर निकालने में मदद करता है। ऐसे में अगर कोई व्यक्ति कम पानी पिता है तो इससे किडनी पर बुरा असर पड़ता है, क्योंकि फिर किडनी वेस्ट पदार्थों शरीर से निकाल नहीं पाती और हमारी किडनी डैमेज होने का खतरा बढ़ जाता है।
     
    शराब का सेवन
    शराब पीने से किडनी समेत पूरे शरीर को नुकसान पहुंचता है। शराब पेशाब बनने की प्रक्रिया को बढ़ाता है। लंबे समय तक ज्यादा शराब पीने से शराब से अप्रत्यक्ष रूप से किडनी प्रभावित होती हैं।
     
    प्रोसेस्ड फूड खाना
    प्रोसेस्ड फूड हमारी सेहत के लिए बेहद खतरनाक होते हैं। किडनी की बीमारी के मरीजों को पैकेज्ड फूड खाने से परहेज करना चाहिए। हाई फास्फोरस खाना, प्रोसेस्ड फूड खाना किडनी और हड्डियों के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
     
    अधिक मीठा खाना
    बहुत ज्यादा मीठा खाने से मोटापे के साथ-साथ और भी कई बीमारियां होने का खतरा होता है। ऐसे में किडनी पर भी इसका काफी बुरा असर पड़ता है। आपको बिस्कुट, मसालों, अनाज और सफेद ब्रेड रोजाना खाने से बचें क्योंकि इन सभी में चीनी होती है।
     
    नींद कम लेना
    हेल्दी शरीर के लिए नींद बेहद जरूरी होती है। ऐसे में कम नींद लेना न केवल इस अंग को नुकसान पहुंचता है, बल्कि हाई ब्लड प्रेशर और एथेरोस्क्लेरोसिस भी पैदा कर सकता है, जो बदले में किडनी के ब्लड फ्लो में कमी का कारण बन सकता है।
     
    ज्यादा देर बैठे रहना
    अगर आप बहुत देर तक बैठे रहते हैं तो किडनी की बीमारी होने के चांस भी बढ़ जाते हैं। इसलिए रोजाना थोड़ी एक्सरसाइज बहुत जरूरी है, क्योंकि ये ब्लडफ्लो और मेटाबॉलिज्म में सुधार करती है, जो किडनी की हेल्थ के लिए अच्छा है। एक्सरसाइज अगर आप नहीं करना चाहती हैं तो आप सैर भी कर सकती हैं।

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  • क्या आप जानते हैं आम खाने से, आंखों से लेकर कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा भी होता है कम

    20-Jun-2024

    आम खाने में बहुत ही टेस्टी लगता है, बच्चे से लेकर बूढ़े तक सभी इसे खाना पसंद करते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि आम स्वाद के साथ सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद होता है। बता दें कि दुनियाभर में लगभग 1400 किस्में हैं, लेकिन हमारे देश में उगायी जाने वाली दशहरी, लंगड़ा, फजली, केशर, सिंदूरी आदि आम की मुख्य किस्में हैं। आम में पोटैशियम, प्रोटीन, मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। जो शरीर को स्वस्थ रखने में अहम भूमिका निभाते हैं। हम आपको आज इससे मिलने वाले कुछ फायदों के बारे में बताएंगे जिसे जान आप बेशक हैरान होंगे –

     
    आंखों के लिए फायदेमंद
    आम में ल्यूटिन, ज़ेक्सैन्थिन और विटामिन ए होते हैं, ये सभी तत्व आंखों को स्वस्थ रखने में सहायता करते हैं। ल्यूटिन और ज़ेक्सैन्थिन आपकी आंखों को धूप से बचा सकते हैं, जबकि विटामिन ए को आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए अच्छा माना जाता है।
     
    कैंसर का जोखिम
    आम में मौजूद पॉलीफेनोल्स ऑक्सीडेटिव तनाव से लड़ने में मदद करते हैं जो कोलन, प्रोस्टेट, बैस्ट औप हड्डी के कैंसर सहित कई स्वास्थ संबंधी समस्याओं से जुड़ा हुआ है।
     
    इम्यून सिस्टम को करता है मजबूत
    आम विटामिन सी और विटामिन ए से भरपूर होता है, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के महत्वपूर्ण माने जाते हैं, जिससे आप कई तरह के संक्रमणऔर अन्य बीमारियों से बच सकते हैं।
     
