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  • इस तरह बनायें काजू पनीर की सब्जी जाने रेसिपी

    15-Dec-2023

    पनीर की सब्जी अक्सर किसी भी खास मौके पर बनाई जाती है. पनीर की सब्जी की कई किस्में प्रचलित हैं, इनमें से काजू पनीर की सब्जी बहुत पसंद की जाती है. काजू पनीर की सब्जी बहुत स्वादिष्ट होती है और इसका स्वाद बच्चों को भी बहुत पसंद आता है. काजू पनीर की सब्जी का असली स्वाद इसकी ग्रेवी में होता है जो सब्जी के स्वाद को कई गुना बढ़ा देता है. ऐसे में अगर आप स्वादिष्ट काजू पनीर की सब्जी खाना चाहते हैं तो इसकी ग्रेवी ठीक से तैयार करना जरूरी है.आज हम आपको काजू पनीर की सब्जी और इसकी ग्रेवी बनाने का आसान तरीका बताएंगे. इस सब्जी को लंच या डिनर में कभी भी बनाकर परोसा जा सकता है. अगर आपने कभी इस सब्जी को घर पर नहीं खाया है तो हमारे द्वारा बताया गया तरीका आपके बहुत काम आ सकता है। आइए जानते हैं काजू पनीर सब्जी की ग्रेवी बनाने की रेसिपी.


    काजू पनीर बनाने की सामग्री
    पनीर क्यूब्स – 1 कप
    काजू – 2-3 बड़े चम्मच
    मक्खन – 1 चम्मच
    प्याज बारीक कटा हुआ – 1
    टमाटर प्यूरी – 1 1/2 कप
    अदरक-लहसुन पेस्ट – 1 चम्मच
    काजू का पेस्ट – 2 बड़े चम्मच
    क्रीम/मलाई – 2 बड़े चम्मच
    लौंग – 2-3
    इलायची – 2
    जीरा – 1 चम्मच
    करी पत्ता – 1-2
    हल्दी – 1/2 छोटा चम्मच
    लाल मिर्च पाउडर – 1 छोटा चम्मच
    धनिया पाउडर – 1 चम्मच
    गरम मसाला – 1/4 छोटी चम्मच
    जीरा पाउडर – 1/4 छोटी चम्मच
    कसूरी मेथी – 1 चम्मच
    हरी धनिया पत्ती कटी हुई – 2-3 बड़े चम्मच
    तेल – 2 बड़े चम्मच
    नमक – स्वादानुसार

    काजू पनीर कैसे बनाये
    काजू पनीर की सब्जी की ग्रेवी इसके स्वाद को बहुत बढ़ा देती है. इसे बनाने के लिए सबसे पहले एक पैन में 2 बड़े चम्मच तेल डालकर गर्म करें. – तेल गर्म होने के बाद इसमें काजू डालें और सुनहरा होने तक भून लें. – इसके बाद तले हुए काजू को एक प्लेट में निकाल लीजिए. इसी तरह पनीर को भी तल कर अलग रख लीजिये. – अब पैन में एक चम्मच मक्खन डालकर गर्म करें. – मक्खन पिघलने पर इसमें करी पत्ता, लौंग, जीरा और इलायची डालकर भूनें.

    – कुछ देर बाद पैन में बारीक कटा प्याज और अदरक लहसुन का पेस्ट डालें और चलाते हुए भूनें. इस दौरान गैस की आंच धीमी कर दें. कुछ देर बाद इसमें हल्दी, धनिया पाउडर, मिर्च पाउडर, जीरा पाउडर, गरम मसाला और स्वादानुसार नमक डालकर अच्छी तरह मिला लें और पकने दें. – मसाले को तब तक पकाएं जब तक उसमें से खुशबू न आने लगे.

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  • पुदीना जरूर करे उपयोग होगा वेटलॉस

    20-Nov-2023

    पुदीने की पत्तियों का इस्तेमाल चाय से लेकर टूथपेस्ट तक हर चीज में किया जाता है। मौसम चाहे कोई भी हो, पुदीने की पत्तियां असरदार होती हैं। आयुर्वेद में पुदीने की पत्तियों को औषधि बताया गया है। ऐसे में इस पत्ते का उपयोग करने से आपके लक्षणों से राहत मिलेगी।

    लेकिन क्या आप जानते हैं कि पुदीने की पत्तियों का इस्तेमाल न सिर्फ पेट की समस्याओं से राहत दिलाता है बल्कि वजन कम करने में भी काफी अहम भूमिका निभाता है। जी हां, अगर आप वजन कम करना चाहते हैं तो पुदीने का सेवन शुरू कर दें। कृपया मुझे बताएं कि यह मुझे वजन कम करने में कैसे मदद करता है।
     
    यह वजन कम करने में मदद करता है
    पुदीने की पत्तियां वजन घटाने में भी मदद करती हैं। ऐसा करने के लिए पुदीने की पत्तियों से एक पेय तैयार करें और इसमें नींबू का रस और काली मिर्च पाउडर मिलाएं। इस ड्रिंक को रोजाना खाली पेट पिया जा सकता है। यह वजन कम करने में मदद करता है।

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  • देसी घी को इस तरह करे चेहरे पर इस्तेमाल

    20-Nov-2023

    सर्दियों में देसी घी का इस्तेमाल आपकी त्वचा को कई फायदे पहुंचा सकता है। जब मौसम बदलता है तो त्वचा में खिंचाव आने लगता है। विशेषकर सर्दियों में त्वचा शुष्क हो जाती है। अगर आप सर्दियों में भी अपने रंग को चमकदार बनाए रखना चाहते हैं तो आपको महंगी क्रीम या फेशियल ट्रीटमेंट की जरूरत नहीं है। ये देसी घी ब्यूटी टिप्स आपकी त्वचा को ऐसी अद्भुत चमक दे सकते हैं कि हर कोई आपसे पूछेगा कि यह चमक कहां से आती है… देसी घी के बारे में और पढ़ें जो आपकी त्वचा को और भी सुंदर और चमकदार बना देगा। आवेदन पत्र।

    त्वचा को हाइड्रेट करना: देसी घी त्वचा को हाइड्रेट करने में मदद कर सकता है, खासकर जब हवा ठंडी हो और त्वचा सूखने का खतरा बढ़ जाता है।
     
    त्वचा की सुरक्षा: देसी घी में विटामिन ई होता है, जो त्वचा की विकृति को रोकने और त्वचा की रक्षा करने में मदद कर सकता है।
    धूप से बचाव: आपकी त्वचा को धूप से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए देसी घी का इस्तेमाल किया जा सकता है।
     
    आपकी त्वचा को चमकदार बनाए रखता है: देसी घी में विटामिन और अन्य पोषक तत्व होते हैं जो आपकी त्वचा को चमकदार बनाए रखने में मदद करते हैं।
     
    चेहरे की मालिश के लिए: चेहरे की मालिश के लिए देसी घी का उपयोग किया जा सकता है, जो त्वचा में रक्त परिसंचरण में सुधार कर सकता है और चेहरे को चमकदार और स्वस्थ रख सकता है।
     
    फटे होंठ: सर्दियों में हवा के कारण होने वाली दरारों को दूर करने के लिए चेहरे पर देसी घी लगाया जा सकता है।
     
    शिशुओं के लिए: सर्दियों के दौरान बच्चों की त्वचा की सुरक्षा के लिए देसी घी का उपयोग किया जा सकता है। यह त्वचा को मॉइस्चराइज़ कर सकता है और शिशुओं की त्वचा की रक्षा कर सकता है।
     
    हालाँकि, हमेशा याद रखें कि ये सिफारिशें आपके अनुभव, आपकी त्वचा की स्थिति और आपकी व्यक्तिगत प्राथमिकताओं पर निर्भर हो सकती हैं। अगर आपको त्वचा संबंधी समस्या है तो आपको किसी विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए। 

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  • लिवर के लिए वरदान हैं ये सब्जियां, रोज खाने से छूमंतर हो जाएगी कई बीमारियां

