रायपुर। शराब घोटाले में हाईकोर्ट से पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा और कारोबारी अनवर ढेबर को बड़ी राहत मिली है। हाई कोर्ट ने दोनों को जगदलपुर और कांकेर जेल से वापस रायपुर जेल शिफ्ट करने की अनुमति दी है। दोनों ने रायपुर कोर्ट में केस होने का हवाला दिया था। जस्टिस अरविंद वर्मा की कोर्ट ने सुनाया फैसला। बता दें, कि पिछले दिनों दोनों को रायपुर जेल से कांकेर और जगदलपुर की जेल में ट्रांसफर किया गया था. जेल सुप्रीटेंडेंट ने एक एप्लिकेशन रायपुर की अदालत में पेश की थी. जिनमें उन्होंने दोनों पर शांति भंग करने का आरोप लगाते हुए दोनों को अलग अलग कांकेर और जगदलपुर की जेल में शिफ्ट करने की मांग की थी. जिसे कोर्ट के स्वीकार कर लिया था इस फैसले के खिलाफ दोनों ने हाइकोर्ट में अपील की. अपनी याचिका में दोनों ने कहा कि, उनका केस रायपुर में चल रहा है, उनका वकील और परिवार यहां है ऐसे में कोर्ट का फैसला उनके लिए मुश्किल खड़ी कर रहा है। साथ ही यह भी बताया गया कि निचली अदालत ने उन्हें सुनवाई का अवसर नहीं दिया था। मामले में सुनवाई के बाद कोर्ट ने दोनों की अपील स्वीकार करते हुए उन्हें तुरंत रायपुर जेल शिफ्ट करने का ऑर्डर प्रशासन को जारी किया है. गौरतलब है कि आबकारी, कोयला और कस्टम मिलिंग घोटाले के अन्य आरोपियों को पिछले महीने ही प्रदेश के विभिन्न जेलों में ट्रांसफर किया गया था। ईडी (ED) की विशेष कोर्ट के आदेश पर रायपुर जेल में बंद इन मामलों से जुड़े आरोपियों को अलग-अलग जेलों में भेजा गया क्योंकि उनपर रायपुर जेल में एक सिंडिकेट चलाने और VIP ट्रीटमेंट लेने का आरोप लगा था। आबकारी घोटाला मामले में आरोपी अनवर ढेबर को अंबिकापुर और अनिल टुटेजा को कांकेर जेल शिफ्ट किया गया था, जबकि ए.पी. त्रिपाठी को जगदलपुर जेल भेजा गया था. वहीं कस्टम मिलिंग घोटाले के आरोपी मार्कफेड के पूर्व MD मनोज सोनी को दंतेवाड़ा जेल और कोयला घोटाले के मुख्य सरगना सूर्यकांत तिवारी को जगदलपुर जेल ट्रांसफर किया गया था।
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