सीआरपीएफ ने नक्सली हिडमा को पकड़ने के लिए सबसे बड़ा अभियान शुरू किया, तीन महिला माओवादी ढेर
रायपुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर और तेलंगाना के मुलुगु जिलों की सीमा से लगी पुजारी कांकेर क्षेत्र की कर्रेगुट्टा पहाड़ियों पर पिछले तीन दिन से जारी सीआरपीएफ और छत्तीसगढ़ पुलिस के संयुक्त अभियान में जवानों ने तीन महिला नक्सलियों को मार गिराया है। अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि माओवादी हिडमा और उसके साथियों के मौजूद होने की सूचना के बाद संयुक्त दल ने यह अभियान तीन दिन पहले सोमवार को शुरू किया है। अभियान अब भी जारी है। बताया जाता है कि इस अब तक के इस सबसे बड़े अभियान में सीआरपीएफ और छत्तीसगढ़ पुलिस के लगभग 5,000 जवानों के अलावा बैकअप इकाइयां भी शामिल हैं, जिसने कर्रेगुट्टा पहाड़ियों को चारों ओर से घेर लिया है। सीआरपीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, गुरुवार सुबह करीब 9.30 बजे तीन महिला माओवादियों के शव बरामद हुए हैं। साथ ही बड़ी संख्या में हथियार बरामद किए गए।
ड्रोन और हेलीकॉप्टर से रखी जा रही निगरानी :
एक सुरक्षा अधिकारी के अनुसार, पीएलजीए बटालियन नंबर-1 के शीर्ष कमांडर हिडमा का पता लगाने के लिए एनटीआरओ द्वारा उपलब्ध कराए उपग्रह चित्रों और मानचित्रों के साथ करीब चार हेलीकॉप्टर और 20-20 छोटे-बड़े मानव रहित विमानों (यूएवी) से लैस दो ड्रोन टुकड़ियों की मदद ली जा रही है। अधिकारी के अनुसार, नक्सलियों की ओर से पहाड़ी क्षेत्र में बड़ी संख्या में इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) लगाए जाने की आशंका है। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि हिडमा को एक हथियारबंद दस्ते के साथ कर्रेगुट्टा की पहाड़ियों में बने बंकर के आसपास देखे जाने की सूचना के आधार पर अभियान शुरू किया गया। उन्होंने कहा कि यह 2025 में छत्तीसगढ़ या उसके आसपास किसी भी सुरक्षा एजेंसी की ओर से शुरू किया गया सबसे बड़ा अभियान है।
ये टीमें अभियान में शामिल:
सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार, सीआरपीएफ की कोबरा इकाई की 210वीं बटालियन के नेतृत्व में इस अभियान में छत्तीसगढ़ पुलिस, विशेष कार्य बल (एसटीएफ), डीआरजी, सीआरपीएफ की कुछ नियमित इकाइयों के साथ तेलंगाना पुलिस की टीमें शामिल हैं। वहीं सीआरपीएफ के महानिदेशक (डीजी) जीपी सिंह 21 अप्रैल से रायपुर और जगदलपुर से अभियान की निगरानी कर रहे हैं।
Adv