घी का सेवन सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता हा, ये बात हम सभी बचपन से सुनते आ रहे हैं. कुछ लोग बड़े चाव से घी खाते हैं, वहीं कई लोग ऐसे हैं जिन्हें इसका टेस्ट पसंद भी आता है. आयुर्वेद में तो घी को औषधि माना गया है.जिसके बहुत सारे फायदे हैं.अगर आप चाहते हैं आपकी हड्डियाँ मजबूत रहे तो आपको दिन में दो चम्मच घी का सेवन जरूर करना चाहिए. ठंड के मौसम में शरीर में बहुत सी समस्याएं भी बढ़ जाती है, ऐसे में आपके लिए घी जा सेवन अच्छा माना जाता है. आइए जानते हैं ठंड के मौसम में घी खाने के फायदे.
भोपाल। मध्य प्रदेश के भोपाल रेलवे स्टेशन में एक दर्दनाक घटना में 45 साल की महिला की मौत हो गई। चलती ट्रेन से उतरने के दौरान उसका पैर ट्रेन और प्लेटफार्म के बीच में फंस गया। इस दौरान महिला ट्रेन और प्लेटफार्म के बीच कुछ दूरी तक घिसटते हुए चली गई। जिससे उसने मौके पर ही दम तोड़ दिया।
Teeth Health Tips:टूथब्रश, टूथपेस्ट के जमाने में दातुन का इस्तेमाल बहुत कम लोग ही करते हैं. मगर, जो बुजुर्ग हैं या गांव के लोग हैं वे आज भी दातुन को प्रिफर करते हैं. दातुन करने के बहुत फायदे हैं. जो आपके मसूड़ों को मजबूत बनाते हैं और ओरल हेल्थ को बेहतर करते हैं. मगर, अच्छी ओरल हेल्थ के लिए सही दातुन का चुनाव जरूरी है. अच्छे दातुन पेड़ों के होते हैं. आज इस आर्टिकल में दातुन और इनके फायदे के बारे में जानते हैं.
अमरूद का सीज़न शुरू हो गया है। बाजार में यह फल अब खूब बिकने लगा है। इसका खट्टा मीठा स्वाद लोगों को बेहद पसंद आता है। लेकिन क्या आप जानते हैं यह फल पेट के लिए काफी फायदेमंद है। अमरूद विटामिन सी, एंटीऑक्सीडेंट, पोटैशियम और अन्य पोषक तत्वों का भंडार है। दरअसल, अमरूद एक ट्रॉपिकल फल है जिसमें कैलोरी कम और फाइबर, पोटेशियम, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, विटामिन सी, बी6, कैल्शियम, आयरन और मैग्नीशियम अधिक मात्रा में होता है। अगर आप पेट से जुड़ी समस्याओ से परेशान हैं तो यह फल आपके लिए संजीवनी बूटी समान है। चलिए बताते हैं अमरूद का सेवन किस तरह से किया जा सकता है।
Health Tips: अकसर लोग चाय और सिगरेट साथ पीते हैं. खासकर ऑफिस में काम करते-करते रिफ्रेश होने के टी-ब्रेक के दौरान ऐसा करते हैं. डेढ़, 2, ढ़ाई बजते ही तलब लगने लगती है. वह चाय-सिगरेट पीकर ही मिटती है. ऑफिस के बाहर चाय के ठेले, गुमटी में जाते हैं. चाय ऑर्डर करते ही हैं, सिगरेट भी लेते हैं. चाय-सिगरेट पीते-पीते गप-शप करते हैं. यह सबकुछ इसलिए ताकि थकान मिट सके, तनाव कम हो सके. अगर, आप भी ऐसा करते हैं, तो इस आदत को तुरंत बदलिए. क्योंकि यह शौक आपकी जान का दुश्मन बन सकता है. आपके हार्ट को बुरी तरह नुकसान पहुंचा सकता हैं,
विश्व वरिष्ठ नागरिक दिवस हर साल 21 अगस्त को मनाया जाता है. साल 1991 में अपने बुजुर्गों के लिए पहली बार ये दिन मनाया गया था. इस दिन का उद्देश्य उन कारकों और मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है, जो वृद्ध लोगों को प्रभावित करते हैं, जैसे स्वास्थ्य में गिरावट और बुजुर्गों के साथ होने वाले दुर्व्यवहार. यह समाज में वृद्ध लोगों के योगदान को पहचानने और स्वीकार करने का भी दिन है.
