मुंगेली। जिले के सहकारी समितियों (पीएसीएस) के कामकाज में तेजी और पारदर्शिता लाने के लिए किए जा रहे कम्प्यूटरीकरण कार्य में लापरवाही बरतने पर तीन कंप्यूटर ऑपरेटरों को निलंबित कर दिया गया है. इस कार्रवाई के साथ सहकारिता सहायक आयुक्त ने अन्य ऑपरेटरों को संदेश दिया है कि काम में लापरवाही बरतने पर सख्त कार्रवाई करने से परहेज नहीं किया जाएगा.
सहकारी साख समिति धरदेई के कम्प्यूटर ऑपरेटर गुलाब टंडन, खाम्ही समिति ऑपरेटर सूरज दास वैष्णव और चंद्रखुरी समिति ऑपरेटर संदीप दुबे बार-बार विभाग द्वारा निर्देशित किए जाने के बाद भी कार्य में रुचि नहीं ले रहे थे. काम में लापरवाही को देखते हुए सहायक आयुक्त, सहकारिता हितेश कुमार श्रीवास ने तीनों ऑपरेटरों को निलंबित कर दिया है.
बता दें कि वर्तमान में “आत्मनिर्भर भारत अभियान ” के अनुरूप प्राथमिक कृषि साख समिति (पीएसीएस) को आत्मनिर्भर बनाने भारत सरकार ने 29 जून 2022 को 2022-23 से 2026-27 तक पाँच वर्षों की अवधि के लिए प्राथमिक कृषि ऋण समितियों के कम्प्यूटरीकरण के लिए केंद्र प्रायोजित परियोजना को मंज़ूरी दी है.
इस योजना के तहत देश भर में 63000 पीएसीएस को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया था, जिसका कुल बजट परिव्यय 2516 करोड़ रुपये है. इस परियोजना में सभी क्रियाशील पीएसीएसको एंटरप्राइज़ रिसोर्स प्लानिंग आधारित कॉमन सॉफ़्टवेयर पर लाना शामिल है, जो उन्हें राज्य सहकारी बैंकों और जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों के माध्यम से NABARD से जोड़ता है.
इस योजना के लागू होने के बाद पीएसीएस के संचालन की दक्षता में वृद्धि होगी, ऋणों का शीघ्र वितरण, लेन-देन लागत में कमी, भुगतान में असंतुलन को कम करना, लेखांकन और पारदर्शिता में वृद्धि तथा किसानों के बीच पीएसीएस के कामकाज के संबंध में विश्वसनीयता में वृद्धि होगी. इस योजना के तहत प्रत्येक पीएसीएस को एक कंप्यूटर, वेबकैम, वीपीएन, प्रिंटर और बायोमेट्रिक डिवाइस दिया जाएगा तथा एक राष्ट्रीय स्तर का पीएसीएस सॉफ्टवेयर तैयार किया जाएगा.
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