पनीर की सब्जी अक्सर किसी भी खास मौके पर बनाई जाती है. पनीर की सब्जी की कई किस्में प्रचलित हैं, इनमें से काजू पनीर की सब्जी बहुत पसंद की जाती है. काजू पनीर की सब्जी बहुत स्वादिष्ट होती है और इसका स्वाद बच्चों को भी बहुत पसंद आता है. काजू पनीर की सब्जी का असली स्वाद इसकी ग्रेवी में होता है जो सब्जी के स्वाद को कई गुना बढ़ा देता है. ऐसे में अगर आप स्वादिष्ट काजू पनीर की सब्जी खाना चाहते हैं तो इसकी ग्रेवी ठीक से तैयार करना जरूरी है.आज हम आपको काजू पनीर की सब्जी और इसकी ग्रेवी बनाने का आसान तरीका बताएंगे. इस सब्जी को लंच या डिनर में कभी भी बनाकर परोसा जा सकता है. अगर आपने कभी इस सब्जी को घर पर नहीं खाया है तो हमारे द्वारा बताया गया तरीका आपके बहुत काम आ सकता है। आइए जानते हैं काजू पनीर सब्जी की ग्रेवी बनाने की रेसिपी.
पुदीने की पत्तियों का इस्तेमाल चाय से लेकर टूथपेस्ट तक हर चीज में किया जाता है। मौसम चाहे कोई भी हो, पुदीने की पत्तियां असरदार होती हैं। आयुर्वेद में पुदीने की पत्तियों को औषधि बताया गया है। ऐसे में इस पत्ते का उपयोग करने से आपके लक्षणों से राहत मिलेगी।
सर्दियों में देसी घी का इस्तेमाल आपकी त्वचा को कई फायदे पहुंचा सकता है। जब मौसम बदलता है तो त्वचा में खिंचाव आने लगता है। विशेषकर सर्दियों में त्वचा शुष्क हो जाती है। अगर आप सर्दियों में भी अपने रंग को चमकदार बनाए रखना चाहते हैं तो आपको महंगी क्रीम या फेशियल ट्रीटमेंट की जरूरत नहीं है। ये देसी घी ब्यूटी टिप्स आपकी त्वचा को ऐसी अद्भुत चमक दे सकते हैं कि हर कोई आपसे पूछेगा कि यह चमक कहां से आती है… देसी घी के बारे में और पढ़ें जो आपकी त्वचा को और भी सुंदर और चमकदार बना देगा। आवेदन पत्र।
शरीर के महत्वपूर्ण अंगों की बात करें तो उसमें लिवर भी शामिल है। यह भोजन को पचाने में सहायता करता है और विषाक्त पदार्थ बाहर निकालता है। एनर्जी को स्टोर करता है और प्रोटीन को स्टोर करके मेटाबॉल्जिम को बढ़ावा देता है। ऐसे में शरीर के स्वस्थ होने के साथ-साथ इसका भी स्वस्थ होना जरुरी है परंतु आजकल के खराब लाइफस्टाइल और गलत खान-पान के कारण लिवर कमजोर होने लगता है जिसके कारण कई तरह की बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है। अपनी डाइट का ध्यान रखकर आप लिवर को मजबूत और स्वस्थ बना सकते हैं। कुछ सब्जियां ऐसी होती हैं जो लिवर को हेल्दी रखने के अलावा उसे किसी तरह के डैमेज से भी बचाती है। नियमित इन सब्जियों का सेवन करने से आप कई समस्याओं से बच सकते हैं।
मुंबई । एक देशव्यापी सर्वे ‘स्टार’ में रोजाना हाई-फाइबर सप्लीमेंट का सेवन करने से डायबिटीज के मरीजों को होने वाले फायदे सामने आए हैं। टाइप 2 डायबिटीज के 3,042 मरीजों और 152 डॉक्टरों के बीच इस सर्वे को अंजाम दिया गया। सर्वे के नतीजे हाल ही में इंडियन जर्नल ऑफ क्लीनिकल प्रैक्टिस में प्रकाशित किए गए हैं। सर्वे में पाया गया कि रोजाना हाई-फाइबर डाइटरी सप्लीमेंट के सेवन से ब्लड ग्लूकोज लेवल को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। सर्वे में शामिल डायबिटीज के मरीजों को दो समूह में बांटा गया था। इनमें से एक समूह कम से कम पिछले तीन महीने से एक विशेष हाई-फाइबर सप्लीमेंट का सेवन कर रहा था, जबकि दूसरे समूह के लोग किसी हाई-फाइबर सप्लीमेंट का सेवन नहीं कर रहे थे। इसमें पाया गया कि जो मरीज तीन महीने या इससे ज्यादा समय से हाई-फाइबर सप्लीमेंट का सेवन कर रहे थे, उनका एचबीए1सी उल्लेखनीय रूप से कम रहा, उनका वजन भी कम हुआ और दूसरे समूह के लोगों की