छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में हो सकता है ब्लैक आउट
रायपुर/कोरबा। कोरबा पश्चिम स्थित हसदेव ताप विद्युत गृह (एचटीपीएस) में 1320 मेगावॉट बिजली का उत्पादन किया जाता है। इस संयंत्र को चलाने के लिए कोयला कोल इंडिया की सहयोगी कंपनी एसईसीएल की कुसमुंडा कोयला खदान से कन्वेयर बेल्ट के जरिए प्राप्त होता है। वर्तमान में कन्वेयर बेल्ट लाइन से संयंत्र को कोयले की आपूर्ति नियमित तौर पर नहीं हो पा रही है। इससे संयंत्र में कोयले का स्टॉक कम हो गया है। सेंट्रल एनर्जी अथॉरिटी की ताजा रिपोर्ट के अनुसार कोरबा स्थित हसदेव ताप विद्युत गृह में 71 हजार 500 टन कोयले का स्टॉक उपलब्ध है, जो जरूरत के अनुसार से बेहद कम है। संयंत्र को 85 फीसदी प्लांट लोड फैक्टर (पीएलएफ) पर चलाने के लिए रोजाना 19 हजार 900 टन कोयले की जरूरत होती है। संयंत्र में तीन दिन का कोयला उपलब्ध होने से स्थानीय प्रबंधन चिंतित है और इसके लिए प्रदेश सरकार मदद मांग रहा है। इधर कोयले की आपूर्ति करने वाली एसईसीएल प्रबंधन का कहना है कि कोरबा पश्चिम संयंत्र में कोयले की स्थिति की जानकारी उसके पास है। कुछ तकनीकी गड़बड़ियों के कारण आपूर्ति में कमी आई है। इसे दूर करने के लिए हाल ही में आयोजित महाप्रबंधकों की बैठक में कंपनी के चेयरमैन ने निर्देशित किया है। कुसमुंडा खदान के स्टॉक में कोयला पर्याप्त है और यहां से जल्द ही कोरबा ताप विद्युत गृह आपूर्ति की जाएगी।
संयंत्र में कोयले की कमी का असर उत्पादन पर पड़ा है। 210-210 मेगावॉट की चारों इकाइयां पूरी क्षमता से काम नहीं कर रही हैं। इन इकाइयों से 150 से 160 मेगावॉट बिजली उत्पादन किया जा रहा है। 500 मेगावॉट की इकाई से लगभग 400 मेगावॉट बिजली बनाई जा रही है।
प्रदेश में बिजली की मांग से आधा उत्पादन
नौतपा में उमस भरी गर्मी लोगों को परेशान कर रही है। गर्मी ने लोगों का हाल बेहाल कर दिया है। इससे बिजली की मांग में बढ़ोतरी हुई है। रोजाना 5 हजार मेगावॉट की खपत हो रही है। जबकि छत्तीसगढ़ बिजली उत्पादन कंपनी की कोरबा में स्थित सभी संयंत्रों से 2250 मेगावॉट के आसपास उत्पादन किया जा रहा है। शेष जरूरतों को पूरी करने के लिए बिजली वितरण कंपनी को सेंट्रल पूल से मदद लेनी पड़ रही है।
जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि कंपनी के पास बिजलीघरों को देने के लिए पर्याप्त कोयला है। कुसमुंडा से हसदेव ताप विद्युत गृह को होने वाली कोयले की आपूर्ति की वर्तमान स्थिति की जानकारी कंपनी को है। जरूरत के अनुसार कन्वेयर बेल्ट के जरिए पर्याप्त आपूर्ति हो, इसकी कोशिश की जा रही है। मुख्य अभियंता, एचटीपीएस कोरबा ने कहा कि कन्वेयर बेल्ट के जरिए कुसमुंडा खदान से कोयले की आपूर्ति होती है। स्टॉक की वर्तमान स्थिति से बिजली कंपनी के चेयरमैन को अवगत कराया गया है। अभी 22 हजार टन कोयला रोजाना मिल रहा है।
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