10-Jul-2024
9:16:28 pm
केंद्रीय कर्मचारियों की हो सकती है बल्ले-बल्ले, पेंशन पर आई गुड न्यूज…
नई दिल्ली :- केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। उनके लिए पुरानी पेंशन स्कीम तो बहाल नहीं होगी लेकिन नेशनल पेंशन स्कीम में शामिल कर्मचारियों को उनकी लास्ट सैलरी का 50% पेंशन के रूप में मिल सकता है। केंद्रीय कर्मचारी पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल करने की मांग कर रहे हैं। लेकिन सरकार इसके लिए तैयार नहीं है। लेकिन वह एनपीएस को लेकर उनकी चिंता दूर करना चाहती है।
यही वजह है कि सरकार एनपीएस का हिस्सा बनने वाले केंद्रीय कर्मचारियों को उनके अंतिम वेतन का 50% पेंशन के रूप में देने का आश्वासन देना चाहती है। 2004 से भर्ती होने वाले कर्मचारियों के लिए एनपीएस लागू की गई है। इसमें 25-30 साल तक निवेश करने वालों के लिए हाई रिटर्न दिया जा रहा है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की घोषणा के बाद वित्त सचिव टी वी सोमनाथन की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई थी। हालांकि केंद्र ने पुरानी पेंशन योजना पर वापसी से इनकार कर दिया है, लेकिन इसमें कुछ राहत देने की संभावना बनाए रखी है। ओपीएस में जीवनभर पेंशन के रूप में अंतिम वेतन का आधा हिस्सा मिलता था। साथ ही वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप पेंशन में बढ़ोतरी की जाती थी। इसके उलट एनपीएस एक कंट्रीब्यूशन स्कीम है। इसमें सरकारी कर्मचारी अपने मूल वेतन का 10% योगदान देता है जबकि केंद्र सरकार की तरफ से 14% योगदान दिया जाता है।
गैप पूरा करेगी सरकार :-
सोमनाथन समिति ने वैश्विक अनुभव के साथ-साथ आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा किए गए बदलावों के परिणामों को भी देखा है। साथ ही इसने सुनिश्चित रिटर्न प्रदान करने के प्रभाव का आकलन करने के लिए व्यापक गणना भी की है। हालांकि केंद्र के लिए 40-45% गारंटी देना संभव है लेकिन राजनीतिक रूप से इस कर्मचारियों की चिंता दूर नहीं होती है। इसकी वजह यह है कि कांग्रेस सत्ता में आने पर ओपीएस बहाल करने की बात कह रही है। यही वजह है कि सरकार 50% गारंटी देने पर विचार कर सकती है। इसका मतलब है कि रिटर्न में कमी की स्थिति में सरकार अंतर को पूरा करेगी।
इसका मतलब यह है कि एक सालाना अनुमान भी लगाना होगा क्योंकि समिति के कई सदस्यों का मानना है कि सरकारी पेंशन प्रणाली के विपरीत केंद्र के पास सेवानिवृत्ति निधि नहीं है। संभावना है कि केंद्र इस बार भी एक कोष बनाएगा जिसमें पैसा अलग से रखा जाएगा। यह फंड उन कंपनियों की तरह होगा जो अपने कर्मचारियों के लिए सेवानिवृत्ति लाभ देती हैं। अधिकारियों का कहना है कि जो लोग 25-30 वर्षों तक नौकरी में बने रहते हैं, उन्हें ओपीएस के तहत मिलने वाली पेंशन के बराबर पर्याप्त लाभ मिल रहा है। कम भुगतान की शिकायतें केवल उन लोगों से आ रही हैं, जो 20 वर्ष या उससे कम सेवा पूरी करने के बाद अब तक इस योजना से बाहर निकल चुके हैं।
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