    13-Nov-2023

    शरीर के महत्वपूर्ण अंगों की बात करें तो उसमें लिवर भी शामिल है। यह भोजन को पचाने में सहायता करता है और विषाक्त पदार्थ बाहर निकालता है। एनर्जी को स्टोर करता है और प्रोटीन को स्टोर करके मेटाबॉल्जिम को बढ़ावा देता है। ऐसे में शरीर के स्वस्थ होने के साथ-साथ इसका भी स्वस्थ होना जरुरी है परंतु आजकल के खराब लाइफस्टाइल और गलत खान-पान के कारण लिवर कमजोर होने लगता है जिसके कारण कई तरह की बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है। अपनी डाइट का ध्यान रखकर आप लिवर को मजबूत और स्वस्थ बना सकते हैं। कुछ सब्जियां ऐसी होती हैं जो लिवर को हेल्दी रखने के अलावा उसे किसी तरह के डैमेज से भी बचाती है। नियमित इन सब्जियों का सेवन करने से आप कई समस्याओं से बच सकते हैं।

     
     
    हरी पत्तेदार सब्जियां 
    लिवर को हेल्दी रखने के लिए हरी पत्तेदार सब्जियां बेहद लाभकारी मानी जाती हैं। इनमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर को फ्री रेडिकल्स के कारण होने वाले नुकसान से बचाने में मदद करते हैं। इसके अलावा यह शरीर में एंजाइम का स्तर बढ़ाती हैं जिससे लिवर डिटॉक्स होता है। हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करने से लिवर से जुड़ी समस्याओं से बचाव होता है।
     
     
    गाजर 
    विटामिन-ए से भरपूर गाजर भी स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद मानी जाती है। यह आंखों को स्वस्थ रखने के साथ-साथ लिवर को मजबूत बनाने में मदद करती है। इसका सेवन करने से लिवर संबंधी समस्याओं से छुटकारा मिलता है। 
     
     
    ब्रोकली 
    ब्रोकली भी स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद मानी जाती है। इसमें प्रोटीन, विटामिन-सी, फोलेट, पौटेशियम और सोडियम जैसे कई सारे पोषक तत्व मौजूद होते हैं। कई सारे शोधों में यह बात साबित हो चुकी है कि ब्रोकली का सेवन करने से फैटी लिवर और लिवर ट्यूमर का जोखिम कम होता है। सलाद के रुप में आप इसका सेवन कर सकते हैं।
     
     
    चुकंदर 
    लिवर को स्वस्थ रखने के लिए चुकंदर भी बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं जो लिवर को किसी भी तरह के डैमेज से बचाने में मदद करते हैं। चुकंदर का सेवन करने से लिवर की सूजन दूर होती है। इससे बना सूप, सलाद या फिर जूस अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं।
     
     
    करेला 
    स्वाद में कड़वा करेला स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी होता है। इसमें विटामिन-सी, प्रोटीन, फाइबर, सोडियम, पौटेशियम जैसे कई सारे पोषक तत्व पाए जाते हैं इसका सेवन करने से ब्लड शुगर कंट्रोल में रहती है और लिवर संबंधी समस्याओं से भी बचाव रहता है। रोजाना करेले से बना जूस पीने से शरीर में मौजूद टॉक्सिन्स बाहर निकलते हैं और लिवर एकदम स्वस्थ रहता है। 

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  • देशव्यापी सर्वे में सामने आए हाई-फाइबर सप्लीमेंट से डायबिटीज के मरीजों को होने वाले फायदे

    13-Nov-2023

    मुंबई । एक देशव्यापी सर्वे ‘स्टार’ में रोजाना हाई-फाइबर सप्लीमेंट का सेवन करने से डायबिटीज के मरीजों को होने वाले फायदे सामने आए हैं। टाइप 2 डायबिटीज के 3,042 मरीजों और 152 डॉक्टरों के बीच इस सर्वे को अंजाम दिया गया। सर्वे के नतीजे हाल ही में इंडियन जर्नल ऑफ क्लीनिकल प्रैक्टिस में प्रकाशित किए गए हैं। सर्वे में पाया गया कि रोजाना हाई-फाइबर डाइटरी सप्लीमेंट के सेवन से ब्लड ग्लूकोज लेवल को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। सर्वे में शामिल डायबिटीज के मरीजों को दो समूह में बांटा गया था। इनमें से एक समूह कम से कम पिछले तीन महीने से एक विशेष हाई-फाइबर सप्लीमेंट का सेवन कर रहा था, जबकि दूसरे समूह के लोग किसी हाई-फाइबर सप्लीमेंट का सेवन नहीं कर रहे थे। इसमें पाया गया कि जो मरीज तीन महीने या इससे ज्यादा समय से हाई-फाइबर सप्लीमेंट का सेवन कर रहे थे, उनका एचबीए1सी उल्लेखनीय रूप से कम रहा, उनका वजन भी कम हुआ और दूसरे समूह के लोगों की तुलना में ऐसे लोग ज्यादा संतुष्ट थे। दुनियाभर में कई क्लीनिकल अध्ययनों में डायबिटीज के मैनेजमेंट में हाई-फाइबर डाइट की उल्लेखनीय भूमिका सामने आ चुकी है। आरएसएसडीआई और अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन जैसे संस्थान भी सुझाव देते हैं कि डायबिटीज से पीड़ित लोगों को अपने खानपान में फाइबर की मात्रा बढ़ानी चाहिए। आरएसएसडीआई भारत में प्रत्येक डायबिटीज पीड़ित व्यक्ति को रोजाना 25 से 40 ग्राम फाइबर के सेवन का सुझाव देता है, जबकि असल में इसकी तुलना में अलग-अलग सामाजिक परिवेश में फाइबर का वास्तवित सेवन औसतन 15 से 40 ग्राम प्रतिदिन के बराबर ही है। इसका अर्थ है कि भारत में डायबिटीज से पीड़ित हर व्यक्ति फाइबर की जरूरी मात्रा का सेवन नहीं कर रहा है। ‘स्टार’ सर्वे से सामने आया है कि कैसे हाई-फाइबर डाइटरी सप्लीमेंट इस कमी को पूरा करने में भूमिका निभा सकते हैं और मरीजों को प्रभावी तरीके से डायबिटीज मैनेज करने में मदद कर सकते हैं।

     
    साउथ एशियन फेडरेशन ऑफ एंडोक्राइन सोसायटीज (एसएएफईएस) के प्रेसिडेंट और सर्वे के प्रमुख नेतृत्वकर्ता डॉ. संजय कालरा ने कहा, ‘डायबिटीज मैनेजमेंट में उचित पोषण की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। डायबिटीज से पीड़ित लोगों को न केवल कार्बोहाइड्रेट और चीनी का सेवन कम करना होता है, बल्कि उन्हें फाइबर का इनटेक बढ़ाने की जरूरत भी होती है। डाइट में फाइबर शामिल करने से पेट भरा अनुभव होता है और व्यक्ति ज्यादा खाने से बचता है। पाचन के दौरान फाइबर हमारे पेट से खून में शुगर के एब्जॉर्प्शन की दर को भी करता है, जिससे खाने के बाद का ब्लड ग्लूकोज कम रखने में मदद मिलती है। ज्यादातर डायबिटीज के मरीजों को उनके खानपान से फाइबर की पर्याप्त मात्रा नहीं मिल पाती है। यह सर्वे दिखाता है कि हाई-फाइबर न्यूट्रिशनल सप्लीमेंट फाइबर इनटेक की जरूरत को पूरा करने में सहायक हो सकते हैं।’ 
     
    सर्वे में सामने आया है कि डायबिटीज का मैनेजमेंट केवल मेडिकल थेरेपी पर निर्भर रहने का मामला नहीं है। मरीजों को वजन नियंत्रित रखने और ब्लड ग्लूकोज को सही रखने के लिए डाइट में भी बदलाव करना चाहिए। स्टार में 152 डॉक्टरों को भी शामिल किया गया। इससे सामने आया कि डॉक्टर टाइप 2 डायबिटीज के 50 प्रतिशत मरीजों को, मोटापे के शिकार 40 प्रतिशत मरीजों को और बढ़े हुए वजन का सामना कर रहे 30 प्रतिशत लोगों को फाइबर-रिच सप्लीमेंट लेने का सुझाव देते हैं। सर्वे में शामिल डॉक्टरों के मुताबिक, डायबिटीज के मरीजों को फाइबर के सेवन से सबसे बड़ा लाभ यह होता है कि इससे उनका संतुष्टि का स्तर बढ़ता है, शारीरिक गतिविधि बढ़ती है, एचबीए1सी कम होता है और ब्लड ग्लूकोज लेवल नियंत्रित होता है। इससे उन्हें ब्लड ग्लूकोज नियंत्रित रखने के लिए कम दवाएं लेनी पड़ती हैं। डॉक्टरों ने टाइप 2 डायबिटीज को मैनेज करने में डाइटरी फाइबर की भूमिका को लेकर मरीजों और डॉक्टरों दोनों के बीच जागरूकता बढ़ाने की जरूरत पर भी जोर दिया।