    दिल की सेहत के लिए
    आम में मैग्नीशियम, पोटैशियम और एंटीऑक्सीडेंट गुण मौजूद होते हैं। ये तत्व दिल को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। आम के सेवन से आप दिल से जुड़ी बीमारियों से बच सकते हैं।
     
    पाचन तंत्र को रखे दुरुस्त
    आम में फाइबर पाया जाता है, जो पाचन को बेहतर बनाता है। इसमें मौजूद एंजाइम पाचन शक्ति को बढ़ाते हैं। अगर आप नियमित रूप से आम खाते हैं, तो पाचन बेहतर हो सकता है।

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  • क्या आप जानते हैं नारियल पानी भी सेहत को पहुंचा सकता है नुकसान

    20-Jun-2024

    नारियल पानी एक बहुत ही हेल्दी और नेचुरल ड्रिंक है। इसे पीना लगभग सभी को बेहद पसंद होता है। लेकिन क्या जानते हैं कि नारियल पानी भी नुकसान पहुंचा सकता है। आप भी सोच रहे होंगे कि भला नारियल पानी पीने से सेहत को क्या नुकसान हो सकता है? तो हम आपको बता दें कि आप डाइट जिस तरीके से लेते हो ये भी बहुत महत्वपूर्ण है। इस तरीके में ही फायदा या नुकसान छुपा होता है।

     
    दवाओं के साथ न पिएं नारियल पानी
    नारियल पानी में पोटेशियम की मात्रा बहुत ही ज्यादा होती है। कुछ दवाओं से टॉयलेट में दिक्कत हो सकती है और एसीई अवरोधकों के साथ परस्पर क्रिया कर सकता है। अगर आप दवा ले रहे हैं तो नारियल पानी के सेवन से परहेज करें।
     
    स्टोर किया हुआ नारियल पानी
    कई बार लोग नारियल पानी पैक करना लेते हैं और फ्रिज में स्टोर करते हैं। वहीं बाजार में तो आजकल बॉटल में brand वाले नारियल पानी भी बिकते हैं, लेकिन ये सेहत के लिए हानिकारक होते हैं। इसमें चीनी की मात्रा भी ज्यादा होती है, जिससे ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है। इसलिए या तो ताजा नारियल पानी पीनी की कोशिश करें, लेकिन अगर पैकेड नारियल पानी ही ले रहे हैं तो पैकिंग में शुगर लेवल पढ़कर ही खरीदें। ऐसी नारियल पानी वाली बॉटल का चयन करें जिसमें चीनी न डाली गई हो।
     
    वहीं एक रिसर्च की मानें तो ज्यादा नारियल पानी पीने से टॉयलेट में पोटेशियम की मात्रा बढ़ सकती है और आपकी जान पर भी बन आती है। आइए आपको बताते हैं ज्यादा नारियल पानी पीने सेहत के लिए नुकसानदायक क्यों है?
     
    ज्यादा नारियल पानी पीना है नुकसानदायक
    नारियल पानी एक नेचुरल इलेस्ट्रोलाइट से भरपूर ड्रिंक है, जिसमें कैलोरी और चीनी की मात्रा कम होती है। वहीं इसमें पोटेशियम, मैग्नीशियम और कैल्शियम और आयरन होता है। नारियल पानी खुद को हाइड्रेट करने और तरोताजा महसूस करने का बेस्ट तरीका है। नारियल पानी आपके हेल्थ के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद होता है। हालांकि किसी भी चीज को हद से ज्यादा पिया जाए तो वो सेहत के लिए नुकसानदायक होता है। ये शरीर में एलर्जी पैदा करता है।
     
    एलर्जी का कारण बन सकता है नारियल पानी
    हालांकि ऐसा कम ही देखने को मिलता है पर, कुछ व्यक्तियों को नारियल पानी से एलर्जी हो सकती है, जिससे खुजली, पित्ती या सूजन जैसे लक्षण हो सकते हैं। यदि आपको एलर्जी का संदेह है, तो तुरंत हेल्थ एक्सपर्ट्स से सलाह लें।

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  • इन 5 चीजों से बना लें दूरी, एक महीने में कंट्रोल हो सकता है शुगर लेवल

