कांकेर। कांकेर वन मंडल में बाबू और रेंजर के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। रेंजर एसोसिएशन के बाद अब वन लिपिक कर्मचारी संघ ने मोर्चा खोलते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है। कर्मचारी संघ ने भी हड़ताल पर जाने की बात कहते हुए सीसीएफ को ज्ञापन सौंपा है। एक दिन पहले रेंजर संगठन ने कांकेर वन मंडल में पदस्थ बाबू के खिलाफ कार्रवाई की बात कही थी। शुक्रवार को लिपिक संघ ने बाबू के खिलाफ कार्रवाई होने पर हड़ताल पर जाने की बात कही है। इसी बीच छत्तीसगढ़ वन कर्मचारी संघ ने रेंजरों का समर्थन किया है। पिछले 10 दिनों से कांकेर वन मंडल के चार रेंजों के रेंजर मेडिकल लगाकर छुट्टी लेकर बैठ गए है। बाबू पर कार्रवाई नहीं होने पर सामूहिक अवकाश पर जाने 3 दिन का अल्टीमेटम दिया है। जिसके चलते रेंज अंतर्गत होने वाले काम ठप्प पड़ गए है। रेंजर विवाद एसोसिएशन और वन लिपिक कर्मचारी संघ के बीच चल रहे विवाद को लेकर निखिल मसीह ने बताया कि ये वर्चस्व की लड़ाई नहीं है। हम लोग वन विभाग के हित में काम करने वाले लोग है। हम टेबल में बैठकर काम करते है। हमकों सड़क पर आने की जरूरत कभी नहीं पड़ती। लेकिन कुछ लोग ऐसा कृत्य और षड्यंत्र रच रहे हैं। इसलिए हम यहां उपस्थित हुए है और सीसीएफ को विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने हमें आश्वस्त किया है इस बारे में वो न्याय करेंगे। चेक बाउचर निरस्त करने के आरोप पर कहा कि ये हमारा ड्यूटी और हमारा कर्तव्य है। सही गलत क्या चीज है, उसको चेक किया जाए, ताकि भविष्य में जो ऑडिट आपत्ति कोई जांच का विषय न बन सके। कभी-कभी बाउचरों में त्रुटियां रह जाती है, तो हम उसको वापस करते है। प्रांतीय सचिव तरुण देवघर ने बताया कि हमारी मांग पर सीसीएफ ने एक सप्ताह का समय मांगा है। उन्होंने आश्वस्त किया है कि निष्पक्ष जांच होगी। किसी के साथ अन्याय नहीं होगा। अगर रेंजर एसोसिएशन आंदोलन करती है, तो हमें भी आंदोलन का रुख अपनाना पड़ेगा।
Adv