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  • आखिर कैसे हुई थी चाय की शुरुआत

    12-Nov-2023

    चाय की शुरुआत : हमारे दिन की शुरुआत एक कप चाय से होती है। अगर कोई ऐसा दिन हो जब चाय ना पिए तो वो दिन ही अधूरा लगता है. चाय हमारे जीवन और आहार का इतना अनिवार्य हिस्सा बन गई है इसके बिना हम रहना ही नहीं चाहते है। भारतीय की पहली पसंद है चाय। घर आये मेहमान हो या दोस्त हो हर जगह चाय होती है ,जानिए आखिर कैसे चाय की शुरुआत हुई।

     
    चाय का आविष्कार कैसे हुआ?
     
    चाय का आविष्कार चीन से जुड़ा है। इसके आविष्कार का श्रेय चीन के शासक शेन नुंग को दिया जाता है। हालाँकि, यह कोई जानबूझकर नहीं बल्कि आकस्मिक खोज थी। यह लगभग 4800 वर्ष पूर्व अर्थात 2732 ईसा पूर्व की बात है। की घटना है इसके बाद चाय को लोग पीने योग्य पदार्थ के रूप में जानने लगे। 

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  • त्योहारों के दौरान फिट रहने की कला

    12-Nov-2023

    अधिक जानकारी अधिक जानकारी च अपने पूर्ण लग सक ता है। , और अधिक चीनी और सामान्य से अधिक शराब का सेव न करना। इनके परिणामस्वरूप वजन बढ़ सकता है, सोने में तनाव हो सकता है और अधिक तनाव महसूस हो सकता है ज इस्का आपका शरीर पी रॉडेंड्र

     
    आप जो ध्यान दें उनका ध्यान रखें। माइंडफुल ईटिंग का मतलब है जितना बार संभव हो लूटेन-मुक्त भोजन करना: इसमें बेड, ब्रेड, याड्रिच और चिकन रेस्तरां, पिज्जा क्रैकर जैसे बेडर व्यां जे न आदि शामिल हैं। • खजूर, शहद और तेल जैसे प्राकृतिक मिठास से बनी मिठाई प्राप्त करें। इसहामा नों को भी फायदा होगा। इससे आपको लालसा और अतिभोग को नियंत्रित करने में भी मदद मिलेगी क्योंकि प्राकृतिक ग्लूकोज वह पैदा नहीं होता है।
     
    डुबला प्रोटीन, साबुत अनाज और मात्रा में फल और सब्जियां चुनें। यह आवश्यक पोषक तत्त्व प्रदान किया जाता है, जो आपको ऊर्जावान बनाता है और अकर स्वास्थ्य रसायन के प्रति आकर्षण को कम करता है। यदि आप बास्टिंग से बच नहीं सकते हैं, तो नट्स, बी जे, फल या कम वसा वाले दही का चयन करें। • शीघ्र भर पिस्ता या मूंगफली आपको तृप्त कर देती है और आपके रक्त शर्करा के स्तर को स्थिर कर देती है।

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  • बदलते मौसम में पीएं गुड़ की चाय, मिलते हैं बेशुमार फायदे

    31-Oct-2023

     बिलासपुर 25 अक्टूबर 2023। बदलते मौसम में लोग सर्दी, खांसी और फ्लू जैसी बीमारियां का शिकार हो रहे हैं। इससे बचने के लिए आपको डॉक्टर के चक्कर नहीं लगाने पड़ेगे और घर बैठे ही immunity स्ट्रांग होगी, अगर बस आप चाय में ये एक चीज डाल लेंगी। हम बात कर रहे हैं गुड़ की। गुड़ में भरपूर मात्रा में प्रोटीन, विटामिन बी12, कैल्शियम, आयरन, विटामिन सी जैसे तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर को स्वस्थ रखने में मददगार है। वहीं आगे वाली सर्दियों में वो सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है।

     
    एनीमिया
     
    एनीमिया यानि शरीर में खून की कमी होने पर गुड़ की चाय का सेवन फायदेमंद होता है। गुड़ की चाय आयरन से भरपूर होती है, जो लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में मदद करता है, जिससे हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ता है और खून की कमी दूर होती है।
     
    वेट लॉस 
     
    वेट लॉस करने के लिए गुड़ की चाय का सेवन करें। चीनी की चाय पीने से शरीर में फैट बढ़ता है। लेकिन गुड़ की चाय पीने से वजन भी काफी हद तक कम होता है।
     
    पाचन तंत्र
     
    गुड़ की चाय पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने में फायदेमंद होता है। अगर आप गुड़ की चाय का नियमित सेवन करते हैं, तो इससे पाचन तंत्र मजबूत होता है और कब्ज, एसिडिटी, अपच जैसी समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
     
    माइग्रेन से मिलती है राहत
     
    अगर आप माइग्रेन का शिकार रहती हैं तो गुड़ की चाय का सेवन कर सकते हैं। गुड़ की चाय में कई ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो माइग्रेन को दूर करने में उपयोगी है।
     
    इम्यूनिटी होती है बूस्ट
     
    गुड़ में मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट गुण इम्यूनिटी बूस्ट करने में मदद करते हैं।
     
    गुड़ की चाय बनाने का तरीका….
     
    गुड़ की चाय बनाने के लिए एक पैन में डेढ़ कर पानी को उबालें। 
    जब पानी अच्छे से उबल जाएं, तो उसमें इलायची, अदरक, दालचीनी और चाय की पत्ती को डालकर पानी को उबालें।
    पानी उबलने के बाद उसमें दूध डालकर चाय को पकाएं।
    चाय को नीचे उतार लें। उसमें अपने टेस्ट के अनुसार गुड़ को मिलाएं और छन्नी से छान कर चाय पिंए।
    ध्यान रहे गुड़ डालकर चाय न उबालें, वरना चाय फट जाएगी।

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  • लिवर के लिए वरदान हैं ये सब्जियां, रोज खाने से छूमंतर हो जाएगी कई बीमारियां

    30-Oct-2023

    शरीर के महत्वपूर्ण अंगों की बात करें तो उसमें लिवर भी शामिल है। यह भोजन को पचाने में सहायता करता है और विषाक्त पदार्थ बाहर निकालता है। एनर्जी को स्टोर करता है और प्रोटीन को स्टोर करके मेटाबॉल्जिम को बढ़ावा देता है। ऐसे में शरीर के स्वस्थ होने के साथ-साथ इसका भी स्वस्थ होना जरुरी है परंतु आजकल के खराब लाइफस्टाइल और गलत खान-पान के कारण लिवर कमजोर होने लगता है जिसके कारण कई तरह की बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है। अपनी डाइट का ध्यान रखकर आप लिवर को मजबूत और स्वस्थ बना सकते हैं। कुछ सब्जियां ऐसी होती हैं जो लिवर को हेल्दी रखने के अलावा उसे किसी तरह के डैमेज से भी बचाती है। नियमित इन सब्जियों का सेवन करने से आप कई समस्याओं से बच सकते हैं।

     
    हरी पत्तेदार सब्जियां 
    लिवर को हेल्दी रखने के लिए हरी पत्तेदार सब्जियां बेहद लाभकारी मानी जाती हैं। इनमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर को फ्री रेडिकल्स के कारण होने वाले नुकसान से बचाने में मदद करते हैं। इसके अलावा यह शरीर में एंजाइम का स्तर बढ़ाती हैं जिससे लिवर डिटॉक्स होता है। हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करने से लिवर से जुड़ी समस्याओं से बचाव होता है।
     
