बीजापुर। कुर्रगुट्टालू पहाड़ अब फोर्स की निगरानी में है, अमित शाह ने बड़े ऑपरेशन की बधाई देते हुए कहा, NaxalFreeBharat के संकल्प में एक ऐतिहासिक सफलता प्राप्त करते हुए सुरक्षा बलों ने नक्सलवाद के विरुद्ध अब तक के सबसे बड़े ऑपरेशन में छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा के कुर्रगुट्टालू पहाड़ (KGH) पर 31 कुख्यात नक्सलियों को मार गिराया। जिस पहाड़ पर कभी लाल आतंक का राज था, वहाँ आज शान से तिरंगा लहरा रहा है। कुर्रगुट्टालू पहाड़ PLGA बटालियन 1, DKSZC, TSC & CRC जैसी बड़ी नक्सल संस्थाओं का Unified Headquarter था, जहाँ नक्सल ट्रेनिंग के साथ-साथ रणनीति और हथियार भी बनाए जाते थे।
नक्सल विरोधी इस सबसे बड़े अभियान को हमारे सुरक्षा बलों ने मात्र 21 दिनों में पूरा किया और मुझे अत्यंत हर्ष है कि इस ऑपरेशन में सुरक्षा बलों में एक भी casualty नहीं हुई। खराब मौसम और दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र में भी अपनी बहादुरी और शौर्य से नक्सलियों का सामना करने वाले हमारे CRPF, STF और DRG के जवानों को बधाई देता हूँ। पूरे देश को आप पर गर्व है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हम नक्सलवाद को जड़ से मिटाने के लिए संकल्पित हैं। मैं देशवासियों को पुनः विश्वास दिलाता हूँ कि 31 मार्च 2026 तक भारत का नक्सलमुक्त होना तय है।
बीजापुर। जिले में पिछले दो सप्ताह से जारी अभियान के दौरान नक्सलियों द्वारा लगाए गए प्रेशर बम की चपेट में आने से रविवार को विशेष कार्य बल (एसटीएफ) के दो जवान घायल हो गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि जिले के कर्रेगुट्टा की पहाड़ियों और छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर स्थित पहाड़ियों में नक्सलियों के खिलाफ 21 अप्रैल को ‘मिशन संकल्प’ नामक अभियान शुरू किया गया, जिसमें लगभग 24 हजार जवान शामिल हैं। उन्होंने बताया कि अभियान के दौरान रविवार को प्रेशर बम में विस्फोट होने से एसटीएफ के दो जवान मामूली रूप से घायल हो गए। अधिकारियों ने बताया, ‘‘घायल जवानों का स्थानीय अस्पताल में इलाज किया गया तथा बेहतर चिकित्सा के लिए रायपुर के अस्पताल में भेजा गया है।’’ उन्होंने बताया कि इस अभियान के दौरान बारूदी सुरंग में विस्फोट होने से अब तक केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के एक जवान समेत कुल छह जवान घायल हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि बस्तर क्षेत्र में शुरू किए गए सबसे बड़े नक्सल विरोधी अभियानों में से एक इस अभियान में जिला रिजर्व गार्ड, बस्तर फाइटर्स और छत्तीसगढ़ पुलिस के एसटीएफ, सीआरपीएफ और कमांडो बटालियन फॉर रेसोल्यूट एक्शन (कोबरा) के जवान समेत विभिन्न इकाइयों के जवान शामिल हैं। उन्होंने बताया कि यह अभियान अंतरराज्यीय सीमा पर बीजापुर (छत्तीसगढ़) और मुलुगु तथा भद्राद्री-कोठागुडेम (तेलंगाना) के दोनों ओर लगभग आठ सौ वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैले दुर्गम इलाके और घने जंगल में जारी है। यह स्थान राजधानी रायपुर से 450 किलोमीटर दूर एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘अभियान अपने चरम पर पहुंच गया है और अब तक लगभग 75 प्रतिशत क्षेत्र की घेराबंदी और बारूदी सुरंगें हटा दी गई हैं। अभियान का अंतिम चरण इस सप्ताह के अंत तक समाप्त होने की संभावना है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘नक्सल विरोधी अभियान का नतीजा केवल मारे गए नक्सलियों की संख्या या बरामद हथियारों की संख्या से ही तय नहीं होता। प्रतिबंधित माओवादी संगठन के कब्जे से इलाके को मुक्त कराना और स्थानीय आबादी के लिए फिर से जमीन को सुरक्षित बनाना भी अभियान का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य है।’’
बीजापुर। नक्सल ऑपरेशन के बीच फोर्स ने कर्रेगुट्टा पहाड़ पर कब्जा कर लिया है। दरअसल, इस पहाड़ पर मंगलवार को हेलीकॉप्टर की सहायता से 500 जवानों को उतारा गया। इसके बाद जवानों की एक फोटो सोशल मीडिया में वायरल हुई, जिसमें जवान पहाड़ पर खड़े नजर आ रहे हैं। हालांकि फोर्स ने कर्रेगुट्टा पहाड़ को कब्जे में लेने की अधिकारिक पुष्टि नहीं की है। नक्सलियों के लिए सुरक्षित माने जाने वाला कर्रेगुट्टा पहाड़ का पूरा इलाका बीहड़ है। यहां का तापमान अभी 40 से 45 डिग्री के बीच है। बड़े नक्सली नेताओं की मौजूदगी की जानकारी पर फोर्स ने 8 दिन पहले अब तक सबसे बड़ा ऑपरेशन लॉन्च किया है। तेज गर्मी से कई जवान डिहाइड्रेशन के शिकार हुए तो दो जवान नक्सलियों के लगाए आईईडी से घायल भी हुए। इस बीच, जवानों ने तीन महिला नक्सलियों को ढेर किया और पहाड़ पर मौजूद नक्सलियों को खदेड़।