जुलाई के महीना लगते ही त्योहारों की बहार सी आ जाती है. अभी राखी का त्योहार गया है और आने वाले दिनों में जन्माष्टमी, कमरछठ, कजरी तीज पड़ने वाली है. इस साल कजरी तीज का पर्व 22 अगस्त को मनाया जाएगा. सनातन धर्म में इस त्योहार का विशेष महत्व है, और सुहागिन महिलाएं इस दिन व्रत करती हैं.
सोनाली सहगल ने इंस्टाग्राम पर प्रेग्नेंसी की अनाउंसमेंट किया है. खुशखबरी देते हुए एक्ट्रेस ने तीन फोटोज शेयर की हैं, जिनमें उनका बेबी बंप नजर आ रहा है. फोटोज में वह कुछ खाती हुई दिख रही हैं और वहीं उनके बाजू में एक्ट्रेस के हस्बैंड मुंह में बीयर की बॉटल लगाए और हाथों में बेबी के दूध की बॉटल पकड़े दिख रहे हैं. सोनाली सहगल के सामने बेड पर खूब सारे चिप्स के पैकेट, कुकीज और किताबें भी दिख रही हैं.
नई दिल्ली. कफ सिरप को लेकर भारत की फार्मा कंपनियों पर दुनिया के कई देशों में सवाल उठने के बाद अब सरकारी रिपोर्ट में कहा गया है कि कम से कम 100 कफ सिरप क्लालिटी टेस्ट में फेल हो गई हैं। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि गांबिया, उज्बेकिस्तान और कैमरून में बच्चों की मौत के लिए जिम्मेदारी बताई गईं खांसी की सिरप में जो टॉक्सिन मौजूद थी वही टॉक्सिन इन सिरप में भी पाया गया है।
कोरबा। बरसात के दिनों में उल्टी-दस्त एव मलेरिया महामारी के रूप में फैलने की संभावना बनी रहती है। इस दिशा में स्वास्थ्य विभाग द्वारा मौसमी बीमारी के रोकथाम हेतु विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। जिले में कलेक्टर अजीत वसंत के मार्गदर्शन तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. केशरी के नेतृत्व में जिले के प्रत्येक क्षेत्र में मौसमी बीमारियों से बचाव के लिए युद्धस्तर पर प्रतिबंधात्मक कार्यवाही पूर्ण करने हेतु सभी खण्ड चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। जिले के प्रत्येक स्तर के स्वास्थ्य केन्द्रों तथा मैदानी क्षेत्र में कार्यरत स्वास्थ्य कार्यकर्ता, मितानिन व डिपोहोल्डर्स के पास जीवनरक्षक दवाईयों की उपलब्धता तथा सतत औषधियों की प्रतिपूर्ति व्यवस्था की कार्यवाही की जा रही है। साथ ही स्वास्थ्य अमलों द्वारा शिविर लगाकर उपचार किया जा रहा है। मौसमी बीमारियों/महामारी के नियंत्रण हेतु जिला स्तर एवं विकासखण्ड स्तर पर काम्बेट टीम का गठन किया गया है तथा उन्हें क्षेत्रों में सतत् भ्रमण कर निगरानी बनाए रखने के स्पष्ट निर्देश दिये गए हैं। टीम द्वारा सूचना प्राप्त होते ही प्रभावित क्षेत्र में तत्काल चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे। स्वास्थ्य विभाग द्वारा आमजनों से जिले के किसी भी क्षेत्र में बुखार, मलेरिया या उल्टीदस्त के संक्रमण की शिकायत होने पर तत्काल मितानिन, स्वास्थ्य कार्यकर्ता तथा खण्ड चिकित्सा अधिकारी को सूचना प्रदान करने का आग्रह किया गया है। डायरिया एवं मलेरिया से बचाव हेतु रखें इन बातों का ध्यान – सीएमएचओ ने जनसामान्य को मौसमी बीमारियों से बचाव की जानकारी देते हुए सदैव भोजन करने से पूर्व एवं शौच के पश्चात् हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोने, घरों के आस-पास स्वच्छता रखने और व्यक्तिगत साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने की बात कही। साथ ही खाने-पीने की वस्तुओं और