     
    गाजर 
    विटामिन-ए से भरपूर गाजर भी स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद मानी जाती है। यह आंखों को स्वस्थ रखने के साथ-साथ लिवर को मजबूत बनाने में मदद करती है। इसका सेवन करने से लिवर संबंधी समस्याओं से छुटकारा मिलता है। 
     
     
    ब्रोकली 
    ब्रोकली भी स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद मानी जाती है। इसमें प्रोटीन, विटामिन-सी, फोलेट, पौटेशियम और सोडियम जैसे कई सारे पोषक तत्व मौजूद होते हैं। कई सारे शोधों में यह बात साबित हो चुकी है कि ब्रोकली का सेवन करने से फैटी लिवर और लिवर ट्यूमर का जोखिम कम होता है। सलाद के रुप में आप इसका सेवन कर सकते हैं।
     
     
    चुकंदर 
    लिवर को स्वस्थ रखने के लिए चुकंदर भी बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं जो लिवर को किसी भी तरह के डैमेज से बचाने में मदद करते हैं। चुकंदर का सेवन करने से लिवर की सूजन दूर होती है। इससे बना सूप, सलाद या फिर जूस अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं।
     
     
    करेला 
    स्वाद में कड़वा करेला स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी होता है। इसमें विटामिन-सी, प्रोटीन, फाइबर, सोडियम, पौटेशियम जैसे कई सारे पोषक तत्व पाए जाते हैं इसका सेवन करने से ब्लड शुगर कंट्रोल में रहती है और लिवर संबंधी समस्याओं से भी बचाव रहता है। रोजाना करेले से बना जूस पीने से शरीर में मौजूद टॉक्सिन्स बाहर निकलते हैं और लिवर एकदम स्वस्थ रहता है। 

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  • सर्दियों के लिए औषधि है इन 2 सब्जियों का जूस, नियमित पीने से 5 बीमारियों की होगी छुट्टी, खून की कमी भी होगी दूर

    24-Oct-2023

    रायपुर। सर्दी अपने साथ कई तरह की बीमारियों को साथ लेकर आती है. क्योंकि इस समय गर्मी की विदाई होती है सर्दी का आगमन होता है. इस उतार-चढ़ाव मौसम में सेहत को फिट रख पाना सबसे मुश्किल भरा काम है. खासतौर पर किसी बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को. इसकी एक वजह उनका कमजोर इम्‍यूनिटी का होना भी कहा जा सकता है. ऐसे में अगर हम डेली डाइट में हेल्‍दी चीजों को शामिल करें और भरपूर एंटीऑक्‍सीडेंट, विटामिन और मिनरल्स वाली चीजें लें, तो सर्दी में हेल्‍दी बने रहेंगे. इसके लिए लोग कई तरह की चीजों का सेवन करते हैं. लेकिन गाजर और चुकंदर का जूस अधिक फायदेमंद हो सकता है। दरअसल, गाजर में विटामिन-ए, बी, ई, कैल्शियम, फाइबर और प्रोटीन जैसे पोषक कई तत्व पाए जाते हैं. वहीं, चुकंदर आयरन का अच्छा स्रोत है, साथ ही सोडियम, पोटेशियम, फाइबर और नेचुरल शुगर भी अच्छी मात्रा में पाया जाता है. ऐसे में इन दोनों जूस को मिक्स करके पीने से हमारी हेल्थ ठीक बनी रहती है. इन दोनों जूस का कॉम्बिनेशन हमें कई गंभीर बीमारियों से बचा सकता है।

     
    मोटापा कंट्रोल करे
     
    शरीर का बढ़ता वजन हर किसी के लिए सबसे बड़ी सिरदर्दी बना हुआ है. ऐसे में यदि आप भी इस परेशानी का सामना कर रहे हैं तो गाजर और चुकंदर का जूस अधिक फायदेमंद हो सकता है. इस परेशानी से बचने के लिए आपको रोज एक गिलास गाजर और चुकंदर का जूस पीना होगा. दरअसल, कैलोरी में कम और फाइबर से भरपूर ये जूस आपके वजन को तेजी से कम करने में मदद कर सकता है।
     
    पाचन तंत्र मजबूत करे
     
    सर्दियों में पेट से संबंधित परेशानियों को ठीक करने में गाजर और चुकंदर का जूस अधिक फायदेमंद है. ऐसे में यदि आप पाचन संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हैं तो नियमित तौर पर गाजर और चुकंदर का जूस पीना शुरू कर दें. ऐसा करने से आपको जल्द आराम मिल जाएगी. बता दें कि, इन जूस में मौजूद फाइबर पाचन तंत्र को मजबूत बनाने का काम करता है. इसके अलावा कब्ज, अपच और गैस जैसी समस्याओं से भी निजात मिलती है।
     
    ब्लड प्रेशर कंट्रोल रखे
     
    गाजर और चुकंदर का जूस ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखने में अधिक असरदार माना जाता है. यदि आप अपने बढ़े ब्लड प्रेशर से परेशान हैं तो गाजर और चुकंदर का जूस बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है. दरअसल, इन दोनों जूस में मौजूद पोटेशियम और मैग्नीशियम हमारे ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखता है. इन जूस को नियमित पीने से आप कुछ ही दिन में अच्छा रिजल्ट नजर आने लगेगा।
     
    शरीर खून की पूर्ति होगी
     
    शरीर में खून की कमी होने पर गाजर और चुकंदर का जूस जरूर पीना चाहिए. ऐसा करने से जल्द ही आपके शरीर में खून की पूर्ति हो सकती है. बता दें कि, ये जूस में आयरन का अच्छा स्रोत माने जाते हैं. इस कारण ये जूस हमारे शरीर में हो रही खून की कमी को ठीक रखता है. इन जूस का नियमित सेवन करने से लाल रक्त कणिकाओं का निर्माण तेजी से होता है. इससे आप कई परेशानियों से बचे रहेंगे।
     
    कैंसर से बचाए
     
    गाजर और चुकंदर का जूस कैंसर जैसी गंभीर बीमारी भी कंट्रोल करने की क्षमता रहता है. दरअसल, गाजर और चुकंदर दोनों में ही कुछ एंटी कैंसर गुण पाए जाते हैं, जो शरीर में कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोकता है. ऐसे में यदि कोई इंसान इस बीमारी से जूझ रहा है तो गाजर और चुकंदर का जूस नियमित पीना चाहिए. इससे आपको काफी लाभ होगा।

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  • हड्डियों के लिए वरदान हैं ये 5 हर्ब्स, नियमित सेवन से बढ़ती उम्र में भी बोन रहेंगी स्ट्रॉन्ग, जानें इस्तेमाल का तरीका

    24-Oct-2023

    रायपुर। शरीर की फिटनेस बरकरार रखने के लिए हड्डियों का हेल्दी रहना बेहद जरूरी है. ऐसे में हड्डियों की विशेष केयर करना चाहिए. दरअसल, कई बार हम अपनी हड्डियों की सेहत को नजरअंदाज कर जाते हैं, जिसका नतीजा यह होता कि हम जोड़ों के दर्द, अर्थराइटिस, ऑस्टियोपोरोसिस और हड्डियों से जुड़ी अन्य गंभीर समस्याओं के शिकंजे में आ जाते हैं. वैसे तो ये परेशानी उम्र बढ़ने की निशानी है, लेकिन आजकल सेहत की अनदेखी से कम उम्र के लोगों में भी देखने को मिलती है. इससे रोजमर्रा के काम करने में भी दिक्कत हो सकती है. इससे निजात पाने के लिए लोग तरह-तरह के सप्लीमेंट्स भी लेते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए कुछ आयुर्वेद हर्ब्स आपकी मदद कर सकते हैं. ये आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का सेवन करने से हड्डियों और जोड़ों में दर्द की समस्या भी दूर हो सकती है।

     
    हड्डियों की मजबूती के लिए 5 खास हर्ब्स
     
    गिलोय: साधारण सी दिखने वाली गिलोय सेहत के लिए वरदान मानी जाती है. आयुर्वेद में इसका उपयोग कई बीमारियों का इलाज करने के लिए बड़े पैमाने पर किया जाता है. बता दें कि, गिलोय में कॉपर, आयरन, फॉस्फोरस, कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो हड्डियों को स्ट्रॉन्ग बनाए रखने में मदद करते हैं. यह गठिया रोग में लाभकारी साबित हो सकता है. इसका सेवन आप जूस या गिलोय चूर्ण के रूप में कर सकते हैं।
     
