मैहर। मध्य प्रदेश के मैहर ज़िले से नकली नोटों के अवैध कारोबार का भंडाफोड़ हुआ है. जिला पुलिस ने अवैध कारोबार के मामले में 6 महीने से फरार चल रहे मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया है. इस मामले में गिरफ्तार हुए आरोपी के तीन दोस्त पहले ही पुलिस के हत्थे चढ़ चुके हैं. ये गिरोह नेपाल बॉर्डर के पास से नकली नोटों की खेप लाकर उसे बाजार में खपाते थे. मामले का खुलासा होने के बाद पुलिस ने छापेमार कार्रवाई करते हुए एक गाड़ी पकड़ी थी. इस गाड़ी की तलाशी लेने पर 1 लाख 92 हजार 600 रुपये की नकली नोट बरामद हुई थी. इस दौरान 3 युवक गिरफ्तार हुए थे. इन तीनों की पहचान सौरभ सिंह, अंकित उर्फ़ बट्टू कुशवाहा, आशीष सिंह राजपूत के रूप में हुई थी. इस दौरान एक आरोपी पुलिस को चकमा देते हुए भाग गया था जिसे पुलिस ने आज बुधवार को दबोच लिया. गिरफ्तार किए आरोपी की पहचान जीतू उर्फ़ जीतेंद्र के रूप में हुई है. बता दें कि पुलिस लगातार इस आरोपी की लोकेशन को ट्रैक कर रही थी. इसी कड़ी में पुलिस की तीन ने उसे बुधवार को पकड़ लिया। मिली जानकारी के मुताबिक, ये गिरोह बेहद ही शातिर तरीके से नकली नोटों की तस्करी करता था. सभी तस्कर नेपाल-बिहार बॉर्डर से नकली नोटों की खेप लेकर आते थे. इस दौरान पुलिस को गश्त के दौरान एक जबलपुर की तरफ जाती एक दिखाई दी थी. शक होने पर पुलिस ने घेराबंदी करते हुए गाड़ी को पकड़ा था. इस दौरान एक आरोपी चकमा देकर भागने में कामयाब हो गया था. इसके बाद पुलिस ने पकड़े गए आरोपियों की कोर्ट में पेशी कर 3 दिन की रिमांड की थी. इसी पूछताछ के दौरान पुलिस को मदद मिली जिसके बाद फरार हुए आरोपी को भी दबोच लिया। पुलिस की इस पूछताछ के दौरान इस बात का भी खुलासा हुआ है कि इस सिंडिकेट के सभी लोग किसी भाईजान से नकली नोट लेते थे. हालांकि इस मामले में अभी तक इस बात की पहचान नहीं हो पाई है कि आखिर भाईजान है कौन?? पुलिस ने तीनों आरोपियों से पूछताछ के बाद खुलासा करते हुए बताया था कि आरोपियों को बिहार के मधुबनी में रहने वाला एक "भाईजान" नाम का आदमी पैसे मुहिया कराता था. लेकिन फिलहाल भाईजान नाम का ये सप्लायर पुलिस से गिरफ्त से बाहर बताया जा रहा है।
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