बड़ी खबर

देश-विदेश

  • सीएम डॉ. मोहन यादव ने की बड़ी घोषणा एबी रोड पर बने बीआरटीएस को हटाया जाएगा..

    22-Nov-2024

    इंदौर, शहर में एबी रोड पर बने बीआरटीएस को हटाया जाएगा। सीएम डॉ. मोहन यादव ने शहर में मीडिया से चर्चा करते हुए यह बड़ी घोषणा की है. उन्होंने कहा कि इससे जनता को परेशानी हो रही है और जन प्रतिनिधियों की मांग पर यह निर्णय लिया जा रहा है. सीएम ने कहा कि हम इस मामले में सरकार की ओर से कोर्ट में भी अपना पक्ष रखेंगे. बीजेपी प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने एक्स हैंडल पर पोस्ट कर यह जानकारी दी है. गौरतलब है कि इंदौर में बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (बीआरटीएस) को लेकर मप्र हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में एक जनहित याचिका दायर की गई है।

     
    बीआरटीएस पर बसें चलती हैं
    बीआरटीएस पर प्रतिदिन यात्री बसें चलाई जाती हैं। इन बसों में प्रतिदिन 50 हजार से अधिक यात्री सफर करते हैं। लेकिन बीआरटीएस की वजह से अन्य वाहनों को जगह कम मिलती है और इस पूरे रूट पर कई जगहों पर जाम की स्थिति बन जाती है.
     
    बीआरटीएस 11.5 किमी लंबा है
    इंदौर के राजीव गांधी प्रतिमा से निरंजनपुर तक लगभग 11.5 किमी लंबे बीआरटीएस का निर्माण किया गया है। जिसमें केवल बसें चलाई जाती हैं। इसके साथ ही यहां से एंबुलेंस को भी गुजरने की इजाजत है.
     
    इंदौर में बीआरटीएस के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी
     
    सामाजिक कार्यकर्ता किशोर कोडवानी ने इंदौर में बीआरटीएस को लेकर हाई कोर्ट में दो जनहित याचिकाएं दायर कीं.
     
    इंदौर बीआरटीएस पर पहला आवेदन 2013 में दायर किया गया था, जबकि दूसरा आवेदन 2015 में दायर किया गया था।
     
    मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ ने इस मामले में बीआरटीएस की उपयोगिता और अन्य मुद्दों पर गौर करने के लिए एक समिति के गठन का निर्देश दिया था।
     
    बीआरटीएस पर बनी कमेटी को आठ सप्ताह में अपनी रिपोर्ट देनी थी।
     
    इन याचिकाओं को मप्र हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने जबपुर हाई कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया था।

    Read More
  • मध्यप्रदेश में तापमान सामान्य से नीचे इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर और जबलपुर में भी रात का तापमान 15 डिग्री से नीचे आया

    22-Nov-2024

    इंदौर: मध्यप्रदेश में इस साल नवंबर की ठंड ने पिछले साल के रिकॉर्ड को भी पीछे छोड़ दिया है। प्रदेश के लगभग सभी शहरों में तापमान सामान्य से नीचे चला गया है, जिसमें पचमढ़ी सबसे ठंडा हिल स्टेशन साबित हो रहा है। राजधानी भोपाल में इस नवंबर का तापमान पिछले 10 सालों में तीसरी सबसे सर्द रात का गवाह बना, जब पारा 10.2 डिग्री सेल्सियस तक गिरा। इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर और जबलपुर में भी रात का तापमान 15 डिग्री से नीचे आ गया।

     
    कई शहरों में दस डिग्री से कम है तापमान
    पचमढ़ी में सबसे कम तापमान 7.8 डिग्री रिकॉर्ड किया गया, जबकि अन्य शहरों जैसे शाजापुर, शहडोल, और मंडला में पारा 9 डिग्री के करीब रहा। बड़े शहरों में भोपाल और ग्वालियर में तापमान क्रमशः 10.2 डिग्री और 11.1 डिग्री दर्ज किया गया, जबकि इंदौर और उज्जैन में यह 13.9 डिग्री और 11.5 डिग्री तक पहुंचा। मौसम विभाग का कहना है कि पश्चिम-उत्तर भारत में चल रही जेट स्ट्रीम हवाओं और दो साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम के सक्रिय होने से प्रदेश में सर्द हवाओं का असर बढ़ गया है।
     
    एक सप्ताह में गिरा तापमान
    पिछले एक सप्ताह से रात के साथ दिन के तापमान में भी 2-3 डिग्री की गिरावट देखी गई है। मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक, ऐसा ही मौसम अगले कुछ दिनों तक बना रहेगा, जिसके बाद दिसंबर में ठंड और तेज हो जाएगी। इस प्रकार, मध्यप्रदेश में सर्दी ने नवंबर के महीने को कड़ाके की ठंड के साथ यादगार बना दिया है।

    Read More
  • रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड जे ऑस्टिन से मुलाकात कर भारत-अमेरिका रक्षा साझेदारी में हुई प्रगति पर चर्चा की

    22-Nov-2024

    लाओस वियनतियाने,रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड जे ऑस्टिन से मुलाकात की और भारत-अमेरिका रक्षा साझेदारी में हुई प्रगति पर चर्चा की, जिसमें रक्षा संचालन, सूचना साझाकरण और औद्योगिक नवाचार में बढ़ते सहयोग पर प्रकाश डाला गया। यह बैठक गुरुवार को लाओस के वियनतियाने में 11वीं आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक (एडीएमएम)-प्लस के दौरान हुई।

     
    बैठक के बाद एक्स पर एक पोस्ट में, अमेरिकी रक्षा सचिव ने कहा, “लाओस में भारतीय रक्षा मंत्री सिंह के साथ शानदार बैठक हुई। हम मालाबार जैसे अभ्यासों के माध्यम से अंतर-संचालन क्षमता के निर्माण से लेकर इंडस-एक्स के माध्यम से प्रौद्योगिकी नवाचार तक अपने रक्षा संबंधों को गहरा कर रहे हैं। मंत्री राजनाथ सिंह, आपकी मित्रता और नेतृत्व के लिए धन्यवाद।” राजनाथ सिंह ने भी अपने एक्स प्लेटफॉर्म पर बैठक के बारे में पोस्ट करते हुए कहा, “मेरे मित्र लॉयड ऑस्टिन से मिलना हमेशा बहुत खुशी की बात होती है।
     
    वह भारत के बहुत अच्छे मित्र रहे हैं। भारत-अमेरिका रक्षा साझेदारी को मजबूत करने में उनका योगदान अनुकरणीय रहा है।” रक्षा मंत्रालय के एक बयान में बैठक के मुख्य बिंदुओं को रेखांकित किया गया, जिसमें दोनों पक्षों ने अमेरिका-भारत रक्षा औद्योगिक सहयोग रोडमैप के तहत प्रगति को स्वीकार किया।
     
    सहयोग में जेट इंजन, युद्ध सामग्री और ग्राउंड मोबिलिटी सिस्टम के लिए सह-उत्पादन व्यवस्था में सुधार के प्रयास शामिल हैं। MoD के अनुसार, बैठक के दौरान सिंह ने अगस्त 2024 में अपनी अमेरिका यात्रा को याद किया, जहाँ दो महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए थे – आपूर्ति सुरक्षा समझौता (SOSA) और संपर्क अधिकारियों की तैनाती के संबंध में समझौता ज्ञापन।
     
    दोनों नेताओं ने तब इन समझौतों का स्वागत किया और सैन्य सहयोग बढ़ाने और एक स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र को बनाए रखने के प्रयासों को रेखांकित किया। बैठक के दौरान रक्षा मंत्री सिंह ने सितंबर में आयोजित सफल QUAD शिखर सम्मेलन का भी जिक्र किया, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी भाग लिया था।
     
    बयान में कहा गया कि सिंह ने इंडो-पैसिफिक में प्रशिक्षण के लिए समुद्री पहल (MAITRI) और क्वाड इंडो-पैसिफिक लॉजिस्टिक्स नेटवर्क पायलट प्रोजेक्ट जैसी नई पहलों पर एक साथ काम करने के महत्व पर जोर दिया। नेताओं ने भारत-अमेरिका रक्षा त्वरण पारिस्थितिकी तंत्र द्वारा प्रोत्साहित सरकारों, व्यवसायों और शैक्षणिक संस्थानों के बीच रक्षा नवाचार में बढ़ते सहयोग के लिए अपना समर्थन भी व्यक्त किया। दोनों पक्ष पिछले ढाई वर्षों में हासिल की गई गति को जारी रखने पर सहमत हुए।

    Read More
  • विख्यात कथावाचक प्रदीप मिश्रा की शिव महापुराण कथा के दौरान चोरनी गैंग का हुआ खुलासा पुलिस ने इस गैंग की 15 महिला चोरों को किया गिरफ्तार

    22-Nov-2024

    वाराणसी: वाराणसी में चल रही विख्यात कथावाचक प्रदीप मिश्रा की शिव महापुराण कथा के दौरान चोरनी गैंग का खुलासा हुआ है. पुलिस ने इस गैंग की 15 महिला चोरों को गिरफ्तार किया है. इनके पास से करीब 10 लाख रुपये की कीमत के दो सोने की चेन और नौ मंगलसूत्र बरामद किए गए हैं. पकड़ी गई महिलाएं पूर्वांचल के अलग-अलग जिलों के साथ-साथ बिहार की भी रहने वाली हैं.

     
    जानकारी के अनुसार, वाराणसी के डोमरी इलाके में पिछले कुछ दिनों से कथावाचक प्रदीप मिश्रा शिव महापुराण कथा का वाचन कर रहे हैं. कथा सुनने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु जुट रहे थे. इसी दौरान महिलाओं के गले से चेन और मंगलसूत्र चोरी होने की घटनाएं बढ़ने लगीं. इन घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने छानबीन शुरू की.
     
    कार्रवाई के दौरान चोरनी गैंग की एक महिला को पकड़ा गया, जिसकी निशानदेही पर अन्य 14 महिलाओं को गिरफ्तार किया गया. पुलिस ने बताया कि ये महिलाएं कथा स्थल पर भीड़ का फायदा उठाकर लोगों के गले से आभूषण चुराने में माहिर हैं. पुलिस ने चोरनी गैंग से 10 लाख रुपये के आभूषण बरामद किए हैं. वाराणसी के एसीपी कोतवाली ईशान सोनी ने बताया कि पकड़ी गई महिलाएं पूर्वांचल के विभिन्न जिलों और बिहार से संबंध रखती हैं.
     
    ये महिलाएं बड़े आयोजनों और धार्मिक स्थलों पर चोरी की घटनाओं को अंजाम देती थीं. गिरफ्तारी के बाद कथा स्थल पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. पुलिस ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे सतर्क रहें और अपने आभूषणों की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखें. इस मामले में एसीपी कोतवाली ईशान सोनी ने कहा कि चोरनी गैंग की पहचान कर ली है. इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके.

