नई दिल्ली: रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने गुरुवार को कहा कि पश्चिमी देश भारत और पाकिस्तान को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा कर रहे हैं। सरकारी समाचार एजेंसी टीएएसएस की खबर के मुताबिक, लावरोव ने मॉस्को में सीमाओं के बिना संस्कृति : सांस्कृतिक कूटनीति की भूमिका और विकास विषय पर आयोजित डिप्लोमैटिक क्लब की बैठक में यह टिप्पणी की। रूसी विदेश मंत्री ने कहा, ''एशिया-प्रशांत क्षेत्र के हालिया घटनाक्रमों पर गौर करें, जिसे पश्चिम ने अपनी नीति को स्पष्ट रूप से चीन विरोधी रुझान देने के लिए हिंद-प्रशांत क्षेत्र कहना शुरू कर दिया है-इस उम्मीद के साथ भी कि इससे हमारे महान मित्रों और पड़ोसी देशों भारत व चीन के बीच टकराव पैदा किया जा सकेगा।'' चीन के बढ़ते प्रभाव से निपटने के लिए स्थापित चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद (क्वाड) के मुखर आलोचक लावरोव ने ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और अमेरिका के सैन्य गठबंधन एयूकेयूएस के गठन के बाद इसकी आलोचना कम कर दी है। क्वाड में भारत, अमेरिका, जापान और अमेरिका शामिल हैं। लावरोव ने कहा कि पश्चिमी देश एशिया में आसियान (दक्षिण-पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन) की भूमिका को कमजोर करने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा, ''पश्चिमी सहयोगी दुनिया के अन्य हिस्सों की तरह यहां भी प्रभावशाली भूमिका में आना चाहते हैं। वे आसियान की केंद्रीय भूमिका को कमजोर करना चाहते हैं, जो कई दशकों से सभी के लिए अनुकूल थी और जो आसियान देशों और उनके सहयोगियों की ओर से राजनीति के क्षेत्र में, सैन्य सहयोग के क्षेत्र में और रक्षा के क्षेत्र में बातचीत में कायम एकमत पर आधारित थी।''
आसियान दक्षिण-पूर्वी एशिया के 10 देशों का एक क्षेत्रीय समूह है, जिसका उद्देश्य अपने सदस्यों के बीच आर्थिक और सुरक्षा सहयोग को बढ़ावा देना है। इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपीन, सिंगापुर, थाईलैंड, ब्रुनेई, म्यांमा, कंबोडिया, लाओस और वियतनाम इसके सदस्य देश हैं। रूसी विदेश मंत्री ने कहा, ''आम सहमति के नियम, साझा आधार की तलाश-इन सभी को हमारे पश्चिमी सहयोगी धीरे-धीरे दरकिनार करना शुरू कर रहे हैं और कुछ आसियान देशों को एकीकृत मंचों के बजाय खुले तौर पर प्रतिरोधी मंचों से जुड़ने के लिए प्रलोभन दे रहे हैं।'' उन्होंने यूरेशिया में सामूहिक सुरक्षा व्यवस्था का भी आह्वान किया। लावरोव ने कहा, ''यूरेशिया जैसा कोई दूसरा महाद्वीप नहीं है, जहां इतनी सारी सभ्यताएं एक साथ रहती हैं और जिन्होंने आधुनिक युग में भी अपनी पहचान एवं प्रासंगिकता बनाए रखी है। हालांकि, यूरेशिया एकमात्र ऐसा महाद्वीप भी है, जहां कोई महाद्वीप-व्यापी मंच नहीं है। यूरेशिया में इस तरह के एकीकृत मंच की जरूरत है, ताकि कई बड़ी, वास्तव में महान शक्तियों और सभ्यताओं के हितों में सामंजस्य स्थापित किया जा सके।'' उन्होंने याद दिलाया कि अफ्रीका में जहां उप-क्षेत्रीय मंचों के अलावा अफ्रीकी संघ मौजूद है, वहीं लातिन अमेरिका और कैरीबियाई क्षेत्र में लातिन अमेरिकी और कैरीबियाई राज्यों का समुदाय (सीईएलएसी) है, जबकि यूरेशिया में अभी तक ऐसा कोई मंच नहीं बनाया जा सका है।
रूस के विदेश मंत्री ने कहा,वेस्ट भारत-चीन-रूस की दोस्ती में दरार डालने की कोशिश कर रहा है
— Narendra Nath Mishra (@iamnarendranath) May 16, 2025
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श्रीनगर। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री श्री राम मोहन नायडू को Y+ सुरक्षा प्रदान की गई है। गुरुवार को उन्होंने श्रीनगर हवाई अड्डे का दौरा किया और वहां की सुरक्षा व्यवस्था एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा की। मंत्री नायडू ने हवाई अड्डे की सुरक्षा पर संतोष जताते हुए कहा कि "अब श्रीनगर हवाई अड्डा पूरी तरह सुरक्षित है और विमानों का सामान्य संचालन पुनः शुरू कर दिया गया है।" उन्होंने कहा कि बैसरन घटना और ऑपरेशन सिंदूर के कारण श्रीनगर हवाई अड्डा छह दिनों तक बंद रहा, जिससे यात्रियों और कर्मचारियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। यह एक चुनौतीपूर्ण समय था, लेकिन कर्मचारियों, प्रशासन और स्थानीय लोगों ने मिलकर जिस साहस और समन्वय के साथ इस संकट का सामना किया, वह सराहनीय है," मंत्री ने कहा। पत्रकारों द्वारा पूछे गए प्रश्न के उत्तर में कि बैसरन घटना से पर्यटन उद्योग को लगे धक्के की भरपाई कैसे होगी, मंत्री ने स्पष्ट किया कि "इस घटना ने पर्यटन उद्योग को लगभग शून्य पर ला दिया है। अब हमारी प्राथमिकता पर्यटकों का विश्वास जीतने की है, ताकि उन्हें एक बार फिर कश्मीर की ओर आकर्षित किया जा सके। यह तभी संभव है जब यहां शांति और स्थिरता बनी रहे।" मंत्री ने यह भी आश्वासन दिया कि एविएशन मंत्रालय पर्यटन उद्योग को दोबारा गति देने के लिए आवश्यक कदम उठाएगा, ताकि घाटी में एक बार फिर पर्यटकों की चहल-पहल लौट सके।