    27-May-2024

    रायपुर। आजकल तेजी से बिगड़ती लाइफ स्टाइल का असर सेहत पर नजर आने लगा है. लाइफ स्टाइल से जुड़ी बीमारी डायबिटिज के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. आमतौर 40 वर्ष के बाद होने वाली यह बीमारी अब युवाओं में भी नजर आने लगी है. कई चीजें शुगर लेवल को बढ़ाती है, जो डायबिटिज के मरीजों के लिए खतरनाक साबित हो सकती है. हालांकि, आदतों में बदलाव और कुछ बातों का ध्यान रखकर शुगर को कंट्रोल मे रखा जा सकता है।

     
    रात में देर से खाना
     
    कई लोगों को रात में देर से खाने की आदत होती है. शुगर के मरीजों के लिए यह आदत खतरनाक साबित हो सकती है. देर से खाने से भोजन पचता नहीं है. इससे कई तरह की परेशानियां हो सकती है. यह आदत शुगर बढ़ने से लेकर हार्ट अटैक का कारण बन सकती है।
     
    खाना खाने के तुरंत बाद सोना
     
    डायबिटिज में लाइफ स्टाइल से संबंधित आदतों पर ध्यान देना जरूरी है. खाना खाने के बाद तुरंत सोने की आदत शुगर के मरीजों के लिए अच्छी नहीं होती है. इससे बॉडी में कफ बढ़ सकता है जिसका असर शुगर लेवल पर पड़ता है. खाना खाने के बाद कम से कम 3 से 4 घंटे बाद सोना बेहतर होगा।
     
    चीनी और मैदे से परहेज
     
    शुगर के मरीजों को चीनी और मैदे से बनी चीजों से दूर रहना चाहिए. इनसे शुगर लेवल बढ़ने का खतरा होता है. इन चीजों में कार्ब्स और कैलोरी बहुत अधिक होती है।
     
    इनएक्टिव लाइफ स्टाइल
     
    शुगर लेवल को कंट्रोल में रखने के लिए एक्टिव रहना जरूरी है. बहुत ज्यादा सोना, एक ही जगह पर घंटों बैठे रहना जैसी आदतें शुगर लेवल को बढ़ा सकती हैं।
     
    समय पर लें दवा
     
    शुगर के मरीजों को शुगर लेवल को कंट्रोल में रखने के लिए समय पर दवा लेनी चाहिए. इसके साथ ही शुगर को कंट्रोल में रखने वाली घरेलू उपायों को भी आजमाते रहना चाहिए. इन पांच चीजों को ध्यान में रखने से शुगर को कंट्रोल में रखने में काफी मदद मिल सकती है। 

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  • बच्चे को ज्यादा काटते हैं मच्छर तो इस पौधे की 2 पत्तियां रख दें जेब में, फिर पास नहीं फटकेंगे मॉस्किटो

    27-May-2024

    रायपुर। समर वेकेशन होते ही घर में बच्चों का आतंक शुरू हो जाता है. यहां भाग, वहां भाग इधर से उधर करते रहते हैं. साथ ही इस मौसम में मच्छरों का आतंक भी शुरू हो जाता है. गर्मी से ज्यादा मच्छर परेशान कर देते हैं. ऐसे में बच्चों को मच्छरों से बचाना जरूरी होता है नहीं तो वह कई बीमारियों का शिकार होने लगते हैं. गर्मियों में ऑल आउट का कुछ भी बहुत कम काम करते हैं ऐसे में मच्छरों से लड़ने का उपाय हर कोई ढूंढता है. आप घर में एक प्लांट लगाकर मच्छरों को दूर भगा सकते हैं साथ ही आपके बच्चे अगर इस पौधे के पत्ते खा लें तो उन्हें भी फायदा ही होगा. हम बात कर रहे हैं मरुआ के पौधे की. मरुआ का पौधा एक सबसे अच्छा मॉस्कीटो रेपलेंट हैं. इसे घर में लगाने से मच्छर दूर हो जाते हैं. जो लोग अपने घरों में ये पौधा लगाते हैं उनके घर के आस-पास भी मच्छर नहीं भटकते हैं।

     
    इस वजह से है फायदेमंद
    मरुआ का पौधा पुदीने के परिवार का ही प्लांट है. इसकी खुशबू बहुत तेज होती है जिसकी वजह से कीड़े और मच्छर इसके आस-पास भी नहीं भटकते हैं. गर्मियों में इन्हें लगाने की सलाह दी जाती है ताकि मच्छर और कीड़े-मकोड़े घर से दूर रहें. ये पौधा तुलसी की तरह ही दिखता है. इसके अनेक फायदे हैं. मच्छरों के लिए ये रामबाण इलाज है।
     
    बच्चों के लिए है फायदेमंद
    आपके दिमाग में ये आ रहा होगा कि मच्छर भगाने वाला पौधा अगर गलती से बच्चे ने खा लिया होगा तो वो बीमार पड़ सकता है? लेकिन परेशान होने की जरुरत नहीं है. ये पौधा बहुत फायदेमंद होता है. ये खाने में स्वादिष्ट तो होता ही है साथ ही शरीर को कई बीमारियों से दूर रखने में मदद करता है. इसे कई लोग मसाले की तरह भी इस्तेमाल करते हैं.
     