बीजापुर। जिले के कर्रेगुट्टा पहाड़ी में सुरक्षा बल और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ का आज छठा दिन है. इस बीच आज सुबह सीआरपीएफ कोबरा बटालियन का एक जवान आईईडी ब्लास्ट की चपेट में आकर गंभीर रूप से घायल हो गया. यह हादसा कर्रेगुट्टा के पास जोला ग्राम में हुआ. जवान के बाएं पैर में गंभीर चोटें आई हैं. प्राथमिक उपचार के बाद जवान को बीजापुर जिला अस्पताल में बेहतर इलाज के लिए चॉपर के माध्यम से भेजा गया है. घायल जवान का नाम मुंसिफ खान है. बता दें कि मुठभेड़ के छठे दिन भी दोनों पक्षों के बीच रुक-रुक कर गोलीबारी जारी है. सुरक्षा बल के जवान नक्सलियों के खिलाफ अंतिम लड़ाई लड़ रहे हैं, जबकि नक्सलियों पर हेलीकॉप्टर से बमबारी की जा रही है. इस ऑपरेशन में 10,000 से 12,000 जवानों ने बड़ी संख्या में नक्सलियों को घेर रखा है, जिसमें 1500 नक्सलियों के साथ बड़े कैडर के नक्सली नेता भी शामिल हैं.
उसूर इलाके में फोर्स ने दो दिन पहले करेर्गुट्टा पहाड़ी को घेर रखा है
बीजापुर। जिले के उसूर इलाके में फोर्स ने दो दिन पहले करेर्गुट्टा पहाड़ी पर टॉप नक्सल लीडर के जमावड़े की सूचना पर एक बड़ा आॅपरेशन लांच किया है। सबसे बड़े आॅपरेशन के दौरान 40 से ज्यादा जवान डिहाइड्रेशन का शिकार हो गए हैं। पीड़ित जवानों को सेना के हेलिकॉप्टर से तेलंगाना के भद्राचलम के अस्पताल में शिफ्ट किया गया है। बता दें कि जवान पिछले चार दिनों से भीषण गर्मी में नक्सलियों से लोहा ले रहे हैं। बताया जा रहा है कि यह इस साल की अब तक सबसे बड़ी मुठभेड़ होने वाली है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि 70 वर्ग किमी की पहाड़ी पर बड़ी संख्या में नक्सली मौजूद हैं। कहा जा रहा है कि उनके पास पहाड़ पर बने रहने के लिए सीमित राशन है और फोर्स के पास लगातार हेलीकॉप्टर से रसद पहुंचाई जा रही है। इससे स्पष्ट है कि फोर्स यहां निर्णायक लड़ाई की तैयारी के साथ डटी हुई है। गुरुवार शाम तक बीजापुर एसपी ने इस मुठभेड़ में तीन महिला नक्सलियों के मारे जाने की पुष्टि भी कर दी है। वहीं एक जवान भी घायल हुआ है।
बीजापुर। छत्तीसगढ़ को सुरक्षा बलों को बीजापुर में नक्सल विरोधी अभियान में बड़ी सफलता हासिल की है। जवानों ने केरपे-तोड़समपारा के जंगल में मुठभेड़ में 3 लाख के इनामी नक्सली वेल्ला वाचम को मार गिराया है। वेल्ला वाचम गुण्डीपुरी आरपीसी का मिलिशिया प्लाटून कमांडर था। दरअसल, सुरक्षाबलों को सूचना तंत्र से पता चला था कि केरपे-तोड़समपारा के जंगल पहाड़ में माओवादियों की उपस्थिति की है। थाना बेदरे एवं सीएएफ की संयुक्त टीम घटनास्थल पर पहुंचे। इस बीच पहले से ही घात लगाए नक्सलियों ने जवानों पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। अभियान के दौरान सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई में 1 हार्डकोर माओवादी को ढेर कर दिया। ढेर नक्सली अंबेली ब्लास्ट की घटना में शामिल था। सर्च अभियान के दौरान जवानों ने मौके से 1 नग 315 बोर राइफल, पोच, विस्फोटक एवं माओवादी सामग्री बरामद किया है। वर्ष 2025 में बीजापुर जिला अंतर्गत सुरक्षा बलों ने विरुद्ध नक्सल विरोधी अभियान संचालित कर बीते 112 दिनों में कुल 87 हार्डकोर माओवादियों के शव बरामद किया है। वहीं अलग-अलग थाना क्षेत्रों से 213 माओवादियों को गिरफ्तार करने मे सुरक्षा बलो को सफलता मिली और 179 माओवादियों ने पुलिस के समक्ष आत्समर्पण किया है।
बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सोमवार नक्सलियों के लगाए गए आईईडी में विस्फोट होने से छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल (सीएएफ) का एक जवान शहीद हो गया। पुलिस के अनुसार, ये धमाका तोयनार और फरसेगढ़ गांवों के बीच हुआ जहां सीएएफ की टीम सड़क निर्माण के काम में सुरक्षा ड्यूटी में तैनात थी। सड़क निर्माण का काम तोयनार से फरसेगढ़ के बीच किया जा रहा है। ड्यूटी के दौरान, सीएएफ की 19वीं बटालियन के कांस्टेबल मनोज पुजारी (26) का पैर अनजाने में आईईडी पर आ गया, जिससे विस्फोट हुआ और उसकी मौत हो गई। इस घटना के बाद इलाके में तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। नक्सली अक्सर बीजापुर सहित सात जिलों वाले बस्तर क्षेत्र के अंदरूनी इलाकों में गश्त के दौरान सुरक्षाकर्मियों को निशाना बनाने के लिए सड़कों और जंगलों में कच्ची पटरियों के किनारे आईईडी लगाते हैं।
इससे पहले आईईडी विस्फोट में
- 9 अप्रैल को बीजापुर में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल का एक जवान घायल हो गया था
- 4 अप्रैल को नारायणपुर जिले में 25 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत, एक अन्य घायल हो गया था।
- 30 मार्च को बीजापुर जिले में 40 वर्षीय आदिवासी महिला की मौत हो गई थी।
फंदे में फंसकर गंभीर रूप से घायल हो गया 5-6 वर्षीय बाघ
बीजापुर। बीजापुर वन क्षेत्र की बफर रेंज के कांदुलनार, मोरमेड़ और तोयनार गांवों के बीच घने जंगल में एक बाघ शिकारियों के बिछाए फंदे में फंसकर गंभीर रूप से घायल हो गया। वन टीम ने उसका रेस्क्यू किया है। यह इलाका इंद्रावती टाइगर रिजर्व का हिस्सा है। जानकारी के अनुसार, 5 से 6 वर्षीय बाघ शिकारियों के जाल में फंस गया था। घटना जिला मुख्यालय से 25-30 किमी की दूरी पर हुई थी। वन विभाग को जानकारी मिलने के बाद टीम मौके पर पहुंची और बाघ को शिकारी द्वारा लगाए गए तार में से छुड़ाया गया।
बताया गया है कि शिकारियों द्वारा लगाए गए तार के फंदे में फंसने से बाघ के दोनों पिछले पैर बुरी तरह जख्मी हो गए हैं, जिसके घावों में सड़न और कीड़े पड़ गए थे। वन विभाग की टीम ने बाघ को ट्रैंकुलाइज कर तार का फंदा हटाया और प्राथमिक उपचार के बाद उसे जंगल सफारी क्षेत्र में इलाज के लिए भेजा।
बीजापुर। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्र बीजापुर में नक्सलियों ने IED ब्लास्ट किया है. इसके चपेट में आने से एक जवान गंभीर रूप से घायल हो गया है. घायल जवान को जिला अस्पताल में प्रारंभिक इलाज के बाद उसे एयरलिफ्ट कर रायपुर लाया गया है. मिली जानकारी के अनुसार, सीआरपीएफ 196वीं बटालियन की टीम मंगलवार को एरिया डोमिनेशन ड्यूटी पर निकली थी. इस दौरान जब टीम कोड़ेपाल नाला के पास पहुंची, तभी माओवादियों द्वारा लगाए गए प्रेशर IED में जोरदार विस्फोट हो गया. ब्लास्ट की चपेट में आकर बम डिस्पोजल स्क्वॉड (BDS) के एक जवान के दोनों पैरों में गंभीर चोट आई है. घायल जवान को तत्काल जिला अस्पताल बीजापुर में भर्ती कराया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद चॉपर के जरिए बेहतर इलाज के लिए रायपुर रेफर किया गया है. घटना के बाद इलाके में सर्चिंग कार्रवाई जारी है।
बीजापुर। बीजापुर जिले के उसूर ब्लॉक के दुगईगुड़ा पोटा केबिन में पढ़ने वाले छात्र की रहस्यमयी मौत हुई है. शिक्षा विभाग के कर्मचारी के मुताबिक छात्र नीतीश दो दिन पहले अपने परिजनों के साथ गांव जिनिप्पा गया था. जहां पर उसकी आकस्मिक मौत हो गई. लेकिन परीक्षा के वक्त परिजन छात्र को घर क्यों ले गए ये बड़ा सवाल है. इन सब बातों को लेकर अब अधीक्षक के संदेह के घेरे में हैं.वहीं जिलाशिक्षाधिकारी की माने तो छात्र पहले से ही बीमार था.जिसका इलाज पोटा केबिन में कराया जा रहा था.ठीक नहीं होने पर ही उनके परिजनों को बुलाकर उसे गांव में भेजा गया है। पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष कमलेश कारम ने कहा कि छात्र को परीक्षा के समय किसके अनुमति से घर जाने दिया गया ? क्या छात्र बीमार था। इस पर जांच होनी चाहिए. कमलेश कारम ने इस मामले में अधीक्षक की पूरी लापरवाही की बात कहते हुए कहा कि परिजन की माने तो छात्र पोटा केबिन में बीमार था. अधीक्षक के सूचना देने पर ही परिजन छात्र को घर ले गए थे. छात्र का इलाज भी नहीं कराया गया. कमलेश ने ये भी कहा कि आश्रमों, छात्रावासों में बच्चों की आकस्मिक मौतों पर प्रबंधन की निगरानी की जरूरत है. उसूर क्षेत्र में आदिवासी बच्चों के साथ अधीक्षकों की लापरवाही हो रही है।
