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Raipur

  • न रमन को आगे किया, न खोजा दूसरा कप्तान

    22-Aug-2023

    रायपुर । छत्तीसगढ़ की चुनावी रणनीति में भाजपा को प्रभावी नेतृत्व की कमी का सामना करना पड़ रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह राज्य के सबसे बड़े नेता हैं। हालांकि, पार्टी ने उन्हें भावी चेहरे के रूप में सामने नहीं रखा है। पार्टी अन्य राज्यों की तरह यहां पर भी सामूहिक नेतृत्व की रणनीति पर काम कर रही है। राज्य में भाजपा की रणनीति का सारा दारोमदार वरिष्ठ नेता ओम प्रकाश माथुर पर है, जो संगठन के साथ चुनाव प्रभारी भी हैं।

    भाजपा वापसी के लिए पूरी ताकत लगा रही: इस साल के आखिर में जिन पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव होने हैं, उनमें तीन राज्यों में भाजपा सत्ता की प्रबल दावेदार है। इनमें उसकी अपनी सत्ता वाला मध्य प्रदेश के साथ कांग्रेस शासित राजस्थान व छत्तीसगढ़ शामिल है। इन दोनों राज्यों में पार्टी ने बीते विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के हाथों सत्ता गंवाई थी। अब पार्टी वापसी के लिए पूरी ताकत लगा रही है। इनमें छत्तीसगढ़ ऐसा राज्य है, जहां अन्य दोनों राज्यों की तुलना में राजनीतिक उठापटक कम है, छत्तीसगढ़ को लेकर विभिन्न सर्वे एजेंसियों के जो आकलन सामने आ रहे हैं, उनमें कांग्रेस को बढ़त दिख रही है। भाजपा का एक वर्ग भी मान रहा है कि मुकाबला कड़ा है। कांग्रेस की आपसी खींचतान भी कम हुई है, जिससे भाजपा के लिए सत्ता परिवर्तन कराना आसान नहीं होगा। हालांकि, पार्टी ने समय से पहले हारी हुई सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा कर माहौल बनाने की कोशिश की है, लेकिन भावी नेतृत्व को उहापोह बरकरार है।
    चुनावों को लेकर विभिन्न मंचों पर पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ही नजर आ रहे हैं। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता का भी कहना है कि राज्य में रमन सिंह हमारे सबसे बड़े नेता हैं, लेकिन इसके बाद भी उनका चेहरा बतौर मुख्यमंत्री न तो पेश किया जा रहा है और न ही ऐसा करने की पार्टी की रणनीति है। पार्टी का कहना है कि अन्य चुनावी राज्यों की तरह से वहां पर भी सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ा जा रहा है।
    भाजपा की दिक्कत यह है कि कांग्रेस की तरफ से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल प्रभावी नेता बनकर उभरे हैं। इस बार कांग्रेस परोक्ष रूप से भी किसी को नंबर दो बनाकर नहीं चल रही है। ऐसे में जनता में भी यह संदेश जा रहा है कि सत्ता में आने पर बघेल का ही चेहरा सामने आएगा। हालांकि, भाजपा ने बघेल को घर में ही घेरने के लिए उनके ही भतीजे सांसद विजय बघेल को उनके खिलाफ उतारा है। पाटन से अकेले सीएम भूपेश ने की उम्मीदवारी कांग्रेस नेताओं ने अलग-अलग विधानसभा क्षेत्र से टिकट के लिए अपनी दावेदारी की है। वैशाली नगर विधानसभा सीट से 30 लोगों ने आवेदन किया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पाटन विधानसभा ही एकलौती ऐसी सीट रही, जिसमें सीएम के अलावा किसी अन्य ने टिकट का दावा नहीं किया है। अहिवारा से करीब दो दर्जन, दुर्ग ग्रामीण से 7, दुर्ग शहर से 9, भिलाई नगर से 10 दावेदारों के आवेदन दिया है। अब तमाम प्रक्रिया से गुजरने के बाद 31 अगस्त को जिलाध्यक्ष 3 नामों के पैनल के साथ सारे आवेदन प्रदेश कांग्रेस कमेटी को देगी। दावेदारी के दौरान कई मंत्रियों सहित विधायकों ने शक्ति प्रदर्शन भी किया है। मंत्री गुरु रुद्र कुमार और ताम्रध्वज साहू अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ पहुंचे थे। मंत्री गुरु रूद्र कुमार ने की अहिरवारा विधानसभा से दावेदारी, समर्थकों और अन्य नेताओं के साथ मौजूद। अहिवारा से विधायक और मंत्री गुरु रुद्र ने दावेदारी की है। मंत्री के साथ-साथ भिलाई तीन नगर निगम के महापौर दुर्ग ग्रामीण के जिलाध्यक्ष निर्मल कोसरे ने भी अपना आवेदन दे दिया। यहां से वैशाली नगर के बाद सबसे अधिक 24 लोगों ने टिकट के लिए दावेदारी की।

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