तुलना में ऐसे लोग ज्यादा संतुष्ट थे। दुनियाभर में कई क्लीनिकल अध्ययनों में डायबिटीज के मैनेजमेंट में हाई-फाइबर डाइट की उल्लेखनीय भूमिका सामने आ चुकी है। आरएसएसडीआई और अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन जैसे संस्थान भी सुझाव देते हैं कि डायबिटीज से पीड़ित लोगों को अपने खानपान में फाइबर की मात्रा बढ़ानी चाहिए। आरएसएसडीआई भारत में प्रत्येक डायबिटीज पीड़ित व्यक्ति को रोजाना 25 से 40 ग्राम फाइबर के सेवन का सुझाव देता है, जबकि असल में इसकी तुलना में अलग-अलग सामाजिक परिवेश में फाइबर का वास्तवित सेवन औसतन 15 से 40 ग्राम प्रतिदिन के बराबर ही है। इसका अर्थ है कि भारत में डायबिटीज से पीड़ित हर व्यक्ति फाइबर की जरूरी मात्रा का सेवन नहीं कर रहा है। ‘स्टार’ सर्वे से सामने आया है कि कैसे हाई-फाइबर डाइटरी सप्लीमेंट इस कमी को पूरा करने में भूमिका निभा सकते हैं और मरीजों को प्रभावी तरीके से डायबिटीज मैनेज करने में मदद कर सकते हैं।
चाय की शुरुआत : हमारे दिन की शुरुआत एक कप चाय से होती है। अगर कोई ऐसा दिन हो जब चाय ना पिए तो वो दिन ही अधूरा लगता है. चाय हमारे जीवन और आहार का इतना अनिवार्य हिस्सा बन गई है इसके बिना हम रहना ही नहीं चाहते है। भारतीय की पहली पसंद है चाय। घर आये मेहमान हो या दोस्त हो हर जगह चाय होती है ,जानिए आखिर कैसे चाय की शुरुआत हुई।
अधिक जानकारी अधिक जानकारी च अपने पूर्ण लग सक ता है। , और अधिक चीनी और सामान्य से अधिक शराब का सेव न करना। इनके परिणामस्वरूप वजन बढ़ सकता है, सोने में तनाव हो सकता है और अधिक तनाव महसूस हो सकता है ज इस्का आपका शरीर पी रॉडेंड्र
बिलासपुर 25 अक्टूबर 2023। बदलते मौसम में लोग सर्दी, खांसी और फ्लू जैसी बीमारियां का शिकार हो रहे हैं। इससे बचने के लिए आपको डॉक्टर के चक्कर नहीं लगाने पड़ेगे और घर बैठे ही immunity स्ट्रांग होगी, अगर बस आप चाय में ये एक चीज डाल लेंगी। हम बात कर रहे हैं गुड़ की। गुड़ में भरपूर मात्रा में प्रोटीन, विटामिन बी12, कैल्शियम, आयरन, विटामिन सी जैसे तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर को स्वस्थ रखने में मददगार है। वहीं आगे वाली सर्दियों में वो सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है।
शरीर के महत्वपूर्ण अंगों की बात करें तो उसमें लिवर भी शामिल है। यह भोजन को पचाने में सहायता करता है और विषाक्त पदार्थ बाहर निकालता है। एनर्जी को स्टोर करता है और प्रोटीन को स्टोर करके मेटाबॉल्जिम को बढ़ावा देता है। ऐसे में शरीर के स्वस्थ होने के साथ-साथ इसका भी स्वस्थ होना जरुरी है परंतु आजकल के खराब लाइफस्टाइल और गलत खान-पान के कारण लिवर कमजोर होने लगता है जिसके कारण कई तरह की बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है। अपनी डाइट का ध्यान रखकर आप लिवर को मजबूत और स्वस्थ बना सकते हैं। कुछ सब्जियां ऐसी होती हैं जो लिवर को हेल्दी रखने के अलावा उसे किसी तरह के डैमेज से भी बचाती है। नियमित इन सब्जियों का सेवन करने से आप कई समस्याओं से बच सकते हैं।