खैबर-पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंदापुर ने बुधवार को कहा कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक इमरान खान ने देश की बेहतरी के लिए बातचीत करने की इच्छा व्यक्त की है, द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने बताया। पेशावर में पत्रकारों से बात करते हुए गंदापुर ने कहा, "जो लोग इसे अहंकार का मुद्दा बना रहे हैं, वे पाकिस्तान को नुकसान पहुंचा रहे हैं । हमें निजी हितों से ऊपर उठकर राष्ट्रीय हित में सोचना चाहिए।" उन्होंने आगे कहा, " इमरान खान ने बातचीत के लिए सहमति जताई है और स्पष्ट रूप से कहा है कि वह पाकिस्तान की बेहतरी के लिए बातचीत करने को तैयार हैं ।" गंडापुर ने पीटीआई संस्थापक इमरान खान की रिहाई के लिए किए जा रहे कानूनी प्रयासों के बारे में बात की । उन्होंने कहा, " इमरान खान की रिहाई के लिए याचिकाएं दायर की जा रही हैं ।" उन्होंने कहा, "एक प्रांत के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में, मेरे पास एक न्यायालय आदेश है जो मुझे साप्ताहिक रूप से उनसे मिलने की अनुमति देता है। ये बैठकें परामर्श के लिए महत्वपूर्ण हैं, विशेष रूप से प्रांतीय बजट के निकट आने के साथ।" उन्होंने प्रांतीय शासन में खान के इनपुट के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इमरान खान उस पार्टी के प्रमुख हैं जो प्रांत पर शासन करती है, और प्रांतीय सरकार द्वारा लागू की जाने वाली नीतियों में उनका विजन प्रतिबिंबित होना चाहिए। उन्होंने कहा, "अगर मुझे उनसे मिलने की अनुमति नहीं है, तो मैं उस विजन को कैसे लागू कर सकता हूं?" अली अमीन गंडापुर ने पाकिस्तान की अस्थिरता के लिए मौजूदा संघीय नेतृत्व को दोषी ठहराया । उन्होंने कहा, " पाकिस्तान गंभीर अस्थिरता के दौर से गुज़र रहा है, और इसका मूल कारण वर्तमान में सत्ता में बैठे लोग हैं।"
ताइवान के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय ने आज सुबह 6 बजे (यूटीसी+8) तक द्वीप के आसपास पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के विमानों की 29 उड़ानें, पीपुल्स लिबरेशन आर्मी नेवी (पीएलएएन) के नौ जहाज और दो जहाजों का पता लगाया। इनमें से अठारह विमान ताइवान जलडमरूमध्य की मध्य रेखा को पार कर द्वीप के उत्तरी और दक्षिण-पश्चिमी वायु रक्षा पहचान क्षेत्र में प्रवेश कर गए। X पर एक पोस्ट साझा करते हुए, MND ने लिखा, "ताइवान के आसपास PLA विमानों, 9 PLAN जहाजों और 2 आधिकारिक जहाजों की 29 उड़ानें आज सुबह 6 बजे (UTC+8) तक देखी गईं। 29 में से 18 उड़ानें मध्य रेखा को पार कर ताइवान के उत्तरी और दक्षिण-पश्चिमी ADIZ में प्रवेश कर गईं। हमने स्थिति पर नज़र रखी है और जवाब दिया है।" बुधवार को एमएनडी ने ताइवान के आसपास पीएलए विमानों, आठ पीएलए जहाजों और दो आधिकारिक जहाजों की 35 उड़ानें देखी थीं। एमएनडी के अनुसार, पीएलए के 25 विमान मध्य रेखा पार कर ताइवान के एडीआईजेड में प्रवेश कर गए। इस बीच, वायु रक्षा तैयारियों को मजबूत करने के लिए, ताइवान ने लैंड स्वोर्ड II का लाइव-फायर डेब्यू किया। एमएनडी के अनुसार, लैंड स्वोर्ड II में विभिन्न हवाई खतरों का मुकाबला करने की क्षमता है, जिससे बल की सुरक्षा में काफी वृद्धि होगी। एमएनडी द्वारा साझा किए गए दृश्यों में मिसाइल प्रणाली की लाइव फायरिंग देखी जा सकती है, साथ ही वीडियो में इसके प्रक्षेपण को भी दिखाया गया है। एमएनडी ने मंगलवार को एक्स पर लिखा, "लैंड स्वॉर्ड II ने अपनी लाइव फायर शुरुआत की है। यह एसएएम प्रणाली विविध हवाई खतरों का मुकाबला करने में सक्षम है और #आरओसीएर्मी के लिए बल सुरक्षा को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाती है।" फोकस ताइवान की रिपोर्ट के अनुसार, यह घटनाक्रम सोमवार को ताइवान द्वारा पिंगटुंग काउंटी स्थित एक बेस पर अमेरिका द्वारा आपूर्ति की गई उच्च गतिशीलता आर्टिलरी रॉकेट प्रणाली (HIMARS) का पहला लाइव-फायरिंग किए जाने के बाद हुआ है। फोकस ताइवान के अनुसार, यह अभ्यास ताइवान सेना की 58वीं आर्टिलरी कमांड द्वारा किया गया, जो कि मांझोऊ टाउनशिप के जिउपेंग बेस पर आयोजित किया गया था। इसमें आगे कहा गया है कि HIMARS को एक पॉड से सुसज्जित किया जा सकता है जिसमें छह 227 मिमी रॉकेट या एक आर्मी टैक्टिकल मिसाइल सिस्टम (ATACMS) हो सकता है जिसकी मारक क्षमता 300 किलोमीटर तक हो सकती है। कुल मिलाकर 33 रॉकेट दागे गए, जिनमें 11 लॉन्च वाहनों ने तीन-तीन राउंड फायर किए। फोकस ताइवान की रिपोर्ट के अनुसार, हालांकि, सेना ने इस बारे में कोई विवरण नहीं दिया कि अभ्यास कैसे हुआ। ताइवान ने संयुक्त राज्य अमेरिका से 29 HIMARS खरीदे हैं, और 11 की पहली खेप 2024 में वितरित की गई थी। मार्च में विधान युआन को प्रस्तुत राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, 18 HIMARS का दूसरा बैच मूल रूप से 2027 की बजाय अगले साल वितरित किया जाना है।
चंडीगढ़: पंजाब ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में दो दिन पहले 6 मई के आदेश को संशोधित करने या वापस लेने के लिए याचिका दायर की थी। बुधवार को न्यायालय ने पंजाब, हरियाणा और केंद्रीय सरकार से जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। मामले की सुनवाई अब 20 मई को होगी, जो पहले तय 28 मई से एक सप्ताह पहले कर दी गई है। पंजाब ने अपनी याचिका में दावा किया कि 6 मई का आदेश पूरी तरह से गलत तथ्यों पर आधारित था, क्योंकि उस आदेश में पंजाब को केंद्रीय गृह सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक के निर्णयों का पालन करने को कहा गया था। पंजाब का कहना था कि बैठक में अतिरिक्त 4,500 क्यूसेक पानी की रिहाई का मुद्दा था, लेकिन बैठक की कोई स्पष्ट एजेंडा नहीं था और संबंधित राज्यों के बीच दस्तावेज भी साझा नहीं किए गए थे। पंजाब ने कोर्ट को बताया कि गृह सचिव को पानी के आवंटन पर निर्णय लेने का अधिकार नहीं था और इसलिए, राज्य इस आदेश का पालन करने के लिए कानूनी रूप से बाध्य नहीं है।
