रायपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में एक ऐसा बैंक हैं, जहां पैसे नहीं बल्कि ‘राम’ नाम जमा है। दो साल पहले शुरू हुए इस बैंक में 1084 खातेदार हैं, जिनके खातों में करीब 1 अरब राम नाम जमा हो गए हैं। यहां उपभोक्ता और संचालक दोनों राम के भक्त हैं। आमतौर पर जहां कॉपी-किताबों को चूहे कुतर जाते हैं वहीं, यहां राम नाम लिखी कॉपियां चूहे नहीं कुतरते। इसके पीछे भी मान्यता है।
भक्तों को कोरी कॉपियां मुफ्त में मिलती है और उसमें राम नाम लिखकर वे बैंक में जमा करते हैं। इस बैंक का मकसद लोगों को आध्यात्म से जोड़ना है। श्री सीता राम मंदिर गोंड़पारा के महंत और रामनाम बैंक के संचालक दिवंगत डॉ. लक्ष्मण शरण महाराज पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में प्रोफेसर थे।
अंतर्राष्ट्रीय श्री सीताराम बैंक के मैनेजर महेश चंद्र गुप्ता बताते हैं कि करीब 20 साल पहले से संचालित इस बैंक को 336 सदस्यों ने मिलकर शुरू किया था, जिन्होंने करीब 55 करोड़ राम का नाम लिखकर कॉपियां बैंक में जमा की। 2022 से पहले तक बिलासपुर समेत आसपास के कई जिलों से 25 करोड़ राम नाम शिवरीनारायण बैंक में जमा किया था। राम भक्त सीनियर एडवोकेट महेश चंद्र गुप्ता ने बैंक स्थापना के लिए अपने मुंगेली नाका स्थित निवास में जगह दी है। इसका प्रमाण पत्र अंतर्राष्ट्रीय श्री सीताराम नाम बैंक के संस्थापक महंत नृत्य गोपाल दास ने उन्हें दिया है। जिसके बाद से यह बैंक मुंगेली नाका में संचालित है।
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