नई दिल्ली। दिल्ली के विवेक विहार इलाके में हुई अंजू नाम की एक महिला की हत्या के मामले को पुलिस ने सुलझा लिया है. इस सनसनीखेज हत्याकांड में पुलिस ने महिला के पति समेत 3 लोगों को गिरफ्तार किया है. 35 साल की अंजू उर्फ अंजली अपने पति आशीष झा के साथ विवेक विहार इलाके में किराए के मकान में रहती थी. जांच में सामने आया कि अंजू ने अपने पति आशीष, मकान मालिक विवेकानंद मिश्रा और उनके दोस्त अभय कुमार झा उर्फ सोनू को आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया था. अंजू ने इस बात पर हंगामा किया और इस बारे में दूसरों को बताने की धमकी दी. अपनी पोल खुलने के डर से तीनों ने मिलकर उसकी हत्या करने की साजिश रची. 21 मार्च 2025 को अंजू को जबरदस्ती लुधियाना से दिल्ली लाया गया. इसके बाद उसकी बेरहमी से हत्या कर दी गई. हत्या के बाद शव को कंबल में लपेटकर एक बड़े बैग में डाला गया और फिर बेड के बॉक्स में छिपा दिया गया. बदबू ना फैले इसके लिए मकान मालिक रोज अगरबत्ती जलाता था और फिनाइल से सफाई करता था. लेकिन कुछ दिनों बाद बदबू इतनी ज्यादा फैल गई कि पड़ोसियों को शक हुआ और उन्होंने पुलिस को सूचना दी. 28 मार्च 2025 को विवेक विहार थाने में सूचना मिली कि सत्यम एंक्लेव के एक फ्लैट से तेज बदबू आ रही है. पुलिस मौके पर पहुंची तो देखा कि घर बाहर से बंद था और अंदर से खून के निशान भी मिले. जब दरवाजा तोड़कर अंदर दाखिल हुए तो बेड के बॉक्स में एक बैग के अंदर महिला का सड़ा-गला शव मिला. पुलिस ने तुरंत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी. हत्या के बाद तीनों आरोपी फरार हो गए थे. विवेकानंद और सोनू पहले जयपुर भाग गए और फिर वापस दिल्ली लौट आए, जबकि आशीष बिहार चला गया. इनकी योजना शव को मेरठ के पास नहर में फेंकने की थी, लेकिन सही मौका न मिलने के कारण ऐसा नहीं कर सके. पुलिस की टीम ने सबसे पहले मकान मालिक विवेकानंद मिश्रा को पकड़ने की कोशिश की. उसे आनंद विहार के पास से गिरफ्तार किया गया. पूछताछ में उसने पूरी साजिश कबूल कर ली और बाकी आरोपियों के बारे में भी खुलासा किया. जब पुलिस ने विवेकानंद को गिरफ्तार किया, तब अभय कुमार झा उर्फ सोनू दिल्ली में ही एक होटल में छिपा हुआ था. जैसे ही उसे खबर मिली कि विवेकानंद पकड़ा गया है, वो भागने की फिराक में था. पुलिस ने तुरंत तकनीकी निगरानी की मदद से उसकी लोकेशन ट्रेस की और उसे अलीगढ़ रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार कर लिया. आरोपी विवेकानंद ने खुलासा किया कि उसने हत्या के बाद शव को ठिकाने लगाने के लिए इंटरनेट पर कई तरीके खोजे थे. वो दिल्ली जल बोर्ड के खुले मैनहोल और नालों के बारे में जानकारी निकाल रहा था ताकि शव को ठिकाने लगाया जा सके.
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