नई दिल्ली: भारत-पाकिस्तान के बीच हुए युद्धविराम पर अपनी भूमिका को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर चौंकाने वाला दावा किया है. ट्रंप ने कहा कि उन्होंने दोनों देशों के बीच तनाव को शांत करने में मदद की थी, लेकिन साथ ही यह भी जोड़ा कि वह सीधे तौर पर यह नहीं कहना चाहते कि उन्होंने मध्यस्थता की. एक कार्यक्रम के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि मैं ये नहीं कह रहा कि मैंने मध्यस्थता की, लेकिन मैंने उस समस्या को हल कराने में मदद की, जो भारत और पाकिस्तान के बीच पिछले सप्ताह और भी ज़्यादा खतरनाक हो रही थी. तुर्की को अमेरिका की सौगात ऐसे समय में जब तुर्की ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान की सैन्य मदद को लेकर बेनकाब हो चुका है, तब अमेरिका तुर्की को मध्यम दूरी की हवा से हवा में मार करने वाली अमेरिकी मिसाइल बेच रहा है. दरअसल, अमेरिकी विदेश विभाग ने तुर्की को 225 मिलियन डॉलर की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल AIM-120C-8 AMRAAM की बिक्री को मंजूरी दे दी है. ये दुनिया की सबसे लोकप्रिय बियोंड विजुअल रेंज मिसाइल है जो सभी मौसमों और रात में भी हमला करने में सक्षम है. पिछली पीढ़ी की स्पैरो मिसाइलों की तुलना में इसमें ये फायदा है कि इसे एक बार फायर करने के बाद ये अपने लक्ष्य का पीछा करके उसको मार गिराती है. अमेरिका हथियारों का सौदागर रहा है लेकिन ऐसे समय में जब तुर्की युद्ध में भारत के खिलाफ अपने ड्रोन और ऑपरेटर भेज रहा है, तब इस डील को संदेह की नजर से देखा जा रहा है. बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के रवैये की देश में तीखी आलोचना हो रही है. खास तौर पर उन्होंने जिस तरह सीजफायर का श्रेय लेने की कोशिश की. हालांकि ट्रंप के दावे को भारत के विदेश मंत्रालय ने खारिज कर दिया था. विदेश मंत्रालय ने साफ किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम का समझौता सीधे DGMO स्तर पर हुआ और वो भी पाकिस्तान की ओर से अनुरोध पर. कारण, भारतीय वायुसेना की कार्रवाई बेहद प्रभावी थी. ट्रंप की व्यापार पर धमकी का MEA ने दिया दो टूक जवाब परमाणु युद्ध टलने की बात को लेकर भारत ने दो टूक कहा कि हमने सिर्फ पारंपरिक सैन्य विकल्प अपनाए, परमाणु विकल्प की बात ही नहीं थी. ट्रंप की व्यापार पर धमकी पर MEA का जवाब साफ है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अमेरिका से व्यापार को लेकर कोई चर्चा ही नहीं हुई. कश्मीर पर अमेरिकी मध्यस्थता के ऑफर पर भारत ने दोहराया कि बातचीत सिर्फ द्विपक्षीय होगी और मुद्दा होगा सिर्फ PoK की वापसी. भारत-पाक को एक ही फ्रेम में रखने की जहां तक बात है तो सरकार ने साफ किया कोई 'हाइफनेशन' नहीं. पूरी दुनिया जानती है कि आतंकवाद के मुद्दे पर भारत कहां खड़ा है. तटस्थ जगह पर बातचीत की खबरें भी बेबुनियाद हैं. MEA ने कहा कि ऐसी कोई योजना नहीं है. प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने साफ किया कि भारत की नीति स्पष्ट है: सुरक्षा, संप्रभुता और सच्चाई से कोई समझौता नहीं. जिसे अमेरिका ने घोषित किया आतंकी, उसे ट्रंप ने लगाया लिया गले एक तरफ ट्रंप भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर में अपने दखल का झूठ बेच रहे हैं, दूसरी तरफ तुर्की से हथियारों का सौदा कर रहे हैं. कल तो ट्रंप ने उस आतंकी से भी हाथ मिलाया जिस पर अमेरिका ने करोड़ों का इनाम रखा था. उसे आतंकवादी बताकर जेल भेजा था. लेकिन अब डोनाल्ड ट्रंप ने आतंक पर बड़ा यूटर्न लेते हुए इस आतंकवादी को गले लगा लिया है. जानकारों का कहना है कि अमेरिका का ये यूटर्न भारत के लिए बहुत बड़ा खतरा पैदा कर सकता है. गौरतलब है कि आत्ममुग्धता से पीड़ित ट्रंप के बारे में कहा जाता है कि वो वाहवाही लूटने का एक भी मौका नहीं चूकते. श्रेय लेना ट्रंप की फितरत है. भले ही वो काम उन्होंने किया हो या नहीं. सारी दुनिया जानती है कि पाकिस्तान ने घुटने टेके. समझौते की तरफ हाथ बढाया. भारत ने बडप्पन दिखाया और पाकिस्तान के सिर से बड़ी तबाही टल गई. लेकिन मान ना मान मैं मेहमान की तर्ज पर ट्रंप सरपंच बनकर सामने आ गए. डोनाल्ड ट्रंप ने बार-बार खुद को हिंदुस्तान का सच्चा दोस्त बताया लेकिन उनकी हरकत किसी दुश्मन जैसी लग रही है. कारण, डोनाल्ड ट्रंप मध्य पूर्व के दौरे पर हैं, जहां उन्होंने सीरिया के राष्ट्रपति अहमद अल-शरा उर्फ अबू मोहम्मद अल जुलानी से मुलाकात की. बड़ी बात ये है कि साल 2017 में अमेरिका जुलानी के ऊपर 1 करोड़ का इनाम घोषित कर चुका है. साल 2006 में अमेरिकी सेना ने उसे गिरफ्तार भी किया, वो 5 साल तक हिरासत में रहा. इसकी वजह जुलानी के अलकायदा से रिश्ते हैं, जिसमें वो 21 साल की उम्र में शामिल हो गया था.