    1-बच्चों के लिए मरुआ का पौधा फायदेमंद होता है. ये पत्तियां पेट के कीड़े मारने में मददगार होते हैं.
     
    2- मरुआ के पौधे में कई एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं. इसे खाने से भूख बढ़ती है साथ ही खून का शोधन होता है.
     
    3- मरुआ के पत्ते की आप चटनी बना सकते हैं और सब्जी-सलाद में भी डालकर खा सकते हैं. इससे खाने का टेस्ट बढ़ता है लेकिन इसे ज्यादा मात्रा में नहीं डालें. नहीं तो पूरा टेस्ट खराब हो जाएगा.

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  • नि:शुल्क प्लास्टिक सर्जरी शिविर में महिलाओं को बताए जाएंगे स्तन कैंसर के पहचान के तरीके

    12-Apr-2024

    इंदौर: स्तन कैंसर की पहचान और परीक्षण महिलाए स्वयं कैसे करे, इसके लिए रॉबर्ट नर्सिंग होम में आज (शुक्रवार) से तीन दिवसीय शिविर लगाया जा रहा है। यह शिविर नि:शुल्क प्लास्टिक सर्जरी शिविर के साथ आयोजित होगा, जो कि 14 अप्रैल तक चलेगा। शिविर का शुभारंभ आज संभागायुक्त दीपक सिंह, कलेक्टर आशीष सिंह तथा उद्योगपति एवं समाजसेवी गिरीश मतलानी भी उपस्थित में होगा। रॉबर्ट नर्सिंग होम के सेक्रेटरी एवं ट्रस्टी डॉ. वीएस यशलहा ने बताया कि सहायता संस्था के सहयोग से आयोजित इस शिविर में विशेष रूप से सिर्फ गरीब एवं जरूरतमंद मरीजों के ही ऑपरेशन किये जाएंगे। जन्मजात शारीरिक विकारों (कटे होंठ, तालू) एवं किसी दुर्घटना के बाद छूटे निशानों एवं जलने के कारण आयी विकृति के ऑपरेशन होंगे। शिविर में वरिष्ठ शल्य चिकित्सक डॉ. प्रकाश छजलानी भी अपनी निःशुल्क सेवाएं देंगे। डॉ. यशलहा ने बताया कि इस शिविर के लिए अस्पताल के ऑपरेशन थियेटर एवं मरीजों हेतु रहने की व्यवस्था निःशुल्क प्रदान की जाएगी। साथ ही मरीजों हेतु अन्य सारी व्यवस्था भी उपलब्ध कराई जाएगी। इस शिविर में सिर्फ कटे होंठ, तालू एवं कुछ ऑपरेशन योग्य जले हुए मरीजों के आपरेशन किये जाएंगे। शिविर में ग्रीवा कैंसर की जाँच वीआईए, पीएटी स्मीयर द्वारा निःशुल्क की जायेगी। उन्होंने बताया कि शिविर में महिलाओं को स्तन कैंसर के पहचान एवं परीक्षण करने की पद्धति के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। उन्होंने बताया कि गत मार्च के महीने में रॉबर्ट नर्सिंग होम में कैंसर के 283 मरीज आए, जिसमें से स्तन कैंसर के 137 मरीज थे। इसका मतलब है कि स्तन कैंसर बहुत तेजी से बढ़ रहा है। इसके लिये जनजागृति लायी जाना अत्यंत जरूरी है। उन्होंने बताया कि शिविर के दौरान महिलाओं में होने वाले गर्भ ग्रीवा कैंसर की भी नि:शुल्क जाँच की जायेगी। डॉ. यशलहा ने बताया कि उक्त कैंसर का समय पर पता चलने से उपचार संभव है। समय पर कैंसर का पता चलता है तो अनेक परेशानियों से बचा जा सकेगा। 


