बिलासपुर : राजधानी रायपुर के एम्स अस्पताल में दो पत्रकारों के खिलाफ झूठी शिकायत पर सीधे एफआईआर होने का पत्रकारों ने विरोध किया है । न्यायधानी बिलासपुर के पत्रकारों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंप कर मुख्यमंत्री से जांच कराने की मांग की है ।
उल्लेखनीय है कि मामला राजधानी स्थिति एम्स अस्पताल के साथ साथ कोरोना महामारी से जुडा़ हुआ है । पत्रकारों की गलती सिर्फ़ इतनी थी कि उन्होंने कोरोना को लेकर अस्पताल की व्यवस्था संबंधी शिकायत की थी । कोरोना काल में एम्स अस्पताल के चिकित्सा कर्मियों की लापरवाही की शिकायत करने वाले वरिष्ट पत्रकारों पर चिकित्सा कर्मियों से मारपीट व गाली गलौच का आरोप लगाया गया। इस पर बिना किसी जांच के आननफानन में एफआईआर दर्ज हो गई । मामले में प्रेस क्लब अध्यक्ष तिलक राज सलूजा और सचिव वीरेंद्र गहवई की टीम ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौपा है। प्रेस क्लब की टीम ने ज्ञापन के माध्यम से बताया है कि दोनों पत्रकार प्रेस क्लब के सदस्य हैं । इनके परिवार के 10 सदस्य कोरोना के संक्रमण से जूझ रहे है । इस कारण दोनों पत्रकार मानसिक रूप से परेशान थे । परिवार के सदस्यों के स्वास्थ को लेकर चिकित्सा कर्मियों से उन्होंने कुछ लापरवाही की शिकायत की थी लेकिन जो मारपीट और गाली गलौच का आरोप लग रहा है वह बिल्कुल गलत है। इधर दोनों पत्रकार और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ जुर्म दर्ज करने से पत्रकारिता जगत काफी क्षुब्ध है । प्रेस क्लब की टीम ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि इस मामले की बारीकी से जांच करा प्रकरण वापस लिया जाए ताकि राज्य में पत्रकारिता की साख बची रहे।
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