New Delhi: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को सख्ती से दोहराया कि कश्मीर मुद्दा एक द्विपक्षीय मामला है, जो पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में भारतीय क्षेत्र पर पाकिस्तान के अवैध कब्जे पर केंद्रित है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार पाकिस्तान के साथ कश्मीर मुद्दे पर चर्चा करने को तैयार है, विशेष रूप से अवैध रूप से कब्जे वाले भारतीय क्षेत्र को खाली करने के संबंध में। जयशंकर ने होंडुरास के दूतावास के उद्घाटन के अवसर पर संवाददाताओं से बात करते हुए कहा, "कभी-कभी कश्मीर मुद्दे को फिर से उठाया जाता है। कश्मीर पर चर्चा के लिए एकमात्र मुद्दा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में अवैध रूप से कब्जाए गए भारतीय क्षेत्र को खाली करना है। हम पाकिस्तान के साथ इस पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं। इसलिए मैं चाहता हूं कि आप हमारी स्थिति को बहुत स्पष्ट रूप से बताएं ताकि आपको पता चले कि आपके दिमाग में क्या है और आप में से कई लोगों ने विभिन्न अवसरों पर मेरे साथ क्या उठाया है। सरकार की स्थिति बहुत स्पष्ट है।"
उन्होंने दोहराया कि पाकिस्तान के साथ भारत के संबंध पूर्णतः द्विपक्षीय रहेंगे, तथा आतंकवाद-रोधी प्रयासों पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि पाकिस्तान के साथ भारत का व्यवहार द्विपक्षीय होगा, जिसमें किसी तीसरे पक्ष की भागीदारी नहीं होगी। जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने की जरूरत है और उसे आतंकवादियों की सूची सौंपनी होगी तथा आतंकवादी ढांचे को नष्ट करना होगा। जयशंकर ने कहा, "पाकिस्तान के साथ हमारे संबंध और व्यवहार पूरी तरह से द्विपक्षीय होंगे। यह वर्षों से राष्ट्रीय सहमति है और इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है। प्रधानमंत्री ने यह स्पष्ट कर दिया है कि पाकिस्तान के साथ बातचीत केवल आतंकवाद पर होगी। पाकिस्तान के पास आतंकवादियों की एक सूची है जिसे सौंपे जाने की आवश्यकता है और उन्हें आतंकवादियों के बुनियादी ढांचे को बंद करना होगा। वे जानते हैं कि क्या करना है। हम उनके साथ आतंकवाद के बारे में चर्चा करने के लिए तैयार हैं। ये वे वार्ताएं हैं जो संभव हैं जयशंकर ने यह भी दोहराया कि 1960 में हस्ताक्षरित सिंधु जल संधि वर्तमान में पाकिस्तान के सीमा पार आतंकवाद के कारण रुकी हुई है।
यह संधि भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों के जल संसाधनों के बंटवारे को नियंत्रित करती है। उन्होंने कहा, "आप सभी जानते हैं कि जल मुद्दे को फिर से उठाया गया है और मैं मंत्रिमंडल, सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति और सरकार के समक्ष इस बात पर पुनः जोर देना चाहता हूं। यह बहुत स्पष्ट है कि सिंधु जल संधि स्थगित है और तब तक स्थगित रहेगी जब तक पाकिस्तान द्वारा सीमा पार आतंकवाद को विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से नहीं रोका जाता।" इस संधि के तहत पूर्वी नदियों (व्यास, रावी और सतलुज) को भारत को तथा पश्चिमी नदियों (सिंधु, चिनाब और झेलम) को पाकिस्तान को आवंटित किया गया है, साथ ही भारत के लिए कुछ प्रावधान हैं कि वह पश्चिमी नदियों का उपयोग सीमित सिंचाई और बिजली उत्पादन जैसे गैर-उपभोग्य कार्यों के लिए कर सकेगा। विश्व बैंक ने भारत और पाकिस्तान के बीच जल-बंटवारे के विवादों को सुलझाने के लिए सिंधु जल संधि की मध्यस्थता की । तनाव और संघर्षों के बावजूद, संधि आम तौर पर कायम रही है, जिसमें दोनों देश डेटा का आदान-प्रदान करते हैं और स्थायी सिंधु आयोग के माध्यम से जल प्रबंधन पर सहयोग करते हैं। हालांकि, 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद से इसे रोक दिया गया है ।
आतंकी हमले के जवाब में भारत ने 6-7 मई की रात को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया और पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों पर हमला किया। जयशंकर ने कहा कि वह 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकवादी हमले की निंदा करने के लिए होंडुरास सरकार के आभारी हैं । उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि हमारे लिए यह बहुत अच्छी बात है कि हमारे पास एक नया दूतावास है और होंडुरास एक ऐसा देश है जहां व्यापार बढ़ रहा है। वे राजनीतिक रूप से हमारा समर्थन करते हैं। वे उन देशों में से एक हैं जिन्होंने हमले के मामले में बहुत मजबूत एकजुटता व्यक्त की है, इसलिए मैं इसकी बहुत सराहना करता हूं।" जयशंकर ने कहा कि कई अंतरराष्ट्रीय नेताओं ने उन्हें फोन किया और अपना समर्थन जताया। इसके अलावा, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव पर कार्रवाई करते हुए भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर हमला किया । उन्होंने कहा, "हमें वास्तव में बहुत सारा अंतर्राष्ट्रीय समर्थन मिला। कई मंत्रियों, कई नेताओं ने यहां फोन किया, कई मंत्रियों ने मुझे फोन किया। हमारे पास सुरक्षा परिषद का प्रस्ताव था जिसमें बहुत स्पष्ट रूप से कहा गया था कि हमले के अपराधियों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। और 7 मई की सुबह हमने अपने ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से की गई कार्रवाई के माध्यम से उन्हें जवाबदेह ठहराया।" इससे पहले 13 मई को विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान भी यही रुख दोहराया था।