    गुग्गुल: गुग्गुल को सेहत के लिए अमृत समान माना जाता है. आयुर्वेद में इसका यूज कई गंभीर बीमारियों के इलाज में किया जाता है. दरअसल, गुग्गल शरीर में कैल्शियम की कमी को पूरा करने का काम करता है, जिससे हड्डियों को मजबूती मिलती है. इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण जोड़ों में दर्द और सूजन की समस्या को दूर करने में मदद कर सकते हैं. साथ ही यह गठिया रोग में भी फायदेमंद होता है. इसको आप दूध या पानी के साथ ले सकते हैं।
     
    डेंडिलियन: कई पोषक तत्वों से भरपूर डेंडिलियन यानी सिंहपर्णी हड्डियों की सेहत के लिए बेहद असरदार होते हैं. बता दें कि, डेंडिलियन में मौजूद कैल्शियम और सिलिकॉन हड्डियों को बुढ़ापे तक मजबूत बनाए रखने का काम करते हैं. इसके साथ ही, ये हड्डियों को रिपेयर करने में भी मदद करते हैं. इसके सेवन से ऑस्टियोपोरोसिस और अर्थराइटिस जैसी हड्डियों से जुड़ी समस्याएं दूर हो सकती हैं. इसके लिए आप सिंहपर्णी की चाय का सेवन कर सकते हैं।
     
    गोटू कोला: आयुर्वेद में गोटू कोला का इस्तेमाल एक शक्तिशाली औषधि के रूप में किया जाता है. इसके इस्तेमाल से हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूती मिलती है. दरअसल, गोटू कोला में कई एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं, जो जोड़ों के दर्द और सूजन से छुटकारा दिला सकते हैं. इसका नियमित सेवन करने से वैरिकोज वेन्स की समस्या भी दूर हो सकती है. इसके लिए आप गोटू कोला की चाय का सेवन कर सकते हैं।
     
    लेमनग्रास: लेमनग्रास सेहत के लिए वरदान मानी जाती है. आमतौर पर, इसका इस्तेमाल चाय के रूप में किया जाता है. बता दें कि, लेमनग्रास में कई ऐसे जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो हड्डियों को स्वस्थ रखने का काम करते हैं. दरअसल, इसमें फ्लेवोनॉइड होता है, जो हड्डियों के विकास और मजबूती के लिए जरूरी होता है. ऐसे में लेमनग्रास की चाय नियमित पीने से शरीर की इम्यूनिटी बूस्ट होती है, जिससे आप कई बीमारियों की चपेट में आने से बचे रहेंगे।

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  • किडनी के अंदर फंसी गंदगी को खींच लाती हैं ये 5 सब्जियां, पथरी को कर देती है भस्म, खाते ही क्लीन होगा कूड़ा-कचरा

    13-Oct-2023

    बिलासपुर। किडनी या गुर्दा हमारे शरीर के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण अंग है. अगर हमारी किडनियां काम करना बंद कर दें तो हम कुछ घंटे में ही दम तोड़ सकते हैं. इसका कारण है कि किडनी शरीर के लिए आवश्यक चीजों को छानकर शरीर की गंदगी और टॉक्सिन या जहर को पेशाब के रास्ते बाहर निकाल देती है. लेकिन जब हम अनहेल्दी फूड का सेवन ज्यादा करने लगेंगे तो इतनी ज्यादा मात्रा में गंदगी की सफाई करने में किडनी असमर्थ होने लगती है. फिर गंदगी किडनी के अंदर घुसने लगती है. किडनी का फंक्शन सही से नहीं होगा तो शरीर में बने ज्यादा मिनिरल्स, केमिकल्स, सोडियम, कैल्शियम, पानी, फॉस्फोरस, पोटैशियम, ग्लूकोज आदि का फ्लश आउट नहीं हो पाएगा. इसलिए किडनी की सफाई भी जरूरी है. इसके लिए ये कारामाती सब्जियां बहुत काम आएंगी।

     
    फूलगोभी-फूलगोभी किडनी के लिए बहुत अच्छी सब्जी है. यह किडनी की गंदगी की सफाई करने में माहिर है. फूलगोभी में विटामिन सी, फॉलेट और फाइबर होता है. इसके साथ ही इसमें कई तरह के कंपाउड होते हैं जो किडनी में जमा हुए टॉक्सिन के असर को बेअसर करते हैं. हालांकि फूलगोभी को उबालकर खाना चाहिए और संतुलित मात्रा में खाना चाहिए।
     
     
    लहसुन-लहसुन भारत में दवा से ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है. यदि आप भी किडनी संबंधित समस्याओं से जूझ रहे हैं तो लहसुन का सेवन कीजिए. लहसुन को एंटीऑक्सीडेंट का पावरहाउस कहा जाता है. यह किडनी में किसी तरह का इंफेक्शन और इंफ्लामेशन नहीं होने देता।
     
     
    पालक किडनी की सफाई के लिए बेहतरीन सब्जी है. पालक में विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन के और फॉलेट रहता है जिसका नियमित सेवन करने से किडनी में कोई बीमारी नहीं होती और किडनी के सेल्स तंदुरुस्त रहते हैं।
     
     
    लाल शिमला मिर्च-लाल शिमला मिर्च सुपरफूड है. लाल शिमला मिर्च किडनी के लिए परफेक्ट है क्योंकि इसमें पोटैशियम की मात्रा कम होती है और कई तरह के पावरफुल एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं. इसके अलावा इसमें विटामिन सी, विटामिन ए, विटामिन बी 6, फॉलिक एसिड और फाइबर होता है जो किडनी को हेल्दी रखने के लिए जरूरी है. इसके साथ ही इसमें लाइकोपेन होता है जो कई तरह के कैंसर से रक्षा करता है।
     
     
    केले-केले पालक की तरह की ही हरी पत्तीदार सब्जी है. केले किडनी के लिए मुफीद सब्जी है. इसमें भी पोटैशियम की मात्रा कम होती है. इसके साथ ही इसमें विटामिन ए, सी और कैल्शियम होता है जो किडनी फंक्शन को सक्रिय करता है।

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  • हड्डियों के लिए फायदेमंद होता है गन्ने के रस या ताड़ के रस से बनाया जाने वाला काला गुड़

    13-Oct-2023

    रायपुर। आपने गुड़ तो बहुत खाया होगा, लेकिन क्या आपने काला गुड़ खाया है? मूल रूप से, काला गुड़ गन्ने के रस या ताड़ के रस से बनाया जाने वाला पारंपरिक गुड़ है। इस दौरान इसे न तो परिष्कृत किया जाता है और न ही संसाधित किया जाता है। फिर इसे काफी समय तक ऐसे ही रखा जाता है. यह जितना पुराना होता है, इसका रंग उतना ही गहरा होता जाता है। साथ ही इसकी पौष्टिकता भी बढ़ जाती है. जैसे लौह तत्व, पोटैशियम और इसके मूत्रवर्धक गुण। तो फिर इसका सेवन करने से कुछ बीमारियों से बचने में मदद मिलती है, जानिए कैसे और विस्तार से।

     
    1. सूखी खांसी में काला गुड़ फायदेमंद होता है
    सूखी खांसी में काला गुड़ खाना कई तरह से फायदेमंद होता है। दरअसल, सबसे पहले यह फेफड़ों की सूजन को कम करता है और फिर गले की खुजली से राहत दिलाता है। साथ ही यह एक प्रकार की गर्मी पैदा करता है जिससे आपको बार-बार सूखी खांसी नहीं होती है।
     
    2. काले गुड़ में आयरन भरपूर मात्रा में होता है
    काला गुड़ आयरन से भरपूर होता है। यह गुड़ उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो एनीमिया से पीडि़त हैं। यह शरीर में खून की कमी को दूर करता है और फिर एनीमिया के लक्षणों को कम करता है। जैसे बालों का झडऩा या कमज़ोर होना. इसलिए खासतौर पर महिलाओं को इस गुड़ का सेवन करना चाहिए।
     