रायपुर। सर्दी अपने साथ कई तरह की बीमारियों को साथ लेकर आती है. क्योंकि इस समय गर्मी की विदाई होती है सर्दी का आगमन होता है. इस उतार-चढ़ाव मौसम में सेहत को फिट रख पाना सबसे मुश्किल भरा काम है. खासतौर पर किसी बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को. इसकी एक वजह उनका कमजोर इम्यूनिटी का होना भी कहा जा सकता है. ऐसे में अगर हम डेली डाइट में हेल्दी चीजों को शामिल करें और भरपूर एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन और मिनरल्स वाली चीजें लें, तो सर्दी में हेल्दी बने रहेंगे. इसके लिए लोग कई तरह की चीजों का सेवन करते हैं. लेकिन गाजर और चुकंदर का जूस अधिक फायदेमंद हो सकता है। दरअसल, गाजर में विटामिन-ए, बी, ई, कैल्शियम, फाइबर और प्रोटीन जैसे पोषक कई तत्व पाए जाते हैं. वहीं, चुकंदर आयरन का अच्छा स्रोत है, साथ ही सोडियम, पोटेशियम, फाइबर और नेचुरल शुगर भी अच्छी मात्रा में पाया जाता है. ऐसे में इन दोनों जूस को मिक्स करके पीने से हमारी हेल्थ ठीक बनी रहती है. इन दोनों जूस का कॉम्बिनेशन हमें कई गंभीर बीमारियों से बचा सकता है।
रायपुर। शरीर की फिटनेस बरकरार रखने के लिए हड्डियों का हेल्दी रहना बेहद जरूरी है. ऐसे में हड्डियों की विशेष केयर करना चाहिए. दरअसल, कई बार हम अपनी हड्डियों की सेहत को नजरअंदाज कर जाते हैं, जिसका नतीजा यह होता कि हम जोड़ों के दर्द, अर्थराइटिस, ऑस्टियोपोरोसिस और हड्डियों से जुड़ी अन्य गंभीर समस्याओं के शिकंजे में आ जाते हैं. वैसे तो ये परेशानी उम्र बढ़ने की निशानी है, लेकिन आजकल सेहत की अनदेखी से कम उम्र के लोगों में भी देखने को मिलती है. इससे रोजमर्रा के काम करने में भी दिक्कत हो सकती है. इससे निजात पाने के लिए लोग तरह-तरह के सप्लीमेंट्स भी लेते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए कुछ आयुर्वेद हर्ब्स आपकी मदद कर सकते हैं. ये आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का सेवन करने से हड्डियों और जोड़ों में दर्द की समस्या भी दूर हो सकती है।
बिलासपुर। किडनी या गुर्दा हमारे शरीर के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण अंग है. अगर हमारी किडनियां काम करना बंद कर दें तो हम कुछ घंटे में ही दम तोड़ सकते हैं. इसका कारण है कि किडनी शरीर के लिए आवश्यक चीजों को छानकर शरीर की गंदगी और टॉक्सिन या जहर को पेशाब के रास्ते बाहर निकाल देती है. लेकिन जब हम अनहेल्दी फूड का सेवन ज्यादा करने लगेंगे तो इतनी ज्यादा मात्रा में गंदगी की सफाई करने में किडनी असमर्थ होने लगती है. फिर गंदगी किडनी के अंदर घुसने लगती है. किडनी का फंक्शन सही से नहीं होगा तो शरीर में बने ज्यादा मिनिरल्स, केमिकल्स, सोडियम, कैल्शियम, पानी, फॉस्फोरस, पोटैशियम, ग्लूकोज आदि का फ्लश आउट नहीं हो पाएगा. इसलिए किडनी की सफाई भी जरूरी है. इसके लिए ये कारामाती सब्जियां बहुत काम आएंगी।
रायपुर। आपने गुड़ तो बहुत खाया होगा, लेकिन क्या आपने काला गुड़ खाया है? मूल रूप से, काला गुड़ गन्ने के रस या ताड़ के रस से बनाया जाने वाला पारंपरिक गुड़ है। इस दौरान इसे न तो परिष्कृत किया जाता है और न ही संसाधित किया जाता है। फिर इसे काफी समय तक ऐसे ही रखा जाता है. यह जितना पुराना होता है, इसका रंग उतना ही गहरा होता जाता है। साथ ही इसकी पौष्टिकता भी बढ़ जाती है. जैसे लौह तत्व, पोटैशियम और इसके मूत्रवर्धक गुण। तो फिर इसका सेवन करने से कुछ बीमारियों से बचने में मदद मिलती है, जानिए कैसे और विस्तार से।
रायपुर। हमारे आसपास कई ऐसे साधारण फल हैं, जो खाने में टेस्टी होने के साथ सेहत के लिए भी फायदेमंद होते हैं. ऐसे ही फलों में स्ट्रॉबेरी भी एक है. इसका स्वाद खट्टा-मीठा होता है. स्ट्रॉबेरी अपने रंग, डिजाइन और टेस्ट तीनों की वजह से लोगों के बीच खास बनी हुई है. इसके फ्लेवर्स के डिशेज बच्चों को काफी पसंद होते हैं. इसका फ्लेवर इतना स्ट्रॉन्ग होता है कि इसे शेक, केक, चॉकलेट्स समेत कई चीजों में इस्तेमाल किया जाता है. हालांकि, यह डिशेज इतने हेल्दी न हों, लेकिन ताजे-ताजे लाल-लाल स्ट्रॉबेरी स्वाद के साथ-साथ सेहत के लिए भी असरदार हो सकते हैं. दरअसल, स्ट्रॉबेरी एंटीऑक्सीडेंट् और पॉलीफेनोक गुणों से भरपूर होता है, जो कई स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने में प्रभावी हो सकता है. इसमें मौजूद विटामिन सी वजन कम करने से लेकर कैंसर से बचाव कर सकता है।