उन्होंने कहा, "सीसीएस के निर्णय के बाद, सिंधु जल संधि को स्थगित कर दिया गया है। मैं आपको थोड़ा पीछे ले जाना चाहूंगा। सिंधु जल संधि, यानी आईडब्ल्यूटी, सद्भावना और मैत्री की भावना से संपन्न हुई थी, जैसा कि संधि की प्रस्तावना में निर्दिष्ट है। हालांकि, पाकिस्तान ने कई दशकों से सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देकर इन सिद्धांतों को स्थगित रखा है।" सिंधु जल संधि , जो पाकिस्तान द्वारा कई दशकों तक सीमा पार आतंकवाद को झेलती रही, अब ठंडे बस्ते में चली गई है। जायसवाल ने कहा कि जलवायु परिवर्तन और जनसांख्यिकीय बदलावों ने ज़मीन पर नई वास्तविकताएँ पैदा की हैं। जायसवाल ने कहा, "अब, सीसीएस के 23 अप्रैल के फैसले के अनुसार, जिसका मैंने उल्लेख किया है, भारत तब तक संधि को स्थगित रखेगा जब तक कि पाकिस्तान विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से सीमा पार आतंकवाद के लिए अपने समर्थन को त्याग नहीं देता। कृपया यह भी ध्यान रखें कि जलवायु परिवर्तन, जनसांख्यिकीय बदलाव और तकनीकी परिवर्तनों ने ज़मीन पर भी नई वास्तविकताएँ पैदा की हैं।"
New Delhi. नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपने निवास पर एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें मत्स्य पालन क्षेत्र को और अधिक सशक्त एवं समृद्ध बनाने के उपायों पर चर्चा की गई। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार इस क्षेत्र को अत्यंत महत्वपूर्ण मानती है और मछुआरों के जीवन को बेहतर बनाने तथा बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए निरंतर प्रयासरत है। प्रधानमंत्री ने बताया कि मत्स्य पालन क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के विकास, ऋण सुविधा और बाजारों तक मछुआरों की पहुंच को बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर कार्य किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि आज की बैठक में विशेष रूप से निर्यात को बढ़ावा देने और गहरे समुद्र में मछली पकड़ने की संभावनाओं पर विस्तृत विचार-विमर्श किया गया। सरकार का उद्देश्य इस क्षेत्र को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में सक्षम बनाना है, जिससे न केवल देश की आर्थिक प्रगति हो, बल्कि लाखों मछुआरों को भी लाभ पहुंचे। बैठक में संबंधित मंत्रालयों और विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
नई दिल्ली: भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को ऑस्ट्रियाई विदेश मंत्री बियाटे मींल-रेसिंगर से टेलीफोन पर बातचीत की। दोनों नेताओं के बीच आतंकवाद के मुद्दे को लेकर चर्चा हुई। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ऑस्ट्रियाई विदेश मंत्री से बातचीत की जानकारी दी। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ''ऑस्ट्रियाई विदेश मंत्री के साथ आज हुई बातचीत की सराहना करता हूं। उनकी नियुक्ति पर बधाई दी। आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस और न्यूक्लियर ब्लैकमेल के दृढ़ विरोध पर सहमति हुई। हमारे बेहतरीन द्विपक्षीय संबंधों और यूक्रेन संघर्ष पर चर्चा हुई।''
वहीं, ऑस्ट्रियाई विदेश मंत्री ने इस बातचीत को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ''विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ फोन पर अच्छी बातचीत हुई। ऑस्ट्रिया और भारत अपने मजबूत द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मैंने पहलगाम में हुए आतंकी हमले की ऑस्ट्रिया की निंदा दोहराई और तनाव कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में पाकिस्तान के साथ सीजफायर का स्वागत किया।'' उन्होंने आगे लिखा, ''हमने यूक्रेन में शांति के लिए सामूहिक प्रयासों पर भी चर्चा की और मैंने इस बात पर जोर दिया कि अब समय आ गया है कि रूस हिंसा बंद करे और सीजफायर पर सहमत हो।''
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा था कि भारत कोई भी न्यूक्लियर ब्लैकमेल नहीं सहेगा। न्यूक्लियर ब्लैकमेल की आड़ में पनप रहे आतंकी ठिकानों पर भारत सटीक और निर्णायक प्रहार करेगा। भारत की तीनों सेनाएं, हमारी एयरफोर्स, हमारी आर्मी और हमारी नेवी, हमारी बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स, भारत के अर्धसैनिक बल लगातार अलर्ट पर हैं। उन्होंने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक के बाद, अब 'ऑपरेशन सिंदूर' आतंक के खिलाफ भारत की नीति है। 'ऑपरेशन सिंदूर' ने आतंक के खिलाफ लड़ाई में एक नई लकीर खींच दी है, एक नया पैमाना, न्यू नॉर्मल तय कर दिया है।
नई दिल्ली: 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाते हुए सिंधु जल संधि को रोकने का ऐलान किया था. इससे पाकिस्तान घुटनों पर आ गया है. इस फैसले को लेकर पाकिस्तान ने भारत से अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने की गुहार लगाई है. पाकिस्तान के जल संसाधन मंत्रालय ने भारत के जल शक्ति मंत्रालय को पत्र लिखकर अपील की है कि भारत का यह कदम पाकिस्तान में गंभीर जलसंकट पैदा कर सकता है. पत्र में भारत से अपील की गई है कि वह इस निर्णय पर पुनर्विचार करे.
सूत्रों के मुताबिक नियमानुसार यह पत्र भारत के विदेश मंत्रालय को भी भेज दिया गया है, लेकिन भारत ने पाकिस्तान की इस अपील को साफ तौर पर नकार दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नाम अपने संबोधन में दो टूक कहा था कि खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते. पैसा आतंकियों को देगी पाकिस्तान की सरकार भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों को तबाह किया था. इसमें जैश-ए-मोहम्मद का हेडक्वार्टर भी खंडहर में तब्दील हो गया था. इस हमले में 100 से ज्यादा आतंकी भी मारे गए थे. वहीं, पाकिस्तान की शहबाज सरकार ने भारतीय हमलों में मारे गए प्रत्येक नागरिक के परिजनों को 1 करोड़ रुपए (10 मिलियन PKR) का मुआवजा देने का ऐलान किया है. इस बात का जिक्र पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में किया गया है.
पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के सरगना और संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकी मसूद अजहर के 14 रिश्तेदार इन हमलों में मारे गए हैं. ऐसे में संभावना है कि मसूद अजहर को पाकिस्तानी सरकार की तरफ से 14 करोड़ का मुआवजा मिल सकता है. पाकिस्तान के Dawn और एसोसिएटेड प्रेस ऑफ पाकिस्तान (APP) की रिपोर्ट के मुताबिक मारे गए लोगों में मसूद अजहर की बड़ी बहन और जीजा, भतीजा-भाभी, एक भांजी और कई बच्चे शामिल हैं. ऐसे में मसूद अजहर ही इन सबका वैध उत्तराधिकारी है, तो पाकिस्तान सरकार की ओर से उसे भारी भरकम राशि मिलने की संभावना है.
भारतीय सेना ने तबाह किए आतंकी ठिकाने भारत ने 6-7 मई की दरमियानी रात पाकिस्तानी पंजाब प्रांत के बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालय समेत कई आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था. इसमें जामिया मस्जिद सुभान अल्लाह, जिसे उस्मान-ओ-अली कैंपस के नाम से भी जाना जाता है, पूरी तरह तबाह कर दिया गया. भारतीय अधिकारियों का कहना है कि हमले सटीक और केवल आतंकी ठिकानों पर केंद्रित थे.
अलग-अलग कैटेगरी में पैसा बांटेगी शहबाज सरकार
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार PM शहबाज शरीफ ने इसे 'मारका-ए-हक' अभियान का हिस्सा बताया है और मारे गए लोगों और सुरक्षाबलों के लिए व्यापक मुआवजा योजना की घोषणा की है. एसोसिएटेड प्रेस ऑफ पाकिस्तान के मुताबिक शहबाज सरकार ने अलग-अलग कैटेगरी में मुआवजा तय किया है. -भारतीय हमलों में मारे गए नागरिकों के परिवारों को 1 करोड़ (10 मिलियन पाकिस्तानी रुपये) मिलेंगे. - घायल नागरिकों को 10-20 लाख दिए जाएंगे. - भारतीय हमले में जान गंवाने वाले सैनिकों के परिजनों को रैंक के आधार पर 1 करोड़ से 1.8 करोड़ (10-18 मिलियन PKR) के बीच मुआवजा दिया जाएगा. - 1.9 करोड़ से 4.2 करोड़ तक की आवास सहायता भी प्रदान की जाएगी. - मृत सैन्य कर्मियों के परिवारों को सैनिक की सेवानिवृत्ति की तारीख तक भत्ते के साथ पूरा वेतन मिलता रहेगा. - जान गंवाने वाले सैनिकों के बच्चों को ग्रेजुएशन तक मुफ्त शिक्षा मिलेगी. - भारतीय हमले में मारे गए जवान की एक बेटी को शादी के लिए 10 लाख दिए जाएंगे. - घायल सैन्यकर्मियों को 20-50 लाख मिलेंगे. - भारतीय हमलों में क्षतिग्रस्त घरों और मस्जिदों का पुनर्निर्माण सरकार की ओर से किया जाएगा. - पाकिस्तान सरकार ने भारतीय हवाई हमलों में तबाह हुए लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालयों के पुनर्निर्माण का भी वादा किया है. घायलों के इलाज का पूरा खर्च उठाएगी सरकार पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ ने कहा कि 'शहीदों के बच्चों की देखभाल करना सरकार की जिम्मेदारी है और हम इस दायित्व को पूरा करेंगे.' उन्होंने कहा कि हमारी सरकार घायलों के इलाज का सारा खर्च वहन करेगी. पीएम शहबाज शरीफ ने यह भी वादा किया कि पाकिस्तान की रक्षा और सम्मान में योगदान देने वाले किसी भी व्यक्ति को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दी जाएगी और पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा.
दिल्ली: पहलगाम हमलों के जवाब में भारत द्वारा की गई ताबड़तोड़ एयरस्ट्राइक्स के बाद पाकिस्तान सरकार ने अब अपने सभी प्रांतों को आदेश दिया है कि वे इन हमलों में हुए नुकसान का आकलन करें. भारत के हवाई हमलों में हुए नुकसान को लेकर पाकिस्तान अब चुप्पी तोड़ता नजर आ रहा है और उसने पंजाब, खैबर पख्तूनख्वा, सिंध और बलूचिस्तान सहित पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर और गिलगित बाल्टिस्तान से भी रिपोर्ट तैयार करने को कहा है. पाकिस्तान सरकार इन रिपोर्ट्स के आधार पर ये आंकलन करेगी कि इन हमलों में कितना नुकसान हुआ है.
भारतीय सेना ने दावा किया था कि उसने 6 और 7 मई की रात पाकिस्तान के कई इलाकों में आतंकवादी ठिकानों पर हमला किया था. जिनमें जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के ठिकाने शामिल थे. इन हमलों के बाद पाकिस्तान सरकार द्वारा रिपोर्ट मांगने से साफ है कि इन हमलों से हुए नुकसान का आकलन काफी बड़ा है. रिपोर्ट के लिए पाक के सभी राज्यों को आदेश पाकिस्तान के प्रधानमंत्री सचिवालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि पाकिस्तान के सभी राज्यों को ये रिपोर्ट तैयार करनी होगी कि भारत के हमलों में कितने घर तबाह हुए, कितने लोग मारे गए और किस संस्थान को नुकसान पहुंचा. स्थानीय प्रशासन को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे इन हमलों के दौरान हुई मौतों और घायलों का सही-सही आंकड़ा तैयार करें और पूरी जानकारी डिप्टी कमिश्नरों के माध्यम से एकत्रित करें.