बीजापुर। संम्पूर्ण विश्व में जलवायु परिवर्तन के कारण वैश्विक तापमान में औसत रूप से वृद्धि हुई है, जिसके कारण छत्तीसगढ़ के विभिन्न हिस्सों में 15 मार्च से जून 2025 के दौरान भीषण गर्मी पड़ने एवं लू चलने की संभावना है। गर्मी के कारण जन मानस का स्वास्थ्य प्रभावित होता है, जिससे लू लगना एवं मौसमी जलजनित संक्रामक बीमारियों का प्रकोप बढ़ जाता है। गर्मी के कारण लू लगने से बचाव तथा जलजनित संक्रामक बीमारियों से बचाव, रोकथाम एवं उपचार हेतु पूर्व से तैयारियां किया जाना अत्यंत आवश्यक है। उक्त परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए निम्न दिशा-निर्देश जारी किये गये हैः- लू के लक्षणः- सिर में भारीपन और दर्द का अनुभव होना, तेज बुखार के साथ मुंह का सूखना, चक्कर और उल्टी आना, कमजोरी के साथ शरीर में दर्द होना, शरीर का तापमान अधिक होने के बावजूद पसीने का ना आना, अधिक प्यास लगना और पेशाब कम आना, भूख कम लगना, बेहोश होना, लू से बचाव के उपायः- लू लगने का प्रमुख कारण तेज धूप और गर्मी में ज्यादा देर रहने के कारण शरीर में पानी और खनिज मुख्यतया नमक की कमी हो जाना होता है। इससे बचाव के लिए निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए- बहुत अनिवार्य न हो तो घर से बाहर ना जावें। धूप में निकलने से पहले सर व कानों को कपड़े से अच्छी तरह से बांध लें। पानी अधिक मात्रा में पीयें, अधिक समय तक धूप में न रहें, गर्मी के दौरान नरम, मुलायम सूती कपड़े पहनने चाहिए ताकि हवा और कपडे पसीने को सोखते रहें। अधिक पसीना आने की स्थिति में ओ.आर.एस. घोल पीयें। चक्कर आने, मितली आने पर छाया दार स्थान पर आराम करें तथा शीतल पेय जल अथवा उपलब्ध हो तो फल का रस, लस्सी, मठा आदि का सेवन करें। प्रारंभिक सलाह के लिए 104 आरोग्य सेवा केन्द्र से निः शुल्क परामर्श लिया जावें। उल्टी, सर दर्द, तेज बुखार की दशा में निकट के अस्पताल अथवा स्वास्थ्य केन्द्र में जरूरी सलाह लिया जावें। लू लगने पर किया जाने वाला प्रारंभिक उपचारः- बुखार पीड़ित व्यक्ति के सर पर ठंडे पानी की पट्टी लगावें। अधिक पानी व पेय पदार्थ पिलायें जैसे कच्चे आम का पन्ना, जलजीरा आदि। पीड़ित व्यक्ति को पंखे के नीचे हवा में लेटा देवें। शरीर पर ठंडे पानी का छिड़काव करते रहें। पीड़ित व्यक्ति को शीघ्र ही किसी नजदीकी चिकित्सक या अस्पताल में इलाज के लिए ले जावें। मितानिन ए.एन.एम. से ओ.आर.एस. की पैकेट हेतु संपर्क करें।
बीजापुर। CRPF के DG ने बीजापुर में STF जवानों का हौसला बढ़ाया। वे बीजापुर के नयापारा पहुंचे जहां सुविधाओं का आकलन करने, #CRPF और छत्तीसगढ़ पुलिस के कर्मियों से बातचीत करने और वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ लड़ाई में उनकी हालिया उपलब्धियों को स्वीकार करने के लिए 85 बटालियन मुख्यालय का दौरा किया। जवानों के साथ ‘संवाद’ सत्र के दौरान, उन्होंने माओवादी विरोधी अभियानों के प्रति उनकी दृढ़ प्रतिबद्धता की सराहना की, और उनसे शारीरिक फिटनेस और कार्यस्थल पर सकारात्मकता बनाए रखने का आग्रह किया। बल के समर्थन की पुष्टि करते हुए, उन्होंने आश्वासन दिया कि उनकी शिकायतों, यदि कोई हो, का उचित समाधान किया जाएगा। बाद में, उनके साथ नाश्ता साझा करते हुए, उन्होंने एकता और सौहार्द के बंधन को मजबूत किया।
गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही। पेंड्रारोड से सारबहरा रेलवे स्टेशन के बीच एक अज्ञात युवक का शव पटरी पर दो भागों में कटा हुआ मिला, जिससे इलाके में हड़कंप मच गया। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर शिनाख्त की प्रक्रिया शुरू कर दी। फिलहाल, मृतक की पहचान नहीं हो सकी है। पुलिस ने शव को मरचुरी में सुरक्षित रखवाया है और परिजनों की तलाश की जा रही है। इस घटना से स्थानीय निवासियों में दहशत और चिंता का माहौल है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है और यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि यह दुर्घटना है या आत्महत्या अथवा किसी अन्य कारण से हुई घटना।