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  • डॉ. धीरज सोनावणे ने की चुनौतीपूर्ण स्पाइन सर्जर

    01-Apr-2024

    नासिक का रहने वाला 14 साल का लड़का,जिसका पिता किसान है। जन्म के बाद से हाल ही में 2 वर्षों से पीठ में कूबड़ दिखाई दे रहा था। कुछ महीनों से पहले वह चंचल था, जब उसे कमजोरी और लकवा होने लगा, पिछले कुछ सप्ताह में उसके दोनों पैरों में पूरी तरह से लकवा हो गया। दोनों पैरों में सारी संवेदनाएं खत्म हो गईं। उसे पेशाब आना बंद हो गया या चेहरे पर नियंत्रण नहीं रह गया। माता-पिता नासिक में स्पाइन डॉक्टरों के पास गए, जिन्होंने मुंबई जाने और जेजे अस्पताल में ऑर्थोपेडिक यूनिट के प्रमुख, विशेषज्ञ स्पाइन सर्जन डॉ. धीरज सोनावणे से मिलने का सुझाव दिया। डॉ. धीरज से मिलने पर उन्होंने सीटी स्कैन, एमआरआई और विशेष एक्सरे से माता-पिता को गंभीर काइफोस्कोलियोसिस के साथ न्यूरोफाइब्रोमैटोसिस नामक बीमारी के बारे में परामर्श दिया। इस मरीज़ के सामने कई चुनौतियाँ थीं जैसे रीढ़ की हड्डी का 150 डिग्री का मोड़ जो चट्टान की तरह था, फेफड़ों की ख़राब क्षमता, असामान्य कशेरुकाओं का आपस में चिपक जाना।

     
    बेहतर प्लानिंग के लिए डॉ. धीरज ने पूरी रीढ़ की हड्डी का 3डी प्लास्टिक मॉडल बनाया और सर्जरी करने का फैसला किया। ऑर्थोपेडिक्स के स्पाइन सर्जनों की टीम में डॉ. अजय चंदनवाले (संयुक्त निदेशक डीएमईआर), डॉ. सागर जावले, डॉ. संतोष घोटी, डॉ. कुशल घोइल और मुख्य एनेस्थेटिक डॉ. संतोष गिते शामिल थे। गंभीर रूप से मुड़ी हुई रीढ़ की हड्डी को ठीक करने के लिए रीढ़ की हड्डी को 11 स्तरों पर तोड़ा गया और 20 स्पाइन स्क्रू और 3 धातु की छड़ों के साथ इसे ठीक किया गया। पक्षाघात से बेहतर रिकवरी के लिए रीढ़ की हड्डी को असामान्य रीढ़ की हड्डी के कशेरुकाओं के बीच फंसा हुआ पाया गया और सभी तरफ से मुक्त कर दिया गया। अक्षय ने कुछ ही दिनों में पैरों की संवेदना ठीक होने और पेशाब और चेहरे पर नियंत्रण लौटने के अच्छे संकेत दिखाए। पीठ में सुधार और सामान्य रूप देखकर माता-पिता बेहद खुश हुए।
     
    डीन डॉ. पल्लवी सपले ने असाधारण उपचार और परिणाम के लिए आर्थोपेडिक विभाग और डॉक्टरों की टीम को बधाई दी। विभाग के प्रमुख डॉ. एकनाथ पवार ने कहा, ”तृतीयक देखभाल वाला सरकारी अस्पताल होने के नाते जेजे में सबसे जटिल मामलों को रेफर किया जाता है। हमने रीढ़ की हड्डी की विशेषज्ञता विकसित की है और इसे रीढ़ की हड्डी के लिए अत्याधुनिक केंद्र बनाने के लिए आगे काम कर रहे हैं। संयुक्त निदेशक डॉ. अजय चंदनवाले ने कहा, “ये बेहद चुनौतीपूर्ण सर्जरी हैं जो भारत में बहुत कम संस्थानों में की जाती हैं, ऐसे परिणाम इस टीम की अत्यधिक कड़ी मेहनत और समर्पण के कारण हैं

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  • एल्कोहल से भी ज्यादा नुकसानदायक होती हैं खानपान की ये 4 चीजें, शरीर को बनाने लगती हैं खोखला