    Read More
  • यूट्यूबर सौरभ जोशी को लॉरेंस बिश्नोई गैंग की मिली धमकी,मांगी दो करोड़ की फिरौती

    18-Nov-2024

     उत्तराखंड। सलमान खान के बाद अब देश के मशहूर और उत्तराखंड के हल्द्वानी निवासी यूट्यूबर सौरभ जोशी को लॉरेंस बिश्नोई गैंग की धमकी मिली है। लॉरेंस बिश्नोई गैंग की तरफ से दो करोड़ की सौरभ जोशी से फिरौती मांगी गई है। ऐसा न करने पर सौरभ के परिवार के सदस्य को मारने की धमकी भी दी है।‌ पांच दिन में पैसा देने के लिए कहा गया है। पैसा नहीं देने और पुलिस के पास जाने पर एक-एक कर घर के सदस्यों को जान से मारने की धमकी दी गई है।

     
    ओलिविया रामपुर रोड हल्द्वानी निवासी यूट्यूब सौरभ जोशी ने पुलिस को दी तहरीर में कहा है कि उसे एक धमकी भरा पत्र प्राप्त हुआ है। धमकी भरे पत्र में लिखा गया है कि नमस्ते सौरव जोशी, मैं करन बिश्नोई ,लॉरेंस बिश्नोई गैंग से हूं, यह पत्र आपको एक महत्वपूर्ण सूचना देने के लिए भेजा जा रहा है।
     
    हमारे बॉस लॉरेंस बिश्नोई ने आपको हमारी गैंग को दो करोड़ रुपये नकद देने का आदेश दिया है। यदि आप नकद राशि नहीं देते है तो आपको या आपके परिवार के किसी भी सदस्य को मारने का आदेश दिया गया है।

    Read More
  • पेंशनभोगियों के लिए केंद्र सरकार द्वारा शुरू किए अभियान के तहत अब तक 77 लाख डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट (डीएलसी) जारी किए जा चुके हैं

    18-Nov-2024

     दिल्ली। पेंशनभोगियों की जिंदगी आसान बनाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा शुरू किए अभियान के तहत अब तक 77 लाख डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट (डीएलसी) जारी किए जा चुके हैं। यह जानकारी सरकार द्वारा सोमवार को दी गई। सरकार द्वारा आधिकारिक बयान में कहा गया कि डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट (डीएलसी) अभियान 3.0 के तहत कवर किए गए 1,77,153 पेंशनभोगी 90 वर्ष से अधिक उम्र के हैं, जबकि 17,212 पेंशनभोगी 80-90 वर्ष के हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, चेहरे की पहचान जैसी उन्नत प्रमाणीकरण विधियों के जरिए 24 लाख डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट जारी हुए, जो कुल उत्पन्न डीएलसी का 34 प्रतिशत है।

     
    वृद्ध पेंशनभोगियों को अपने घर से या नजदीक स्थित कार्यालयों या बैंक शाखाओं में डीएलसी जमा करने की सुविधा दी गई है। यह अभियान करीब दो हफ्ते पहले लॉन्च किया गया था। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) और पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने इस अभियान का नेतृत्व किया है और करीब 9 लाख से ज्यादा डीएलसी अभियान शुरू होने के दूसरे हफ्ते के अंत तक जारी किए हैं। वहीं, केनरा बैंक और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने क्रमश: एक लाख और 57,000 डीएलसी जारी किए हैं।
     
    राज्य-वार, महाराष्ट्र 10 लाख से अधिक डीएलसी तैयार करने के साथ सबसे आगे रहा है, इसके बाद तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल प्रत्येक में 6 लाख हैं। उत्तर प्रदेश ने भी 5 लाख से अधिक डीएलसी के साथ अच्छा प्रदर्शन किया है। यह अभियान 1-30 नवंबर तक 800 शहरों और कस्बों में चलाया जा रहा है और इन दौरान 1575 शिविर लगाए गए। अभियान को लागू करने में मदद के लिए देश भर में 1.8 लाख डाकिये भी तैनात किए गए हैं।
     
    बैंकिंग संस्थानों और सरकारी एजेंसियों की भागीदारी के साथ देश भर के पेंशनभोगियों के लिए आसानी और सुविधा बढ़ाने के लिए इस अभियान को 6 नवंबर को लॉन्च किया गया था।

    Read More
  • ऑस्ट्रेलिया में आए तूफान की वजह से बड़े पैमाने पर संपत्तियों को नुकसान ,20 से अधिक उड़ानें रद्द

    18-Nov-2024

     ऑस्ट्रेलिया। ऑस्ट्रेलिया के सबसे अधिक आबादी वाले राज्य न्यू साउथ वेल्स (एनएसडब्ल्यू) में रविवार रात आए तूफान की वजह से बड़े पैमाने पर संपत्तियों को नुकसान पहुंचा। सिडनी हार्बर ब्रिज का एक हिस्सा उड़ गया। वहीं 20 से अधिक उड़ानें रद्द करनी पड़ी। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, रविवार रात सिडनी और न्यू साउथ वेल्स के अधिकांश हिस्सों में 100 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक की गति से हवाएं चलीं। भारी बारिश हुई और पूरे राज्य में व्यापक ब्लैकआउट से लोग प्रभावित हुए।

     
    मौसम विज्ञान ब्यूरो (बीओएम) ने सोमवार को पूर्वोत्तर एनएसडब्लू में अधिक भयंकर तूफान का पूर्वानुमान लगाया है। एनएसडब्ल्यू राज्य आपातकालीन सेवा (एसईएस) ने सोमवार को बताया कि उसे राज्य भर में 278 घटनाओं की सूचना मिली, जिनमें से 81 सिडनी में हुई। सिडनी से लगभग 500 किमी उत्तर-पश्चिम में स्थित 93 लोगों की आबादी वाले एक छोटे से शहर कारिंडा में 150 किमी प्रति घंटे से अधिक की गति से हवाएं चलीं। इसके कारण तीन व्यावसायिक संपत्तियां नष्ट हो गई और उनकी छतें उड़ गई।
     
    रविवार को स्थानीय समयानुसार रात 8 बजे के बाद आए तूफान के कारण सिडनी हार्बर ब्रिज से एक वर्ग मीटर की कंक्रीट और स्टील रोड प्लेट उखड़ गई, जिससे 25 कारें क्षतिग्रस्त हो गई। इसकी वजह से पुल पर यातायात व्यवस्था बाधित हुई। एनएसडब्लू के परिवहन सचिव जोश मरे ने कहा कि राज्य सरकार वाहनों की मरम्मत का खर्च वहन करेगी। मरे ने सोमवार को नाइन रेडियो से कहा, “यह एक बुरा सपने जैसा था। मैं उन सभी लोगों से माफी मांगता हूं जिनकी कार क्षतिग्रस्त हुई या जो दो घंटे तक फंसे रहे।”रविवार को सिडनी आने वाली 20 से अधिक उड़ानें रद्द कर दी गईं तथा कतर और फिजी से आने वाली अन्य उड़ानों को ब्रिस्बेन की ओर मोड़ दिया गया।
     
     

    Read More
  • धीमी न्यायिक प्रक्रिया के विकल्प पर सोचना होगा

    17-Nov-2024

     उलेमा बनाम उत्तरी दिल्ली मामले पर सुनवाई के दौरान जिस तरह सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणियां की थीं, इस मामले पर आए फैसले का अंदेशा उनसे हो गया था। सबसे बड़ी अदालत ने बुलडोजर कार्रवाई पर पूरी रोक तो नहीं लगाई है, लेकिन इसके लिए मानक प्रक्रिया बनाकर राज्य सरकारों और स्थानीय निकायों के हाथ जरूर बांध दिए हैं। जैसा कि हर फैसले के साथ होता है, हर पक्ष अपने-अपने हिसाब से इसकी व्याख्या कर रहा है। बुलडोजर कार्रवाई के विरोधी इसे अपनी जीत बता रहे हैं, वहीं इसके समर्थक इस फैसले में भी कार्रवाई के लिए राह खोज रहे हैं। इससे साफ है कि बुलडोजर न्याय सिर्फ स्पीड ब्रेकर का काम करेगा, ब्रेक नहीं बन पाएगा। स्पीड ब्रेकर तेज रफ्तार वाहनों की रफ्तार को धीमी करता है, जबकि ब्रेक गाड़ी को रोक देता है। यह फैसला भी कुछ इसी तरह का साबित होने जा रहा है।

     
    सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर कार्रवाई को नियंत्रित करते वक्त एक तथ्य पर ध्यान नहीं दिया है। हमारे यहां आपराधिक मामलों की सुनवाई की जो प्रक्रिया है और उसमें जिस तरह की देर लगती है, उसे अपराध करने वालों ने अपने लिए आड़ बना रखा है। बरसों तक धीमी गति से चलने वाली न्यायिक प्रक्रिया का एक संदेश यह है कि ताकतवर चाहे तो अपराध करने के बावजूद प्रक्रिया की घुमावदार गलियों में न्यायिक फैसले को टाल सकता है। यह टालना इतना लंबा हो जाता है कि एक तरह से वह न्याय से इनकार हो जाता है। देर है पर अंधेर नहीं की सोच भी उबाऊ और धीमी न्यायिक प्रक्रिया के सामने धुंधली होते-होते समाप्त हो जाती है। इसी घुमावदार और लंबी-धीमी न्यायिक प्रक्रिया का विकल्प बनकर बुलडोजर न्याय उभरा था। राज्य सरकारों ने इसे त्वरित न्याय के साधन के तौर पर अपनाया और देखत ही देखते अपराधमुक्त समाज की चाहत रखने वालों की चहेती बन बैठीं।
     
    सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर कार्रवाई की मानक प्रक्रिया बनाते हुए त्वरित न्याय के विकल्प या न्यायिक प्रक्रिया की घुमावदार गलियों को पूरी तरह नजरंदाज किया है। यही वजह है कि इस फैसले के बाद अपराधियों, गैंगस्टरों, असामाजिक तत्वों के उभार को लेकर समाज का एक बड़ा वर्ग सशंकित हो उठा है। देश की सबसे बड़ी अदालत होने के चलते सुप्रीम कोर्ट को इस सामाजिक सोच का भी संज्ञान लेना चाहिए और उसे भी आश्वस्त करना चाहिए कि उसके फैसले के बावजूद किसी गैंगस्टर, कोई अपराधी या समाज विरोधी तत्व को कमजोर तबके की जमीनों या सार्वजनिक संपत्तियों के अतिक्रमण का हक नहीं मिल जाता।
     
    सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला उत्तरी दिल्ली के एक मामले में दिया है। अप्रैल 2022 में दिल्ली के जहांगीर पुरी में रामनवमी के दिन निकले जुलूस पर एक मस्जिद और उस इलाके से जुलूस पर हुए पथराव और उससे उपजी हिंसा के जवाब में दिल्ली नगर निगम ने अवैध अतिक्रमणों को हटाने के लिए बुलडोजर कार्रवाई की थी। इस कार्रवाई को सांप्रदायिक कार्रवाई का रंग देते हुए सेकुलर धारा के दिग्गज वकीलों मसलन कपिल सिब्बल आदि ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। भले ही सुनवाई इसी मामले की होती रही, लेकिन संदेश ऐसा गया मानो उत्तर प्रदेश की सरकार की बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ सुनवाई हो रही है। इसकी वजह यह रही कि उत्तर प्रदेश की सरकार ने त्वरित न्याय के विकल्प के रूप में इसे अपनाया। तब उत्तर प्रदेश सरकार को लेकर यह छवि बनाई गई कि वह सिर्फ अल्पसंख्यक यानी मुस्लिम तबकों के खिलाफ ही बुलडोजर कार्रवाई करती है। जबकि योगी सरकार ने बिरादरी से ब्राह्मण लेकिन कर्म से माफिया और गैंगस्टर विकास दुबे के खिलाफ भी इस कार्रवाई को किया। भदोही के बिरादरी से पंडित गैंगस्टर और राजनेता विजय मिश्रा की अतिक्रमित संपत्तियां भी उत्तर प्रदेश सरकार के निशाने पर रहीं। लेकिन प्रचारित सिर्फ अतीक, मुख्तार जैसे मुस्लिम दबंगों और माफियाओं की संपत्तियों के खिलाफ हुई कार्रवाई ही की जाती रहीं। इस बहाने त्वरित न्याय के इस सरकारी विकल्प को हिंदुत्ववादी राजनीतिक दर्शन का ना सिर्फ नतीजा बताया गया, बल्कि यह नैरेटिव स्थापित कर दिया गया। इसीलिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर आम लोगों के बीच संदेश यही गया है कि यह उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ आया फैसला है।
     
    बुलडोजर कार्रवाई को लेकर प्रचारित सिर्फ योगी सरकार रही, लेकिन अवैध अतिक्रमण के खिलाफ आंध्र, तेलंगाना, राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश आदि सरकारों ने भी की है। एक आंकड़े के मुताबिक, पिछले सात सालों में करीब 2000 अवैध अतिक्रमण बुलडोजर कार्रवाई में ढहाए गए। जिनमें सबसे ज्यादा करीब डेढ़ हजार मामले उत्तर प्रदेश के ही रहे। लेकिन उत्तर प्रदेश में इस कार्रवाई से खाली कराई गई जमीनों को कमजोर तबकों में बांटा भी गया है। करीब सात सौ ऐसे प्लॉट बांटे जा चुके हैं। इसकी चर्चा कम हो रही है।
     
    निश्चित तौर पर इससे किसी को इनकार नहीं होगा कि किसी अपराधी के अपराध की कीमत उसका पूरा परिवार अपना घर गवांकर क्यों चुकाए। लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए कि अपराधी का घर भी अगर सरकारी तंत्र के निशाने पर बना तो उसकी वजह उसका नियमित निर्माण नहीं, बल्कि अवैध कब्जा और अतिक्रमण रहा।
     
    अब तक बुलडोजर कार्रवाई नगर पालिकाओं, पंचायती राज संस्थाओं का विषय रहा है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद इसे में स्थानीय जिला अधिकारी और उप जिलाधिकारी भी शामिल हो गए हैं। अवैध कब्जे और अतिक्रमण के खिलाफ बुलडोजर कार्रवाई जिला अधिकारी की निगरानी में होगी और इसके लिए मान्य प्रक्रिया और नोटिस आदि देने की अवधि का पूरी तरह निर्वहण किया जाएगा। इस प्रक्रिया की राह में एक बाधा नजर आ रही है। जिला प्रशासन समय और काम के बोझ का बहाना बनाकर ऐसी कार्रवाइयों को टाल सकता है। अपराधी, माफिया और गैंगस्टर कब्जे करते रहेंगे, और धीमी न्यायिक प्रक्रिया के चलते वे अपने अपराध को प्रकारांतर से स्थापित करते रहेंगे। इससे त्वरित न्याय प्रक्रिया की वैकल्पिक सोच भी कुंद होगी। ऐसे में न्याय की उम्मीद भी धुंधली होगी। ऐसे में आपराधिक तत्वों पर लगाम लगा पाना आसान नहीं रह जाएगा।
     
    बुलडोजर कार्रवाई के माननीकरण वाले फैसले के बाद खास नैरेटिव को बढ़ावा मिलेगा। यह धारणा बलवती होगी कि सिर्फ हिंदुत्ववादी सरकारें ही बुलडोजर न्याय पर भरोसा करती हैं। सुप्रीम कोर्ट तो खुद मीडिया के बीच इस छवि के खंडन के लिए जा नहीं सकता। इसलिए दूसरे जिम्मेदार तंत्र को इस दिशा में प्रयास करना चाहिए। लगे हाथों सुप्रीम कोर्ट को न्याय में देरी और उसकी धीमी प्रक्रिया को भी नियंत्रित करने की कोशिश करनी चाहिए। ताकि बुलडोजर न्याय की जरूरत ही ना पड़े। अगर न्यायिक प्रक्रिया सामान्य तरीके से चलती रहे तो शायद ही कोई होगा, जो बुलडोजर कार्रवाई को ही न्याय का अंतिम विकल्प माने।

    Read More
  • Delhi की एक अदालत ने धन शोधन मामले में कारोबारी राजेश कत्याल को नियमित जमानत दी

    16-Nov-2024

    नई दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने व्यवसायी राजेश कत्याल को नियमित जमानत दे दी है , जिन्हें प्रवर्तन निदेशालय ( ईडी ) ने अपनी कंपनियों के माध्यम से अपराध की आय (पीओसी) में 200 करोड़ रुपये से अधिक की लूट में कथित संलिप्तता के लिए गिरफ्तार किया था। कत्याल को पहले दिल्ली उच्च न्यायालय ने अंतरिम जमानत दी थी। विशेष न्यायाधीश गौरव गुप्ता ने 14 नवंबर, 2024 को पारित एक आदेश में व्यवसायी राजेश कत्याल को नियमित जमानत प्रदान की , जिसमें कहा गया कि आरोपी ने पीएमएलए की धारा 45 की दोहरी बाधाओं को पार कर लिया है। चूंकि, निर्धारित अपराध का अस्तित्व ही संदिग्ध है, इसलिए अदालत के पास यह मानने के लिए उचित आधार हैं कि आरोपी कथित अपराध का दोषी नहीं है। इसके अलावा, यह रिकॉर्ड की बात है कि आरोपी अतीत में कम से कम 04 मौकों पर जांच में शामिल हुआ थाअदालत ने कहा कि इस प्रकार, ऐसा प्रतीत नहीं होता कि आरोपी जमानत पर रहते हुए कोई अपराध करेगा। अदालत ने कहा कि ईडी का मामला ईओडब्ल्यू, दिल्ली पुलिस और हरियाणा से संबंधित 08 एफआईआर के आधार पर शुरू किया गया था। आरोपों के अनुसार, राजेश कत्याल कथित रूप से शेल कंपनियों और विदेशी निवेश के जरिए 241 करोड़ रुपये की लूट में शामिल हैं। प्रवर्तन निदेशालय ( ईडी ) ने व्यवसायी राजेश कत्याल , उनके भाई अमित कत्याल और उनके सहयोगियों पर निर्दोष प्लॉट खरीदारों से उनकी मेहनत की कमाई 200 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है। कथित घोटाले में गुरुग्राम के ब्रह्म सिटी और कृष वर्ल्ड प्रोजेक्ट में प्लॉट खरीदारों से ली गई धनराशि शामिल है, जिसे कई शेल कंपनियों के माध्यम से भेजा गया और अपने अवैध स्रोत को छिपाने के लिए विदेश ले  जाया गया। आरोपों के अनुसार, राजेश कत्याल , जो कि कत्याल समूह के भीतर कई कंपनियों में एक प्रमुख निर्णयकर्ता और निदेशक हैं , पर अपने भाई अमित कत्याल और अन्य के साथ मिलकर अपराध की आय को हटाने की साजिश रचने का आरोप है। इस राशि में से, 205 करोड़ रुपये कथित तौर पर आरबीआई के विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (ओडीआई) रूट के जरिए क्रिश ट्रांसवर्क्स (कोलंबो) प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से श्रीलंका में एक रियल एस्टेट और लक्जरी होटल परियोजना में निवेश किए गए थे। इसके अलावा, राजेश कत्याल पर अपने भाई अमित कत्याल से अपनी कंपनी आइसबर्ग ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से 65 करोड़ रुपये प्राप्त करने का आरोप है। इसमें से 50 करोड़ रुपये को राजेश कत्याल ने कथित तौर पर उपहार के रूप में माना और बाद में छुपा लिया। ईडी का दावा है कि राजेश कत्याल अपराध की आय का प्रत्यक्ष लाभार्थी और प्राप्तकर्ता था, जिसने अवैध धन को सफेद करने में मदद की। आरोपी व्यवसायी वरिष्ठ अधिवक्ता विकास पाहवा और गीता लूथरा की ओर से पेश होते हुए ईडी साफ हाथों से अदालत में नहीं आया है और जानबूझकर अदालत से सही तथ्यों को छिपाया है। 


    Read More
  • राहुल गांधी का बैग चेक किया गया

    16-Nov-2024

    महाराष्ट्र। अमरावती में चुनाव प्रचार के दौरान EC अधिकारियों ने राहुल गांधी का बैग चेक किया जिस पर महाराष्ट्र। अमरावती में चुनाव प्रचार के दौरान EC अधिकारियों ने राहुल गांधी का बैग चेक किया। और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को कहा- नरेंद्र मोदी और BJP के लोग बंद कमरों में संविधान की हत्या करते हैं।जब महाराष्ट्र की सरकार को चोरी करने की मीटिंग में अडाणी, अमित शाह और BJP के लोग बैठे थे, तब क्या वो संविधान की रक्षा कर रहे थे। आज पूरा महाराष्ट्र जानता है कि वो सरकार धारावी के कारण चोरी की गई, क्योंकि BJP-नरेंद्र मोदी धारावी की जमीन अपने मित्र अडाणी को देना चाहते थे। दरअसल, महाराष्ट्र के डिप्टी CM अजित पवार ने हाल ही में एक इंटरव्यू में कहा कि 2019 में भाजपा-NCP के बीच सरकार बनाने के लिए जो डील हुई थी उसके लिए कई बैठकें हुईं। इन बैठकों में उद्योगपति गौतम अडाणी भी शामिल थे। महाराष्ट्र में 288 विधानसभा सीटों के लिए 20 नवंबर को वोटिंग होनी है। कांग्रेस महाविकास अघाड़ी गठबंधन में सबसे ज्यादा 103 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। 


    Read More
  • सुखवीर सिंह बादल ने अध्यक्ष पद से दिया त्यागपत्र

    16-Nov-2024

    पंजाब। शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कार्यकारिणी को अपना इस्तीफा सौंपा। उन्होंने यह कदम पार्टी में नई नेतृत्व व्यवस्था को प्रोत्साहित करने और नए अध्यक्ष के चुनाव के लिए मार्ग प्रशस्त करने के उद्देश्य से उठाया। सुखबीर के इस्तीफे की जानकारी पार्टी के वरिष्ठ नेता दलजीत सिंह चीमा ने अपने एक्स अकाउंट पर दी। उन्होंने लिखा, इस्तीफा सौंपते समय सुखबीर सिंह बादल ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को उनके समर्थन और विश्वास के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, “मैं पार्टी के सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं का आभारी हूं, जिन्होंने मेरे नेतृत्व पर विश्वास जताया और मेरे कार्यकाल के दौरान मुझे पूरा समर्थन और सहयोग दिया।” उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी को नई ऊर्जा और दृष्टिकोण की आवश्यकता है और वह इसके लिए हरसंभव सहयोग करेंगे। 


