ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर अंचल के सबसे बड़े अस्पताल में खून बेचने का धंधा करने का मामला सामने आया है। इसका खुलासा तब हुआ जब एक व्यक्ति अपनी बच्ची काे इलाज कराने अस्पताल आया हुआ था। इस मामलें में पुलिस ने दो आरोपी को गिरफ्तार किया है। जबकि गिरोह का मास्टरमाइंड फरार है, जिसकी पुलिस तलाश कर रही है। दरसअल, यह मामला जयारोग्य चिकित्सालय का है। बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के महोबा से कृष्णकुमार अपनी 3 महीने की बच्ची का ऑपरेशन कराने अस्पताल आया हुआ था। ऑपरेशन से पहले डॉक्टरों ने बच्ची को तत्काल ब्लड चढ़ाए जाने की सलाह दी। उसको अपनी बच्ची के लिए 100 एमएल ब्लड की जरूरत थी। उनके साथ कोई ब्लड डोनर नहीं था। वह चाह कर भी अपना खून नहीं दे सकता था, क्योंकि उन्हें पीलिया था। वह ब्लड डोनर की तलाश कर रहा था। तभी उसे अस्पताल के बाहर घूमते हुए खून बेचने वाले गिरोह का सरगना अनिल तोमर मिल गया। वह कृष्णकुमार को 100 एमएल ब्लड 6000 में दिलवाले का सौंदा कर लिया। इसके बाद वह उसे छोटे सिंह और जावेद के पास ले गया। दोनों अपना खून देने तैयार हो गए। जैसे ही खून निकलवाने के लिए यह लोग ब्लड बैंक पहुंचे तो कर्मचारियों ने उन्हें पहचान लिया और पकड़कर कंपू थाना पुलिस के हवाले कर दिया। पूछताछ में ब्लड डोनर छोटे सिंह और जावेद खान ने कबूल किया कि वे अक्सर ऐसे जरूरतमंद मरीजों के परिजनों को मनमाने दामों पर अपना खून बेच देते थे। हालांकि, गिरोह का मास्टरमाइंड अनिल तोमर की पुलिस तलाश कर रही है।
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