रायपुर. छत्तीसगढ़ के ‘मितानिन’ स्वास्थ्य कार्यकर्ता अब अपने भविष्य को लेकर अनिश्चितता का सामना कर रहे हैं. कुछ दिनों पहले ही पूरे मितानिन कार्यक्रम की टीम को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) में स्थानांतरित करने का प्रस्ताव रखा गया था, जिससे मितानिन के 75,000 से अधिक कार्यकर्ताओं में अपने भविष्य को लेकर चिंता पैदा हो गई है.
मितानिन कार्यकर्ताओं का कहना है कि राज्य में भाजपा की सरकार ने चुनाव घोषणा पत्र में मितानिन कैडर को एनएचएम के तहत नियमित करने और उनके प्रोत्साहनों में 50% की वृद्धि करने का वादा किया था. लेकिन सरकार ने अब तक वादों को पूरा नहीं किया है और इसके उलट एनएचएम में स्थानांतरित करने का प्रस्ताव रखा गया है.
मितानिन कैडर ने बताया, कि इस प्रस्ताव ने निम्नलिखित चिंताओं के कारण भविष्य को लेकर अनिश्चितता उत्पन्न की है:
1. लिखित आश्वासन की कमी: यह सुनिश्चित करने के लिए कोई लिखित पुष्टि नहीं है कि सभी मितानिन कर्मचारियों को एनएचएम में शामिल किया जाएगा और उन्हें सरकारी कर्मचारियों के रूप में नियमित किया जाएगा.
2.प्रोत्साहन संरचना की अनिश्चितता: यह गारंटी नहीं है कि वर्तमान वेतन और प्रोत्साहन संरचना समान रहेगी या वादे के अनुसार 50% बढ़ाई जाएगी.
3.समय पर भुगतान की चिंता: राज्य-स्तरीय भुगतान तंत्र के माध्यम से समय पर भुगतान की कोई गारंटी नहीं है, जिसे माननीय मुख्यमंत्री द्वारा 12 जुलाई को ‘नवा सौगात कार्यक्रम’ में शुरू किया गया था.
4.कार्यक्रम दिशानिर्देशों की अस्पष्टता: यह स्पष्ट नहीं है कि एनएचएम के तहत मितानिन कार्यक्रम कैसे संचालित होगा या कौन सी मानव संसाधन नीतियाँ लागू होंगी.
5.रोजगार सुरक्षा मुद्दे: वर्तमान कर्मचारियों को उम्र, योग्यता, आरक्षण रोस्टर जैसे कारकों के कारण बाहर नहीं किया जाएगा, इसकी कोई गारंटी नहीं है. इसके अलावा, वार्षिक नवीनीकरण प्रणाली जो संविदात्मक कर्मचारियों पर लागू होती है, उसे मितानिन कार्यकर्ताओं पर लागू नहीं किया जाएगा, इसकी कोई गारंटी नहीं है.
मितानिन प्रतिनिधियों की मंत्रियों से मुलाकात जारी
मितानिन प्रतिनिधियों ने अपनी इन चिंताओं को लेकर अब राज्य भर के अधिकारियों, मंत्रियों और विधायकों के साथ बैठकें आयोजित करनी शुरू कर दी हैं. बीते दिन शनिवार को उन्होंने वित्त मंत्री ओ. पी. चौधरी, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, और कई अन्य मंत्रियों और विधायकों को एक प्रस्ताव सौंपा. एक मितानिन प्रतिनिधि ने माननीय मुख्यमंत्री के निवास पर भी जाकर अपना प्रस्ताव प्रस्तुत किया.
सरकार से लिखित आश्वासन की मांग
मितानिन कार्यकर्ताओं की मांग है कि सरकार उनके उपरोक्त पांचों बिंदुओं पर लिखित आश्वासनों देने के बाद ही एनएचएम में स्थानांतरित करे. सरकार के लिखित आश्वासन के बिना वे एनएचएम में ट्रांसफर नहीं होना चाहते हैं और उनकी आश्वासन की मांग पूरी ना होने की स्थिति में वे मितानिन एसएचआरसी के तहत काम जारी रखने के इच्छुक हैं.
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