रायपुर। छत्तीसगढ़ के चर्चित महादेव सट्टा एप मामले की जांच में अब तेजी आने की उम्मीद की जा रही है। केंद्रीय एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के बाद अब इस मामले की जांच राज्य की एजेंसी ईओडब्ल्यू-एसीबी कर रही है। ईओडब्ल्यू ने इस मामले के कुछ आरोपियों को दूसरे राज्यों में छापेमारी करके गिरफ्तार किया है। अब इन आरोपियों का पहले से जेल में बंद आरोपियों के साथ आमना- सामना कराए जाने की तैयारी है। आरोपियों को आमने-सामने बैठकर पूछताछ की जाएगी। ईओडब्ल्यू ने इस मामले की जांच के लिए जेल में बंद आरोपियों की रिमांड के लिए विशेष कोर्ट में आवेदन लगाया था, जिसे आज कोर्ट ने मंजूर कर लिया। अफसरों के अनुसार ईओडब्ल्यू ने निलंबित एएसआई चंद्रभूषण वर्मा, हवाला कारोबारी सुनील दम्मानी और सतीश चंद्राकर की रिमांड मांगी थी। कोर्ट ने इन आरोपियों की 6 दिन की रिमांड मंजूर कर दी। अब इन आरोपियों को ईओडब्ल्यू जेल से बाहर लेकर आएगी और 30 अप्रैल तक अपनी हिरासत में रखेगी। इन तीनों का दिल्ली और पुणे से गिरफ्तार राहुल वकटे और रितेश यादव के साथ आमने सामने बैठाकर पूछताछ किया जाएगा। बता दें कि राहुल और रितेश अगस्त 2023 में चंद्रभूषण वर्मा की गिरफ्तारी के बाद से फरार थे। दोनों से पूछताछ में पता चला कि राहुल वकटे हवाला के जरिये ही पैसे प्राप्त कर चन्द्रभूषण वर्मा और सतीश वर्मा तक पहुंचाता था। दूसरा आरोपी रितेश यादव पुणे में महादेव एप सट्टा का पैनल संचालन करता था। जांच में ये भी पता चला है कि राहुल वकटे के नाम से 3 रजिसटर्ड फर्म भी है, जिसमें बड़ी मात्रा में आरोपियों द्वारा कैश जमा करवाया जाता था। एसीबी की टीम ने हवाला के 43 लाख रूपए फ्रीज कराया गया है।मालूम हो कि रितेश यादव पुणे में महादेव सटटा ऐप का संचालन कर रहा था। इस मामले में पुणे पुलिस के सहयोग से रेड कार्रवाई की गई थी। टीम ने इस दौरान आठ आरोपियो को पकड़ा था।
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