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16-Jul-2023 9:15:59 pm

पर्यावरण संरक्षण और हिंद-प्रशांत में समुद्री सहयोग बढ़ाएंगे भारत-फ्रांस

पर्यावरण संरक्षण और  हिंद-प्रशांत में समुद्री सहयोग बढ़ाएंगे भारत-फ्रांस

नई दिल्ली 16 जुलाई 2023। भारत और फ्रांस रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एक संतुलित और स्थिर व्यवस्था बनाने के प्रयास के तहत समुद्री सहयोग तथा दोनों देशों की नौसेना के अभ्यास बढ़ाने पर सहमत हुए हैं।  इसके  साथ ही दोनों देशों ने जलवायु परिवर्तन से निपटने और पर्यावरण संरक्षण में सहयोग बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई है। दोनों देशों ने घोषणा की है कि वे प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करने के वास्ते अंतरराष्ट्रीय कानूनी रूप से बाध्यकारी उपाय के लिए बातचीत करेंगे और अन्य समान विचारधारा वाले देशों को भी रचनात्मक रूप से इसमें शामिल किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बीच यहां द्विपक्षीय वार्ता के बाद शुक्रवार को ‘भारत-फ्रांस हिंद-प्रशांत रोडमैप’ जारी किया गया। इसमें कहा गया है कि प्रधानमंत्री मोदी का ‘सागर’ (क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास) का दृष्टिकोण और फ्रांस की हिंद-प्रशांत रणनीति में उल्लेखित सुरक्षा एवं सहयोग के राष्ट्रपति मैक्रों के दृष्टिकोण बहुत मेल खाते हैं। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती आक्रामकता के बीच दोनों नेताओं ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि भारत-फ्रांस साझेदारी हिंद-प्रशांत क्षेत्र में परस्पर जुड़ाव वाली व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण स्तंभ होगी और इस क्षेत्र के शांतिपूर्ण और समृद्ध भविष्य के लिए अपरिहार्य होगी।

 
फ्रांस की हिंद-प्रशांत क्षेत्र में रीयूनियन द्वीप, न्यू कैलेडोनिया और फ्रेंच पोलिनेशिया जैसे क्षेत्रों में व्यापक उपस्थिति है, जहां लगभग 15 लाख लोग निवास करते हैं। इससे पहले, मैक्रों के साथ एक संयुक्त प्रेसवार्ता में प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को कहा कि भारत और फ्रांस पर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने की विशेष जिम्मेदारी है। मोदी ने कहा, ‘‘हम भारत की हिंद-प्रशांत महासागर पहल में समुद्री संसाधन का नेतृत्व करने के फ्रांस के फैसले का स्वागत करते हैं।" उन्होंने कहा, ‘‘हम अपने आदान-प्रदान को बढ़ाना जारी रखेंगे, स्थिति की मांग के अनुसार और क्षेत्रीय जागरूकता पर सहयोग करेंगे तथा पूरे क्षेत्र में समुद्री सहयोग बढ़ाएंगे, जैसा कि हम क्षेत्र में भागीदार देशों के साथ मिलकर दक्षिण-पश्चिम हिंद महासागर क्षेत्र में कर रहे हैं।"  
 
इससे पहले  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों के बीच शुक्रवार को यहां बातचीत के बाद दोनों देशों ने एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक के ऐसे उत्पादों जिनकी उपयोगिता कम और कूड़ा फैलाने की क्षमता अधिक है पर प्रतिबंध लगाने समेत एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक उत्पादों के प्रदूषण को खत्म करने के लिए संयुक्त प्रतिबद्धता जताई। मैक्रों के साथ एक संयुक्त प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण संरक्षण भारत और फ्रांस दोनों के लिए प्रमुख प्राथमिकता रही है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘इस दिशा में हमने पहले ही अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन की स्थापना की थी, जो अब एक आंदोलन बन गया है। अब हम ‘ब्लू इकोनॉमी’ और समुद्री प्रशासन की रूपरेखा पर तेजी से काम करना चाहते हैं। समुद्र और उसके उत्पादों पर आधारित अर्थव्यवस्था को ‘ब्लू इकोनॉमी’ कहा जाता है।
 
उन्होंने कहा, ‘‘हम एकल उपयोग वाले प्लास्टिक के खिलाफ संयुक्त पहल पर आगे बढ़ेंगे। मैं तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) के निर्यात के लिए इंडियन ऑयल और फ्रांसीसी कंपनी ‘टोटल’ के बीच हुए दीर्घकालिक समझौते का स्वागत करता हूं।" यह हमारे स्वच्छ उर्जा के परिवहन के लक्ष्य को मजबूती प्रदान करेगा। दोनों देशों ने कहा है कि प्लास्टिक कचरे के कारण होने वाला वैश्विक पर्यावरणीय मुद्दा है जिससे तुरंत निपटे जाने की जरूरत है। भारत और फ्रांस ने कहा है कि इसका सामान्य रूप से पारिस्थितिक तंत्र और विशेष रूप से समुद्री पारिस्थितिक तंत्र पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। मोदी और मैक्रों के बीच वार्ता के बाद जारी एक संयुक्त दस्तावेज के अनुसार दोनों देशों ने एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक उत्पादों के कारण होने वाले प्रदूषण को खत्म करने की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए कहा कि वैश्विक स्तर पर प्लास्टिक प्रदूषण से निपटने की दिशा में प्रगति हुई है।  

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