    01-Apr-2024

    हम अक्सर ही सुनते हैं कि मादक पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि वो स्वास्थ्य के लिए अच्छी साबित नहीं होती हैं और यह सही भी है इसीलिए लोग मादक पदार्थों का सेवन नहीं करते हैं या कम से कम करते हैं. लेकिन, गलती तब होती है जब हम खाने-पीने की आम लेकिन नुकसानदायक चीजों को डाइट का हिस्सा बना लेते हैं. ये चीजें शरीर को एक नहीं बल्कि कई तरीकों से नुकसान पहुंचाती हैं और अंदर से खोखला तक बना देती हैं।

     
    सोडियम 
    सोडियम शरीर को एक नहीं बल्कि कई तरीकों से प्रभावित करता है. सोडियम के अत्यधिक सेवन से हाई ब्लड प्रेशर की दिक्कत हो सकती है. इससे दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा भी बढ़ता है. लीवर के लिए भी सोडियम का सेवन नुकसानदायक है. नमक में सोडियम होता है इसीलिए नमक के सीमित सेवन के लिए कहा जाता है. जरूरत से ज्यादा नमक हड्डियां गलाने की क्षमता रखता है।
     
    एडेड शुगर 
    बाजार से लाई जाने वाली कितनी ही चीजें हैं जिनमें एडेड शुगर होती है. सोडा, कैंडी, पेस्ट्रीज और केक्स में एडेड शुगर होती है. एडेड शुगर वजन तो बढ़ाती ही है, इससे फैटी लीवल की दिक्कत भी बढ़ती है. इसीलिए शुगर का कम सेवन करने पर जोर दिया जाता है और एडेड शुगर ना के बराबर खाना ही बेहतर होता है।
     
    प्रोसेस्ड मीट 
    प्रोसेस्ड मीट में सोडियम और नाइट्रेट की जरूरत से ज्यादा मात्रा होती है. इन दोनों से ही सेहत को नुकसान पहुंचता है. इन दोनों के अत्यधिक सेवन से शरीर गंभीर बीमारियों का घर बन सकता है।
     
    सोफ्ट ड्रिंक्स 
    आजकल हम बाहर का कुछ भी खाते हैं तो साथ में सोफ्ट ड्रिंक्स जरूर लेते हैं. सोफ्ट ड्रिंक्स अगर रोज-रोज पी जाए तो फैटी लीवर का खतरा पैदा कर सकती हैं. इसीलिए सोफ्ट ड्रिंक्स के बजाय खानपान में ताजा फलों के जूस शामिल किए जा सकते हैं. सोफ्ट ड्रिंक्स में एडेड शुगर भी होती है जोकि फलों के जूस में नहीं होती।

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  • 100 साल तक जीना है तो आज से ये आयुर्वेदिक नुस्खा अपनाएं और रोज चबाएं ये 5 तरह की पत्तियां

    19-Mar-2024

     नई दिल्ली। आजकल की बदलती लाइफस्टाइल के कारण लोगों की औसतन आयु कम हो गई हैं. 80 साल आज के समय में जीना बहुत ज्यादा माना जाता है. ये सब खराब वातावरण और खराब खानपान के कारण हुआ है. लेकिन पुराने समय में लोग 110 साल भी आराम से जीते थे. आयुर्वेद आज भी ये दावा करता है कि लोग 100 साल जी सकते है. इसके मुताबिक कुछ पत्ते ऐसे हैं जिनको नियमित रूप से सुबह कच्चा खाने से आपकी उम्र बढ़ सकती हैं. ये पत्ते औषधीय गुणों से भरपुर होते हैं।

     
     
    तुलसी
     
    तुलसी के पत्ते का पूजा-पाठ के साथ औषधी के रूप में भी इस्तेमाल होता है. इसमें इम्यूनिटी बूस्टर गुण होते है. अगर आप तुलसी के पत्ते का सेवन किसी भी रूप में नियमित करते हैं तो इससे कई बीमारियां आपसे दूर रहेंगी।
     
     
    सदाबहार 
    अकसर लोगों के गार्डन में या घर के आसपास सदाबहार के पौधे जम जाते हैं. इसका फूल जितना अधिक काम में आता है, उतना ही इसके पत्तों के फायदे हैं. सदाबहार के पत्ते चबाने से कैंसर जैसी बीमारी का खतरा कम हो जाता है।
     
     
    नीम
     
    नीम को हमेशा से ही एक जरूरी औषधी के रूप में इस्तेमाल किया गया है. ये एक नेचुरल डिटॉक्स के रूप में काम करता है. इसकी पत्ति को खाने से आपका खून साफ होगा और स्किन से जुड़ी बीमारी नहीं होगी।
     