शरीर को स्वस्थ और तंदुरुस्त बनाए रखने के लिए पोषक तत्वों से भरपूर डाइट लेने की सलाह दी जाती है. प्रोटीन हमारे शरीर के विकास के लिए बेहद जरूरी पोषक तत्व है, जिसकी कमी पूरी करने के लिए तमाम लोग नॉनवेज फूड्स का सेवन करते हैं. अंडा को भी प्रोटीन का बेहतरीन सोर्स माना जा सकता है. हालांकि कई लोग नॉनवेज और अंडा का सेवन नहीं करते हैं और शाकाहारी फूड्स पर निर्भर रहते हैं. ऐसे लोगों को प्रोटीन की कमी की चिंता सताती रहती है, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि तमाम वेज फूड्स में अंडा और चिकन से ज्यादा प्रोटीन होता है. इन फूड्स का सेवन करने से शरीर बेहद मजबूत बन जाएगा और आपको चमत्कारी फायदे मिल सकते हैं।
नई दिल्ली 15 सितम्बर 2023। आजकल की स्ट्रेस फुल लाइफस्टाइल में कई लोग डिप्रेशन और एंजायटी जैसी परेशानियों (Anxiety problem) का शिकार हो जाते हैं. हालांकि, एंजायटी की दवाइयां खाने से हेल्थ पर कुछ साइड इफेक्ट्स भी देखने को मिल सकते हैं, जिसके चलते कई लोग एंजायटी से डील करने के लिए जड़ी-बूटियों और नेचुरल हर्ब्स की मदद लेना पसंद करते हैं. ऐसे में आप भी इनका सेवन करके एंजायटी को हमेशा के लिए गुडबाय कह सकते हैं.
रायपुर / 5 सितंबर 2023। देशभर में साग को कई तरह से पारंपरिक तरीके से बनाकर खाया जाता है. ये खाने में जितने स्वादिष्ट, उतने ही सेहत के लिए फायदेमंद भी होते हैं. ज्यादातर घरों में सरसों, मेथी, बथुआ, पालक जैसे साग को बनाकर खाया जाता है. लेकिन क्या कभी आपने नारी का साग ट्राई किया है. नारी के साग को वाटर स्पिनेच और कलमी शाक के नाम से भी जाना जाता है. इस पॉपुलर हरी पत्तेदार सब्जी को बेसन के साथ पकौड़ियां बनाकर या सलाद के तौर पर खाया जाता है. इस बारहमासी पौधे की पत्तियों में पोषक तत्व भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं. इसके अलावा इसमें विटामिन-ए, सी, आयरन और पानी की उपलब्धता भी होती है, जो बॉडी, स्किन और ब्रेन के लिए एक पावरहाउस की तरह काम करते हैं. इसके सेवन से डायबिटीज जैसी बड़ी बीमारियों से राहत मिल सकती है।
नई दिल्ली : कोरोना (Coronavirus) संक्रमितों को स्वस्थ्य करने के लिए महाराष्ट्र (Maharashtra) सरकार ने अनोखी पहल की शुरुआत की है। सरकार ने कोरोना के हल्के और गंभीर लक्षण वाले मरीजों को प्लाजमा थेरेपी से इलाज करने का फैसला किया है। बता दें कि दुनियाभर में प्लाजमा थेरेपी से सिर्फ कोरोना के हल्के लक्षण वाले मरीजों का इलाज होता है। लेकिन महाराष्ट्र सरकार ने इस थेरेपी से गंभीर मरीजों का इलाज करना भी शुरू कर दिया है।
प्रशासन भी अपने वैज्ञानिक विशेषज्ञों को जनता के सामने वापस लाने के लिए देखता है क्योंकि यह महामारी के बारे में चिंताओं को दूर करने की कोशिश करता है जबकि राज्यों को फिर से खोलना शुरू कर देता है। मई के मध्य से, जब सरकार ने अर्थव्यवस्था को फिर से आगे बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर देना शुरू किया, तो पैनल के सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ महामारी के शुरुआती हफ्तों की तुलना में बहुत कम दिखाई दिए।
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