बीजापुर। जिले में सुरक्षा बलों को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। नक्सल विरोधी अभियान के तहत थाना उसूर पुलिस और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए प्रतिबंधित संगठन डीएकेएमएस के एक लाख रुपये के इनामी एक लाख रुपये का इनामी समेत पांच नक्सलियों को गिरफ्तार किया है। सुरक्षा बलों ने इन नक्सलियों के पास से भारी मात्रा में प्रचार सामग्री, पर्चे और बैटरियां बरामद किया है। बता दें कि नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत थाना उसूर, सीआरपीएफ 229 बटालियन और कोबरा 201, 205, 206 की संयुक्त टीम ने नेलाकांकेर, मारूड़बाका और कमलापुर इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया। इस दौरान संदिग्ध गतिविधियों में शामिल पांच नक्सलियों को दबोच लिया गया। जब उनकी तलाशी ली गई तो उनके थैलों से माओवादी प्रचार सामग्री, पर्चे और छोटी-बड़ी एवररेडी बैटरियां बरामद हुईं। गिरफ्तार किए गए सभी नक्सलियों को थाना उसूर लाया गया, जहां उनके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई पूरी की गई। इसके बाद उन्हें न्यायिक रिमांड पर माननीय न्यायालय, बीजापुर में पेश किया गया है। बीजापुर जिले में नक्सल गतिविधियों पर नकेल कसने के लिए सुरक्षाबलों का अभियान लगातार जारी है। हाल के महीनों में कई इनामी नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है, जिससे माओवादी संगठन को बड़ा झटका लगा है। सुरक्षा एजेंसियां इलाके में सक्रिय नक्सलियों पर नजर बनाए हुए हैं और आगे भी इस तरह की कार्रवाई जारी रखने की तैयारी में हैं।
बीजापुर। सुरक्षाबलों के लगातार दबाव के साथ जिले में चलाये जा रहे नियद नेल्ला नार योजना के तहत हो रहे विकास कार्यों और संगठन के भीतर बढ़ते आंतरिक कलह की वजह से नक्सली आत्मसमर्पण कर रहे हैं. इस कड़ी में कुल 23 लाख रुपए के ईनामी 4 माओवादी सहित कुल 9 माओवादियों ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया. आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों में PLGA बटालियन क्षेत्र में सक्रिय रूप से प्रतिबंधित भाकपा माओवादी संगठन में कार्यरत 8 लाख रुपए के ईनामी पार्टी सदस्य, AOB डिवीजन में कार्यरत 5 लाख के ईनामी एसीएम, जगरगुण्डा एरिया कमेटी एवं दक्षिण सब जोनल ब्यूरो में कार्यरत 5 लाख रुपए के ईनामी 2 एसीएम शामिल हैं. आत्मसमर्पित माओवादियों ने कहा कि वे समाज के मुख्यधारा में जुड़कर स्वच्छंद रूप से पारिवारिक जीवन जीना चाहते है. आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा में जुड़ने वाले सभी माओवादियों को प्रोत्साहन स्वरूप 25-25 हजार रुपए नगद राशि प्रदान किया गया.
बीजापुर। जिले के नक्सल प्रभावित गंगालूर में सुरक्षाबलों ने एक बड़ी साजिश को नाकाम कर दिया है। दरअसल, नक्सलियों ने पीड़िया और मुतवेंडी के बीच कच्चे रास्ते के किनारे बीयर बॉटल में प्रेशर IED प्लांट किया था, जिसे सीआरपीएफ की टीम ने समय रहते बरामद कर डिफ्यूज कर दिया। जानकारी के अनुसार, सीआरपीएफ 85वीं और 199वीं बटालियन की टीम पीड़िया कैंप से रोड ओपनिंग पार्टी (ROP) और डिमाइनिंग ड्यूटी पर निकली थी। इसी दौरान केरिपु की बम डिस्पोजल (BD) टीम ने पीड़िया कैंप से करीब 2 किलोमीटर दूर, जंगल क्षेत्र में कच्चे मार्ग से 100 मीटर अंदर संदिग्ध वस्तु देखी। जांच करने पर पता चला कि बीयर बॉटल में माओवादियों ने एक IED फिट कर रखा था, जो कि सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने के मकसद से प्लांट किया गया था। जैसे ही सुरक्षाबलों को इस बारे में पता चला, इलाके को तुरंत घेर लिया गया और सीआरपीएफ की बम निरोधक टीम ने सावधानीपूर्वक IED को निष्क्रिय कर दिया। माओवादियों की यह नापाक साजिश किसी बड़े हमले को अंजाम देने की थी, लेकिन सुरक्षाबलों की मुस्तैदी के चलते वे अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो सके। गौरतलब है कि बीजापुर समेत पूरे बस्तर क्षेत्र में नक्सली आए दिन सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने के लिए IED ब्लास्ट की रणनीति अपनाते हैं। हाल ही में कई इलाकों में इस तरह के विस्फोटक बरामद किए गए हैं, जिससे साफ है कि माओवादी चुनावी साल में सुरक्षाबलों और आम जनता के बीच दहशत फैलाना चाहते हैं। सुरक्षा बलों ने अपील की है कि ग्रामीण किसी भी संदिग्ध वस्तु को न छुएं और तुरंत पुलिस या सुरक्षाबलों को सूचित करें।