     
    अजवाइन
    जिस तरह अजवाइन के बीज पेट की समस्या से राहत देते हैं, उसी तरह अजवाइन के पत्ते को खाने से भी पेट और पाचन तंत्र सही रहता है. ये आपकी परेशानी को जड़ से खत्म कर सकता है।
     
     
    करी पत्ता
    करी के पत्ते (Curry Leaves) को आयुर्वेद में रामबाण माना जाता है. कई हेल्थ एक्सपर्ट्स इस पत्ते के सेवन को बेस्ट मानते है. करी पत्ता खाने से ब्लड प्रेशर और कॉलेस्ट्रॉल कंट्रोल में रहता है।

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  • सेहत के लिए वरदान है ये काला फल, दिल को रखे सही सलामत, रोज खाएंगे तो बुढ़ापे में भी दिखेगा सबकुछ साफ, ये हैं 5 फायदे

    04-Mar-2024

    रायपुर 04 फरवरी 2024। अंगूर में हरे रंग के अंगूर का सेवन लोग अधिक करते हैं, लेकिन सेहत लाभ जिस अंगूर को खाने से अधिक होता है, वह है काला अंगूर जी हां, काले अंगूर में कई तरह के पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जो शरीर के लिए जरूरी होते हैं. हरे और लाल अंगूर की तुलना में काले अंगूर में एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में होती है. इस फल में मौजूद केमिकल्स हार्ट, बाल, स्किन की सेहत को स्वस्थ बनाए रखते हैं. साथ ही शरीर की कोशिकाओं का कैंसर से बचाव करते हैं. इन्हें डैमेज होने से रोकते हैं. एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर खाद्य पदार्थ कैंसर, डायबिटीज, हार्ट डिजीज, एल्जाइमर्स, पार्किंसन, इंफ्लेमेशन आदि होने के रिस्क को कम करता है. तो चलिए जानते हैं कि काले अंगूर के सेवन से सेहत पर क्या-क्या फायदे होते हैं.

     
    काले अंगूर में पोषक तत्व
    कई तरह के पोषक तत्वों से भरपूर होता है ब्लैक ग्रेप्स. इसमें पोटैशियम, मैंगनीज, विटामिन सी और के, कॉपर, फॉस्फोरस, मैग्नीशियम, कोर्बाहाइड्रेट आदि होते हैं. पानी की मात्रा लगभग 82 प्रतिशत होती है. ऐसे में इसमें नेचुरल शुगर हाई होने के बावजूद भी ये कैलोरी में काफी कम होता है. अंगूर खट्टे और मीठे होते हैं, लेकिन लो-कैलोरी और फैट-फ्री होते हैं.
     
    काला अंगूर खाने के फायदे
    1. कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ में करे सुधार- वेबएमडी की एक रिपोर्ट के अनुसार, रेस्वेराट्रोल (resveratrol) नामक एंटीऑक्सीडेंट हार्ट हेल्थ को सुधारने में बेहद फायदेमंद होता है. यह ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल लेवल, हार्ट डिजीज होने के खतरे को काफी हद तक कम करने में कारगर है. ऐसे में आप रेगुलर काला अंगूर खाकर अपने दिल को सलामत रख सकते हैं.
     
    2. कैंसर का जोखिम करे कम- लेब और जानवरों पर किए गए लैब टेस्ट में पाया गया है कि रेस्वेराट्रोल कैंसर की वृद्धि को धीमा करने में काफी कारगर होता है. हालांकि, यह जानने के लिए और भी अधिक स्टडी की आवश्यकता है कि क्या यह मनुष्यों को कैंसर से लड़ने में मदद कर सकता है. हालांकि, आप नियमित रूप से काले अंगूर का सेवन करें तो कोशिकाओं को डैमेज होने से बचा सकते हैं.
     
    3. इम्यूनिटी करे मजबूत- चूंकि, इस फल में विटामिन सी की मात्रा अधिक होती है, इसलिए यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बूस्ट करता है. इम्यूनिटी बूस्ट होने से आप कई तरह के रोगों और इंफेक्शन से बचे रह सकते हैं.
     