पानी को हमेशा ढककर रखने, बासी भोजन, सड़े गले फलों का सेवन न करने, हमेशा ताजे फलों और भोजन का सेवन करने, फल और सब्जियों को खाने और पकाने से पहले अच्छी तरह से धोने के लिए कहा। उन्होंने पीने के लिए हैण्डपंप का पानी का उपयोग करने तथा पानी को उबालकर व छानकर पीने की बात कही। पानी की शुद्धता के लिए क्लोरिन की गोली डालकर ही पीने के लिए उपयोग में लाने, साथ ही कुओं में ब्लीचिंग पाउडर डलवानें तथा जल स्त्रोत के पास कुड़ा-करकट गंदे पानी एकत्र न होने देने, मल विसर्जन घर से दूर तथा पीने के पानी के स्रोत से 25 अधिक दूरी पर होना सुनिश्चित करने की अपील की। उन्होंने दस्त या बुखार होने पर स्थानीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता, मितानिन, डिपोहोल्डर अथवा नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से तत्काल प्राथमिक उपचार लेने, दस्त होने की स्थिति में शरीर में पानी की कमी को दूर करने ओ.आर.एस. का घोल सेवन करने, नीबू की सिकंजी, चावल का मांड हल्की चाय दाल का पानी का सेवन लगातार करने, मच्छरों में बचाव हेतु मच्छरदानी का उपयोग करने, सोने के पूर्व संभव हो तो शरीर में मच्छरनाशक क्रीम अथवा नीम तेल लगाने, घर अथवा घर के आस-पास कूलर, टायर, टूटे बर्तन अथवा अन्य कोई भी वस्तुओं में पानी जमने न देने, उल्टी दस्त से किसी भी मृत्यु होने पर उन घरो में स्वास्थ्य कार्यकर्ता के सहयोग से ब्लीचिंग पाउडर से शुद्धिकरण कराने तथा घर के अन्य सदस्यों को भी उल्टी-दस्त की दवाईयों खिलाने, ग्राम में होने वाले सभी सार्वजनिक आयोजनों में खाने-पीने का विशेष ध्यान रखने, कार्यक्रम के दौरान ताजा भोजन का उपयोग करने आदि सुझाव जिलेवासियों को दिए। कलेक्टर श्री वसंत ने जिले की जनता से अपील की है कि उल्टी-दस्त मलेरिया से बचाव हेतु स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन करें, जिससे महामारी जैसी बीमारियों पर नियंत्रण की कार्यवाही की जा सके एवं जिले में असामयिक मृत्यु को रोका जा सके। साथ ही उन्होंने जनप्रतिनिधियों से आग्रह किया है कि मौसमी बीमारियों के नियंत्रण में अपनी सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित कर जिले को मौसमी बीमारी से विमुक्त करने की दिशा में अमूल्य योगदान दें। जागरूकता सतर्कता से आप न केवल अपने प्रियजनों अपितु अन्य व्यक्तियों की स्वास्थ्य रक्षा का पुण्य अर्जित कर सकते हैं एवं अच्छे स्वास्थ्य तथा खुशहाली का वातावरण बनाने में मददगार साबित हो सकते हैं। वे। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के सभी अमली को सजगतापूर्वक दायित्वों का निर्वहन करने व मौसमी बिमारियों की सतत् जानकारी लेते हुए समुचित प्रतिबंधात्मक कार्यवाही तथा उल्टी दस्त मलेरिया से पीड़ित व्यक्तियों के इलाज में किसी तरह की लापरवाही न बरतने के कड़े निर्देश दिए हैं।
आजकल तेजी से बिगड़ती लाइफ स्टाइल का असर सेहत पर नजर आने लगा है. लाइफ स्टाइल से जुड़ी बीमारी डायबिटिज के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. आमतौर 40 वर्ष के बाद होने वाली यह बीमारी अब युवाओं में भी नजर आने लगी है. कई चीजें शुगर लेवल को बढ़ाती है, जो डायबिटिज के मरीजों के लिए खतरनाक साबित हो सकती है. हालांकि, आदतों में बदलाव और कुछ बातों का ध्यान रखकर शुगर को कंट्रोल मे रखा जा सकता है।
