पिछले साल से स्टार्टअप कंपनियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, जिससे दुनिया भर में बड़े पैमाने पर छंटनी हो रही है। अब इस साल के 7 महीने से ज्यादा बीत चुके हैं, लेकिन स्टार्टअप्स में छंटनी से राहत नहीं मिली है। इससे कई लोग बेरोजगार हो गये हायरिंग सॉल्यूशंस मुहैया कराने वाली कंपनी सीआईईएल एचआर की एक रिपोर्ट में इस संबंध में आंकड़े दिए गए हैं। आंकड़ों के मुताबिक, इस साल के पहले छह महीनों में स्टार्टअप्स में हजारों लोगों ने अपनी नौकरियां गंवाई हैं। रिपोर्ट के मुताबिक जनवरी से जून 2023 तक 70 से ज्यादा स्टार्टअप्स ने अपने कर्मचारियों की संख्या कम कर दी है और 17 हजार से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं. यहां अधिक छंटनियां हैं एडटेक, ई-कॉमर्स, फिनटेक, फूडटेक, हेल्थटेक और स्ड्डड्डस् सेक्टर की कंपनियां अग्रणी स्टार्टअप कंपनियां हैं जिन्होंने सबसे ज्यादा कर्मचारियों की छंटनी की है। रिपोर्ट के मुताबिक, एडटेक में 6 स्टार्टअप्स ने छंटनी की है। वहीं, बिजनेस-टू-कंज्यूमर ई-कॉमर्स में 17 नई कंपनियों और बिजनेस-टू-बिजनेस सेगमेंट में 3 स्टार्टअप कंपनियों ने साल के पहले छह महीनों के दौरान अपने कर्मचारियों की छंटनी की। जिनमें एपीआई बैंकिंग उत्पाद, ब्रोकरेज, म्यूचुअल फंड, क्रेडिट कार्ड, बीमा और भुगतान समाधान प्रदान करने वाली कंपनियां शामिल हैं। सेवा के रूप में सॉफ़्टवेयर उद्योग में 11 स्टार्टअप ने कार्यबल में कटौती की है। छंटनी के पीछे का कारण सीआईईएल एचआर के अनुसार, स्टार्टअप्स में छंटनी का मुख्य कारण लंबे समय तक फंडिंग की समस्या है। रिपोर्ट के मुताबिक, नए जमाने की कंपनियों को फंड जुटाने में दिक्कत हो रही है, जिससे उनके लिए ग्रोथ बरकरार रखना मुश्किल हो रहा है। वर्ष के पहले छह महीनों के दौरान उद्यम पूंजी गतिविधियों में 79 प्रतिशत की भारी गिरावट आई। इस प्रकार धन कम हो गया बिजनेस टुडे की रिपोर्ट में वेंचर इंटेलिजेंस ने कहा कि 2023 की पहली छमाही में स्टार्टअप कंपनियों में कुल निवेश 3.8 अरब डॉलर था, जो एक साल पहले 18.4 अरब डॉलर था। इसी तरह, सौदों की संख्या एक साल पहले के 727 से 60 प्रतिशत गिरकर सिर्फ 293 रह गई।
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