    3. काला गुड़ इम्यूनिटी बूस्टर है
    काला गुड़ इम्यूनिटी बूस्टर गुणों से भरपूर होता है और शरीर को मौसमी संक्रामक बीमारियों से बचाता है। इस गुड़ की खास बात यह है कि यह एंटी-बैक्टीरियल के साथ-साथ एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर है। यह आपके फेफड़ों में सूजन को रोकता है और आपको संक्रमण से बचाता है और बदलते मौसम में सर्दी और खांसी के खतरे को कम करता है।
     
    4. काला गुड़ हड्डियों के लिए फायदेमंद होता है
    हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए आप काले गुड़ का सेवन कर सकते हैं। क्योंकि इसमें अच्छी मात्रा में पोटैशियम होता है जो हड्डियों के घनत्व को बढ़ाता है और उन्हें मजबूत बनाता है, जिससे आप लंबे समय तक हड्डियों से जुड़ी बीमारियों से बचे रहते हैं। तो इन सभी कारणों से आपको काले गुड़ का सेवन करना चाहिए।

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  • सेहत के लिए अमृत है यह छोटा लाल फल, कीमत में बेहद कम, खाने से बढ़ जाती है इम्युनिटी, कैंसर से भी होता है बचाव

    10-Oct-2023

    रायपुर। हमारे आसपास कई ऐसे साधारण फल हैं, जो खाने में टेस्टी होने के साथ सेहत के लिए भी फायदेमंद होते हैं. ऐसे ही फलों में स्ट्रॉबेरी भी एक है. इसका स्वाद खट्टा-मीठा होता है. स्ट्रॉबेरी अपने रंग, डिजाइन और टेस्ट तीनों की वजह से लोगों के बीच खास बनी हुई है. इसके फ्लेवर्स के डिशेज बच्चों को काफी पसंद होते हैं. इसका फ्लेवर इतना स्ट्रॉन्ग होता है कि इसे शेक, केक, चॉकलेट्स समेत कई चीजों में इस्तेमाल किया जाता है. हालांकि, यह डिशेज इतने हेल्दी न हों, लेकिन ताजे-ताजे लाल-लाल स्ट्रॉबेरी स्वाद के साथ-साथ सेहत के लिए भी असरदार हो सकते हैं. दरअसल, स्ट्रॉबेरी एंटीऑक्सीडेंट् और पॉलीफेनोक गुणों से भरपूर होता है, जो कई स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने में प्रभावी हो सकता है. इसमें मौजूद विटामिन सी वजन कम करने से लेकर कैंसर से बचाव कर सकता है।

     
    स्ट्रॉबेरी खाने के 5 चमत्कारी लाभ
     
    इम्यूनिटी बढ़ाए: हेल्थलाइन के मुताबिक, विटामिन सी भरपूर स्ट्रॉबेरी खाने से इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद मिलती है. साथ ही आपको इंफेक्शन से दूर रखती है. बता दें कि, इसका लाभ लेने के लिए आप दिन में एक कप स्ट्रॉबेरी का सेवन कर सकते हैं. इसको सर्दियों में खाना अधिक फायदेमंद है।
     
    हार्ट को हेल्दी रखे: दिल की बीमारियों के दो सबसे बड़े कारण ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस और इनफ्लेमेशन हैं. इन दोनों से बचाव करने में स्ट्रॉबेरी अहम भूमिका निभा सकती है. दरअसल, स्ट्रॉबेरी में मौजूद फ्लेवोनॉइड्स और एंटीऑक्सीडेंट्स बैड कॉलेस्ट्रॉल से बचाव करता है जिससे धमनियां ब्लॉक होने से बच जाती हैं।
     
    शुगर कंट्रोल करे: स्ट्रॉबेरी का सेवन डायबिटीज में भी फायदेमंद होता है. दरअसल, स्ट्रॉबेरी में 40 ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है, जो काफी कम है. इसका सीधा मतलब है कि डायबिटीज़ के मरीज बेफिक्र होकर इसे खा सकते हैं. इसके अलावा, नियमित रूप से स्ट्रॉबेरी खाने से टाइप 2 डायबिटीज़ का जोखिम भी कम होता है।
     
    वजन घटाए: शरीर के बढ़ते वजन को कम करने के लिए स्ट्रॉबेरी असरदार है. दरअसल, स्ट्रॉबेरी में कैलोरी कम होती है. फाइबर युक्त स्ट्रॉबेरी खाने के बाद पेट काफी देर तक भरा रहता है और आप अनहेल्दी स्नैक खाने से बच जाते हैं. साथ ही इसमें पाया जाने वाला विटामिन सी आपका मेटाबॉलिज़्म तेज़ कर सकता है, जिससे शरीर तेजी से कैलोरी बर्न करता है।
     
    कैंसर से बचाव करे: कैंसर से बचाव करने में स्ट्रॉबेरी को असरदार माना जाता है. दरअसल, स्ट्रॉबेरी में पाए जाने वाले हाई एंटीऑक्सीडेंट कैंसर से बचाव करते हैं. इसके अलावा, स्ट्रॉबेरी में ल्यूटेन  और जीथानेसिन्स जैसे एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो कैंसर सेल्स के विकास को रोकते में मदद करते हैं। 

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  • छोड़िए अंडा और चिकन, इन 5 शाकाहारी फूड्स से मिलेगा भरपूर प्रोटीन, शरीर को मिलेंगे चमत्कारी फायदे

    28-Sep-2023

    शरीर को स्वस्थ और तंदुरुस्त बनाए रखने के लिए पोषक तत्वों से भरपूर डाइट लेने की सलाह दी जाती है. प्रोटीन हमारे शरीर के विकास के लिए बेहद जरूरी पोषक तत्व है, जिसकी कमी पूरी करने के लिए तमाम लोग नॉनवेज फूड्स का सेवन करते हैं. अंडा को भी प्रोटीन का बेहतरीन सोर्स माना जा सकता है. हालांकि कई लोग नॉनवेज और अंडा का सेवन नहीं करते हैं और शाकाहारी फूड्स पर निर्भर रहते हैं. ऐसे लोगों को प्रोटीन की कमी की चिंता सताती रहती है, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि तमाम वेज फूड्स में अंडा और चिकन से ज्यादा प्रोटीन होता है. इन फूड्स का सेवन करने से शरीर बेहद मजबूत बन जाएगा और आपको चमत्कारी फायदे मिल सकते हैं।

     
    शरीर की कोशिका वृद्धि और विकास के लिए आवश्यक हैं. अगर हम कम मात्रा में प्रोटीन का सेवन करते हैं, तो इससे मसल्स को काफी नुकसान हो सकता है. बीमारियों से उबर रहे लोगों के लिए हाई प्रोटीन डाइट रिकवरी स्पीड को तेज कर सकती है. प्रोटीन सिर्फ एक पोषक तत्व नहीं है, बल्कि आपके अस्तित्व के लिए एक बिल्डिंग ब्लॉक है. यह आपके बालों और नाखूनों से लेकर खून, स्किन, हड्डियों और शरीर की सभी सेल्स को बनाने और उनकी फंक्शनिंग बरकरार रखने के लिए जरूरी होता है. स्वस्थ रहने के लिए लोगों को प्रोटीन से भरपूर डाइट लेनी चाहिए।
     
