नई दिल्ली। आसमान छूने के बाद टमाटर के भाव एक फिर से सामान्य स्थिति में आ गये है. 250 रुपए किलो बिकने वाला टमाटर अब रिटेल बाजार में 10 से 15 रुपए किलो पर आ गया है. लगभग दो महीने तक भरपूर मुनाफा कमाने के बाद अब किसान फिर से मुश्किल में फंस गया है. ऐसे में अब किसानों के सामने बड़ी चुनौती है. किसानों का कहना है कि थोक बाजार में इसके दाम इसके दाम 4 से 5 रुपए प्रति किलो पर आ गए हैं. जिसके कारण अब लागत भाड़ा और मजदूरी भी नहीं निकल पा रही। ऐसे में अब किसान मंडी ना जाने वाले टमाटर को फेंक रहे हैं. व्यापारी भी मार्केट में बहुत कम आ रहे हैं. किसानों का कहना है कि इस दामो में हमें कुछ भी नहीं बच पा रहा है. इस पर सरकार को कोई एक्शन लेनवाा चाहिए. सरकार टमाटर का एक्सपोर्ट बढ़ाए, भारत का टमाटर बांग्लादेश, नेपाल, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), कतर, सऊदी अरब और ओमान सहित कई देशों में जाता है. एक्सपोर्ट बढऩे से किसानों को सही दाम मिलने की उम्मीद है. टमाटर के दमा चढऩे के बाद सरकार ने टमाटर को कम कीमतों के साथ वितरित करना शुरू किया था सरकार ने आम जनता को राहत देने के लिए 50 रुपए प्रति किलो पर बाजार में टमाटर बेचे थे. लेकिन पिछले एक सप्ताह में किसानों के साथ-साथ आम जनता के लिए यह स्थिति बदल गई है. यहां थोक बाजार में कीमतें घटकर 10 रुपए किलो से नीचे आ गई हैं. जबकि खुदरा बाजारों में टमाटर 20 से 30 रुपए प्रति किलो बिक रहा है. जबकि कहीं कहीं पर खुदरा में भी 10 रुपये प्रति किलो तक टमाटर बेचा जा रहा है। इससे पहले जून में देशभर में हुई भारी बारिश के कारण टमाटर की आवक कम होने से जुलाई-अगस्त में इसके भाव 250 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गए थे. यहां तक कि कई किसान ऊंचे दामों पर टमाटर बेचकर करोड़पति हो गए थे. बता दें चीन के बाद भारत टमाटर के उत्पादन के मामले में दूसरे नंबर पर है. चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा टमाटर उत्पादक भारत है. ये 7.89 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में 25.05 टन प्रति हेक्टेयर की औसत उपज से करीब 2 करोड़ टन टमाटर का उत्पादन करता है। चीन 5.6 करोड़ टन प्रोडक्शन के साथ टॉप पर है।
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