    4. आंखें रहेंगी हेल्दी- यदि आप काले अंगूर का सेवन करते हैं तो आपकी आंखों की सेहत भी अच्छी रहेगी. कम उम्र में नजर दोष की समस्या से ग्रस्त नहीं होंगे. इसमें मौजूद कुछ पोषक तत्व आंखों की रोशनी बढ़ाते हैं. इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट रेस्वेराट्रोल में एंटी-ऑक्सीडेटिव, एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो मोतियाबिंद, कमजोर आंखों की रोशनी जैसी समस्याओं से बचाव करते हैं.
     
    5. डायबिटीज पेशेंट जरूर खाएं- अक्सर डायबिटीज के मरीज फलों के सेवन को लेकर कंफ्यूज रहते हैं. आप बेफिक्र होकर सीमित मात्रा में काले अंगूर खा सकते हैं. आप चाहें तो अपने डॉक्टर से पूछकर भी इसे डाइट में शामिल कर सकते हैं. इसमें मौजूद एंटी-डायबिटिक तत्व ब्लड शुगर लेवल कम करते हैं. इसके साथ ही, काले अंगूर में रेस्वेराट्रोल नामक एंटीऑक्सीडेंट एंटी-हाइपरग्लाइसेमिक गुणों से भरपूर होता है, जो बॉडी में इंसुलिन लेवल को बढ़ने नहीं देता है. 

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  • बादाम, काजू के साथ ये एक चीज खाना कर दीजिए शुरू, सारी हड्डियां हो जाएंगी मजबूत

    04-Mar-2024

    रायपुर 05 04 फरवरी 2024। हमारा बॉडी खुद से पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम का उत्पादन नहीं कर पाता हैं. इसलिए डेली डाइट में अलग से कैल्शियम रीच चीजों का सेवन करना जरूरी है. कैल्शियम हमारे शरीर के लिए एक जरूरी पोषक तत्व है. यह मजबूत हड्डियों और दांतों के लिए बहुत जरूरी होता है. साथ ही ये ब्लड प्रेशर को भी सही रखने में मदद करता है. वैसे तो आप जरूरत के अनुसार इसका सप्लिमेंट भी ले सकते हैं. लेकिन नेचुरल तरीके से इसका सेवन करने से इसका फायदा भी नेचुरल ही मिलता है. कुछ ऐसे खास ड्राई फ्रूट्स हैं जिनमें कैल्शियम की मात्रा अच्छी होती हैं।

     
     
    बादाम
     
    सभी ड्राई फ्रूट्स में से बादाम सबसे ज्यादा जरूरी और पोषक है. इनमें एंटी ऑक्सिडेंट, न्सूट्रिएंट, हेल्दी फैट, प्रोटीन और विटामिन्स की अच्छी मात्रा होती है. इसे खाने से हड्डियों को मजबूती मिलती है।
     
     
    काजू
    लगभग सभी को काजू (Cashews) खाना पसंद होता है. इसमें प्रोटीन, विटामिन और मिनीरल्स की मात्रा होती है. साथ ही प्लांट कंपाउंड्स की भी भरपूर मात्रा मिलती है।
     
     
    अखरोट
     
    इसमें हेल्थ से जुड़ी जरूरी पोषक तत्वों की प्रचुर मात्रा होती है. इन्हें सबसे हेल्दी नट्स में से एक माना जाता है. इसे आप अपनी डेली डाइट में आसानी से शामिल कर सकते हैं. विटामिन, प्रोटीन, फाइबर, हेल्दी फैट्स, पोटेशियम, मैग्नीशियम और कई अन्य जरूरी पोषक तत्वों से भरे होते हैं।
     
     
    पिस्ता
     
    पिस्ता को अपनी डाइट में शामिल करना सबसे आसान और फायदेमंद हो सकता है. इनमें पोषक तत्व होते हैं जो शरीर के ओवरऑल हेल्थ के लिए जरूरी होते हैं. हड्डियों के लिए, वजन कम करने के लिए और हार्ट रेट सही रखने के लिए आप पिस्ता नियमित रूप से खा सकते हैं।
     
     
    सूखे अंजीर
     
    सूखे अंजीर (Dry Figs) आयरन रीच ड्राई फ्रूट्स होते हैं. साथ ही इनमें विटामिन, फाइबर, पोटेशियम, कैल्शियम और एंटीऑक्सिडेंट जैसे पोषक तत्वों के भी गुण मिलते हैं. इसके नियमित सेवन से आप खुद को पूरी तरह से स्वस्थ रह सकते हैं।

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