रायपुर :- सीजीएसटी मुख्यालय, रायपुर के अधिकारियों ने तलाशी अभियान चलाकर 6 फर्जी फर्मों के नेटवर्क का पर्दाफाश किया है. ये फर्म वस्तुओं और सेवाओं की किसी भी प्रकार की आपूर्ति किए बिना केवल फर्जी चालान बनाने में सक्रिय रूप से लगे हुए थे. विशेष खुफिया जानकारी और डाटा विश्लेषण के आधार पर पता चला था कि जीएसटी के फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट गलत तरीके से लेने एवं आगे पारित करने के लिए कई फर्जी फर्में बनाई गई है. व्यापक निगरानी के बाद उस स्थान की पहचान कर सीजीएसटी की टीम ने कार्रवाई की.
सीजीएसटी रायपुर आयुक्त मो. अबु सामा आईआरएस ने बताया, जांच से पता चला है कि रायपुर निवासी बादल गौर इन फर्जी फर्मों को बनाने और चलाने के मामले में मास्टरमाइंड है. तथ्यों और सबूतों के साथ पूछताछ करने पर मास्टरमाइंड बादल गौर ने फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट पारित करने के उद्देश्य से काल्पनिक फर्मों का एक समूह बनाने की बात स्वीकार की. उन्होंने बताया कि उसने अभी तक 29.13 करोड़ रुपए की राशि का फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट प्राप्त किया है. आगे अन्य टैक्सपेयर्स को 34.23 करोड़ रुपए के फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट पास आन किए हैं.
केंद्रीय जीएसटी टीम ने सीजीएसटी अधिनियम, 2017 की धारा 69 (1) के तहत आज बादल गौर को गिरफ्तार किया और अदालत में पेश किया. सीजेएम कोर्ट ने आरोपी की न्यायिक हिरासत मंजूर कर ली है. बता दें कि जीएसटी कानून लागू होने के बाद से फर्जी बिलिंग के संबंध में सीजीएसटी रायपुर आयुक्तालय लगातार कार्रवाई कर रहा. अब तक 19 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है.
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