कोरिया। जिले में आगामी खरीफ सीजन की तैयारियों को लेकर आज कलेक्ट्रेट सभा कक्ष में कलेक्टर चन्दन त्रिपाठी की अध्यक्षता में कृषि, उद्यानिकी, सहकारिता, मत्स्य एवं पशुपालन विभाग के अधिकारियों की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में कलेक्टर ने परंपरागत धान की खेती की जगह दलहन एवं तिलहन फसलों जैसे मूंग, उड़द, मूंगफली, तिल, सरसों एवं मक्का के रकबे को बढ़ाने पर विशेष बल दिया। उन्होंने कहा कि इन फसलों से न केवल किसानों को बेहतर आमदनी होगी, बल्कि पोषण और मिट्टी की गुणवत्ता भी सुधरेगी। कलेक्टर त्रिपाठी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे गांव-गांव जाकर किसानों को जागरूक करें और इन लाभकारी फसलों की खेती के लिए प्रेरित करें। उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार किसानों को उचित बाजार उपलब्ध कराएगी और समर्थन मूल्य पर खरीदी की व्यवस्था भी की जाएगी। उन्होंने नेशनल मिशन ऑन एडिबल ऑयल 2025-26 के तहत जिले में तिलहन उत्पादन को प्राथमिकता देने की बात कही। तिलहन फसलों का रकबा बढ़ने पर जिले में तेल मिल की स्थापना का भी प्रयास किया जाएगा, जिससे स्थानीय स्तर पर प्रसंस्करण और रोजगार के अवसर सृजित होंगे। कलेक्टर ने कहा कि जिले में जैविक खेती को भी बढ़ावा दिया जा रहा है, क्योंकि उपभोक्ताओं में अब जैविक उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ रही है। इससे किसानों को बेहतर दाम, उपजाऊ जमीन और स्वस्थ समाज का लाभ मिलेगा। बैठक में खाद-बीज की उपलब्धता, भंडारण और वितरण व्यवस्था की निगरानी के निर्देश दिए गए। फसल बीमा योजना के ऑप्ट आउट विकल्प के सफल क्रियान्वयन पर भी विशेष ध्यान देने को कहा गया। वनाधिकार पट्टाधारी किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से जोड़ने के लिए पोर्टल पर नियमित पंजीयन कराने के निर्देश दिए गए। साथ ही मिलेट्स की खेती को बढ़ावा देने हेतु कार्ययोजना तैयार करने को कहा गया। कलेक्टर ने बताया कि बीज उत्पादन के क्षेत्र में कोरिया जिला, सरगुजा संभाग में प्रथम स्थान पर है, जो जिले के लिए गौरव की बात है। उन्होंने अधिकारियों से राज्य स्तर पर शीर्ष स्थान प्राप्त करने के लिए और अधिक परिश्रम करने का आह्वान किया।
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