21-Mar-2024
3:50:40 pm
ठगों से बचने को साइबर पुलिस ने जारी की एडवाइजरी
शिमला। साइबर ठग लोगों के व्हाट्सऐप अकाउंट को हैक कर उनके मित्रों से किसी आपातकालीन समस्या का हवाला देते हुए अवैध रूप से पैसों की मांग कर रहे हैं। साइबर ठगों ने इस प्रकार के अपराध को अंजाम देने के लिए नए-नए तरीके का प्रयोग किया जा रहा है। साइबर पुलिस ने इस बारे में लोगों के लिए एडवाइजरी जारी की है। साइबर ठगों द्वारा लोगों के सिम को टू जी से फोर जी में अपग्रेड करने या नेटवर्क कनेक्टविटी को बेहतर बनाने का हवाला देते हुए लोगों के पास ग्राहक सेवा अधिकारी बनकर फोन किया जाता है। जिसमें उपरोक्त समस्याओं के निराकरण हेतु लोगों को बेवकूफ बनाकर उनसे कॉल फावर्डिंग का कोड डायल करवाया जाता है, जिससे सामने वाले व्यक्ति के मोबाइल पर आने वाले सभी फोन , डायल करवाए गए नंबर पर डायवर्ट हो जाती है। उदाहरण के लिए जैसे यदि किसी रिलायंस जियो के नंबर पर आने वाले सभी कॉल को डायवर्ट करना है। मोबाइल में 401 (वह मोबाइल नंबर जिस पर कॉल डायवर्ट करनी है।
डायल करने पर कॉल डायवर्ट हो जाती है। इसी प्रकार सभी टेलीकॉम कंपनियों के अलग-अलग डायवर्ट कोड हैं। इसके बाद साइबर ठगों द्वारा अपने मोबाइल में व्हाट्सऐप को खोलकर उसमें पीडि़त के मोबाइल नंबर को डाला जाता है। व्हाट्सऐप की ओटीपी डिलीवरी कॉल साइबर ठगों के मोबाइल नंबर पर जाती है, जहां से ओटीपी प्राप्त कर पीडि़त के व्हाट्सऐप का एक्सेस साइबर अपराधियों द्वारा ले लिया जाता है तथा टू स्टेप वेरीफिकेशन भी लगा दिया जाता है। उधर, डीआईजी साइबर क्राइम मोहित चावला का कहना है कि साइबर ठगों द्वारा ठगी का यह नया तरीका अपनाया जा रहा हैं। उन्होंने लोगों से इस बारे में सावधान रहने को कहा है। उन्होंने लोगों से कुछ सावधानियां बरतने की अपील की है। बिना जांचे परखे अनजान कॉल पर बताए गए कोड को अपने मोबाइल फोन में न डालें और हमेशा अपने सोशल मीडिया के खातों का मजबूत पासवर्ड बनाए जिसमें संख्या, अक्षर व चिन्ह तीनों हो।
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