आजकल की बदलती लाइफस्टाइल और खानपान की आदतों के कारण बहुत से लोग हाई यूरिक एसिड लेवल की समस्या से जूझ रहे हैं. हाई यूरिक एसिड लेवल से गठिया और दूसरी कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं. इस समस्या का एक प्राकृतिक और सरल समाधान जीरा पानी हो सकता है. जीरा पानी पीने से यूरिक एसिड लेवल को कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है।
कई तरह की सब्जियां होती हैं और सभी के अपने-अपने सेहत लाभ होते हैं. आप फूलगोभी सर्दियों में खूब खाते होंगे, इसी की तरह दिखने वाली सब्जी होती है ब्रोकली. बस, दोनों के रंग में फर्क होता है. ब्रोकली पूरी तरह से हरे रंग की सब्जी है. ज्यादातर इसका इस्तेमाल सूप, सलाद, जंक फूड्स में अधिक किया जाता है, लेकिन आप इस सब्जी को नहीं खाते हैं तो डेली डाइट में जरूर शामिल कर लें. खासकर, डायबिटीज के रोगियों को तो ब्रोकली का सेवन करने से ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है. इसमें कुछ ऐसे तत्व मौजूद होते हैं, जो कैंसर के होने की संभावना को भी कम कर सकते हैं।
किडनी हमारे शरीर के सबसे जरूरी अंगों में से एक है। आपको बात दें कि इसका काम ब्लड को फिल्टर करने का होता है। सिर्फ यही नहीं बल्कि ये सभी टॉक्सिन्स को पेशाब के जरिए बाहर निकालने में मदद करती है। किडनी बीसों घंटे काम करती हैं, लेकिन आज कल का बिगड़ता लाइफस्टाइल कम उम्र में ही किडनी डैमेज या किडनी डिजीज होने के खतरे को बढ़ा रहा है। ऐसे में लोग खुद ही कुछ गलतियां कर अपनी किडनी की हेल्थ खराब कर रहे हैं। आज हम आपको यहां कुछ आदतों के बारे में बताएंगे जो आपकी किडनी को डैमेज कर सकती हैं। तो आइए जानते हैं –
आम खाने में बहुत ही टेस्टी लगता है, बच्चे से लेकर बूढ़े तक सभी इसे खाना पसंद करते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि आम स्वाद के साथ सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद होता है। बता दें कि दुनियाभर में लगभग 1400 किस्में हैं, लेकिन हमारे देश में उगायी जाने वाली दशहरी, लंगड़ा, फजली, केशर, सिंदूरी आदि आम की मुख्य किस्में हैं। आम में पोटैशियम, प्रोटीन, मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। जो शरीर को स्वस्थ रखने में अहम भूमिका निभाते हैं। हम आपको आज इससे मिलने वाले कुछ फायदों के बारे में बताएंगे जिसे जान आप बेशक हैरान होंगे –
नारियल पानी एक बहुत ही हेल्दी और नेचुरल ड्रिंक है। इसे पीना लगभग सभी को बेहद पसंद होता है। लेकिन क्या जानते हैं कि नारियल पानी भी नुकसान पहुंचा सकता है। आप भी सोच रहे होंगे कि भला नारियल पानी पीने से सेहत को क्या नुकसान हो सकता है? तो हम आपको बता दें कि आप डाइट जिस तरीके से लेते हो ये भी बहुत महत्वपूर्ण है। इस तरीके में ही फायदा या नुकसान छुपा होता है।
रायपुर। आजकल तेजी से बिगड़ती लाइफ स्टाइल का असर सेहत पर नजर आने लगा है. लाइफ स्टाइल से जुड़ी बीमारी डायबिटिज के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. आमतौर 40 वर्ष के बाद होने वाली यह बीमारी अब युवाओं में भी नजर आने लगी है. कई चीजें शुगर लेवल को बढ़ाती है, जो डायबिटिज के मरीजों के लिए खतरनाक साबित हो सकती है. हालांकि, आदतों में बदलाव और कुछ बातों का ध्यान रखकर शुगर को कंट्रोल मे रखा जा सकता है।
