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Raipur

  • मुख्यमंत्री के सुशासन में किसान हुए खुशहाल

    07-Aug-2024

    जीवन स्तर में हो रहा है सुधार

    रायपुर, मुख्यमंत्री के सुशासन में किसान हुए खुशहालमुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के सुशासन में किसान हितैषी  निर्णयों से आर्थिक लाभ मिल रहा है, जिससे किसानों को खेती-किसानी करने में आसानी हो रही हैं। प्रदेश के किसान खुशहाल हो रहें हैं। छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है और प्रदेश में धान की अच्छी फसल होती है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा किसानों से धान खरीदी की जाती है। खरीफ वर्ष 2023-24 में समर्थन मूल्य पर 24 लाख 72 हजार किसानों से 144.92 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी की गई है। बालोद जिले के अधिकतर किसान प्रमुख रूप से कृषि कार्य करते हैं, उनके आर्थिक जीवन का आधार कृषि है। किसान प्रमुख रूप से धान की खेती करते हैं। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के सुुशासन किसानों की खुशहाली का नया दौर शुरू हुआ है।
     
    जिले के बालोद विकासखण्ड के ग्राम कोहंगाटोला के किसान श्री डोमन लाल साहू ने बताया कि वे लगभग 05 एकड़ में धान की खेती करते हैं। उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के सुशासन में विगत खरीफ वर्ष का धान उन्होंने 21 क्विंटल प्रति एकड़ के मान से विक्रय किया था, जिसका उन्हे 3100 रूपये की दर से राशि प्राप्त हुआ है इसके साथ ही उसे 02 साल का बकाया बोनस भी उनके खाते में आ गया है। यह सब उसके लिए बहुत ही सुखद समय था जब उसने इन पैसों का उपयोग अपने पक्का मकान बनाने के लिए किया और बचे हुए पैसों को अपने बच्चों की शादी के लिए जमा किया है। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के किसान हितैषी योजना की सराहना करते हुए किसानों के लिए मददगार बताया है। 
     
     
    जिले के बालोद विकासखण्ड के ग्राम रेवती नवागांव के किसान श्री तुलाराम नागवंशी ने बताया कि अब उन्हें धान विक्रय का सही दाम मिला है। इसका उपयोग उन्होंने अपने निर्माणाधीन मकान में किया है। अच्छी खेती किसानी और डबल फसल लेने के लिए अपने खेत में सिंचाई हेतु एक बोर खनन भी कराया है। उन्होंने योजनाओं की सराहना करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री साय किसानों के उत्थान के लिए बेहतर काम कर रहे हैं इससे किसानों की आर्थिक स्थिति में काफी ज्यादा सुधार आया है। अब समय पर हमें खेती किसानी के लिए आवश्यक खाद व उर्वरक सोसायटी से मिल रहा है। इसके साथ ही हमें कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा समय-समय पर तकनीकी मार्गदर्शन भी प्राप्त हो रहा है।
     

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