    Read More
  • नयनतारा को धनुष ने थमाया लीगल नोटिस

    16-Nov-2024

    साउथ की लेडी सुपरस्टार कहलाने वाली एक्ट्रेस नयनतारा को कौन नहीं जानता. अपनी जिंदगी के अनजाने पहलू को लेकर नयनतारा जल्द ही आ रही हैं. नेटफ्लिक्स पर एक्ट्रेस की जिंदगी पर बनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म 'नयनतारा बियॉन्ड द फेयरीटेल' जल्द रिलीज होने वाली है. इस फिल्म का ट्रेलर कुछ दिन पहले ही रिलीज हुआ था. ट्रेलर में मेकर्स ने तमिल फिल्म 'नानुम राऊडी धान' का म्यूजिक इस्तेमाल किया गया था, जिससे दिक्कत खड़ी हो गई. फिल्म 'नानुम राऊडी धान', साल 2015 में आई थी. इसमें नयनतारा ने विजय सेतुपति संग काम किया था. इसके प्रोड्यूसर फेमस साउथ एक्टर धनुष थे. नयनतारा की डॉक्यूमेंट्री फिल्म के ट्रेलर में 'नानुम राऊडी धान' के गाने और कुछ सीन्स का इस्तेमाल करने पर धनुष ने उन्हें लीगल नोटिस भेजा है. इस बात का दावा खुद नयनतारा ने किया है. साथ ही उन्होंने धनुष के नाम एक लंबा ओपन लेटर भी लिखा है. इस लेटर में नयनतारा ने बताया कि कैसे तमाम मुश्किलों को पार कर उन्होंने अपने पार्टनर और टीम संग मिलकर डॉक्यूमेंट्री तैयार की है. नयनतारा ने बताया कि वो लंबे वक्त से धनुष से 'नानुम राऊडी धान' के गानों और लीरिक्स का इस्तेमाल करने की अनुमति मांग रही थीं, लेकिन धनुष ने इसके लिए मना कर दिया था, जिससे एक्ट्रेस का दिल दुखा. इसके आगे नयनतारा ने बताया कि डॉक्यूमेंट्री के ट्रेलर में 'नानुम राऊडी धान' के तीन सेकेंड गाने और विजुअल का इस्तेमाल करने पर उन्हें धनुष की टीम से लीगल नोटिस आया, जो उनके लिए बेहद शॉकिंग था. 


    Read More
  • हेमंत सोरेन के मन में जरा भी राम बसे हैं, तो घोषणा करें कि वह बांग्लादेशी घुसपैठियों के साथ नहीं : अमित शाह

    16-Nov-2024

    रांची। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठ के मुद्दे पर राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर सीधा हमला बोला। उन्होंने दुमका में भाजपा प्रत्याशियों के पक्ष में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा कि झारखंड हाईकोर्ट ने घुसपैठियों की पहचान करने, मतदाता सूची से उनके नाम काटने का आदेश दिया है। अगर हेमंत सोरेन के मन में जरा भी राम बसे हैं, तो वह घोषणा करें कि वह हाईकोर्ट के आदेश का पालन करेंगे। शाह ने कहा कि हेमंत सोरेन तो हाईकोर्ट के इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चले गए हैं। वे झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठियों को संरक्षण देते हैं। घुसपैठियों में उन्हें अपना वोट बैंक दिखता है। गृह मंत्री ने कहा कि हेमंत सोरेन इस मामले में हमसे सवाल पूछते हैं, पर क्या उन्होंने कभी बांग्लादेश की बॉर्डर देखी है? इस बॉर्डर के लंबे इलाके में जंगल और नदियां हैं, जहां बाड़ नहीं लग पाए। घुसपैठिए इन्ही रास्तों के जरिए गांव में आते हैं। सवाल यह है कि जब घुसपैठिए आते हैं, तो आपके पटवारी और थानेदार को कैसे पता नहीं चलता है? इनके राशन कार्ड कौन बनाता है? इनके नाम मतदाता सूची में कौन जुड़वाता है? वे झारखंड की बेटियों से शादी कैसे कर लेते हैं। यह सब झारखंड की सरकार के दिशा निर्देश पर होता है।   शाह ने हेमंत सोरेन की सरकार पर केंद्र से विकास के लिए भेजी गई राशि लूटने का आरोप लगाया। झारखंड के युवाओं, दलितों, पिछ़ड़ों के लिए भेजा गया पैसा लूटने वाले समझते हैं कि उन्हें कुछ नहीं होगा। ऐसे लोग 23 नवंबर तक खैर मना लें। झारखंड में भाजपा की सरकार बनते ही एक-एक पैसा वसूल कर झारखंड की तिजोरी में डाला जाएगा। लूटने वालों की जगह इसके बाद जेल में होगी। उन्होंने कहा कि झारखंड में झारखंड के कांग्रेस सांसद के घर से 350 करोड़ रुपये मिले। रुपये गिनने के लिए लाई गईं 27 मशीनें थक गईं। आलमगीर आलम यहां की सरकार में मंत्री थे। उनके पीए के घर से 30 करोड़ रुपये पकड़े गए। हेमंत जी और कांग्रेस ने इस पर कुछ भी नहीं कहा। गृह मंत्री ने पूछा कि यह किसका पैसा था? फिर उन्होंने कहा कि यह झारखंड के युवाओं का पैसा था, जो कांग्रेसी और उनके साथी खा गए। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि हेमंत सोरेन हमसे हिसाब मांगते हैं कि हमने झारखंड के लिए क्या किया? हम उनसे पूछते हैं कि केंद्र में 2004 से 2014 तक दस साल यूपीए की सरकार रही। सोनिया-गांधी और मनमोहन सिंह की सरकार ने झारखंड के लिए क्या दिया? उन्होंने झारखंड को दस साल में केवल 84 हजार करोड़ रुपया दिया था। मोदी जी की सरकार ने 2014 से 20124 तक इस राज्य को 3 लाख 90 हजार करोड़ रुपये दिए। हम झारखंड के लिए अपना पूरा हिसाब लेकर आए हैं। हमने किसान सम्मान निधि के 30 लाख किसानों को सहायता दी, 4 लाख 68 हजार लखपति दीदी बनाए, दो लाख शौचालयों का निर्माण कराया, 2 करोड़ 65 लाख परिवारों को पांच किलो मुफ्त चावल दिया, 18 लाख घर बनाए, देवघर में एयरपोर्ट और एम्स बनाया, रांची में आईआईआईटी का निर्माण कराया।  शाह ने लोगों का आह्वान करते हुए कहा कि आप झारखंड में भाजपा की सरकार बनाएं, मोदी जी उनके खाते में 2100 रुपये भेजेंगे। हम 500 में गैस सिलेंडर देंगे। हेमंत ने युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया था, पर नहीं दिया। आप भाजपा की सरकार बनाओ, राज्य में दो लाख 85 हजार सरकारी नौकरियां भरी जाएंगी। केंद्रीय गृह मंत्री ने यूसीसी (यूनिफॉर्म सिविल कोड) की चर्चा करते हुए कहा कि इसे लेकर आदिवासियों को किसी तरह की चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है। आदिवासी इसके दायरे से बाहर रखे जाएंगे। शाह ने जनसभा में दुमका से भाजपा के प्रत्याशी सुनील सोरेन और जामा के प्रत्याशी सुरेश मुर्मू को विजयी बनाने की अपील की। 


    Read More
  • गंगा घाट पर योगी का नारा “बंटोगे तो कटोगे “51 हजार दीपों से लिखा जाएगा

    15-Nov-2024

    वाराणसी,बनारस में हर साल मनाए जाने वाले देव दीपावली महोत्सव में हजारों दीप गंगा के घाटों पर जलाए जाते हैं। शहर के आम लोग इस पर्व को बड़ी ही धूमधाम से मनाते हैं। इस बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नारा बंटोगे तो कटोगे भी काशी के बबुआ पांडेय घाट पर खास अंदाज में लिखा दिखेगा। काशीवासी भी इसे लेकर खासे उत्साहित हैं। स्थानीय निवासी सुनील उपाध्याय ने बताया सीएम योगी का नारा बंटोगे तो कटोगे 51 हजार दीपों से लिखा जाएगा। यह विशेष कार्यक्रम बबुआ पांडेय घाट पर आयोजित किया जाएगा।

     
    उन्होंने आईएएनएस संग अपनी राय साझा की। कहा, “यह बबुआ पांडेय घाट है। मैं यहां अपने दोस्तों संग मिलकर इस दीप समारोह को आयोजित कर रहे हैं। हम लोग सनातन धर्म को मानने वाले लोग हैं। हमारे सबसे बड़े पर्वों में से एक है देव दीपावली। ऐसा कहा जाता है कि आज के दिन देवता काशी पधारते हैं। उनके स्वागत में हम लोग दीप जलाते हैं।
     
    हमारे सीएम योगी भी सनातन धर्म के बड़े अनुयायी हैं। उन्होंने अपने बयान में कहा था कि बंटोगे तो कटोगे। उन्हीं के इस बयान से हम देश विदेश के सैलानियों को संदेश देना चाहते हैं। हम सबको काशी की धरती से संदेश देना चाहते हैं कि बंटोगे तो कटोगे, इसलिए हमें एक होकर रहना है। इस स्लोगन को लिखने के लिए करीब 51000 दीपों का हम लोग इस्तेमाल करेंगे।”
     
    बता दें कि वाराणसी में शुक्रवार को मनाई जाने वाली देव दीपावली के अवसर पर सभी 84 घाटों को 17 लाख दीयों से रोशन किया जाएगा। इस बार घाटों पर सजाए जाने वाले दीये महिला सशक्तिकरण को समर्पित होंगे और काशी के घाटों पर दिवंगत उद्योगपति रतन टाटा को श्रद्धांजलि भी दी जाएगी। इसके अलावा गंगा द्वार और चेत सिंह घाट पर लेजर शो और आतिशबाजी का भी आयोजन किया जाएगा।
     
    दशाश्वमेध घाट पर विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती के लिए भी व्यापक इंतजाम किए गए हैं। देव दीपावली हिंदू कैलेंडर के अनुसार कार्तिक महीने के 15वें दिन यानि कार्तिक पूर्णिमा पर मनाई जाती है। यह दिन भगवान शिव की राक्षस त्रिपुरासुर पर विजय के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इस साल कार्तिक पूर्णिमा 15 नवंबर को है। देव दीपावली पर इस बार पिछले साल के मुकाबले 20 फीसदी ज्यादा पर्यटकों के आने की उम्मीद है।
     

    Read More
  • सरकारी नौकरी पाने का सुनहरा मौका, भारतीय सेना में JAG एंट्री के जरिए लेफ्टिनेंट बनने का अवसर

    13-Nov-2024

    सरकारी नौकरी की इच्छा रखने वाले उम्मीदवार के लिए यह खबर बेहद काम की है। दरअसल, भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट से लेकर ब्रिगेडियर तक की भर्ती होने वाली है। अधिक जानकारी के लिए पूरा आर्टिकल पढ़ें।

