विश्व बैंक के प्रमुख अजय बंगा ने कहा कि मैं मेक इन इंडिया का आदर्श उदाहरण हूं। एक विशेष बातचीत में अजय बंगा ने कहा कि वह भारत में पले-बढ़े हैं और केवल भारतीय संस्थानों में ही पढ़ाई की है। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने विदेश से एक भी कोर्स नहीं किया है। बंगा ने कहा कि भारत में पले-बढ़े, भारतीय संस्थानों में पढ़ाई की, विदेश में एक भी कोर्स नहीं किया। जीवन में सफलता का पचास प्रतिशत भाग्य है, बाकी आपकी कड़ी मेहनत और अवसर को भुनाने की क्षमता है। एक निजी चैनल के एंकर ने इंटव्र्यू का क्लिप शेयर करते हुए एक्स पर लिखा कि बहुपक्षीय विकास बैंकों में सुधार करना भारत के जी -20 प्रेसीडेंसी के प्रमुख एजेंडा बिंदुओं में से एक रहा है। बंगा वह व्यक्ति हैं जिन्हें राष्ट्रपति बाइडेन ने विश्व बैंक को अनुकूलित करने के लिए सौंपा है। वाशिंगटन के नेतृत्व वाली पुरानी वैश्विक वित्तीय व्यवस्था के लिए चीन की बढ़ती चुनौती से निपटने में सक्षम होना। बातचीत के दौरान विश्व बैंक प्रमुख ने यह भी कहा कि वह वाशिंगटन-प्रभुत्व वाली दुनिया से असहमत हैं। विश्व बैंक में सुधार के अपने मिशन पर बोलते हुए बंगा ने कहा कि पिछले तीन महीनों में, मैंने कई देशों के कई नेताओं और वित्त मंत्रियों से मुलाकात की है, जिससे मुझे एक स्पष्ट दृष्टिकोण मिला है। बंगा ने कहा कि विश्व बैंक के विकास का रोडमैप एक नया दृष्टिकोण और मिशन प्राप्त करना और इसे समावेशी बनाना है। परिवर्तन के लिए उठाए जाने वाले कदमों के बारे में पूछे जाने पर, अभी भी क्या हासिल करने की आवश्यकता है, बंगा ने दृष्टि की स्पष्टता, बोलने की सरलता, आप जो हासिल करना चाहते हैं उसका प्रबंधन और माप और सरल स्कोरकार्ड पर जोर दिया।
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