    इन 5 फूड्स से मिलेगा भरपूर प्रोटीन
    सोयाबीन में प्रोटीन की भरपूर मात्रा पाई जाती है. शाकाहारी लोगों के लिए सोयाबीन प्रोटीन का सबसे अच्छा सोर्स माना जा सकता है. सोयाबीन खाने से शरीर को प्रोटीन के साथ जरूरी अमीनो एसिड भी मिलते हैं. सोयाबीन से बने 100 ग्राम टोफू में करीब 12 से 20 ग्राम प्रोटीन होता है. सोया मिल्क में भी भरपूर मात्रा में प्रोटीन होता है।
    प्रोटीन की कमी पूरी करने के लिए लोगों को दाल का खूब सेवन करना चाहिए. दालों को प्रोटीन से भरपूर फूड माना जाता है. करीब 200 ग्राम दाल में 18 से 20 ग्राम प्रोटीन होता है. दालों में फाइबर, फोलेट, मैंगनीज और आयरन की अच्छी मात्रा होती है, जिनसे शरीर मजबूत होता है. इससे कई गंभीर बीमारियों से बचाव होता है।
    फलियों को प्रोटीन का बेहतरीन सोर्स माना जा सकता है. सभी तरह की हरी फलियों में भरपूर पोषक तत्व होते हैं, जो ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल कम करने में मदद करते हैं. करीब 170 ग्राम पकी हुई फलियों में 15 ग्राम प्रोटीन होता है. इनका सेवन करने से मोटापा कम होता है और कई फायदे मिलते हैं.
    आपको जानकर हैरानी होगी कि दलिया में भी प्रोटीन की अच्छी मात्रा होती है. अगर आप प्रोटीन की कमी से जूझ रहे हैं, तो आप दलिया का सेवन शुरू कर सकते हैं. दलिया का सेवन करने से लोगों को भरपूर मात्रा में प्रोटीन और फाइबर मिल सकता है. करीब 40 ग्राम ओट्स में 5 ग्राम प्रोटीन और 4 ग्राम फाइबर होता है. क्विनोआ को भी प्रोटीन का अच्छा स्रोत माना जाता है.
    चिया सीड्स में भी प्रोटीन की भरपूर मात्रा होती है. करीब 100 ग्राम चिया सीड्स में 17 ग्राम प्रोटीन की मात्रा होती है. अगर आप रोज एक चम्मच चिया सीड्स का सेवन करेंगे, तो आपके शरीर में प्रोटीन की कभी भी कमी नहीं होगी. इसके अलावा हरी मटर, अखरोट, फल और सब्जियों में खूब प्रोटीन होती है

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  • 5 जड़ी बूटियों से एंजायटी को कहें गुडबाय, तनाव से भी मिलेगा छुटकारा, मूड रहेगा हमेशा रिलैक्स और स्ट्रेस फ्री

    15-Sep-2023

    नई दिल्ली 15 सितम्बर 2023। आजकल की स्ट्रेस फुल लाइफस्टाइल में कई लोग डिप्रेशन और एंजायटी जैसी परेशानियों (Anxiety problem) का शिकार हो जाते हैं. हालांकि, एंजायटी की दवाइयां खाने से हेल्थ पर कुछ साइड इफेक्ट्स भी देखने को मिल सकते हैं, जिसके चलते कई लोग एंजायटी से डील करने के लिए जड़ी-बूटियों और नेचुरल हर्ब्स की मदद लेना पसंद करते हैं. ऐसे में आप भी इनका सेवन करके एंजायटी को हमेशा के लिए गुडबाय कह सकते हैं.

     
    नेचुरल हर्ब्स से कैसे कम होगी एंजायटी
    नेचुरल हर्ब्स का सेवन करने से बॉडी में स्ट्रेस रिलीज करने वाले हार्मोन्स कम हो जाते हैं, जिससे आप जल्दी ही चिंता और तनाव मुक्त हो सकते हैं. वहीं, कुछ जड़ी बूटियां खाने से दिमाग में अमीनोब्यूट्रिक एसिड की मात्रा बढ़ने लगती है, जिससे आपका दिमाग काफी रिलैक्स महसूस करता है और आपको पर्याप्त नींद लेने में भी मदद मिलती है।
     
    अश्वगंधा
    भारतीय आयुर्वेद में अश्वगंधा का इस्तेमाल सदियों से किया जाता रहा है. स्ट्रेस और एंजायटी से लड़ने के लिए अश्वगंधा का सेवन बेस्ट होता है. हर रोज अश्वगंधा खाने से ना सिर्फ स्लीप क्वालिटी बेहतर होती है बल्कि तनाव और चिंता भी कम होने लगती है।
     
    कैमोमाइल
    स्ट्रेस और एंजायटी से निजात पाने के लिए कैमोमाइल का सेवन भी कारगर नुस्खा साबित हो सकता है. कैमोमाइल को आप चाय, टैबलेय या स्किन क्रीम के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं. हर रोज 15,00 मिलीग्राम कैमोमाइल खाने से आपको एंजायटी डिसऑर्डर होने का खतरा नहीं रहता है. वहीं, एलर्जिक रिएक्शन से बचने के लिए भी कैमोमाइल का सेवन बेस्ट हो सकता है।
     
    लैवेंडर
    लैवेंडर का पौधा पुदीने की फैमिली से ताल्लुक रखता है. वहीं एंजायटी से छुटकारा पाने के लिए भी घर में लैवेंडर का पौधा लगाना अच्छा माना जाता है. इसके अलावा, लैवेंडर की चाय या लैवेंडर एसेंशियल ऑयल का इस्तेमाल करके भी आप खुद को चिंता मुक्त और रिलैक्स रख सकते हैं।
     
    गाल्फिमिया ग्लौका
    गाल्फिमिया ग्लौका के पौधे को मैक्सिको की मूल प्रजातियों में गिना जाता है. वहीं कई लोग सालों से इस पौधे का इस्तेमाल एंजायटी से राहत पाने के लिए करते आ रहे हैं. ऐसे में गाल्फिमिया ग्लौका की मदद से आप भी खुद को एंजायटी और स्ट्रस फ्री रख सकते हैं।

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  • विटमिन और मिनरल्स का पावर हाउस है यह साग, सेहत का रखता है खास ख्याल, गंभीर बीमारियों की कर देता है छुट्टी

    05-Sep-2023

    रायपुर / 5 सितंबर 2023। देशभर में साग को कई तरह से पारंपरिक तरीके से बनाकर खाया जाता है. ये खाने में जितने स्वादिष्ट, उतने ही सेहत के लिए फायदेमंद भी होते हैं. ज्यादातर घरों में सरसों, मेथी, बथुआ, पालक जैसे साग को बनाकर खाया जाता है. लेकिन क्या कभी आपने नारी का साग ट्राई किया है. नारी के साग को वाटर स्पिनेच और कलमी शाक के नाम से भी जाना जाता है. इस पॉपुलर हरी पत्तेदार सब्जी को बेसन के साथ पकौड़ियां बनाकर या सलाद के तौर पर खाया जाता है. इस बारहमासी पौधे की पत्तियों में पोषक तत्व भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं. इसके अलावा इसमें विटामिन-ए, सी, आयरन और पानी की उपलब्धता भी होती है, जो बॉडी, स्किन और ब्रेन के लिए एक पावरहाउस की तरह काम करते हैं. इसके सेवन से डायबिटीज जैसी बड़ी बीमारियों से राहत मिल सकती है।

     
    दिल को हेल्दी रखे: नारी के साग में विटामिन-ए, सी, मिनरल्स, बीटा-कैरोटीन जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं, जो दिल को स्वस्थ रखने में अहम भूमिका निभाते हैं. ये पोषक तत्व शरीर में एंटीऑक्सिडेंट के रूप में फ्री-रेडिकल्स को कम करने का कार्य करते हैं, जिससे कोलेस्ट्रॉल का लेवल कम होता है. दरअसल, वाटर स्पिनेच में पाया जाने वाला मैग्नीशियम ब्लड प्रेशर को कम करता है. इसके अलावा इसमें मौजूद फोलेट, होमोसिस्टीन जैसे केमिकल के खतरे को दूर करने में मदद करता है।
     
    डायबिटीज कंट्रोल करे: वाटर स्पिनेच यानी नारी की पत्तियों का सेवन डायबिटीज के लिए भी फायदेमंद माना जाता है. इन पत्तियों का सेवन करने से डायबिटीज से पैदा होने वाले ऑक्सीडेटिव तनाव के खिलाफ इम्यूनिटी सिस्टम को बूस्ट करने में मदद मिलती है. डायबिटीज से पीड़ित गर्भवती महिलाओं के इलाज के लिए भी वाटर स्पिनेच का इस्तेमाल किया जाता है. हालांकि, इस स्थिति में सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह बेहद जरूरी है।
     
    आंखों के लिए कारगर: नारी के साग में काफी मात्रा में विटामिन ए और कैरोटीनॉयड मौजूद होता है. ये आंखों की रोशनी बढ़ाने में मदद करता है. दरअसल, वाटर स्पिनेच ग्लूटाथियोन के लेवल को भी बढ़ाने में भी अहम भूमिका निभाती है, जो मोतियाबिंद और रतौंधी की समस्या को दूर करने में भी कारगर होती है।
     