     
    दरअसल, भारतीय सेना नें हाल ही में JAG एंट्री स्कीम 35वां कोर्स अक्टूबर 2025 का नोटिफिकेशन जारी किया गया है। जो लोग सरकारी नौकरी के लिए इच्छुक उनको बता दें कि लेफ्टिनेंट से लेकर ब्रिगेडियर तक के पदों पर भर्ती निकली है। उम्मीदवार अधिक जानकारी के लिए वेबसाइट joinindianarmy.nic.in पर आवेदन कर सकते हैं। नोटिफिकेशन के अनुसार, जज एडवोकेट जनरल की 8 वैकेंसी है। आपको बता दें कि इसमें 4 वैकेंसी महिलाओं और 4 पुरुषों के लिए हैं।
     
    एजुकेशनल क्वालिफिकेशन
    पुरुषों के लिए कम से कम 55% अंकों के साथ एलएलबी की ड्रिगी। वहीं, महिलाओं के लिए बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा एडवोकेट के तौर पर रजिस्ट्रेशन।
     
    चयन प्रक्रिया
    – बता दें कि, CLAT PG स्कोर के बेसिस पर शॉर्ट लिस्ट किया जाएगा।
     
     
    – इसके बाद इंटरव्यू और फिर मेडिकल टेस्ट होगा।
     
     
    – आखिर में फाइनल मेरिट लिस्ट जारी की जाएगी।
     
     
    आवेदन प्रक्रिया 30 अक्टूबर 2024 को शुरु हो चुकी है और लास्ट डेट 28 नवंबर 2024 तक है। आवेदन प्रक्रिया फीस निःशुल्क है।
     

    Read More
  • बाकू सम्मेलन अमीर देशों की उदासीनता दूर कर पायेगा

    13-Nov-2024

    संयुक्त राष्ट्र का दो सप्ताह का जलवायु सम्मेलन कॉप-29 11 अक्टूबर सोमवार से अजरबैजान की राजधानी बाकू में शुरू हो गया है। पर्यावरण से जुड़े इस महाकुंभ में भारत समेत लगभग 200 देश हिस्सा ले रहे हैं। इसमें जलवायु परिवर्तन के प्रति सबसे अधिक संवेदनशील देशों के लिए जलवायु वित्त का नया लक्ष्य तय करने, जलवायु परिवर्तन, वैश्विक तापमान की वृद्धि को सीमित करने और विकासशील देशों के लिए समर्थन जुटाने पर सार्थक एवं परिणामकारी भी चर्चाएं होने की संभावनाएं हैं। साथ ही इसमें पेरिस समझौते के लक्ष्यों को तेजी से आगे बढ़ाने पर समूची दुनिया के देश चर्चा करेंगे। सम्मेलन में भारत की प्रमुख प्राथमिकताएं जलवायु वित्त पर विकसित देशों की जवाबदेही सुनिश्चित करने और ऊर्जा स्त्रोतों के समतापूर्ण परिवर्तन का लक्ष्य प्राप्त करना होंगी।

     
     
     
    वर्ल्ड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (डब्ल्यूआरआइ) के विशेषज्ञ इस वर्ष के शिखर सम्मेलन से चार प्रमुख परिणामों की उम्मीद कर रहे हैं- नया जलवायु वित्त लक्ष्य, मजबूत राष्ट्रीय जलवायु प्रतिबद्धताओं के प्रति तेजी, पिछले वादों पर ठोस प्रगति और नुकसान व क्षति के लिए अधिक धनराशि। विश्व में तापमान बढ़ोत्तरी, ‘अल नीनो’ व ‘ला नीना’ के प्रभावों के चलते मौसम की घटनाओं से पूरी दुनिया प्रभावित हो रही है। इस बीच एक नए अध्ययन में पूर्वी यूरोप के 10 ऐसे देशों की पहचान की गई है, जो भविष्य में तापमान वृद्धि से सबसे अधिक आर्थिक नुकसान का सामना करेंगे। ऐसे में पूरी दुनिया की निगाहें जलवायु सम्मेलन कॉप-29 में होने वाली चर्चाओं, फैसलों और नतीजों पर टिकी हैं।
    कॉप-29 सम्मेलन को पर्यावरण समस्याओं, चुनौतियों एवं बदलते मौसम के मिजाज को संतुलित करने के लिये महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस सम्मेलन से दुनिया ने उम्मीदें लगा रखी है। जलवायु परिवर्तन की चुनौती से निपटने की राह में विकासशील देशों के सामने सबसे प्रमुख अवरोध वित्तीय संसाधनों का अभाव है। अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं के बावजूद विकसित देशों का योगदान आवश्यक स्तर से कम है। वर्ष 2022 में विकसित देशों ने 115.9 अरब डालर उपलब्ध कराए और पहली बार 100 अरब डालर के वार्षिक लक्ष्य का आंकड़ा पार हुआ। हालांकि यह अभी भी कम है, क्योंकि अगर विकासशील देशों को जलवायु परिवर्तन से जुड़े लक्ष्य हासिल करने हैं तो 2030 तक हर साल दो ट्रिलियन (लाख करोड़) डालर राशि की आवश्यकता होगी। कर्ज का अंबार विकासशील देशों की राह में एक और बाधा बना हुआ है। तमाम विकासशील देश कर्ज के बोझ से ऐसे कराह रहे हैं कि जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए उनके पास संसाधन बहुत सीमित हो जाते हैं। इसीलिये जलवायु परिवर्तन के संकट से निपटने के लिए अमीर एवं शक्तिशाली देशों की उदासीनता एवं लापरवाह रवैया एक बार फिर बाकू सम्मेलन कॉप-29 में चर्चा का विषय बन रहा है।
     
    दुनिया में जलवायु परिवर्तन की समस्या जितनी गंभीर होती जा रही है, इससे निपटने के गंभीर प्रयासों का उतना ही अभाव महसूस हो रहा है। मिस्र में हुए कॉप 27 में नुकसान एवं क्षतिपूर्ति कोष की पहल हुई थी, लेकिन उसमें पर्याप्त योगदान न होने से उसकी उपयोगिता सीमित बनी हुई है। ऐसे में यह उचित ही होगा कि विकासशील देश उस नुकसान एवं क्षतिपूर्ति मुआवजे पर भी जोर दें, जिसकी चर्चा तो बहुत हुई थी, लेकिन उस दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए गए। विकसित देशों की जलवायु परिवर्तन से जुड़ी समस्याओं पर उदासीनता इसलिये भी सामने आ रही है कि विकसित देश कार्बन उत्सर्जन में अपने पुराने और भारी योगदान को अनदेखा करते हुए विकासशील देशों पर जल्द से जल्द उत्सर्जन कम करने के लिए ऐसा दबाव डालते हैं कि वे उनकी गति से ताल मिलाएं। इस प्रकार विकासशील देशों की सामाजिक-आर्थिक वास्तविकताओं का संज्ञान लिए बिना ही अमीर देशों द्वारा लक्ष्य तय किया जाना भी असंतोष का एक कारण बन रहा है। इसमें कोई संदेह नहीं कि जलवायु परिवर्तन से उपजी प्रतिकूल मौसमी परिघटनाओं ने उन देशों एवं समुदायों को बहुत ज्यादा क्षति पहुंचाई है, जो ग्लोबल वार्मिंग के लिए अपेक्षाकृत कम जिम्मेदार हैं।
     
    देखा जाए तो आज जीवन के हर पहलू पर जलवायु में आते बदलावों का असर साफ तौर पर नजर आने लगा है। लोगों का स्वास्थ्य भी इससे सुरक्षित नहीं है। बात चाहे आपदाओं के कारण जा रही जानों की हो या इसकी वजह से तेजी से पनपती बीमारियों की, जलवायु परिवर्तन रूप बदल-बदल कर लोगों के स्वास्थ्य पर आघात कर रहा है। ऐसे में स्वास्थ्य पर मंडराते इस खतरे को कहीं ज्यादा संजीदगी से लेने की जरूरत है। बढ़ती गर्मी के प्रति चेतावनी, जीवाश्म ईंधन की सही कीमत का निर्धारण और घरों में ऊर्जा के साफ सुथरे साधनों का उपयोग सालाना 20 लाख लोगों की जान बचा सकता है। ऐसे में इस शिखर सम्मेलन से ठीक पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भी देशों से जीवाश्म ईंधन से अपना नाता तोड़ने का आग्रह किया है। साथ ही सरकारों से आम लोगों को जलवायु में आते बदलावों का सामना करने के काबिल बनाने में मदद करने की वकालत की है।
     
     
     
    कॉप-29 से ठीक पहले जलवायु परिवर्तन और स्वास्थ्य पर जारी अपनी विशेष रिपोर्ट में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वैश्विक नेताओं से जलवायु परिवर्तन और स्वास्थ्य को अलग-अलग मुद्दों के रूप में देखना बंद करने का आग्रह किया है। ताकि न केवल लोगों के जीवन को बचाया जा सके, साथ ही मौजूदा और आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वस्थ भविष्य सुनिश्चित किया जा सके। गौरतलब है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 100 से भी ज्यादा संगठनों और 300 विशेषज्ञों के सहयोग से जलवायु परिवर्तन और स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों को संबोधित करते हुए कॉप-29 पर यह विशेष रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में तीन प्रमुख क्षेत्रों लोग, क्षेत्र और ग्रह से जुड़ी महत्वपूर्ण नीतियों पर प्रकाश डाला गया है। रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में 360 करोड़ लोग ऐसे क्षेत्रों में रह रहे हैं, जो जलवायु में आते बदलावों के प्रति बेहद संवेदनशील हैं। यह वो क्षेत्र हैं जहां खतरा बहुत ज्यादा है। लोगों के जीवन की रक्षा करने के लिए ऐसी स्वास्थ्य प्रणालियों को तैयार करना जरूरी है जो जलवायु में आते बदलावों का सामना कर सकें और मुश्किल समय में भी लोगों के प्राणों की रक्षा कर सकें। स्वास्थ्य और जलवायु नीतियों का मेल मानव प्रगति एवं आदर्श विश्व संरचना के लिए बेहद जरूरी है।
     
    वैज्ञानिक और पर्यावरणविद चेतावनी दे रहे हैं कि आने वाले दशकों में वैश्विक तापमान और बढ़ेगा इसलिए अगर दुनिया अब भी नहीं सर्तक होगी तो इक्कीसवीं सदी को भयानक आपदाओं से कोई नहीं बचा पाएगा। भारत के साथ पाकिस्तान और अफगानिस्तान सहित 11 ऐसे देश हैं जो जलवायु परिवर्तन के लिहाज से चिंताजनक श्रेणी में हैं। ये ऐसे देश हैं, जो जलवायु परिवर्तन के कारण सामने आने वाली पर्यावरणीय और सामाजिक चुनौतियों से निपटने की क्षमता के लिहाज से खासे कमजोर हैं। औद्योगिक गैसों के लगातार बढ़ते उत्सर्जन और वन आवरण में तेजी से हो रही कमी के कारण ओजोन गैस की परत का क्षरण हो रहा है। इस अस्वाभाविक बदलाव का प्रभाव वैश्विक स्तर पर हो रहे जलवायु परिवर्तनों के रूप में दिखलाई पड़ता है। ग्लोबल वॉर्मिंग की वजह से ग्लेशियर तेजी से पिघल कर समुद्र का जलस्तर तीव्रगति से बढ़ा रहे हैं। जिससे समुद्र किनारे बसे अनेक नगरों एवं महानगरों के डूबने का खतरा मंडराने लगा है। जलवायु परिवर्तन के कारण 2000 से बाढ़ की घटनाओं में 134 प्रतिशत वृद्धि हुई है और सूखे की अवधि में 29 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। पानी के संरक्षण और समुचित उपलब्धता को सुनिश्चित कर हम पर्यावरण को भी बेहतर कर सकते हैं तथा जलवायु परिवर्तन की समस्या का भी समाधान निकाल सकते हैं। दुनिया ग्लोबल वार्मिंग, असंतुलित पर्यावरण, जलवायु संकट एवं बढ़ते कार्बन उत्सर्जन जैसी चिंताओं से रू-ब-रू है। जलवायु परिवर्तन के मोर्चे पर धरती की हालत ‘मर्ज बढ़ता गया, ज्यों-ज्यों दवा की’ वाली है। इसीलिए कॉप-29 लगातार जलवायु अराजकता की ओर बढ़ रही पृथ्वी को बचाने का माध्यम बनना बहुत जरूरी है। विकासशील देशों को इसके लिए अपनी आवाज बुलंद करनी होगी, क्योंकि यह न केवल न्याय के दृष्टिकोण से, अपितु मानव अस्तित्व एवं सृष्टि संतुलन के लिहाज से भी बेहद अहम है।

     


    Read More
  • IT बॉम्बे से आगे निकला आईआईटी दिल्ली

    13-Nov-2024

    दुनिया ने माना भारत के इन कॉलेज और यूनिवर्सिटीज का ‘लोहा’!

