राजनांदगांव : प्रदेश कांग्रेस के नेता आफताब आलम ने कहा कि देश के राष्ट्रपिता व पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष महात्मा गांधी ने ही आजाद भारत में रामराज्य की परिकल्पना की थी। इसी विचार का एवं राष्ट्रीय भावना का अनुशरण करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने राम मंदिर का द्वार खोलने के साथ मंदिर का शिलान्यास कर पूजा की शुरूआत की। कांग्रेस की इसी विचारधारा स्वरूप ही जब प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रामगमन योजना सहित भगवान श्रीराम के ननिहाल चंदखुरी में माता कौशिल्या देवी का मंदिर निर्माण का निर्णय लिया। कांग्रेस ने हमेशा मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम की मर्यादा का ध्यान रखते हुए चुनावों के दौरान वोट मांगने की राजनीतिक प्रतियोगिता में कभी धर्म व भगवान श्रीराम का उपयोग नहीं किया। जबकि महात्मा गांधीजी की दैनिक दिनचर्या श्रघुपति राघव राजाराम्य भजन से शुरू होती थी। वहीं उनकी मृत्यु के आखिरी शब्द भी हे राम्य थे। गांधीजी का संपूर्ण जीवन भगवान राम को ही समर्पित रहा।
श्री आलम ने प्रश्र उठाते हुए कहा कि जब बाबरी मजिस्द के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी को न्यौता भेजा सकता है तो दोबारा शिलान्यास के शुभ अवसर पर मंदिर की नींव रखने वाले पूर्व प्रधानमत्री स्व. राजीव गांधी के सुपुत्र राहुल गांधी एवं छत्तीसगढ़ में रामराज्य का अनुशरण कर रहे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं करना दुखद है तथा पूर्ण रूप से समारोह का भाजपाईकरण किया जाना अनुचित है, जबकि भाजपा नेत्री सुश्री उमा भारती ने हाल ही में कहा है कि भगवान राम किसी के बपौती नहीं है।
श्री आलम ने कहा कि वर्तमान में देश में उपजी कोराना संक्रमण जिससे गृहमंत्री भी संक्रमित हुए हैं, के ऊपर ध्यानाकर्षण करते हुए कहा कि 29 जुलाई को केंद्रीय केबिनेट की बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ईद-गिर्द अमित शाह और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह बैठे तो क्या ऐसे में 5 अगस्त को शिलान्यास कार्यक्रम में शामिल होने से पहले प्रधानमंत्री को कोरोनो टेस्ट नहीं कराना चाहिए तथा टेस्ट रिपोर्ट को देश के सामने सार्वजनिक करना चाहिए, इसे पीएम केयर फंड की तरह गुप्त नहीं रखा जाना चाहिए।
Adv