रायपुर। समर वेकेशन होते ही घर में बच्चों का आतंक शुरू हो जाता है. यहां भाग, वहां भाग इधर से उधर करते रहते हैं. साथ ही इस मौसम में मच्छरों का आतंक भी शुरू हो जाता है. गर्मी से ज्यादा मच्छर परेशान कर देते हैं. ऐसे में बच्चों को मच्छरों से बचाना जरूरी होता है नहीं तो वह कई बीमारियों का शिकार होने लगते हैं. गर्मियों में ऑल आउट का कुछ भी बहुत कम काम करते हैं ऐसे में मच्छरों से लड़ने का उपाय हर कोई ढूंढता है. आप घर में एक प्लांट लगाकर मच्छरों को दूर भगा सकते हैं साथ ही आपके बच्चे अगर इस पौधे के पत्ते खा लें तो उन्हें भी फायदा ही होगा. हम बात कर रहे हैं मरुआ के पौधे की. मरुआ का पौधा एक सबसे अच्छा मॉस्कीटो रेपलेंट हैं. इसे घर में लगाने से मच्छर दूर हो जाते हैं. जो लोग अपने घरों में ये पौधा लगाते हैं उनके घर के आस-पास भी मच्छर नहीं भटकते हैं।
इंदौर: स्तन कैंसर की पहचान और परीक्षण महिलाए स्वयं कैसे करे, इसके लिए रॉबर्ट नर्सिंग होम में आज (शुक्रवार) से तीन दिवसीय शिविर लगाया जा रहा है। यह शिविर नि:शुल्क प्लास्टिक सर्जरी शिविर के साथ आयोजित होगा, जो कि 14 अप्रैल तक चलेगा। शिविर का शुभारंभ आज संभागायुक्त दीपक सिंह, कलेक्टर आशीष सिंह तथा उद्योगपति एवं समाजसेवी गिरीश मतलानी भी उपस्थित में होगा। रॉबर्ट नर्सिंग होम के सेक्रेटरी एवं ट्रस्टी डॉ. वीएस यशलहा ने बताया कि सहायता संस्था के सहयोग से आयोजित इस शिविर में विशेष रूप से सिर्फ गरीब एवं जरूरतमंद मरीजों के ही ऑपरेशन किये जाएंगे। जन्मजात शारीरिक विकारों (कटे होंठ, तालू) एवं किसी दुर्घटना के बाद छूटे निशानों एवं जलने के कारण आयी विकृति के ऑपरेशन होंगे। शिविर में वरिष्ठ शल्य चिकित्सक डॉ. प्रकाश छजलानी भी अपनी निःशुल्क सेवाएं देंगे। डॉ. यशलहा ने बताया कि इस शिविर के लिए अस्पताल के ऑपरेशन थियेटर एवं मरीजों हेतु रहने की व्यवस्था निःशुल्क प्रदान की जाएगी। साथ ही मरीजों हेतु अन्य सारी व्यवस्था भी उपलब्ध कराई जाएगी। इस शिविर में सिर्फ कटे होंठ, तालू एवं कुछ ऑपरेशन योग्य जले हुए मरीजों के आपरेशन किये जाएंगे। शिविर में ग्रीवा कैंसर की जाँच वीआईए, पीएटी स्मीयर द्वारा निःशुल्क की जायेगी। उन्होंने बताया कि शिविर में महिलाओं को स्तन कैंसर के पहचान एवं परीक्षण करने की पद्धति के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। उन्होंने बताया कि गत मार्च के महीने में रॉबर्ट नर्सिंग होम में कैंसर के 283 मरीज आए, जिसमें से स्तन कैंसर के 137 मरीज थे। इसका मतलब है कि स्तन कैंसर बहुत तेजी से बढ़ रहा है। इसके लिये जनजागृति लायी जाना अत्यंत जरूरी है। उन्होंने बताया कि शिविर के दौरान महिलाओं में होने वाले गर्भ ग्रीवा कैंसर की भी नि:शुल्क जाँच की जायेगी। डॉ. यशलहा ने बताया कि उक्त कैंसर का समय पर पता चलने से उपचार संभव है। समय पर कैंसर का पता चलता है तो अनेक परेशानियों से बचा जा सकेगा।