    दिल्ली यूनिवर्सिटी 81वें पायदान पर पहुंचा
    भारतीय प्रोद्यौगिकी संस्थान के अंतर्गत आने वाले कई कॉलेज एशिया की क्यूएस एशिया यूनिवर्सिटी रैंकिंग का हिस्सा बने हैं। इस रैकिंग में इस बार आईआईटी दिल्ली, आईआईटी बॉम्बे से आगे निकल गया है और इस रैंकिंग में शामिल भारत के कॉलेज के अंदर अव्वल स्थान हासिल किया है। यहां पर जानिए किस कॉलेज को कौन सा स्थान हासिल हुआ है।
     
    IIT बॉम्बे से निकला IIT दिल्ली
    क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2025 में IIT दिल्ली भारत का सबसे अव्वल संस्थान बना है। दूसरे नंबर पर IIT बॉम्बे है। इस साल की रैंकिंग बताती है कि एशिया में भारत उच्च शिक्षा में बहुत आगे बढ़ रहा है। नियोक्ताओं के बीच IIT दिल्ली की साख बहुत अच्छी है, उसे 99 फीसदी का स्कोर मिला है। IIT बॉम्बे 48वें स्थान पर है। IIT बॉम्बे को नियोक्ताओं से 99.5 फीसदी और अकादमिक क्षेत्र से 96.6% का स्कोर मिला है। दो संस्थान टॉप 50 में और सात संस्थान टॉप 100 में शामिल हैं। IIT दिल्ली पिछले साल के 46वें पायदान से ऊपर उठकर 44वें स्थान पर पहुंच गया है।
     
    IIT गुवाहाटी, IIT रुड़की, जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी (120), UPES (148), और वेल्लोर इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी टॉप 150 में शामिल हैं।
    यूनिवर्सिटी ऑफ़ पेट्रोलियम एंड एनर्जी स्टडीज (UPES) ने सबसे ज़्यादा तरक्की की है और 70 स्थानों की छलांग लगाकर 148वें स्थान पर पहुंच गया है। IIT मद्रास (56), IIT खड़गपुर (60), इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस (62), IIT कानपूर (67), और दिल्ली यूनिवर्सिटी (81) समेत पाँच संस्थान टॉप 100 में अपनी जगह बनाने में कामयाब रहे हैं।
    लगभग 15 विश्वविद्यालयों को ‘स्टाफ विद पीएचडी’ इंडिकेटर में 99 प्रतिशत से ज्यादा अंक मिले हैं, जो शिक्षा और अध्यापन के उच्च स्तर को दर्शाता है। नॉर्थ ईस्टर्न हिल यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेज, बैंगलोर को ‘फैकल्टी-स्टूडेंट’ इंडिकेटर में 100 फीसदी अंक मिले हैं, जो शिक्षण और अध्यापन में उच्चतम स्तर को प्रदर्शित करता है।
    दिल्ली यूनिवर्सिटी 94वें स्थान से ऊपर उठकर 81वें पायदान पर पहुंच गई है। अंतर्राष्ट्रीय शोध नेटवर्क के मामले में दिल्ली यूनिवर्सिटी को 96.4% का उच्च स्कोर मिला है। अन्ना यूनिवर्सिटी को ‘पेपर्स पर फैकल्टी’ इंडिकेटर में 100% का शानदार स्कोर मिला है, जो बताता है कि यहां बहुत ज़्यादा रिसर्च होती है।

    Read More
  • रेलवे में 1700+ पदों पर भर्ती, बिना परीक्षा सरकारी नौकरी! आवेदन शुरू

    13-Nov-2024

    रेलवे में नई सरकारी नौकरी की भर्ती देख रहे युवाओं के लिए बेहतरीन जानकारी आई है। नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे (NWR), रेलवे रिक्रूटमेंट सेल ने अप्रेंटिस के 1700 से अधिक पदों पर भर्ती निकाली है। इस भर्ती का आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी हो गया है।

     
    वहीं आरआरसी जयपुर की ऑफिशियल वेबसाइट rrcjaipur.in पर आवेदन की प्रक्रिया 10 नवंबर 2024 से शुरू हो गई है। इस भर्ती में इच्छुक और योग्य उम्मीदवार आखिरी तारीख 10 दिसंबर 2024 तक फॉर्म भर सकते हैं। इसके बाद किए गए आवेदन स्वीकार नहीं होंगे
     
    वैकेंसी डिटेल्स
     
    रेलवे रिक्रूटमेंट सेल की यह वैकेंसी अलग-अलग कार्यालयों के लिए निकाली गई हैं। किस कार्यालय के लिए कितनी वैकेंसी हैं? इसकी डिटेल्स अभ्यर्थी नीचे टेबल से देख सकते हैं।
     
    कार्यालय वैकेंसी
    डीआरएम कार्यालय, अजमेर 440
    डीआरएम कार्यालय, बीकानेर 482
    डीआरएम कार्यालय जयपुर 532
    डीआरएम कार्यालय जोधपुर 67
    बीटीसी कैरिज, अजमेर 99
    बीटीसी एलओसीओ, अजरमेर 69
    कैरिज वर्कशॉप बीकानेर 32
    कैरिज वर्कशॉप जोधपुर 70
    योग्यता
    रेलवे की इस वैकेंसी में आवेदन करने के लिए उम्मीदवारों का किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से 10वीं पास न्यूनतम 50 प्रतिशत अंकों के साथ होना चाहिए। साथ ही संबंधित ट्रेड में आईटीआई सर्टिफिकेट होना भी जरूरी है। इसके अलावा अभ्यर्थियों की उम्र न्यूनमत 15 वर्ष और अधिकतम 24 वर्ष होनी चाहिए। हालांकि ऊपरी उम्र में आरक्षित वर्गों को छूट दी गई है। योग्यता संबंधित अन्य डिटेल्स अभ्यर्थी विस्तार से भर्ती के आधिकारिक नोटिफिकेशन से चेक कर सकते हैं।
     
    कैसे करें आवेदन
    इस वैकेंसी में उम्मीदवार नीचे बताए स्टेप के मुताबिक आसानी से फॉर्म भर सकते हैं।
    सबसे पहले आरआरसी नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे की आधिकारिक वेबसाइट nwr.indianrailways.gov.in पर जाएं।
    अब रिक्टूमेंट सेक्शन पर क्लिक करें। यहां Engagement Of Apprentices लिंक पर जाएं।
    आपके सामने फॉर्म खुल जाएगा। इसमें सभी डिटेल्स ध्यानपूर्वक भर लें।
    सभी डॉक्यूमेंट्स अपलोड करने के बाद आवेदन शुल्क का भुगतान कर दें।
    फॉर्म का फाइनल प्रिंट आउट निकालकर भविष्य के लिए सुरक्षित रख लें।
     
    रेलवे की इस भर्ती में उम्मीदवारों का चयन बिना किसी लिखित परीक्षा सीधे मेरिट बेस पर किया जाएगा। से संबंधित अन्य किसी भी जानकारी के लिए उम्मीदवार इंडियन रेलवे नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे की आधिकारिक वेबसाइट विजिट कर सकते हैं।

    Read More
  • सिंगापुर में भारतीय छात्रों के पढ़ने का सुनहरा मौका ये टॉप संस्थान दे रहा स्कॉलरशिप

    13-Nov-2024

    एशिया में पढ़ाई के लिए जब भी बेस्ट देशों की बात आती है, तो उसमें सिंगापुर के नाम का जिक्र जरूर होता है। चीन और हांगकांग के साथ-साथ सिंगापुर एशिया में पढ़ाई के लिए टॉप तीन डेस्टिनेशन हैं। एशिया के लिए क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2025 में भी सिंगापुर की यूनिवर्सिटीज का जलवा रहा है। यहां पर नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर (NUS), नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (NTU) और सिंगापुर मैनेजमेंट यूनिवर्सिटी जैसे संस्थान हैं।

     
    इस स्कॉलरशिप के बाद चीन में रहना, खाना सब फ्री, जानें योग्यता
    विदेश मंत्रालय के 2022 के आंकड़ों के मुताबिक, सिंगापुर में 10 हजार के करीब भारतीय छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। अगर आप भी सिंगापुर में पढ़ाई करना चाहते हैं, तो आपके पास स्कॉलरशिप के जरिए यहां पढ़ने का सुनहरा मौका है। सिंगापुर में कई सारे संस्थान विदेशी छात्रों को स्कॉलरशिप मुहैया कराते हैं, ताकि वे यहां आकर पढ़ाई कर सकें। हालांकि, इन स्कॉलरशिप को हासिल करने के लिए एलिजिबिलिटी क्राइटीरिया पूरा करना पड़ता है। आइए ऐसी ही एक स्कॉलरशिप के बारे में जानते हैं।
     
    नानयांग स्कॉलरशिप
    सिंगापुर में पढ़ने की सोच रहे भारतीय छात्र नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनवर्सिटी की तरफ से दी जाने वाली ‘नानयांग स्कॉलरशिप’ के लिए अप्लाई कर सकते हैं। ये स्कॉलरशिप उन छात्रों को दी जाती है, जो अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम की पढ़ाई कर रहे हैं और फर्स्ट ईयर के छात्र हैं। जिन छात्रों ने अकादमिक में अच्छा प्रदर्शन किया है, उनके पास मजबूत नेतृत्व क्षमता है और उनके पास बढ़िया करिकुलर रिकॉर्ड है, वो इस स्कॉलरशिप के लिए एलिजिबिल हैं।
     