बीजापुर। सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में शहीद हुए दो जवानों के शव ओर 31 नक्सलियों के शव को चॉपर के ज़रिए बीजापुर लाया गया। नेशनल पार्क एरिया में आज बड़ी मुठभेड़ हुई थी। छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र सीमा पर रविवार को मुठभेड़ में 1000 से ज्यादा जवानों ने 31 नक्सलियों को मार गिराया। सभी 31 के शव रिकवर कर लिए गए हैं। मुठभेड़ बीजापुर के इंद्रावती नेशनल पार्क इलाके में हुई। फिलहाल सर्चिंग ऑपरेशन जारी है। वहीं, मृत नक्सलियों की शिनाख्त भी की जा रही है। इस मुठभेड़ में DRG और STF के एक-एक जवान शहीद हुए, वहीं 2 जवान घायल भी हुए हैं जिन्हें एयरलिफ्ट कर रायपुर लाया गया है। उनकी हालत खतरे से बाहर है। बस्तर रेंज IG सुंदरराज पी ने बताया कि घटनास्थल से भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक भी बरामद किए गए हैं। छत्तीसगढ़ में इस साल अब तक 81 नक्सली मारे गए हैं, जिनमें से 65 बस्तर संभाग में ही ढेर हुए हैं। इसमें बीजापुर सहित 7 जिले शामिल हैं। पुलिस के मुताबिक 2024 में अलग-अलग मुठभेड़ों में जवानों ने 217 नक्सलियों को ढेर किया था। अमित शाह ने रविवार को कहा कि, 31 मार्च 2026 तक नक्सलियों का खात्मा हो जाएगा। देश के किसी भी नागरिक को इसके कारण अपनी जान नहीं गंवानी पड़ेगी। शाह ने यह बात छत्तीसगढ़ में 31 नक्सलियों के मारे जाने के बाद कही। गृहमंत्री ने कहा कि, भारत को नक्सल मुक्त बनाने की दिशा में सुरक्षाबलों को छत्तीसगढ़ के बीजापुर में बड़ी सफलता मिली है। बीजापुर जिले के गंगालूर थाना क्षेत्र में 2 फरवरी को सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में 8 नक्सलियों को मार गिराया था। मारे गए माओवादियों में सभी पुरुष नक्सली थे। सुरक्षाबलों के करीब 800-1000 जवानों ने PLGA कंपनी नंबर 2 के नक्सलियों को घेरा था। इनमें बड़े लीडर्स भी थे। मौके से फोर्स ने इंसास समेत 303, 12 बोर, BGL लॉन्चर बरामद किया।
बीजापुर। जिले के धुर नक्सलगढ़ इलाके में देश कि आना बान शान कहे जाने वाला तिरंगा चार दशक बाद पहली बार बीजापुर जिले के उन बीहड़ इलाकों में लहराएगा। दर्जनभर कैंपों में गणतंत्र दिवस पर झंडा वंदन किया जाएगा। इन कैंपों के अंतर्गत करीब 40 गांव आते हैं, जहां पिछले चार दशक से कोई सरकारी कार्यक्रम नहीं हुआ। ज्ञात हो कि बीजापुर वह इलाका है जहां चार दशक से नक्सलवाद कि दसा झेल रहा अब धीरे-धीरे नक्सलियों के चंगुल से आजाद होने लगा है। लगातार पुलिस के द्वारा चलाए जा रहे बढे ऑपरेशन नें नक्सलवाद कि कमर तोड़ दी है। नक्सली अब बेक फुट में जा चुके है। आज देखेंगे तो बीजापुर के कुछ गांव बदलाव कि नई तस्वीरें सामने आने लगी है बिजली, पानी, सडक़ जैसे मुलभुत सुविधाएं ग्रामीणों तक पहुंचाई जा रही है। ऐसे कई इलाके है जहाँ कैम्प खुले है वहां उस गांव में पहली बार तिरंगा इस साल लहराएगा। नक्सलगढ़ में कई पुलिस कैम्प खुल गए है उन कैम्प कि बदौलत आज विकास अंतिम छोर को छू रहा है। जिले के नक्सलगढ़ तर्रेम पामेड़ सडक 25 साल बाद नक्सली कब्जे से आजाद हुई है यह काम फोर्स कि बदौलत होता हुआ दिखाई पढ़ है। कोरागुट्टा में फोर्स का डेरा लगते ही 25 सालों से बंद पड़े बीजापुर से तर्रेम होकर पामेड़ जाने वाले रास्ते को फिर से बहाल करा दिया गया है। फिलहाल इस मार्ग पर सडक़ निर्माण का काम चल रहा है। इस मार्ग के खुल जाने से अब लोगों को पामेड़ पहुंचने के लिए तेलंगाना होकर जाने की बाध्यता खत्म हो जाएगी और सौ किलोमीटर का फासला भी बच जाएगा।
बीजापुर। नक्सल प्रभावित इलाके में सुरक्षा बल के जवानों ने आज नक्सलियों के नापाक मंसूबों पर पानी फेर दिया है. बीजापुर के गंगालूर थाना क्षेत्र में कैम्प मुतवेंडी सीआरपीएफ 85 बटालियन ने एरिया डॉमिनेशन के दौरान 5 कि.ग्रा. का IED बरामद कर नष्ट कर दिया है. जानकारी के मुताबिक, सुरक्षा कैंप मुतवेंडी से सीआरपीएफ 85 बटालियनकी टीम एरिया डॉमिनेशन एवं डिमाईनिंग ड्यूटी पर निकली थी. इसी दौरान मुतवेंडी मार्ग से 20 मीटर की दूरी पर माओवादियों के द्वारा लगाये गये 5 कि.ग्रा. का IED बरामद किया गया. सीआरपीएफ 85 बटालियन की बीडी टीम ने बरामद IED को मौके पर ही सुरक्षित नष्ट कर दिया है. बता दें, इस साल के शुरू होते ही 6 जनवरी को बीजापुर में नक्सलियों के प्लांट किए गए IED के चपेट में आने से दंतेवाड़ा के 8 डीआजी के जवान और 1 ड्राइवर शहीद हो गए. नक्सलियों ने 3 साल पहले 50 किलो बारूद के साथ इस IED को प्लांट किया था. इसके बाद 12 जनवरी को फिर से बीजापुर में IED ब्लास्ट की घटना में 2 STF के जवान बुरी तरह घायल हो गए थे.
