09-Jun-2024
3:40:13 pm
भाजपा अपने पास रखेगी भारी-भरकम मंत्रालय, एनडीए के सहयोगियों को उम्मीदें कम करने को कहा
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी पूरी कैबिनेट के साथ आज राष्ट्रपति भवन परिसर में नई सरकार का शपथ लेंगे। इसके लिए तैयारी पूरी हो चुकी है। सहयोगी दलों से भी बात लगभग जारी है, शनिवार को भी चर्चा जारी रही। इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि भाजपा नेतृत्व ने एनडीए में शामिल अपने सहयोगियों से अपनी मांगों को एक सीमा तक ही रखने की सलाह दी है। भगवा पार्टी ने उन्हें आश्वासन दिया है कि बाद में उचित समय आने पर अधूरी इच्छाओं पर विचार किया जा सकता है।
टाइम्स ऑफ इंडिया ने अपनी एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया है कि सुरक्षा पर कैबिनेट समिति में शामिल चार मंत्रालयों (गृह, रक्षा, वित्त और विदेश) सहित और भी ऐसे कई महत्वपूर्ण मंत्रालय हैं जिन्हें बीजेपी अपने पास रखेगी। उन मंत्रालयों पर चर्चा तक भी नहीं करना चाहती है। भाजपा शिक्षा, संसदीय मामले, संस्कृति और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय अपने पास रख सकती है। साथ ही लोकसभा के स्पीकर का पद भी अपने पास ही रखेगी।
हालांकि, सहयोगियों के खाते में 12-15 मंत्रालय जा सकते हैं। फिलाहल एनडीए में टीडीपी 16 और जेडीयू 12 सांसदों के साथ सीनियर पार्टनर बनकर उभरी है। इन दोनों को ही एक काबिनेट पद और राज्य मंत्रालयों पर मनाया गया है। शिरोमणि अकाली दल के साथ भी बातचीत चल रही है। शिवसेना और एलजेपी को भई कैबिनेट में एक-एक पद की पेशकश की गई है। आरएलडी के दो सांसद हैं। जयंत चौधरी के भी कैबिनेट में शामिल होने की उम्मीद है।
पवन कल्याण को लेकर भाजपा उत्सुक
भाजपा शीर्ष नेतृत्व दो सांसदों वाली जन सेना के संस्थापक पवन कल्याण को भी कैबिनेट में शामिल करने के लिए उत्सुक है। तेलुगु सिने स्टार अगर दिल्ली जाने से इनकार करते हैं तो उनके सहयोगियों के खाते में एक और सीट बढ़ सकती है। सूत्रों ने कहा कि जन सेना के प्रतिनिधित्व पर फैसला टीडीपी प्रमुख और कल्याण के सहयोगी एन चंद्रबाबू नायडू के परामर्श से लिया जा सकता है।
भाजपा की पुरानी सहयोगी अनुप्रिया पटेल का मंत्री बनना तय माना जा रहा है। बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी और एनसीपी के कैबिनेट में शामिल होने के दावे मजबूत माने जा रहे हैं। दोनों को ही लेकर नरेंद्र मोदी फैसला लेंगे।
टीडीपी से कौन-कौन
बातचीत में शामिल लोग चुप्पी साधे हुए हैं, लेकिन सूत्रों ने कहा कि तीन बार श्रीकाकुलम से सांसद रहे राम मोहन नायडू टीडीपी के कोटे से कैबिनेट में शामिल हो सकते हैं। पूर्व कैबिनेट मंत्री दिवंगत येरन नायडू के बेटे और टीडीपी के प्रदेश अध्यक्ष किंजरापु अच्चन्नायडू के भतीजे नायडू की उम्र महज 34 साल है, लेकिन उन्हें ओबीसी का उभरता चेहरा माना जा रहा है। कम्मा समुदाय से आने वाले डॉक्टर चंद्रशेखर पेम्मासानी की संपत्ति 5,000 करोड़ रुपये से ज्यादा है। वह गुंटूर से सांसद हैं। उन्हें राज्य मंत्री बनाया जा सकता है।
जेडीयू से इनके नाम
जेडीयू नेता राजीव रंजन सिंह भले ही वरिष्ठ सांसद हैं, लेकिन बिहार के पूर्व जल संसाधन मंत्री संजय झा भी मजबूत दावेदार हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भरोसे के अलावा जेडीयू की एनडीए में वापसी में उनकी भूमिका के लिए बीजेपी भी उन्हें पसंद करती है। राज्य मंत्री के रूप में जेडीयू एमबीसी ब्लॉक से किसी के नाम पर विचार कर सकती है। राज्यसभा सांसद रामनाथ ठाकुर का भी नाम इसमें शामिल है।
शिवसेना कोटे से मावल से तीन बार के विजेता श्रीरंग बारने और बुलढाणा से सांसद प्रतापराव जाधव के बीच मुकाबला है। नरेंद्र मोदी चिराग पासवान को भी कैबिनेट में शामिल कर सकते हैं।
नई सरकार में यूपी का कितना रोल
उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में पार्टी को मिले झटके के बाद यूपी की कैबिनेट में सहभागिता को लेकर चर्चा हो रही है। कांग्रेस ने पूरे प्रचार के दौरान आरोप लगाया कि भाजपा दलित विरोधी है। कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि जाति कोटा खत्म करने के लिए संविधान में बदलाव कर सकती है। ऐसे में दलितों को कैबिनेट में मिलने वाली जगह को लेकर चर्चा तेज है।
भाजपा में भी शिवराज सिंह चौहान और मनोहर लाल खट्टर जैसे पूर्व मुख्यमंत्रियों के रोल को लेकर भी चर्चा हो रही है। राजनाथ सिंह, अमित शाह और नितिन गडकरी जैसे नेताओं का मंत्री बनना तय माना जा रहा है।
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