नासिक का रहने वाला 14 साल का लड़का,जिसका पिता किसान है। जन्म के बाद से हाल ही में 2 वर्षों से पीठ में कूबड़ दिखाई दे रहा था। कुछ महीनों से पहले वह चंचल था, जब उसे कमजोरी और लकवा होने लगा, पिछले कुछ सप्ताह में उसके दोनों पैरों में पूरी तरह से लकवा हो गया। दोनों पैरों में सारी संवेदनाएं खत्म हो गईं। उसे पेशाब आना बंद हो गया या चेहरे पर नियंत्रण नहीं रह गया। माता-पिता नासिक में स्पाइन डॉक्टरों के पास गए, जिन्होंने मुंबई जाने और जेजे अस्पताल में ऑर्थोपेडिक यूनिट के प्रमुख, विशेषज्ञ स्पाइन सर्जन डॉ. धीरज सोनावणे से मिलने का सुझाव दिया। डॉ. धीरज से मिलने पर उन्होंने सीटी स्कैन, एमआरआई और विशेष एक्सरे से माता-पिता को गंभीर काइफोस्कोलियोसिस के साथ न्यूरोफाइब्रोमैटोसिस नामक बीमारी के बारे में परामर्श दिया। इस मरीज़ के सामने कई चुनौतियाँ थीं जैसे रीढ़ की हड्डी का 150 डिग्री का मोड़ जो चट्टान की तरह था, फेफड़ों की ख़राब क्षमता, असामान्य कशेरुकाओं का आपस में चिपक जाना।
हम अक्सर ही सुनते हैं कि मादक पदार्थों का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि वो स्वास्थ्य के लिए अच्छी साबित नहीं होती हैं और यह सही भी है इसीलिए लोग मादक पदार्थों का सेवन नहीं करते हैं या कम से कम करते हैं. लेकिन, गलती तब होती है जब हम खाने-पीने की आम लेकिन नुकसानदायक चीजों को डाइट का हिस्सा बना लेते हैं. ये चीजें शरीर को एक नहीं बल्कि कई तरीकों से नुकसान पहुंचाती हैं और अंदर से खोखला तक बना देती हैं।
नई दिल्ली। आजकल की बदलती लाइफस्टाइल के कारण लोगों की औसतन आयु कम हो गई हैं. 80 साल आज के समय में जीना बहुत ज्यादा माना जाता है. ये सब खराब वातावरण और खराब खानपान के कारण हुआ है. लेकिन पुराने समय में लोग 110 साल भी आराम से जीते थे. आयुर्वेद आज भी ये दावा करता है कि लोग 100 साल जी सकते है. इसके मुताबिक कुछ पत्ते ऐसे हैं जिनको नियमित रूप से सुबह कच्चा खाने से आपकी उम्र बढ़ सकती हैं. ये पत्ते औषधीय गुणों से भरपुर होते हैं।
रायपुर 04 फरवरी 2024। अंगूर में हरे रंग के अंगूर का सेवन लोग अधिक करते हैं, लेकिन सेहत लाभ जिस अंगूर को खाने से अधिक होता है, वह है काला अंगूर जी हां, काले अंगूर में कई तरह के पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जो शरीर के लिए जरूरी होते हैं. हरे और लाल अंगूर की तुलना में काले अंगूर में एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में होती है. इस फल में मौजूद केमिकल्स हार्ट, बाल, स्किन की सेहत को स्वस्थ बनाए रखते हैं. साथ ही शरीर की कोशिकाओं का कैंसर से बचाव करते हैं. इन्हें डैमेज होने से रोकते हैं. एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर खाद्य पदार्थ कैंसर, डायबिटीज, हार्ट डिजीज, एल्जाइमर्स, पार्किंसन, इंफ्लेमेशन आदि होने के रिस्क को कम करता है. तो चलिए जानते हैं कि काले अंगूर के सेवन से सेहत पर क्या-क्या फायदे होते हैं.
रायपुर 05 04 फरवरी 2024। हमारा बॉडी खुद से पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम का उत्पादन नहीं कर पाता हैं. इसलिए डेली डाइट में अलग से कैल्शियम रीच चीजों का सेवन करना जरूरी है. कैल्शियम हमारे शरीर के लिए एक जरूरी पोषक तत्व है. यह मजबूत हड्डियों और दांतों के लिए बहुत जरूरी होता है. साथ ही ये ब्लड प्रेशर को भी सही रखने में मदद करता है. वैसे तो आप जरूरत के अनुसार इसका सप्लिमेंट भी ले सकते हैं. लेकिन नेचुरल तरीके से इसका सेवन करने से इसका फायदा भी नेचुरल ही मिलता है. कुछ ऐसे खास ड्राई फ्रूट्स हैं जिनमें कैल्शियम की मात्रा अच्छी होती हैं।
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