नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल में एक और बड़ा एक्शन लिया है. मुर्शिदाबाद रेंज के डीआईजी को हिंसा रोकने में विफलता की वजह से पद से हटा दिया गया है. लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले राज्य का दौरा करते समय आयोग ने कहा था कि चुनावी हिंसा को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और सबकी जिम्मेदारी तय की जाएगी. यह लगातार तीसरी बार है जब आयोग ने अधिकारियों के खिलाफ एक्शन लिया है. मुर्शिदाबाद के पुलिस उप महानिरीक्षक (DIG) मुकेश पर आरोप है कि वे समय रहते जिले में हिंसक घटनाओं को रोकने में विफल रहे और उन्होंने उचित कदम नहीं उठाया. दरअसल, मुर्शिदाबाद में दो हिंसक घटनाएं हुईं जिनमें हथियारों और विस्फोटकों का इस्तेमाल किया गया. लगातार दो दिनों तक फायरिंग और बमबारी की घटनाएं हुई थीं. ईद पर हाई-प्रोफाइल निर्वाचन क्षेत्र में हिंसा की सूचना मिली थी, जहां प्रतिद्वंद्वी TMC के समूह ने कथित तौर पर एक-दूसरे पर बम फेंके थे. न्यूज एजेंसी एएनआई ने बताया कि आईपीएस अधिकारी मुकेश, आईजीपी रैंक में मुर्शिदाबाद रेंज के डीआइजी हैं. उनकी जगह राज्य सरकार से तीन नाम मांगे गए हैं. जिले की बरहमपुर सीट पर अधीर चौधरी कांग्रेस उम्मीदवार हैं. उन्होंने आईपीएस मुकेश के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी और टीएमसी के पक्ष में काम करने का आरोप लगाया था. इसी सीट से टीएमसी से पूर्व भारतीय क्रिकेटर यूसुफ पठान और बीजेपी से गौरी शंकर घोष मैदान में हैं. बता दें कि इसके पहले पश्चिम बंगाल पुलिस महानिदेशक के पद से चुनाव आयोग ने राजीव कुमार को हटाया था. उनकी जगह विवेक सहाय की नियुक्ति हुई थी और कुछ दिनों के बाद ही विवेक सहाय को भी हटा दिया गया था.
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