गरियाबंद। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में 16 करोड़ रुपए की लागत से बन रही 23 किमी सड़क भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई. 5 इंच के बीएम के बाद 2 इंच कारपेट वर्क को अलग-अलग करने के बजाए ठेकेदार ने एक साथ कर दिया, जिसकी वजह से सड़क उखड़ने लगी. अफसर की मनाही के बाद भी ठेकेदार के काम नहीं रोकने से ग्रामीणों में भारी आक्रोश है.
दरअसल, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत घुमरापदर से खोखमा मार्ग पर, घुमरापदर से चुखली तक लगभग डेढ़ किमी लंबी अधूरे पेच का काम 8 माह बाद ठेका कंपनी ने शुक्रवार से अचानक शुरू कर दिया. विभाग के इंजीनियर के गैर मौजूदगी में आनन-फानन में शुरू हुए इस काम को लेकर ग्रामीण भी हैरान थे.
ठेका कंपनी मेसर्स फारूक वारसी के वर्कर ने शुक्रवार को डामरीकरण शुरू किया था, और वह शनिवार को उखड़ने लगा. इस पर ग्रामीणों का विरोध सामने आने लगा. ग्राम सरपंच सोनाराम मांझी ने विभाग के एसडीओ कमलेश चंद्राकर से बगैर किसी अफसर की मौजूदगी में किए जाने रहे काम को लेकर मौखिक शिकायत की. एसडीओ ने इस पर मौखिक तौर पर काम रोकने का निर्देश दिए. कुछ घंटे काम बंद भी रहा, लेकिन शाम साढ़े 5 बजते ही दोबारा शुरू कर दिया गया.
Adv