राजनांदगांव में बसे एक परिवार के सपने अधूरे ही रह गए। एक महिला डॉक्टर के माता-पिता का दिल तब चूर-चूर हो गया जब उनकी बेटी का हार्ट अटैक से मौत हो गया।
छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में एक महिला डॉक्टर को अचानक हार्ट अटैक आ गया। महिला चिकित्सक रोजाना की तरह अपनी ड्यूटी पर जा रही थी। इस दौरान उनके सीने में दर्द होने लगा। कुछ देर बाद सीने का दर्द बढ़ गया और महिला नीचे जमीन पर गिर पड़ी। मेडिकल कॉलेज पहुंचने से पहले ही महिला की हार्ट अटैक से मौत हो गई।
ड्यूटी पर जा रही थी महिला डॉक्टर
महिला डॉक्टर राजनांदगांव में स्थित मेडिकल कॉलेज की जूनियर रेसीडेंट की चिकित्सक थी। डॉक्टर अपने घर से मेडिकल कॉलेज जाने के लिए तैयार हो रही थी। इसी दौरान महिला को हार्ट अटैक आ गया, और महिला की मौत हो गई। मिली जानकारी के मुताबिक स्थानीय गौरीनगर की रहने वाले दीपक ठाकुर की 29 साल की बेटी भाविका ठाकुर मेडिकल कॉलेज में जूनियर रेसीडेंट कैजुअल्टी के पद पर पदस्थ थीं।
बताया जा रहा है कि भाविका ने एमबीबीएस स्थानीय मेडिकल कॉलेज से ही किया। हाल ही में उनका चयन पीजी कोर्स के लिए भी हुआ था। अपने करियर के शुरुआती चरण में ही उन्होंने कॉलेज में संविदा पर सेवा देना शुरू किया था। उनके पिता दीपक ठाकुर एक सरकारी स्कूल के प्राचार्य हैं, जबकि कुछ साल पहले उनकी माता माधुरी ठाकुर, जो जिला चिकित्सालय में लैब टेक्निशियन के पद पर कार्यरत थीं, का भी असमय निधन हो गया था।
साइलेंट हार्ट अटैक कैसे आता है ?
A.
जब व्यक्ति को साइलेंट हार्ट अटैक आता है तब कुछ भी स्पष्ट महसूस नहीं होता। सधारण हार्ट अटैक में पसीना आना, सीने में दर्द होना, सांस लेने में तकलीफ होना लक्षण दिखाई देता है, लेकिन, साइलेंट हार्ट अटैक में ऐसे लक्षण न के बराबर देखने को मिलता है।
Q.
कैसे पता चलेगा साइलेंट हार्ट अटैक आया है ?
A.
जब व्यक्ति को साइलेंट हार्ट अटैक आए तो कुछ लक्षण से पहचान सकते हैं। जैसे कि – हल्का सीने में भारीपन या बेचैनी, सीने में जलन या अपच जैसा महसूस होना, सांस लेने में हल्की तकलीफ होना।
Q.
साइलेंट हार्ट अटैक से कैसे बचें
A.
साइलेंट हार्ट अटैक से बचने के कई उपाय हैं। जैसे कि – समय-समय पर हार्ट का चेकअप करवाते रहें, धूम्रपान और शराब का सेवन न करें, संतुलित और स्वस्थ आहार लें।
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