जांजगीर। जिला चिकित्सालय जांजगीर में लगातार तीसरे दिन अनियमितता देखने को मिली ओपीडी के निर्धारित समय में आज भी चिकित्सक नदारत दिखे बुजुर्ग माताएं सोनोग्राफी के इंतजार में घंटों से बैठे दिखी इसी तरह चर्म रोग विभाग आयुष विभाग की ओपीडी में चिकित्सक अनुपस्थित दिखे सबसे बड़ी विडंबना यह है कि विगत कई दिनों से सोनोग्राफी विभाग के चिकित्सक ओपीडी से नदारत रहते हैं जबकि इस संबंध में मरीजों का लगातार जिला अस्पताल में आना-जाना लगा रहता है सोनोग्राफी जैसे संवेदनशील चीज के डॉक्टर का लगातार ओपीडी के समय में अनुपस्थित रहना समझ से परे है जब इस बारे में जनता से रिश्ता के द्वारा सिविल सर्जन डॉ अनिल जगत से पूछा गया कि आखिर लगातार इस तरह की कर्तव्य के प्रति लापरवाही करने वाले डॉक्टर के विरुद्ध कठोर कार्यवाही क्यों नही की जाती ,चिकित्सक अपनी मर्जी से ओपीडी में आ रहे हैं जा रहे हैं निर्धारित समय का, अनुशासन का किसी के द्वारा पालन नहीं किया जा रहा है पूछा गया है तो डाक्टर अनिल जगत के द्वारा बताया गया कि चर्म रोग डॉक्टर की सेवा अवधि समाप्त हो चुकी है। वर्तमान में वहां किसी भी प्रकार के कोई चर्म रोग विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं है सोनोग्राफी में पूछा गया तो उनके द्वारा बताया गया कि उनका भी मैंने सेवा अवधि एक-दो दिन में आजकल में खत्म हो रहा है बड़ी विडंबना है कि जिला चिकित्सालय में जब कायाकल्प की टीम आती है तो यह की गुणवत्ता बड़े से बड़े अस्पताल से बेहतर दिखाई देती है सभी डॉक्टर पूरी तरह से अपने ड्रेस में नजर आते है सारा का सारा अस्पताल मानवीय गुणों से भरा हुआ दिखता है पर उनके जाते ही मानवता भी शर्म सार हो जाती है जैसे की आज स्त्री रोग विशेषज्ञ के बाहर लाइन में खड़ी गरीब महिलाए अपने कोख में पल रहे शिशु के अच्छी तरह से प्रसव हो जाए इस आस में इलाज हेतु लाइन में खड़ी होकर घंटो अपनी बारी का इंतजार करती दिखी जबकि अंदर रूम में डॉक्टर के लिए एसी टेबल सारी सुविधा उपलब्ध होती है क्या अस्पताल प्रबंधन द्वारा उनके बैठने के लिए कुर्सी की भी व्यवस्था नही की जा सकती?आखिर इस शर्मनाक स्थिति के लिए जिम्मेदार अधिकारी की आंखे कब खुलेगी? इस बिगड़ी व्यवस्था के लिए कौन जिम्मेदार है सिविल सर्जन द्वारा हमेशा की तरह पल्ला झाड़ लिया जाता है। जिला चिकित्सालय में हो रही इस अव्यवस्था और गांव गरीब आम जनमानस को हो रही परेशानियों के लिए किसकी जवाब देही तय होगी शासन अपने तरफ से अपने दायित्व को पूरा करते हुए पर्याप्त मात्रा में साधन संसाधन उपलब्ध करा रहा है परंतु उन संसाधनों का दुरुपयोग जिला चिकित्सालय जांजगीर में जिस तरह से हो रहा है वह अत्यंत ही कष्ट कारक है इससे आम जनमानस गरीबों के मन में लगातार असंतोष व्याप्त हो रहा है।
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