बीजापुर। डीजीपी अशोक जुनेजा, एडीजीपी विवेकानंद, आईजी सीआरपीएफ राकेश अग्रवाल और आईजी बस्तर सुंदरराज ने उस घटनास्थल का दौरा किया जहां कल नक्सली आईईडी विस्फोट में 8 डीआरजी जवान और उनके चालक की जान चली गई थी। दंतेवाड़ा पहुंच रहे सीएम विष्णुदेव साय मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज दो जिलों के दौरे पर रहेंगे। सबसे पहले वे बीजापुर जिले के कुटरू में आईईडी ब्लास्ट में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देने दंतेवाड़ा जाएंगे। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार साय सुबह पुलिस लाईन हेलीपेड रायपुर से हेलीकॉप्टर द्वारा दंतेवाड़ा रवाना हुए। CM के साथ डिप्टी सीएम विजय शर्मा भी मौजूद है। मुख्यमंत्री इस कार्यक्रम के बाद पूर्वान्ह 11.35 बजे कारली पुलिस लाईन हेलीपेड से हेलीकॉप्टर द्वारा रवाना होकर 12.55 बजे गरियाबंद जिले के राजिम स्थित कॉलेज ग्राउण्ड स्टेडियम पहुंचेंगे। साय दोपहर 1.35 बजे राजिम में मंदिर दर्शन करेंगे और राजिम माता जयंती कार्यक्रम में शामिल होंगे। मुख्यमंत्री अपरान्ह 3 बजे रायपुर लौट आएंगे।
बीजापुर। दूर कुटरू मार्ग पर नक्सलियों ने विस्फोट कर सुरक्षाबलों की एक वाहन को उड़ा दिया है। इस घटना में दो जवानों की शहीद होने की खबर है। दो जवान घायल होने की सूचना भी मिली है लेकिन इसकी अधिकृत तौर पर पुष्टि नहीं हो पाई है। बीजापुर में नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन चल रहा है। सोमवार को दोपहर 1 बजे सर्चिंग के लिए निकली सुरक्षाबलों के एक वाहन को नक्सलियों ने विस्फोट कर उड़ा दिया। इस घटना में दो जवान शहीद हो गए, और दो जवानों के घायल होने की सूचना है।
बीजापुर: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्र बीजापुर में बड़ा नक्सली हमला हुआ है। नक्सलियों ने IED धमाके से सुरक्षाबलों की गाड़ी को उड़ा दिया। घटना में चालक और 8 डीआरजी जवान शहीद हो गए। बीजापुर के कुटरू मार्ग के बेदरे में नक्सलियों ने घटना को अंजाम दिया गया है। शहीद जवान उस ऑपरेशन को अंजाम देकर लौट रहे थे जिसमें 5 नक्सलियों को ढेर किया गया है। बस्तर के आईजी ने बताया कि बीजापुर में नक्सलियों ने आईईडी विस्फोट के जरिए वाहन उड़ा दिया। इसमें 8 DRG जवान और एक ड्राइवर समेत नौ लोगों की मौत हो गई। वे दंतेवाड़ा, नारायणपुर और बीजापुर के संयुक्त अभियान से लौट रहे थे।
Mukesh Chandrakar: हाल ही में छत्तीसगढ़ के बस्तर में पत्रकार मुकेश चंद्रकार की हत्या का मामला बड़ा विवाद और चिंता का कारण बन गया है. यह हत्या न केवल पत्रकारिता समुदाय के लिए एक गंभीर झटका है, बल्कि लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए भी एक गंभीर चुनौती प्रस्तुत करती है.आज शाम 4 बजे आईजी पी सुंदरराज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी देंगे. बताया जा रहा है कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में बड़ा खुलासा हो सकता है. मिली जानकारी के अनुसार, हाल ही में बस्तर के युवा और साहसी पत्रकार मुकेश चंद्राकर का शव बीजापुर के चट्टानपारा में एक सड़क ठेकेदार के घर के सेप्टिक टैंक में मिला. उनके माथे पर चोट के गहरे निशान थे, जिससे हत्या का संदेह गहराता है. बताया जा रहा है कि मुकेश का हाल ही में एक सड़क ठेकेदार से विवाद हुआ था. बीजापुर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के आरोपी ठेकेदार के अवैध संपत्ति पर बुलडोजर एक्शन शुरू हो गया है। आरोपी ठेकेदार हेलीकाप्टर से पहुंचा था दुल्हनिया लेने छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के पत्रकार मुकेश चंद्राकर का शव ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के यहां सैप्टिक टैंक में मिला था. इस मामले में पुलिस ने ठेकेदार समेत चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है. हत्यारा ठेकेदार सुरेश चंद्राकर यही वो शख्स है, जो अपने लाइफ स्टाइल