शिमला। साइबर ठग रीसेल किए गए मोबाइल फोन से भी आपका डाटा चोरी कर सकते हैं। साइबर ठग पुराने मोबाइल फोन को ठीक करके उसका इस्तेमाल ऑनलाइन ठगी के लिए कर रहे हैं। ऐसे में ऑनलाइन ठगी मामलों की जांच में मोबाइल का मालिक भी पुलिस की जांच में आरोपी बन सकते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों व साइबर ठगी से अनजान घरों में खराब पड़े फोन कुछ पैसे कमाने के चक्कर में फोन बेच देते हैं। शातिर खराब फोन ठीक करके उसे एक्टिव कर देते हैं और मोबाइल एक्टिव करने के बाद उसे ऑनलाइन ठगी के लिए उपयोग कर रहे हैं। इसके अलावा मोबाइल फोन की रिपेयर करवाते समय भी आपका डाटा लीक हो सकता है। साइबर ठगों से बचने के लिए साइबर सैल शिमला ने एडवाइजरी जारी की है। जब एंड्रॉइड फोन की बात आती है, तो उसमें से डाटा हटाने का अधिक सुरक्षित तरीका नहीं होता है। यहां तक कि अगर आप फोन को रीसेट करते हैं, तब भी संभावना है कि आपका डाटा पुनप्र्राप्त किया जा सकता है। कुछ तकनीकी जानकारी वाला कोई भी व्यक्ति डाटा को पुनप्र्राप्त कर सकता है। इसलिए इससे पहले कि आप बाहर जाएं और अपने फोन को फार्मेटिंग के ठीक बाद बेच दें, इसे यादृच्छिक छवियों, संगीत और वीडियो के साथ लोड करने का प्रयास करें। उसके बाद, आप फोन पर फैक्टरी रीसेट कर सकते हैं। इस प्रक्रिया को आप जितनी बार चाहें उतनी बार कर सकते हैं। साइबर सैल शिमला के डीआईजी मोहित चावला का कहना है कि अपना पुराना फोन बेचते समय, सुनिश्चित करें कि आपके द्वारा खरीदार के साथ साझा किए गए चालान में आपकी निजी जानकारी जैसे घर का पता और फोन नंबर शामिल नहीं है, ताकि जानकारी के किसी भी दुरुपयोग को रोका जा सके। मोबाइल की रिपेयर करवाते समय मोबाइल से सिम व मेमरी कार्ड निकाल लें, ताकि आपका डाटा लीक न हो सके।
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