नई दिल्ली : अपने मित्र चीन के सहयोग से कुछ भारतीयों को संयुक्त राष्ट्र की आतंकी सूची में शामिल करने की कोशिश में जुटे पाकिस्तान को भारत ने यूएन की एक बैठक में पूरी तरह से पर्दाफाश कर दिया है। यूएन के आतंकरोधी कार्यालय (यूएनओसीटी) की बेहद गोपनीय वर्चुअल बैठक में भारतीय प्रतिनिधि ने पीएम इमरान खान की अगुवाई में पाकिस्तान सरकार की तरफ से चलाई जा रही आतंकी फैक्ट्री से जुड़ी सारी गतिविधियों को अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने ला दिया है।
विश्व बिरादरी के सामने हरकतेंं उजागर
कोविड-19 के प्रकोप से उपजे हालात का फायदा उठाने के लिए पाकिस्तान परस्त आतंकी संगठनों की करतूतों को भी अंतरराष्ट्रीय जगत के सामने भारतीय दल के प्रतिनिधि महावीर सिंघवी ने बखूबी पेश किया है। भारतीय दल ने जिस तरह से सबूतों व दलीलों के साथ पाकिस्तान सरकार के साये तले पल रहे आतंक को सामने लाया है उसका असर एफएटीएफ के फैसलों में भी आने वाले दिनों में देखने को मिल सकता है। भारत की तरफ से कहा गया कि एक तरफ जहां पूरी दुनिया में कोविड-19 से बचने के उपाय किए जा रहे हैं वही पाकिस्तान अपनी पूरी ताकत, भारत के खिलाफ आधारहीन आरोप लगाने व उसके आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने में लगा रहा है।
आतंकवाद को शह देना पाक ने कबूला
मुंबई, पठानकोट, उरी, पुलवामा में आतंकी हमला करवाने वाला देश विश्व समुदाय को आतंक पर भाषण देने की कोशिश कर रहा है। एक तरफ पाक अल-कायदा को खत्म करने की बात करता है तो दूसरी तरफ उसके प्रधानमंत्री संसद में आतंकी ओसामा बिन लादेन को शहीद करार देते हैं। यह इस बात का खौफनाक सबूत है कि पाकिस्तान किस हद तक आतंक को बढ़ावा देता है। पाकिस्तान के पीएम ने पहले यह बात स्वीकार की थी कि उनके यहां 40 हजार आतंकी हैं जो पड़ोसी देशों पर भी हमले करते हैं। अब अमेरिकी सरकार की एजेंसी कह रही है कि 6500 आतंकियों को अभी भी पाकिस्तान पाल रहा है।
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