06-Aug-2024
7:51:00 pm
गुजरात : सूरत की बड़ी Diamond फर्म ने 50,000 कर्मचारियों को 10 दिन की छुट्टी का किया ऐलान, जानें वजह…
सूरत :- गुजरात की एक हीरा फर्म किरण जेम्स ने सोमवार को अपने 50,000 कर्मचारियों को 10 दिन की छुट्टी देने का ऐलान किया है। यह छुट्टियां इसलिए की गई हैं, ताकि हीरों के प्रोडक्शन को नियंत्रित किया जा सके। दरअसल, वैश्विक मांग में गिरावट आने से देश में हीरा कारोबारियों का स्टॉक बढ़ गया है। किरण जेम्स ‘दुनिया का सबसे बड़ा प्राकृतिक हीरा निर्माता’ होने का दावा करता है और पॉलिश किए गए हीरों के सबसे बड़े निर्यातकों में से एक है, उसने अपने कर्मचारियों के लिए 17-27 अगस्त तक छुट्टी की घोषणा की है।
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, हीरा निर्माताओं को अमेरिका द्वारा रूसी मूल के हीरों पर लगाए गए प्रतिबंधों और 2022 में रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद जी-7 देशों द्वारा उस पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा के बाद दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। किरण जेम्स के चेयरमैन वल्लभभाई लखानी ने बताया, “फिलहाल हीरा उद्योग मंदी के बुरे दौर से गुजर रहा है, क्योंकि दुनिया भर में पॉलिश किए गए हीरों की मांग नहीं है। हमने 10 दिन की छुट्टी का ऐलान किया है ताकि हीरों के उत्पादन को नियंत्रित किया जा सके। कंपनी के इतिहास में ऐसा फैसला पहली बार लिया गया है।” उन्होंने कहा कि दुनियाभर में पॉलिश किए गए हीरों की कीमत में गिरावट आई है और हीरा निर्माताओं के लिए अपना कारोबार चलाना मुश्किल हो गया है। अगर सप्लाई नियंत्रित की जाए तो मांग बढ़ेगी और इससे उद्योग को फायदा होगा।
आमतौर पर दिवाली के दौरान हीरा कारखाने लंबी छुट्टियों होती हैं। 17,000 करोड़ रुपये के सालाना कारोबार वाली किरण जेम्स, दुनियाभर की अग्रणी हीरा कंपनियों में से एक डी बीयर्स के साइट होल्डर्स (रफ डायमंड के अधिकृत खरीदार) में से एक है।
डी बीयर्स ने पहले जून में समाप्त होने वाली दूसरी तिमाही में पहली तिमाही की तुलना में कच्चे हीरे के उत्पादन में 15 प्रतिशत की कमी की जानकारी दी थी। इसका एक कारण “सामान्य से अधिक” इन्वेंट्री को बताया गया था। लखानी ने कहा, “मेरी फर्म में 50,000 से अधिक हीरा पॉलिश करने वाले कारीगर काम करते हैं, जिनमें से 40,000 प्राकृतिक हीरे काटते और पॉलिश करते हैं, जबकि 10,000 लैब-ग्रोन डायमंड यूनिट में काम करते हैं। हम छुट्टी के दिनों के लिए हीरा पॉलिशरों को मुआवजा देने पर भी विचार कर रहे हैं। यदि अन्य हीरा कंपनियां सामूहिक रूप से ऐसा ही निर्णय लेती हैं, तो उत्पादन को नियंत्रित किया जा सकता है और इससे उद्योग को मदद मिलेगी।”
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