नई दिल्ली। आम जनता को फिलहाल महंगाई से राहत मिलने की कोई उम्मीद नहीं है. एक-एक कर खाने-पीने की सभी चीजें महंगी होती जा रही हैं। पहले टमाटर की बढ़ती कीमतों ने लोगों का बजट बिगाड़ दिया और अब कुछ दिनों बाद महंगा दूध आंखों से आंसू ला सकता है. विशेषज्ञों का कहना है कि चारा महंगा होने से जल्द ही दिए जाने वाले दूध की कीमतें भी चार से पांच फीसदी तक बढ़ सकती हैं. इसका सीधा असर खाद्य उत्पादों पर पड़ेगा. दूध महंगा होने से दही, छाछ, मिठाई, लस्सी और पनीर भी महंगा हो जाएगा. अब किसानों को दुधारू मवेशियों के आहार पर पहले की तुलना में अधिक खर्च करना पड़ता है। ऐसे में किसान डेयरी कंपनियों को महंगे दाम पर दूध बेच रहे हैं. यही कारण है कि डेयरी कंपनियां भी ऊंची लागत के कारण दूध की प्रोसेसिंग और पैकेजिंग के बाद महंगे दाम पर दूध बेच रही हैं। खास बात यह है कि दूध की कीमतों में बढ़ोतरी कोई नई बात नहीं है. पिछले एक दशक में दूध की कीमतें 57 फीसदी तक महंगी हो गई हैं. लेकिन पिछले एक साल के अंदर दूध सबसे महंगा हो गया है. इसकी कीमतों में 10 रुपये की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. पिछले तीन साल की महंगाई पर नजर डालें तो दूध 22 फीसदी से ज्यादा महंगा हो गया है. वहीं, कुछ लोगों का कहना है कि कोरोना काल के बाद से दूध के दाम ज्यादा बढ़े हैं. क्योंकि दूध और उससे बने उत्पादों की मांग काफी बढ़ गई है। वहीं, पिछले डेढ़ साल से कई राज्यों में लाखों मवेशी लम्पी वायरस से संक्रमित हो चुके हैं. इससे हजारों दुधारू मवेशियों की मौत हो गयी. साथ ही वायरस से संक्रमित मवेशियों ने समय से पहले दूध देना बंद कर दिया है. इसके चलते अचानक दूध का उत्पादन घटने से कीमतें बढ़ गई हैं. इसके अलावा बेमौसम बारिश से फसल बर्बाद हो गई. इससे चारा भी महंगा हो गया. इसका असर दूध की कीमतों पर भी पड़ा है. आपको बता दें कि साल 2013 में एक लीटर फुल क्रीम दूध की कीमत 42 रुपये थी. लेकिन अब इसकी कीमत 66 रुपये हो गई है. अल नीनो और बाढ़ के कारण खरीफ की फसलें बर्बाद हो जाती हैं, इसलिए आने वाले महीनों में चारा भी महंगा हो जाएगा। ऐसे में दूध की कीमतों में बढ़ोतरी हो सकती है. अगर दूध की कीमत 5 फीसदी बढ़ती है तो एक किलो दूध की कीमत 3 रुपये बढ़ जाएगी.
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