    क्या है स्कॉलरशिप की खासियत?
    ये स्कॉलरशिप सभी देशों के नागरिकों के लिए है।
    इस स्कॉलरशिप के जरिए NTU में पढ़ाई का खर्चा कवर हो जाता है।
    आवेदक के पास 12वीं क्लास तक की पढ़ाई के सर्टिफिकेट होने चाहिए।
    आवेदक ने पढ़ाई के इतर भी एक्स्ट्रा-करिकुलर एक्टिविटी की हो।
    आवेदक के पास मजबूत नेतृत्व क्षमता होनी चाहिए।
    इस स्कॉलरशिप के लिए नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर जाकर अप्लाई किया जा सकता है। छात्रों को बताया जाता है कि वे स्कॉलरशिप के लिए अप्लाई करने से पहले इसके बारे में सभी डिटेल्स ऑफिशियल वेबसाइट पर जरूर चेक कर लें।

    Read More
  • महाकवि कालिदास की रचनाएं हमारे देश की अमूल्य सांस्कृतिक धरोहर : उप राष्ट्रपति श्री धनखड़

    13-Nov-2024

    भोपाल : उप राष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने कहा है कि अद्भुत प्रतिभा के धनी महाकवि कालिदास की अमर कृतियां मानव तथा प्रकृति के अटूट संबंधों का अनुपम उदाहरण है। महाकवि की रचनाएं देश की अमूल्य सांस्कृतिक धरोहर हैं। अखिल भारतीय कालिदास समारोह के गरिमामय आयोजन द्वारा म.प्र. शासन हमारी संस्कृति एवं विरासत को सहेजने और संरक्षित करने का सराहनीय कार्य कर रहा है। महाकवि कालिदास की रचनाएं हमारे जीवन मूल्यों को सदैव प्रेरित करती रहेंगी। उप राष्ट्रपति श्री धनखड़ मंगलवार को उज्जैन में अखिल भारतीय कालिदास समारोह का शुभारंभ कर मुख्य अतिथि के रुप में संबोधित कर रहे थे।

    उप राष्ट्रपति श्री धनखड ने 66 वें भव्य अखिल भारतीय कालिदास समारोह का विद्वतजनों की उपस्थिति में गरिमामय शुभारंभ किया। समारोह की अध्यक्षता राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने की। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की समारोह में गरिमामय उपस्थिति रही। इस अवसर पर सारस्वत अतिथि के रुप में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास अयोध्या के कोषाध्यक्ष स्वामी श्री गोविंददेव गिरीजी महाराज उपस्थित थे। सांसद श्री अनिल फिरोजिया, संस्कृति, पर्यटन, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री धर्मेंद्र सिंह लोधी, कौशल विकास एवं रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री गौतम टेटवाल भी मंचासीन थे।
    उप राष्ट्रपति श्री धनखड़ ने कहा कि महाकवि कालिदास की अमर कृतियां मानवीय भावों को अद्भुत रूप से प्रदर्शित करती है और मानवीय मूल्य के लिए सदैव प्रेरणा स्रोत है। महाकवि कालिदास की रचनाओं में मानव तथा प्रकृति के बीच अद्भुत एवं अटूट संबंध देखने को मिलता है। महाकवि कालिदास ने अपनी रचनाओं में पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया है जो सदैव प्रासंगिक है। मेघदूतम जैसी उनकी कालजयी रचनाओं से प्रेरणा लेकर हमें अपनी पृथ्वी को बचाना होगा। पर्यावरण-संरक्षण, जलवायु-संरक्षण की दिशा में गंभीरता से प्रयास करने होंगे, क्योंकि रहने के लिए कोई दूसरी पृथ्वी उपलब्ध नहीं है।
    उप राष्ट्रपति श्री धनखड़ ने आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि अखिल भारतीय कालिदास समारोह हमारी सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। इस गरिमामय आयोजन के लिए मध्यप्रदेश शासन एवं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव साधुवाद के पात्र हैं। राज्य शासन द्वारा कला, साहित्य एवं संस्कृति के संरक्षण में उल्लेखनीय योगदान दिया जा रहा है।
    उप राष्ट्रपति ने देश की सांस्कृतिक धरोहरों को सहेजने का आहवान करते हुए कहा कि हमें अपनी सांस्कृतिक विरासत और धरोहरों को सदैव संभालकर रखना होगा। देश की सांस्कृतिक विरासत अत्यन्त प्राचीन है, हमारी संस्कृति की जड़े अत्यंत गहरी हैं जो जीवन के उद्देश्य को बताती हैं। उप राष्ट्रपति ने अपने उद्बोधन में कुटुंब प्रबंधन पर जोर देते हुए कहा कि कुटुंब प्रबंधन पर ध्यान देने से ही राष्ट्र का भी ध्यान हमारे मन-मस्तिष्क में सदैव रहेगा। अपने बच्चों के चारित्रिक एवं नैतिक विकास के लिए भी सदैव गंभीर रहना होगा। हमारे बच्चे अच्छे नागरिक बने, राष्ट्र निर्माण के साथ अपने कर्तव्यों का पूर्णता से निर्वहन करें। हम सबको मिलकर नागरिक दायित्वों का निर्वहन करना होगा। भारतीयता हमारी पहचान है, राष्ट्र सर्वोपरि है, इसके लिए नागरिक कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए प्रत्येक नागरिक को अपनी आहुति देना होगी। नारी सशक्तिकरण का जिक्र करते हुए उप राष्ट्रपति ने कहा कि महाकवि कालिदास की रचनाएं नारी सशक्तिकरण का महत्वपूर्ण उदाहरण है। उनकी रचना अभिज्ञान शाकुंतलम् को संदर्भ के रूप में देखा जा सकता है।
    उप राष्ट्रपति श्री धनखड़ ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आज देश में प्रत्येक व्यक्ति के पास अपनी प्रतिभा के प्रदर्शन का अवसर है। देश में तकनीक का विकास सारी दुनिया को अचंभित कर रहा है। पर्यावरण-संरक्षण के लिए प्रधानमंत्री द्वारा “एक पेड़ मां के नाम’’ अभियान संचालित किया गया है। यह अभियान वैसी ही क्रांति लाएगा जैसी स्वच्छता के क्षेत्र में आई है। आने वाले वर्ष 2047 में हमारा भारत दुनिया का सिरमौर बनेगा।
    कार्यक्रम में अखिल भारतीय कालिदास सम्मान से अलंकृत होने वाली प्रतिभाओं को बधाई देते हुए उप राष्ट्रपति ने कहा कि इन प्रतिभाशाली व्यक्तियों के द्वारा हमारी संस्कृति के श्रेष्ठ तत्वों को सहेजने के साथ प्रदर्शित करने का उत्कृष्ट कार्य किया जा रहा है। उप राष्ट्रपति ने अवंतिका नगरी के पौराणिक, आध्यात्मिक, धार्मिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उज्जैन में भगवान श्री कृष्ण ने सांदीपनि आश्रम में शिक्षा ग्रहण की है। यहां कालिदास और भृतहरि को ज्ञान का प्रकाश मिला है। सम्राट विक्रमादित्य के जग प्रसिद्ध न्याय का आदर्श उदाहरण उज्जैन है। उप राष्ट्रपति ने कहा कि वे स्वयं उज्जैन आकर धन्य हुए हैं। यहां से प्राप्त अद्भुत अनुभव को जीवनभर संजोकर रखेंगे, यहां से एक नवीन ऊर्जा मिली है।
    राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा कि आध्यात्मिक चेतना के केंद्र उज्जैन में उप राष्ट्रपति श्री धनखड़ का हृदय से स्वागत है। उनकी उपस्थिति ने आयोजन को और अधिक भव्यता प्रदान की है। राज्यपाल ने कहा कि अखिल भारतीय कालिदास समारोह के माध्यम से महाकवि कालिदास की महान रचनाओं तथा सांस्कृतिक विरासत को विश्व पटल पर प्रस्तुत करने का सराहनीय प्रयास किया जा रहा है।
     
    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि एक महत्वपूर्ण गौरवशाली परंपरा के रूप में उज्जैन में अखिल भारतीय कालिदास समारोह का आयोजन किया जाता रहा है। आज इस समारोह में विभिन्न क्षेत्रों की जिन प्रतिभाओं को सम्मानित किया गया है वे बधाई की पात्र हैं। उज्जैन आगमन पर उप राष्ट्रपति का हृदय से स्वागत एवं अभिनंदन है। मुख्यमंत्री डा. यादव ने कहा कि महाकवि कालिदास और विक्रमादित्य की उज्जयैनी नगरी का प्रत्येक काल एवं युग में सदैव अस्तित्व रहा है। कई जन्मों के पुण्य, फलों के बाद हमें यह गौरव मिला है कि यहां आकर कुछ समय बिताएं। उप राष्ट्रपति ने आज अखिल भारतीय कालिदास समारोह का शुभारम्भ कर समारोह के गौरव में अभिवृद्धि की है। हम सबका यह सौभाग्य है कि इस समारोह के आयोजन का अवसर उज्जैन को सदैव मिलता है। मुख्यमंत्री ने समारोह के सफल आयोजन के लिए शुभकामनाएं दीं।
    समारोह में स्वामी श्री गोविंददेव गिरी ने अपने उद्बोधन में महाकवि कालिदास के व्यक्तित्व एवं कृतित्व का वर्णन करते हुए कहा कि ऐसा कोई अन्य कवि विश्व में नहीं हो सकता जिसकी महाकवि कालिदास से तुलना की जा सके, कालिदास अद्भुत एवं अनुपम है। स्वामीजी ने अपने उद्बोधन में कालिदास की विभिन्न रचनाओं का वर्णन करते हुए महाकवि द्वारा रचित साहित्य को अमूल्य बताया।
    उप राष्ट्रपति श्री धनखड़ ने दीप प्रज्ज्वलन तथा महाकवि कालिदास के चित्र पर माल्यार्पण कर समारोह का शुभारंभ किया। समारोह में राष्ट्रगान भी हुआ। मुख्यमंत्री डॉ. यादव द्वारा उप राष्ट्रपति का पुष्पहार से स्वागत किया गया। कार्यक्रम में उप राष्ट्रपति को स्मृति चिन्ह भी भेंट किया गया। समारोह का प्रारंभ सरस्वती वंदना से हुआ। कार्यक्रम का संचालन सुश्री वृंदा अजमेरा ने किया।
     
    विभूतियों को किया राष्ट्रीय कालिदास सम्मान से अलंकृत
    उप राष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने समारोह में विभिन्न क्षेत्रों में योगदान देने वाली विभूतियों को राष्ट्रीय कालिदास सम्मान अलंकरण से सम्मानित किया। शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में वर्ष 2022 के लिए पंडित उदय भवालकर पुणे, तथा डॉ. संध्या पूरेचा मुंबई एवं वर्ष 2023 के लिए पं. अरविंद पारीख मुंबई को सम्मानित किया गया। रुपंकर कलाएं वर्ष 2022 के लिए श्री पी.आर. दारोच नई दिल्ली, रुपंकर कलाएं वर्ष 2023 के लिए श्री रघुपति भट्ट मैसूर, रंगकर्म वर्ष 2022 के लिए श्री भानु भारती अजमेर, रंगकर्म वर्ष 2023 के लिए श्री रुद्रप्रसाद सेनगुप्ता कोलकाता को सम्मानित किया गया। शास्त्रीय नृत्य के लिए गुरु कलावती देवी मणीपुर सम्मानित की गई। इसके अलावा इंदौर के आचार्य मिथिलाप्रसाद त्रिपाठी राष्ट्रीय कालिदास श्रेष्ठ कृति अलंकरण एवं ग्वालियर के आचार्य बालकृष्ण शर्मा को प्रादेशिक भोज श्रेष्ठ कृति अलंकरण से सम्मानित किया गया।
     
