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17-Apr-2024 4:44:07 pm

छत्तीसगढ़ी कला संस्कृति ही प्रदेश की पहचान है: मंजू लता मेरसा

छत्तीसगढ़ी कला संस्कृति ही प्रदेश की पहचान है: मंजू लता मेरसा

बिलासपुर, छत्तीसगढ़। गोपाल किरण समाज सेवी संस्था के तत्वावधान में जेपी वर्मा कॉलेज में सेमिनार व पुस्तक विमोचन समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में जेपी वर्मा कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ एस एल निराला, रिटायर्ड जेल अधीक्षक राजेंद्र रंजन गायकवाड, डीएसपी अनिता प्रभामिंज, लक्ष्मणेश्वर कॉलेज खरौद के डॉ जीसी भारद्वाज, शिक्षिका जलेश्वरी गेंदले विशेष रूप से उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था के अध्यक्ष श्रीप्रकाश निमराजे ने की। शिक्षाविदों ने प्रजातंत्रिक मूल्यों के विकास में डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर के योगदान पर अपने अपने विचार प्रकट किये। इस अवसर पर दो पुस्तकों संविधान जनक डाॅ बीआर अम्बेडकर (साझा संग्रह) अधि. मणिशंकर दिवाकर संपादक, सह संपादक मंजू लता मेरसा,व संयोजक उमाशंकर दिवाकर और "कला संस्कृति" मंजू लता मेरसा (कृष्णा मानसी), संग्रह का विमोचन किया गया। मंजूलता मेरसा ने बताया कि कृष्णा मानसी मेरा उपनाम है। मै कवियित्री हूँ और मुझे प्रकृति से प्रेम है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ी कला व संस्कृति ही प्रदेश की पहचान है। अपनी कविताओं में प्राकृतिक सौंदर्य व मानवीय भावनाओं को जोड़ने का प्रयास करती हूं। मैं महिला सशक्तिकरण, बालिका शिक्षा, पंथी भजन छत्तीसगढ़ के ऊपर गीत, कविता, प्रेम गीत व मानवीय पहलुओं पर रचनाएं करने का प्रयास करती हूँ। संविधान जनक डॉक्टर भीमराव "राजकीय एवं राष्ट्रीय साझा संग्रह" पुस्तक में कवियों व लेखकों द्वारा लेख व गीतों की प्रस्तुति है। बोधिसत्व, सिम्बल ऑफ नॉलेज,भारत रत्न डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी के महान कार्यों, बलिदानों व उनके ज्ञान, तपस्या, विचारों उनके द्वारा लिखित संविधान की महिमा की गाथा का वर्णन कवियों, लेखकों व गीतकारों के द्वारा किया गया है। कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ की कला संस्कृति को नृत्य, कविता, गीत के माध्यम से प्रस्तुत किया गया जिसमें तखतपुर ब्लॉक की शिक्षिका श्रुति कोरी, कविता श्रीवास, ममता बैरागी के द्वारा स्वागत नृत्य प्रस्तुत किया गया। इसी क्रम में सरिता निरंकारी, मीणा दिवाकर के द्वारा छत्तीसगढ़ महतारी की वंदना कर नृत्य पेश किया गया। नृत्य के इसी कड़ी में सलका नवागांव हायर सेकेंडरी स्कूल की छात्राओं के द्वारा बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जी के महिमा बखान पर एक नृत्य प्रस्तुत किया गया। छत्तीसगढ़ के साथ ही अन्य राज्यों से आए वक्ताओं, लेखकों, कवियों व गीतकारों ने नृत्य कार्यक्रमों की प्रशंसा की गई। इस अवसर पर रिटायर्ड अपर कलेक्टर एम आर चेलक व एस आर कुर्रे भी विशेष रूप से उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन व्याख्याता मंजू लता मेरसा व बेमेतरा के अधि. मणिशंकर दिवाकर ने आभार व्यक्त किया। 


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