को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहा है. उसने नक्सल प्रभावित बस्तर इलाके में सबसे महंगी शादी की थी. पत्नी की डिमांड को पूरा करने के लिए उसने किराए का हेलीकॉप्टर बुक किया था. इसकी चर्चा प्रदेशभर में थी. बीजापुर में दिसंबर 2021 में ठेकेदार सुरेश चंद्राकर ने रेणुका से शादी की थी. इस शादी में दूल्हे सुरेश चंद्राकर ने अपनी दुल्हनिया से वादा किया था कि वह उसकी शादी को यादगार बनाएगा. बताया जा रहा कि सुरेश और रेणुका की शादी में करीब 10 करोड़ रुपए खर्च हुए थे. रेणुका ने सुरेश चंद्राकर से कहा था कि वह चाहती है कि उनकी विदाई यादगार होनी चाहिए. इसके बाद सुरेश ने अपनी शादी को यादगार बनाने के लिए हेलीकॉप्टर बुक किया था. बता दें कि बीजापुर में तीन दिन से लापता पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या कर दी गई है. उनका शव शुक्रवार को ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के बाड़े में बने सेप्टिक टैंक में शव मिला था, जिसे पुलिस ने बाहर निकालकर पंचनामा किया. मुकेश के शव पर कई गंभीर चोट के निशान मिले हैं. घटना के बाद प्रदेशभर के पत्रकारों में अपने साथी की हत्या को लेकर आक्रोश है. आज रायपुर, बस्तर समेत कई जिलों में पत्रकारों ने धरना प्रदर्शन कर आरोपियों को कड़ी सजा देने की मांग की है. मुकेश ने सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार को किया था उजागर बता दें कि मुकेश ने कुछ दिन पहले ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के सड़क निर्माण पर खबर चलाई थी. उससे जुड़े भ्रष्टाचार की खबर उजागर की थी, जिसके बाद उसकी हत्या कर दी गई.
पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के आरोपी ठेकेदार की अवैध संपत्ति पर गरजा बुलडोजर #MukeshChandrakar pic.twitter.com/mYZXeLoSvt
— Janta Se Rishta News | जनता से रिश्ता न्यूज़ (@jantaserishta) January 4, 2025
बीजापुर: तीन दिनों से लापता पत्रकार मुकेश चंद्राकर की लाश घर से 2 किमी और बीजापुर थाने से पांच किमी की दूरी पर चट्टानपारा इलाके में सेप्टिक टैंक में मिली है. लाश मिलने की सूचना पर पुलिस ने मौके की घेराबंदी कर जांच में जुटी है. बता दें कि मुकेश चंद्राकर 1 जनवरी की शाम टी-शर्ट और शॉर्ट्स में घर से बाहर निकले थे. कुछ देर के बाद उनका फोन स्विच ऑफ हो गया. रात तक घर नहीं लौटने पर उनके भाई और पत्रकार युकेश चंद्रकार ने करीबियों के घर, शहर में अलग-अलग जगह पता लगाया. कोई खबर नहीं मिलने पर युकेश चंद्रकार ने पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी. केश के गुमशुदगी रिपोर्ट पर संज्ञान लेते हुए IG सुंददराज पी ने आज शाम तक स्थिति स्पष्ट होने की बात कही थी. उन्होंने मीडिया से चर्चा में बताया था कि टीम को पड़ताल के लिए एक्टिव किया गया है. जानकारी पर एक व्यक्ति को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही थी. इसके अलावा पुलिस की एक टीम को दिल्ली रवाना किया गया था.
बीजापुर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर अब हमारे बीच नहीं रहें
— Ravi Miri (Vistaar News) (@Ravimiri1) January 3, 2025
ठेकेदार घर के सेप्टिक टैंक में मुकेश भैया का शव मिला है ।
इतनी हिम्मत कैसे हुई ऐसे ठेकेदार की ?
गुस्से से ज्यादा दुख हो रहा है pic.twitter.com/0ylmBpkGlY
बीजापुर। केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने बीजापुर में NEET-CGPSC की तैयारी कर रहे युवाओं से चर्चा की। बता दें कि उनके बीजापुर पहुंचने पर भाजपा जिलाध्यक्ष दंतेवाड़ा व विधायक चैतराम अटामी के नेतृत्व में भाजपा पदाधिकारी व कार्यकर्ताओ ने भव्य स्वागत किया । केंद्रीय राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने भाजपा पदाधिकारी व कार्यकर्ताओ से रूबरू होकर केंद्र सरकार की योजनाओ के क्रियान्यवान को लेकर चर्चा किया।
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