    उप राष्ट्रपति ने अकादमी के ग्रंथों/प्रकाशनों का विमोचन किया
    उप राष्ट्रपति श्री धनखड़ ने समारोह में कालिदास अकादमी उज्जैन द्वारा प्रकाशित दस ग्रंथों/प्रकाशनों का विमोचन किया। इनमें व्‍याकरण सिद्धांत कोमुदी, संज्ञा परिभाषा प्रकरण, श्रीधार भास्कर वर्णेकर विरचित्तम कालिदास रहस्यम (खण्ड काव्यम), हरिरामचन्द्र दिवेकर विरचित कालिदास महोत्सहम्, कालिदास साहित्य में वनस्पति, पीयूष वर्धिनी क्षिप्रा कल आज और कल, वृत्तांत (पत्रिका), राष्ट्रीय चित्र एवं मूर्ति कला प्रदर्शनी (केटलॉग) 2023, श्रेष्ठ कृति अलंकरण, कार्यक्रमों की विवरणिका एवं राष्ट्रीय चित्र एवं मूर्ति कला प्रदर्शनी (केटलॉग) 2024 सम्मिलित हैं। सभी ग्रंथों एवं प्रकाशनों के प्रधान सम्पादक कालिदास संस्कृत अकादमी निर्देशक डॉ. गोविन्द गंधे हैं।

    Read More
  • नकली पुलिस आयुक्त गिरफ्तार, असली पुलिस ने अलवर से पकड़ा

    12-Nov-2024

    भोपाल। पुलिस आयुक्त हरिनारायणचारी मिश्र की फर्जी आइडी बनाकर आनलाइन ठगी करने वाले आरोपित एक दर्जन बैंक खातों का उपयोग करते थे। इनमें से दो बैंक खातों की जांच करने पर 92 लाख रूपये का लेनदेन सामने आया है, जबकि दस बैंक खातों की डिटेल आना बाकी है। जालसाजों ने क्राइम ब्रांच पुलिस से पूछताछ में यह भी बताया कि सभी एक दर्जन बैंक खाते उत्तरप्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, असम, ओडिशा और मप्र के हैं। हर प्रकार की ठगी के लिए अलग-अलग खातों का उपयोग करते थे। यह खाता किराए पर लिया था। खाता किराए पर देने वाला का पता लगाया जा रहा है। अभी 10 बैंक खातों की जानकारी सामने आना बाकी है।  राजस्थान के अलवर से पकड़े गए दोनों आरोपितों की रिमांड पूरी होने के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया है। क्राइम ब्रांच पुलिस के अनुसार आरोपितों ने 100 से अधिक साइबर ठगी की वारदातें कबूली हैं। पूछताछ में दोनों ने लड़की के नाम से भी लोगों को ठगा है, जो एप के जरिए काल कर लोगों से बात करते थे। फिर उनके वीडियो काल को रिकार्ड कर मार्फ करते थे और अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करते थे। जबकि उनका मुख्य काम आइपीएस अधिकारियों की फर्जी आइडी बनाकर सस्ता सामान बेचने के नाम पर ठगी करना था। इन सबका मास्टर माइंड शकील है, जो वीडियो एडिटिंग और प्लान बनाता था। वहीं उसका दोस्त सुनील किराए के खातों की व्यवस्था करता था। 


    Read More
  • नाबालिग से रेप की वारदात, पेट में उठा दर्द तो अस्पताल में हुआ बड़ा खुलासा

    12-Nov-2024

    इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर में नाबालिग की मां के तब होश उड़ गए जब पेट में दर्द के बाद अस्पताल पहुंची बेटी ने बेटे को जन्म दिया। नाबालिग की तबियत ठीक नहीं होने के कारण पुलिस ने दो दिन बाद बेटी का बयान लिया। जिसमें पड़ोसी द्वारा शादी का झंसा लेकर कई बार दुष्कर्म करने की बात सामने आई। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। दरअसल, मामला लसूड़िया थाने क्षेत्र में रहने वाली एक नाबालिग से जुड़ा हुआ है। जहां पड़ोसी युवक ने नाबालिग से रेप किया इसके कुछ दिन बाद ही नाबालिग गर्भवती हो गई।  एक दिन अचानक जब पेट में दर्द उठा तो नाबालिग ने अपनी मां को बताया इसके बाद मां उसे सरकारी अस्पताल लेकर पहुंची। जहां नाबालिग ने बेटे को जन्म दिया। ये बात जान मां के होश उड़ गए। डरी सेहमी नाबालिग ने अपनी मां को सब बताया। इसके बाद मां ने थाने में शिकायत दर्ज की। एडिशनल डीसीपी अमरेंद्र सिंह ने बताया कि, मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने पड़ोसी युवक को गिरफ्तार किया है। फिलहाल पुरे मामले में जांच पड़ताल शुरू कर दी गई है। पुलिस का कहना है कि डीएनए टेस्ट के आधार पर भी सबूत जुटाए जाएंगे और जो भी वैधानिक कार्रवाई है वह की जाएगी। 


    Read More
  • शराब के नशे में शख्स ने रेलवे ट्रैक पर चलाई महिंद्रा थार, पुलिस पहुंची तो...

    12-Nov-2024
    जयपुर। राजस्थान के जयपुर में सोशल मीडिया रील बनाने के लिए रेलवे ट्रैक पर अपनी महिंद्रा थार कार चलाने के आरोप में सोमवार को एक शराबी को गिरफ्तार किया गया। रिपोर्ट के अनुसार, इस दौरान जब उसने मालगाड़ी को आते देख अपनी कार को ट्रैक से हटाने की कोशिश की तो उसकी कार फंस गई। ट्रैक पर कार देखकर लोको पायलट ने समय रहते ट्रेन रोक दी ताकि कोई दुर्घटना न हो। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस घटना के कथित वीडियो में देखा जा सकता है कि व्यक्ति स्थानीय लोगों और पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में कार को ट्रैक से हटाने की कोशिश कर रहा है। स्थानीय लोगों ने जब व्यक्ति की कार को बाहर निकालने में मदद की तो उसने तुरंत कार को सड़क पर उतार दिया और मौके से भाग गया। रिपोर्ट के अनुसार, भागने की कोशिश में व्यक्ति ने तीन लोगों को टक्कर मार दी। बाद में तेज गति से पीछा करने के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने महिंद्रा थार को जब्त कर लिया है। भारत में रील बनाने का क्रेज अपने चरम पर है, सोशल मीडिया पर लोगों को आकर्षित करने के लिए खतरनाक स्टंट करने की कोशिश में देश भर में कई लोग मारे गए हैं या गंभीर रूप से घायल हुए हैं। 

    Read More
  • धार्मिक स्नान के चलते डूबा परिवार, मचा कोहराम

    12-Nov-2024

    चंदौली। चंदौली जनपद के धानापुर के नरौली घाट पर माता-पिता के साथ गंगा स्नान करने गए 8 वर्षीय पुत्र की गंगा में डूबने से मौत होने से परिवार में कोहराम मच गया। स्थानीय गोता खोरों द्वारा कड़ी मशक्कत के बाद किसी तरह मृतक को खोजा गया। आपको बता दे कि धीना थाना क्षेत्र के कमालपुर कस्बा निवासी सतेन्द्र कुमार उर्फ बबलू के चार बेटे हैं, जिनमें 8 वर्षीय पुत्र संस्कार अपने माता पिता के साथ मंगलवार को धानापुर के नरौली घाट देव उठनी एकादशी का स्नान करने चला गया। माता पिता के साथ एक बार स्नान करके बाहर निकला परंतु दोबारा स्नान करने की जिद करने लगा। वहीं दूसरी बार स्नान करने के दौरान वह गहरे पानी में डूबने लगा।  वहां मौजूद लोगों ने चिल्लाते हुए मल्लाहों को आवाज देकर बुलाया तब तक संस्कार गंगा की गोद मे समा चुका था। मल्लाहों के सहयोग से किसी तरह खोजने के बाद संस्कार को बाहर निकाल कर धानापुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर आनन फानन में ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। संस्कार सेंट जोसेफ कमालपुर में कक्षा तीन का छात्र था। इस हृदय विदारक घटना से परिजन सहित कमालपुर कस्बा में शोक कि लहर हैं व्याप्त है। पूरा परिवार जहां देव उठनी एकादशी पर खुशी होकर गंगा स्नान के लिए गया था इसी दौरान बालक की गंगा में डूब कर मौत होने से परिवार में कोहराम मच गया। परिजन भी अपने आप को कोस रहे हैं, काश उसको दोबारा स्नान करने नहीं भेजा होता तो ऐसा नहीं हुआ होता। 


    Read More
  • गांजा तस्करी करने वाले दो तस्कर गिरफ्तार, 10 लाख का माल बरामद

    12-Nov-2024

    नोएडा। नोएडा के थाना सेक्टर-24 पुलिस और नारकोटिक्स सेल ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए ओडिशा से नशीले पदार्थ गांजे की तस्करी करने वाले दो शातिर आरोपियों को गिरफ्तार किया। उनके कब्जे से चार किलो ग्राम गांजा और 300 ग्राम ओजी गांजा बरामद किया गया है। बरामद गांजे की कीमत 10 लाख रुपये बताई जा रही है। पुलिस ने बताया कि लोकल इंटेलिजेंस और गोपनीय सूचना की सहायता से थाना सेक्टर 54 के नोएडा टी-प्वाइंट के पास से गांजे की तस्करी करने वाले दो आरोपी अब्दुल मिशेल और फैजल शाजी को गिरफ्तार किया गया। पुलिस के मुताबिक आरोपी शातिर किस्म के अपराधी हैं, जो ओडिशा से गांजा लाकर नोएडा, दिल्ली-एनसीआर में बेचकर मोटा मुनाफा कमा रहे थे।  पुलिस ने आरोप‍ियों की जानकारी देते हुए बताया है कि अब्दुल मिशेल (25) केरल के मल्लापुरम जिले का रहने वाला है। जबकि, उसका साथी फैजल शाजी (22) भी केरल के इडुक्की जिले का रहने वाला है। पुलिस के मुताबिक दोनों शातिर तस्कर काफी दिनों से नशीले पदार्थ की तस्करी कर रहे थे। इन्होंने एनसीआर और अलग-अलग क्षेत्रों में सप्लाई चेन बना रखी है। पुलिस इनसे जानकारी जुटाकर अन्‍य आरोपियों की तलाश करने में जुटी हुई है। पुलिस ने बताया कि दोनों तस्कर ओडिशा से गांजा तस्करी कर नोएडा लेकर आते थे। इसके बाद छोटी-छोटी पुड़िया बनाकर अलग-अलग इलाकों में सप्लाई करते थे। तस्कर ओडिशा से कम कीमत पर गांजा खरीदते थे और इसे ऊंचे दामों पर सप्लाई कर मोटा मुनाफा कमाते थे। 


    Read More
Top