पाकिस्तान को कितना हुआ नुकसान? सूत्रों के मुताबिक, भारत के हमलों में सबसे ज्यादा नुकसान पंजाब से लेकर पीओके तक हुआ. भारतीय सेना ने कई महत्वपूर्ण आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया, जिनमें जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के ठिकाने शामिल थे. मुरीदके और बहावलपुर जैसे स्थानों पर हुए हमलों में इन आतंकी संगठनों के ठिकानों को नष्ट किया गया, जिनमें से एक ठिकाना वो भी था जहां 2008 के मुंबई हमलों में शामिल अजमल कसाब को ट्रेनिंग दी गई थी. अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से साझा की जाएगी रिपोर्ट पाकिस्तान सरकार ने अब इस रिपोर्ट को तैयार करने के बाद इसे अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के साथ साझा करने का भी फैसला किया है. रिपोर्ट में भारत के हमलों के दौरान हुए नुकसान का विवरण, मृतकों और घायलों की संख्या और किस प्रकार के संस्थानों को नुकसान पहुंचा है, ये सब शामिल किया जाएगा. पाकिस्तान की स्थिति और खराब अब तक पाकिस्तान ने भारत की एयरस्ट्राइक्स में हुए नुकसान को नकारा था, लेकिन रिपोर्ट के आदेश के बाद ये साफ है कि पाकिस्तानी सरकार भारतीय हमलों से हुए भारी नुकसान को स्वीकार करने पर मजबूर है. ये रिपोर्ट भविष्य में पाकिस्तान की रक्षा नीति और पुनर्निर्माण योजनाओं में अहम भूमिका निभाएगी. रिपोर्ट के बाद पाकिस्तान की सरकार ने अपनी जनता और प्रभावित क्षेत्रों के लिए राहत कार्यों की तैयारी शुरू कर दी है. ये पूरी रिपोर्ट पाकिस्तान की पुनर्निर्माण योजनाओं में अहम भूमिका निभाएगी.
New Delhi: केंद्र सरकार ने विदेश मंत्री (ईएएम) एस जयशंकर के काफिले में एक अतिरिक्त बुलेटप्रूफ वाहन जोड़कर उनके सुरक्षा कवर को बढ़ा दिया है, शीर्ष सूत्रों ने बुधवार को कहा।जयशंकर, जिन्हें वर्तमान में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल ( सीआरपीएफ ) से 'जेड' श्रेणी की सशस्त्र सुरक्षा प्राप्त है, को अब देशव्यापी आवागमन के लिए एक उन्नत सुरक्षा वाहन मिलेगा। सीआरपीएफ ने यह निर्णय भारत-पाकिस्तान तनाव से जुड़े हाल के खतरे के आकलन के बाद लिया, जिसमें सुरक्षा बढ़ाने की आवश्यकता का संकेत दिया गया था।
गौरतलब है कि पिछले साल अक्टूबर में जयशंकर की सुरक्षा को 'वाई' श्रेणी से बढ़ाकर 'जेड' श्रेणी कर दिया गया था।सीआरपीएफ ने दिल्ली पुलिस से जयशंकर की सुरक्षा का जिम्मा ले लिया था।69 वर्षीय जयशंकर को वर्तमान में सीआरपीएफ कर्मियों की एक सशस्त्र टीम द्वारा जेड श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की जा रही है, जिसमें देश भर में उनके आवागमन और प्रवास के दौरान एक दर्जन से अधिक सशस्त्र कमांडो शामिल हैं।सीआरपीएफ वर्तमान में 210 से अधिक लोगों को वीआईपी सुरक्षा प्रदान कर रही है, जिनमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, नितिन गडकरी, दलाई लामा और कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा शामिल हैं ।
विदेश मंत्री की सुरक्षा बढ़ाने का निर्णय 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकवादी हमले पर भारत की निर्णायक सैन्य प्रतिक्रिया के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव के बाद लिया गया।7 मई को शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया गया, जिसके परिणामस्वरूप जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकवादी संगठनों से जुड़े 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए। हमले के बाद, पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा और जम्मू-कश्मीर में सीमा पार से गोलाबारी की और साथ ही सीमावर्ती क्षेत्रों में ड्रोन हमलों का प्रयास किया, जिसके बाद भारत ने समन्वित हमला किया और पाकिस्तान के 11 वायुसैन्य ठिकानों पर रडार अवसंरचना, संचार केंद्रों और हवाई क्षेत्रों को क्षतिग्रस्त कर दिया।इसके बाद 10 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच शत्रुता समाप्त होने की सहमति की घोषणा की गई।
भारतीय नौसेना भारतीय नौसेना के अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के तहत युद्धपोत INS विक्रांत समेत 36 जहाजों के साथ पाकिस्तान में कराची बंदरगाह को अवरुद्ध कर दिया है। भारतीय सेना ने हाल ही में पहलगाम आतंकी हमले के प्रतिशोध में ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में आतंकी शिविरों को नष्ट कर दिया, जिसमें 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए। पाकिस्तानी सेना ने आतंकवादियों के समर्थन में भारत पर हमले किए, लेकिन भारत ने इन हमलों को प्रभावी ढंग से विफल कर दिया। यह अनुमान लगाते हुए कि पाकिस्तान जवाब देगा, नौसेना ने अपनी समुद्री तैयारियों को काफी बढ़ा दिया। उस दिन, ब्रह्मोस मिसाइलों से लैस युद्धपोत INS विक्रांत के साथ कुल 36 जहाजों और पनडुब्बियों को कराची बंदरगाह को निशाना बनाने के लिए तैनात किया गया था। नौसेना के अधिकारियों ने हाल ही में इसका खुलासा किया और उल्लेख किया कि इन जहाजों की तैनाती के कारण ऑपरेशन सिंदूर सफल रहा। नौसेना अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के खिलाफ तीन-आयामी दबाव रणनीति का इस्तेमाल किया। उन्होंने कहा कि कराची बंदरगाह को निशाना बनाने के लिए 36 फ्रंटलाइन नौसेना बलों को तैनात किया गया था, जिसमें ब्रह्मोस मिसाइलों, मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों और वरुणास्त्र हेवीवेट टॉरपीडो से लैस सात विध्वंसक शामिल थे। उनके पास हाल ही में कमीशन किए गए INS तुशील सहित सात स्टील्थ गाइडेड-मिसाइल फ्रिगेट भी थे। अधिकारियों ने कहा कि INS विक्रांत और ब्रह्मोस मिसाइलों द्वारा कराची बंदरगाह की नाकाबंदी के कारण पाकिस्तानी नौसेना प्रभावी ढंग से जवाब नहीं दे सकी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी नौसेना को खुद को बंदरगाह तक सीमित रखने के लिए मजबूर होना पड़ा। इन तनावपूर्ण स्थितियों के दौरान, अंतरराष्ट्रीय वाणिज्यिक जहाजों ने अपने मार्ग बदल दिए। हालांकि, भारत की तैयारियों को देखते हुए, पाकिस्तान ने अंततः युद्धविराम का प्रस्ताव रखा। यह प्रस्ताव डीजीएमओ हॉटलाइन के माध्यम से रखा गया और भारत ने इस पर सहमति व्यक्त की।
