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Rajnandgaon

  • काॅन्फ्लुऐसं महाविद्यालय के बेस्ट प्रैक्टिस सेल द्वारा "कार्यशाला"

    19-Jan-2024

    राजनांदगांव| काॅन्फ्लुऐसं महाविद्यालय के बेस्ट प्रैक्टिस सेल द्वारा हेपेटाइटटस पर कार्यशाला का आयोजन किया गया । इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को हेपेटाइटटस बी जो कि दनिया में सबसे आम और सबसे गंभीर जिगर संक्रमण है उसके बारे में जानकारी प्रदान करना हैं। इस कार्यशाला के विषय विशेषज्ञ डॉ. बी.एल. तुलावी, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी ,राजनांदगांव से उपस्थित थे। उन्होंने अपने इस कार्यशाला में बताया की हेपेटाइटटस आम बीमारी हैं और इसका कारण होता है हेपेटाइनटस बी वायरस (हे. बी. वी), जो कि जिगर की कोनिकाओ पर

    हमला करता है और इसकी वजह से जिगर नवफल हो सकता है या नसरोनसस [cirrhosis (scarring)] या जिगर में कैंसर हो सकता है। वायरस रक्त के साथ और रक्त युक्त शारीरिक तरल पदार्थ के साथ संपर्क होने के माध्यम से फैलता है। ऐसा होता है प्रत्यक्ष निवेश या असुरक्षित यौन संबंध या गंदी या unsterile सुई के उपयोग से या फिर एक संक्रमित महिला से उसके नवजात शिशु को उसके जन्म के दौरान । साथ ही उन्होंने बताया की
    लगभग 5-10% वयस्कों को, 30-50% बच्चों को, और 90% शिशुओु को इस वायरस से छूटकारा नहीं मिलेगा और वे पुराने संक्रमण से ग्रस्त हो सकते हैं। लंबे समय से संक्रनमत लोग दसरों को वायरस पारित कर सकते हैं और उन्हें खतरा है बाद में जीवन में गंभीर बीमारी होने का।
    महाविद्यालय के प्राचार्य द्वारा कहा गया की हेपेटाइटटस बी एक ऐसी जिगर संक्रमण बिनामरी है जो दुनियाभर में फैला हुआ और इस बीमारी को एक सुरक्षित और प्रभावी टिके के साथ रोका जा सकता हैं क्रोनिक हैपेटाइटिस बी से पीड़ित लोगों के लिए भी प्रभावी उपचार उपलब्ध हैं इस कार्यशाला में महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापकगण और छात्र-छात्राएं भी उपस्थित थे।

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