रायपुर। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने बिरनपुर मामले में सत्र न्यायालय के शनिवार को आए फैसले के मद्देनजर प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर बहुसंख्यक हिन्दू समाज के खिलाफ दुर्भावनापूर्ण कार्रवाइयों के लिए जमकर लताड़ लगाई। उन्होंने बताया कि भुनेश्वर साहू की हत्या के आरोपियों पर कार्रवाई नहीं करके प्रदेश की भूपेश सरकार जिस प्रकार अन्य मामलों में हिन्दू युवकों के खिलाफ झूठे मामले कायम करके उन्हें प्रताडि़त कर रही थी। सत्र न्यायालय ने उन सभी 8 आरोपियों के दोषमुक्त करके पूरी जाँच प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए हैं और तात्कालिक एसपी कल्याण एलेसेला, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पंकज पटेल व विवेचना अधिकारी भानु प्रताप पटेल पर घोर उपेक्षा व लापरवाही के लिए जांच की अनुशंसा भी की।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने रविवार को एकात्म परिसर स्थित भाजपा कार्यालय में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि गत 8 अप्रैल को बिरनपुर में एक निर्दोष युवक भुनेश्वर साहू की बेदर्दी से हत्या कर दी गई थी। लगातार उस क्षेत्र में लव जिहाद की घटनाएँ हो रही थीं, यही भुनेश्वर साहू की हत्या की वारदात की पृष्ठभूमि थी। इस घटना के बाद मृतक भुनेश्वर साहू का दाह संस्कार किन परिस्थितियों में हुआ, यह भी पूरा प्रदेश जानता है। 10 अप्रैल को साव भुनेश्वर साहू के परिजनों से मिलने जा रहे थे, लेकिन मिलने देने के बजाय सरकार ने उन्हें 6 घंटे हिरासत में रखा और लगातार भूपेश सरकार ने इस मामले में इकतरफा कार्रवाई की। अनेक अवसरों पर भाजपा ने बहुत स्पष्ट रूप से कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार बहुसंख्यक हिन्दू समाज के खिलाफ इकतरफा कार्रवाई कर रही है। एक तरफ मृतक भुनेश्वर के परिजनों ने 40-41 अभियुक्तों का नाम दिया, उनमें से सिर्फ 11 लोगों की गिरफ्तारी हुई, शेष अभियुक्तों की आज तक गिरफ्तारी नहीं हुई। वहीं दूसरी तरफ प्रदेश सरकार ने कभी आगजनी के मामले को लेकर अपराध दर्ज किया तो कभी धारा 302 का मामला कायम किया और हिन्दू समाज के लोगों को लगातार प्रताडि़त किया, परेशान किया, पुलिस उनके घरों में पहुँची। ऐसा करके बहुसंख्यक हिन्दू समाज में दहशत और दबाव का माहौल बनाने का काम किया गया।
उन्होंने सत्र न्यायालय के फैसले को पढक़र सुनाते हुए कहा कि मात्र 6 माह के अल्प समय में न्यायालय ने बिरनपुर की परिस्थितियों में हुई आगजनी की घटना में शासन द्वारा झूठे फंसाए गए बहुसंख्यक वर्ग के निर्दोष लोगों को बाइज्जत बरी किया। यह सत्र न्यायालय का जो फैसला आया है, उससे भाजपा के कथन और आरोपों की पुष्टि हुई है कि किस प्रकार सरकार ने बहुसंख्यक हिन्दू समाज के खिलाफ इकतरफा कार्रवाई की? और दूसरी तरफ भुनेश्वर के पिता व भाई ने जो अभियुक्त बताए थे, संख्या बताई थी, आज तक उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई है और न उनसे पूछताछ की गई। वे अभियुक्त आज भी खुलेआम घूम रहे हैं। वहीं दूसरी ओर निरपराध हिन्दू समाज के नौजवानों को झूठे मुकद्दमे में फँसाकर उनको जेल में डाला गया। सत्र न्यायालय ने अपने फैसले में जो कहा है, वह इस बात को आईने की तरह साफ करता है कि बहुसंख्यक हिन्दू समाज के खिलाफ कांग्रेस की इस भूपेश सरकार ने किस तरह अन्याय किया! भाजपा ने लगातार इस मामले में जो कहा, वह इस फैसले से प्रमाणित हो गया है। श्री साव ने कहा कि यह फैसला बताता है कि राज्य की सरकार किस प्रकार बहुसंख्यक हिन्दू समाज के खिलाफ कार्रवाई कर रही है और मूल आरोपियों को बचाने का काम कर रही है। आज भी प्रदेश सरकार ने भुनेश्वर साहू की हत्या के मामले में बताए गए आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया है। आज प्रदेश में कानून-व्यवस्था के हालात को इस पूरी घटना और उससे संबंधित सत्र न्यायालय के फैसले के परिप्रेक्ष्य में आसानी से समझा जा सकता है।
साव ने कहा कि भाजपा लगातार इस बात को कहती और इस मुद्दे को लेकर लड़ती रही है कि सरकार पूर्वाग्रह से ग्रस्त होकर बहुसंख्यक हिन्दू समाज को दबाने व तोडऩे का काम करके तुष्टीकरण के अपने राजनीतिक एजेंडे को अमल में ला रही है। चाहे वह कबीर धाम की घटना हो, बिरनपुर की घटना हो, खुर्सीपार की घटना हो, नारायणपुर में धर्मांतरण की विरोध कर रहे लोगों के खिलाफ झूठा मामला बनाने का काम हो, लगातार ऐसी घटनाएँ सामने आई हैं जिससे यह स्पष्ट होता है कि प्रदेश की यह भूपेश सरकार बहुसंख्यक हिन्दू समाज के प्रति दुर्भावना का परिचय दे रही है।
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