नई दिल्ली: 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाते हुए सिंधु जल संधि को रोकने का ऐलान किया था. इससे पाकिस्तान घुटनों पर आ गया है. इस फैसले को लेकर पाकिस्तान ने भारत से अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने की गुहार लगाई है. पाकिस्तान के जल संसाधन मंत्रालय ने भारत के जल शक्ति मंत्रालय को पत्र लिखकर अपील की है कि भारत का यह कदम पाकिस्तान में गंभीर जलसंकट पैदा कर सकता है. पत्र में भारत से अपील की गई है कि वह इस निर्णय पर पुनर्विचार करे.
सूत्रों के मुताबिक नियमानुसार यह पत्र भारत के विदेश मंत्रालय को भी भेज दिया गया है, लेकिन भारत ने पाकिस्तान की इस अपील को साफ तौर पर नकार दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नाम अपने संबोधन में दो टूक कहा था कि खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते. पैसा आतंकियों को देगी पाकिस्तान की सरकार भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों को तबाह किया था. इसमें जैश-ए-मोहम्मद का हेडक्वार्टर भी खंडहर में तब्दील हो गया था. इस हमले में 100 से ज्यादा आतंकी भी मारे गए थे. वहीं, पाकिस्तान की शहबाज सरकार ने भारतीय हमलों में मारे गए प्रत्येक नागरिक के परिजनों को 1 करोड़ रुपए (10 मिलियन PKR) का मुआवजा देने का ऐलान किया है. इस बात का जिक्र पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में किया गया है.
पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के सरगना और संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकी मसूद अजहर के 14 रिश्तेदार इन हमलों में मारे गए हैं. ऐसे में संभावना है कि मसूद अजहर को पाकिस्तानी सरकार की तरफ से 14 करोड़ का मुआवजा मिल सकता है. पाकिस्तान के Dawn और एसोसिएटेड प्रेस ऑफ पाकिस्तान (APP) की रिपोर्ट के मुताबिक मारे गए लोगों में मसूद अजहर की बड़ी बहन और जीजा, भतीजा-भाभी, एक भांजी और कई बच्चे शामिल हैं. ऐसे में मसूद अजहर ही इन सबका वैध उत्तराधिकारी है, तो पाकिस्तान सरकार की ओर से उसे भारी भरकम राशि मिलने की संभावना है.
भारतीय सेना ने तबाह किए आतंकी ठिकाने भारत ने 6-7 मई की दरमियानी रात पाकिस्तानी पंजाब प्रांत के बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालय समेत कई आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था. इसमें जामिया मस्जिद सुभान अल्लाह, जिसे उस्मान-ओ-अली कैंपस के नाम से भी जाना जाता है, पूरी तरह तबाह कर दिया गया. भारतीय अधिकारियों का कहना है कि हमले सटीक और केवल आतंकी ठिकानों पर केंद्रित थे.
अलग-अलग कैटेगरी में पैसा बांटेगी शहबाज सरकार
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार PM शहबाज शरीफ ने इसे 'मारका-ए-हक' अभियान का हिस्सा बताया है और मारे गए लोगों और सुरक्षाबलों के लिए व्यापक मुआवजा योजना की घोषणा की है. एसोसिएटेड प्रेस ऑफ पाकिस्तान के मुताबिक शहबाज सरकार ने अलग-अलग कैटेगरी में मुआवजा तय किया है. -भारतीय हमलों में मारे गए नागरिकों के परिवारों को 1 करोड़ (10 मिलियन पाकिस्तानी रुपये) मिलेंगे. - घायल नागरिकों को 10-20 लाख दिए जाएंगे. - भारतीय हमले में जान गंवाने वाले सैनिकों के परिजनों को रैंक के आधार पर 1 करोड़ से 1.8 करोड़ (10-18 मिलियन PKR) के बीच मुआवजा दिया जाएगा. - 1.9 करोड़ से 4.2 करोड़ तक की आवास सहायता भी प्रदान की जाएगी. - मृत सैन्य कर्मियों के परिवारों को सैनिक की सेवानिवृत्ति की तारीख तक भत्ते के साथ पूरा वेतन मिलता रहेगा. - जान गंवाने वाले सैनिकों के बच्चों को ग्रेजुएशन तक मुफ्त शिक्षा मिलेगी. - भारतीय हमले में मारे गए जवान की एक बेटी को शादी के लिए 10 लाख दिए जाएंगे. - घायल सैन्यकर्मियों को 20-50 लाख मिलेंगे. - भारतीय हमलों में क्षतिग्रस्त घरों और मस्जिदों का पुनर्निर्माण सरकार की ओर से किया जाएगा. - पाकिस्तान सरकार ने भारतीय हवाई हमलों में तबाह हुए लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालयों के पुनर्निर्माण का भी वादा किया है. घायलों के इलाज का पूरा खर्च उठाएगी सरकार पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ ने कहा कि 'शहीदों के बच्चों की देखभाल करना सरकार की जिम्मेदारी है और हम इस दायित्व को पूरा करेंगे.' उन्होंने कहा कि हमारी सरकार घायलों के इलाज का सारा खर्च वहन करेगी. पीएम शहबाज शरीफ ने यह भी वादा किया कि पाकिस्तान की रक्षा और सम्मान में योगदान देने वाले किसी भी व्यक्ति को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दी जाएगी और पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा.
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