    कोलेस्ट्रॉल घटाए: शरीर में बढ़ते कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने में नारी का साग बेहद कारगर माना जाता है. इसके सेवन से आप हार्ट से संबंधित बीमारियों से बचे रह सकते हैं. बता दें कि, वाटर स्पिनेच में मौजूद मैग्नीशियम ब्लड वेसेल्स को स्वस्थ रखता है, जिससे ब्लड सर्कुलेशन भी सही रहता है और दिल की बीमारियों का खतरा भी कम होता है।
     
    लिवर डिटॉक्स करे: वाटर स्पिनेच की पत्तियों का रस बॉडी को डिटॉक्सीफाई करके लिवर को नुकसान पहुंचने से बचाता है. इसके अलावा, नारी के साग में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट जॉन्डिस और लिवर की समस्याओं के इलाज के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं. इसके नियमित सेवन से जॉन्डिस की समस्या से राहत मिलती है।
     
    स्किन बनाए चमकदार: वाटर स्पिनेच में एंटीऑक्सीडेंट पर्याप्त मात्रा में मौजूद होते हैं, जो बॉडी में फ्री-रेडिकल्स से कोशिकाओं को होनेवाले नुकसान से बचाते हैं. इसके अलावा ये सूरज के संपर्क में आने से त्वचा को होनेवाले नुकसान (स्किन टोन, झुर्रियों, बलेमिशेस) से बचाकर त्वचा को जवां बनाए रखने में मदद करती है।
     
    खून की कमी सुधारे: नारी का साग शरीर में खून की कमी को दूर करने में मदद करता है. दरअसल, वाटर स्पिनेच में पर्याप्त मात्रा में आयरन की मौजूदगी होने से यह हीमोग्लोबिन की कमी से होने वाले एनीमिया रोग से बचाव करता है. आयरन शरीर में रेड ब्लड सेल्स द्वारा हीमोग्लोबिन का निर्माण करता है।
     
    इम्यूनिटी बूस्ट करे: नारी का साग विटामिन-सी और पोषक तत्वों से भरपूर होने के कारण यह इम्यून सिस्टम को बूस्ट करता है. यह हमारे शरीर के टॉक्सिन को खत्म करके हमें स्वस्थ रखता है. इसके अलावा ये फाइबर मेटाबोलिक रेट को भी बेहतर बनाने में मदद करता है. जिससे आप जो कुछ भी खाते हैं वो आसानी के साथ पच जाता है।

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  • भारत में प्लेटिना प्रोजेक्ट की हुई शुरुआत, कोरोना मरीजों के इलाज में मिलेगी मदद

    29-Jun-2020

                 नई दिल्ली : कोरोना (Coronavirus) संक्रमितों को स्वस्थ्य करने के लिए महाराष्ट्र (Maharashtra) सरकार ने अनोखी पहल की शुरुआत की है। सरकार ने कोरोना के हल्के और गंभीर लक्षण वाले मरीजों को प्लाजमा थेरेपी से इलाज करने का फैसला किया है।  बता दें कि दुनियाभर में प्लाजमा थेरेपी से सिर्फ कोरोना के हल्के लक्षण वाले मरीजों का इलाज होता है।  लेकिन महाराष्ट्र सरकार ने इस थेरेपी से गंभीर मरीजों का इलाज करना भी शुरू कर दिया है। 

                 डॉक्टरों का कहना है कि रोगियों को इससे लाभ मिल रहा है, और अब उसी को देखते हुए दुनिया के सबसे बड़े "प्लाज्मा थेरेपी परीक्षण केंद्र" यानी प्रोजेक्ट प्लैटिना की शुरुआत की है।  बताते चलें कि प्लाज्मा थेरेपी के साथ बड़े पैमाने पर प्रयोग करने वाला महाराष्ट्र देश का पहला राज्य है।  उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र के 23 मेडिकल कॉलेजों में प्लाज्मा थेरेपी की सुविधा उपलब्ध कराई है, जिसमें प्लाजमा डोनेशन, प्लाजमा बैंक, प्लाजमा ट्रायल और इमरजेंसी ऑथराइजेशन जैसी प्रक्रियाओं के तेज करने के सर्विस सेण्टर हैं।  बता दें कि केंद्र सरकार से अनुमति मिलने के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सोमवार को इसका ऑनलाइन उदघाटन किया है। 

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  • अमेरिकी स्वास्थ्य अधिकारियों का अनुमान है कि 20 मिलियन अमेरिकियों में कोरोनावायरस था

    26-Jun-2020

                   प्रशासन भी अपने वैज्ञानिक विशेषज्ञों को जनता के सामने वापस लाने के लिए देखता है क्योंकि यह महामारी के बारे में चिंताओं को दूर करने की कोशिश करता है जबकि राज्यों को फिर से खोलना शुरू कर देता है। मई के मध्य से, जब सरकार ने अर्थव्यवस्था को फिर से आगे बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर देना शुरू किया, तो पैनल के सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ महामारी के शुरुआती हफ्तों की तुलना में बहुत कम दिखाई दिए।

                बीस मिलियन संक्रमणों का अर्थ है कि देश के 331 मिलियन लोगों में से लगभग 6% संक्रमित हैं।
                सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के निदेशक डॉ। रॉबर्ट रेडफील्ड ने गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा, "यह स्पष्ट है कि इस राष्ट्र के कई लोग अभी भी अतिसंवेदनशील हैं।" "अभी हमारा सबसे अच्छा अनुमान है कि हर मामले की रिपोर्ट की गई थी, वास्तव में 10 और संक्रमण हैं।"
                इससे पहले, सीडीसी के अधिकारियों और देश के शीर्ष संक्रामक रोग विशेषज्ञ, डॉ। एंथोनी फौसी ने कहा है कि 25% संक्रमित लोगों में लक्षण नहीं हो सकते हैं।
                जॉन्स हॉपकिन्स ब्लूमबर्ग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के वाइस डीन डॉ। जोशुआ शर्फस्टीन ने कहा, "लोगों की एक बड़ी संख्या अभी भी असुरक्षित है।" "यह अभी भी एक संभावित घातक बीमारी बनी हुई है। यह बीमारी पाने वाले हर व्यक्ति के लिए पासा का एक रोल है। इसके अलावा, आप अन्य लोगों के लिए पासा भी चला रहे हैं, जिन्हें आप वायरस दे सकते हैं।"
                नया अनुमान राष्ट्रव्यापी एकत्र किए गए रक्त नमूनों के सीडीसी अध्ययनों पर आधारित है - कुछ सीडीसी और अन्य द्वारा रक्त दान और अन्य स्रोतों से। शुरुआती परीक्षण में कई संक्रमणों को नहीं पकड़ा गया, जब आपूर्ति सीमित थी और संघीय अधिकारियों ने लक्षणों वाले लोगों के लिए परीक्षण को प्राथमिकता दी थी।
                 प्रशासन के अधिकारी सार्वजनिक चिंताओं को दूर करने के लिए नए डेटा की ओर इशारा कर रहे हैं, जिसमें दावा किया गया है कि जब महत्वपूर्ण स्पाइक्स थे, तो उनके हाथ में प्रकोप अच्छी तरह से थे। उन्होंने कहा कि वे सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट को कम करने की कोशिश नहीं कर रहे हैं, लेकिन कहा कि राष्ट्र वायरस के साथ एक अलग स्थान पर है जब अमेरिका ने आखिरी बार अप्रैल के मध्य में इसी तरह के संक्रमण संख्या को देखा था, जब बुनियादी ढांचे का परीक्षण कमजोर था। अधिकारियों ने बुधवार देर रात नाम न छापने की शर्त पर इस मामले पर खुलकर चर्चा की।
                  रेडफील्ड ने गुरुवार को संवाददाताओं से कहा, "यह अभी भी गंभीर है।" "लेकिन मैं लोगों को यह पहचानने के लिए कह रहा हूं कि हम मार्च या अप्रैल की तुलना में आज एक अलग स्थिति में हैं," अधिक मामलों के साथ आज युवा लोगों में जो गंभीर बीमारी विकसित करने या संक्रमण से मरने की संभावना नहीं है, उन्होंने कहा। 

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