अमृतसर के मजीठा में जहरीली शराब पीने से कम से कम 14 लोगों की मौत हो गई है। वहीं कई लोगों की हालत गंभीर है। उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। अमृतसर पुलिस ने मजीठा थाने में मामला दर्ज किया है। बताया जा रहा है कि शराब 11 मई की रात को ही खरीदी गई थी। सोमवार को सुबह ही कुछ लोगों की मौत हो गई थी।
जम्मू-कश्मीर के शोपियां में लश्कर-ए-तैयबा के 3 आतंकी मारे गए। मुठभेड़ अभी भी जारी है। इसे ऑपरेशन केलर नाम दिया गया है। शुकरू के जंगली इलाकों में आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली थी। महाराष्ट्र साइबर सेल ने बताया कि पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तानी और बांग्लादेशी हैकरों ने भारत में 15 लाख साइबर अटैक किए। इनमें से सिर्फ 150 ही कामयाब रहे। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सुबह पंजाब के आदमपुर एयरबेस पहुंचे। उन्होंने एयरबेस पर जवानों से मुलाकात की। पाकिस्तान ने दावा किया था कि उसने आदमपुर एयरबेस को निशाना बनाया है। जम्मू-कश्मीर, पंजाब और राजस्थान में सोमवार रात ड्रोन दिखे थे। कुछ देर बाद सेना ने कहा कि दुश्मन के किसी ड्रोन की सूचना नहीं है। आज सभी स्थानों पर स्थिति सामान्य है। 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत के बाद पाकिस्तानी गोलाबारी में आर्मी के 6 और क्चस्स्न के 2 जवान शहीद हो चुके हैं, 59 घायल हैं। इसके अलावा 28 सिविलियंस की भी जान गई है।
लाहौर/नई दिल्ली। पहलगाम हमले के जवाब में भारत के मिसाइल हमलों के बाद पाकिस्तान बौखला गया है। अपनी बौखलाहट में उसने भारत के कई अग्रिम स्थानों पर गोलाबारी की है। हालांकि, भारतीय सेनाओं की जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान को काफी खामियाजा उठाना पड़ा है। भारत की सीमा से सटे पाकिस्तान के सबसे बड़े शहर लाहौर में उसे काफी नुकसान पहुंचा है। भारत ने लाहौर में पाकिस्तान का एयर डिफेंस सिस्टम पूरी तरह ध्वस्त कर दिया है।
जम्मू। गुरुवार रात पाकिस्तान की ओर से किए गए आत्मघाती ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद जम्मू-कश्मीर में तनाव का माहौल है। भारतीय सेना ने जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान की आठ मिसाइलें और कई ड्रोन हवा में ही मार गिराए। इस हमले के बाद मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने हालात का जायजा लिया।
कोलकाता। ऑपरेशन सिंदूर के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। बीते 48 घंटों में पाकिस्तान ने भारत के कई शहरों पर हमले की कोशिश की लेकिन भारत ने उसकी सभी कोशिशों को नाकाम कर दिया। साथ ही भारत ने जवाबी कार्रवाई भी की है। भारत ने समुद्री रास्ते से भी पाकिस्तान को जवाब दिया है।
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, 22 अप्रैल को पाकिस्तानी आतंकवादियों ने पहलगाम पर हमला किया था... प्रधानमंत्री मोदी का संकल्प था और हमारे सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया है... हमें अपने सशस्त्र बलों के साथ खड़ा होना है और उनका मनोबल बढ़ाना है... आज आप पाकिस्तान को दुनिया के सामने कराहते हुए देख सकते हैं... सोशल मीडिया पर तरह-तरह की अफवाहें फैलाई जाएंगी। हमें प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में काम करते रहना है। भारत हर परिस्थिति में विजयी है और आगे भी विजयी रहेगा।
नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर से बौखलाए पाकिस्तान ने भारत के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की, जिसे भारतीय सेनाओं ने पूरी तरह नाकाम कर दिया
जम्मू-कश्मीर। भारत ने पाकिस्तान को फिर बड़ा झटका दिया। सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने शुक्रवार (9 मई) को जम्मू-कश्मीर के सांबा में इंटरनेशनल बॉर्डर पर पाकिस्तानी घुसपैठ की कोशिश को नाकाम किया। सुरक्षा बल ने गोलीबारी कर घुसपैठ कर रहे 7 आतंकियों को ढेर कर दिया। घुसपैठिए जैश-ए-मोहम्मद के बताए जा रहे हैं।
देहरादून (वीएनएस)। उत्तराखंड के देहरादून से उत्तरकाशी जनपद अंतर्गत स्थित श्री गंगोत्री धाम की यात्रा पर श्रद्धालुओं को ले जा रहा एक हेलीकॉप्टर के गुरुवार को दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से छह लोगों की मौत हो गयी। हेलीकाप्टर में पायलट सहित कुल सात लोग सवार थे। इनमें से छह लोगों के शव बरामद हुए हैं जबकि एक यात्री सुरक्षित है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हादसे पर शोक व्यक्त किया है।
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर कई स्थानों पर पाकिस्तानी सैनिकों ने बिना उकसावे के गोलीबारी कर संघर्ष विराम का उल्लंघन किया है। सेना ने कहा कि बुधवार और गुरुवार की मध्यरात्रि के दौरान संघर्ष विराम का उल्लंघन कश्मीर के कुपवाड़ा, बारामुल्ला, उरी और जम्मू के अखनूर के आसपास के इलाकों में हुआ।
तेहरान। ईरान ने अमेरिका के साथ सीधी परमाणु वार्ता और दोनों देशों के राष्ट्रपतियों के बीच एक आसन्न बैठक पर तेहरान द्वारा प्रस्ताव के बारे में अटकलों को खारिज कर दिया है। ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता एस्माईल बाघई ने बुधवार को यह जानकारी दी।
बिलाईगढ़। सरसींवा क्षेत्र के चोरभट्ठी गांव में एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को परियोजना अधिकारी द्वारा प्रताड़ित करने का मामला सामने आया है। मिनी आंगनबाड़ी केंद्र परसाभांठा में कार्यरत महेश्वरी साहू ने आरोप लगाया है कि बिना ठोस आधार के उन्हें नोटिस जारी किया गया और अप्रैल माह का रेडी टू ईट फूड वितरण रोक दिया गया।
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