ऋषिकेश। ऑल इण्डिया स्तर पर आयोजित एम्स की एम0डी0 परीक्षा के दौरान नकल माफियाओ के सक्रिय होने तथा देहरादून से अन्य प्रान्तों में स्थित परीक्षा केन्द्रो में परीक्षा के दौरान परिक्षार्थियों को अनुचित माध्यमों से नकल कराये जाने की गोपनीय सूचना वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून को प्राप्त हुई थी। सूचना की गंभीरता के दृष्टिगत वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून द्वारा क्षेत्राधिकारी ऋषिकेश के नेतृत्व में कोतवाली ऋषिकेश तथा एस0ओ0जी0 देहात की सयुंक्त टीम का गठन किया गया। गठित टीम द्वारा गोपनीय सूचना के आधार पर 19 मई 2024 को बैराज रोड से एक टाटा सफारी संख्या DL3CW5412 में बैठे 05 व्यक्तियों को ऑल इण्डिया स्तर पर आयोजित एम्स की एम0डी0 परीक्षा ( इंस्टीट्यूट आफ नेशनल इंर्पाेटेंस कंबाइंड एंट्रेंस टेस्ट जुलाई 2024) में गैर प्रान्त कांगडा हिमांचल के परीक्षा केन्द्र में अभ्यर्थियों को मोबाइल फोन एवं टैब के माध्यम से प्रश्न पत्रों के सॉल्वड उत्तर उपलब्ध कराते हुए गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार अभियुक्तों में से 2 अभियुक्त एम्स ऋषिकेश के चिकित्सक है, जिनके द्वारा परिक्षार्थियों को प्रश्न पत्रों के सॉल्वड उत्तर बताये जा रहे थे। अभियुक्तों के विरूद्व कोतवाली ऋषिकेश में धारा 420, 468, 120(बी) भादवि का अभियोग पंजीकृत किया गया। भविष्यवाणी की पूछताछ विवरण पूछताछ में मुख्य अभियुक्त अजित द्वारा बताया गया कि उनके द्वारा आज प्रातः 09 बजे से 12 बजे तक आयोजित एम्स की एम0डी0 परीक्षा (इंस्टीट्यूट आफ नेशनल इंर्पाेटेंस कंबाइंड एंट्रेंस टेस्ट जुलाई 2024) में हिमांचल इन्सीटयूट आफ इनजीनियरिंग एण्ड टैक्नोलोजी, विध्यानगर, नियर गर्वनमेंट डिग्री कॉलेज शाहपुर, जिला कांगडा, हिमांचल प्रदेश में स्थित परीक्षा केन्द्र में परीक्षा दे रहे 03 अभ्यर्थियों को परीक्षा में नकल करायी जा रही थी, परीक्षा के दौरान परीक्षा केन्द्र में बैठे परिक्षार्थियों द्वारा उन्हें अपने मोबाइल से प्रश्न पत्रों की फोटो खींचकर टेलीग्राम के माध्यम से उपलब्ध करायी जा रही थी, जिसका उत्तर उनके द्वारा टेलीग्राम पर बनाये गये ग्रुप के माध्यम से परिक्षार्थियो को उपलब्ध कराया जा रहा था। प्रश्न पत्रों के उत्तर सॉल्वड कराने के लिये उनके द्वारा एम्स अस्पताल के डॉक्टर वैभव जे०आर० व एक अन्य डॉक्टर अमन को हायर किया गया था, डा0 अमन अभियुक्त के एक दोस्त की मौसी का लडका है। अभियुक्त द्वारा प्रत्येक अभ्यर्थी को एम0डी0 की परीक्षा में पास कराने के एवज में 50 लाख रुपए लिये गये थे, जिसमें से उसके द्वारा अपने साथ काम करने वालों को दो से तीन लाख रू0 दिये जाते है तथा हमनेे प्रश्न पत्रों को हल करने के लिए एम्स ऋषिकेश से जिन डॉक्टरों को हायर किया गया था, उन्हे को 2-2 लाख रुपए में हायर किया था। पूछताछ में अभियुक्त अजीत द्वारा बताया कि उसकी तीन लैब है, जिनके माध्यम से वह अन्य प्रतियोगी परीक्षाओ मेें भी परिक्षार्थियों को नकद कराने के एवज में मोटी धनराशि लेता है।
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