रायपुर : अगले महीने 1 जुलाई को देवशयनी एकादशी पड़ रही है। इस दिन सभी देवगण चार माह के लिए विश्राम पर चले जाएंगे और चातुर्मास का शुभारंभ हो जाएगा। देवशयनी एकादशी से पहले मात्र दो शुभ मुहूर्त बचे हैं। इसके बाद चातुर्मास लग जाने से अगले पांच माह तक अनेक शुभ संस्कार नहीं होंगे। शादी की शहनाइयां भी नहीं बजेंगी।
इन दिनों भगवान जगन्नाथ अपने मूल मंदिर में नहीं हैं। वे 23 जून को अपनी मौसी के घर गुंडिचा मंदिर गए, जहां विश्राम कर रहे हैं। भगवान के विश्राम की अवधि दशमी तिथि को खत्म होगी। इसके अगले दिन एकादशी को भगवान वापस अपने मूल मंदिर में लौटेंगे। इसे देवशयनी एकादशी कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु क्षीरसागर में विश्राम करने चले जाते हैं। साथ ही अन्य देवगण भी विश्राम करते हैं।
हिंदू संवत्सर के अनुसार आषाढ़ शुक्ल एकादशी से लेकर कार्तिक शुक्ल एकादशी तक भगवान का विश्राम काल माना जाता है। 25 नवंबर को जिस दिन भगवान जागेंगे उस दिन देवउठनी एकादशी मनाई जाएगी। इसके साथ ही पुनः सभी शुभ संस्कारों की शुरुआत होगी।
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