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Raipur

  • राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने धीमी प्रगति पर जताई नाराजगी, तेजी से काम करने दिए निर्देश

    08-May-2025

    बिलासपुर । राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री टंकराम वर्मा ने आज यहां जिला कार्यालय के सभाकक्ष में राजस्व विभाग के काम-काज की समीक्षा की। उन्होंने राजस्व संबंधी विभिन्न प्रकरणों के निराकरण में शिथिलता बरतने पर नाराजगी जाहिर करते हुए इनमें तेजी लाने के निर्देश दिए। वर्मा ने राजस्व नक्शा बटांकन एवं त्रुटि सुधार को समाज में विवाद एवं अशांति का प्रमुख कारण मानते हुए विशेष कार्य-योजना बनाकर इन्हें निपटाने के निर्देश दिए। कलेक्टर संजय अग्रवाल एवं एसएसपी रजनेश सिंह सहित सभी एडिशनल कलेक्टर, एसडीएम, तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार उपस्थित थे।

     
    मंत्री वर्मा ने बैठक में कहा कि बिलासपुर जिले में राजस्व विभाग के काम-काज को पटरी पर लाने की जरूरत हैं। पूर्व में यहां अनेक गड़बड़िया दर्ज की गई हैं। अधिकारियों के सहयोग बिना कोई भी भू-माफिया इतनी गड़बड़ियां नहीं कर सकता है। उन्होंने मोपका, लिंगियाडीह, घुरू के कुछ प्रकरण सौंपते हुए इनकी जांच के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि दोषी अधिकारियों को बख्शा नहीं जायेगा। उन्होंने अधिकारियों को भारतमाला परियोजना की जांच से सबक लेने की हिदायत दी। आपने कहा कि संपत्ति अंतरण सहित राजस्व विभाग में अनेक बदलाव किये गये हैं। इनका दूरगामी लाभ आम जनता को मिलेगा। उन्होंने कहा कि जिले में त्रुटि सुधार एवं नामांतरण के काफी मामले लंबित हैं। नई तकनीकों का इस्तेमाल कर इन्हें समय-सीमा में पूर्ण करें। उन्होंने कहा कि त्रुटि सुधार के अधिकार पहले केवल एसडीओ राजस्व को था। यह अधिकार अब तहसीलदार को दे दिए गए हैं ताकि जल्द मामलों का निराकरण हो सके। इसके बावजूद समय पर निराकरण नहीं होना स्वीकार्य नहीं हैं। 
     
     
    वर्मा ने जिले में सर्पदंश से हुई मौत की मुआवजा मामले की जांच करने को कहा। आपने कहा कि प्रकरण बनाते समय ग्रामीणों से भी पूछताछ किया जाना चाहिए। सांप से मौत होने पर संपूर्ण ग्रामवासियों को इसकी जानकारी रहती है। देखें कि कोई गिरोह तो इसमें काम नहीं कर रहा है। मालूम हो कि पिछले एक साल में जिले में लगभग 481 सर्पदंश मौत में मुआवजा बांटी गई है। जबकि नागलोक के नाम से विख्यात तपकरा जिला जशपुर में इस दौरान एक सौ मामले भी नहीं दर्ज हुए थे। वर्मा ने कहा कि कोटवारी एवं पट्टे पर दी गई जमीन हस्तांतरित नहीं की जा सकती है। ये सभी सेवा भूमि हैं। ऐसे भूमि जो विक्रय हो चुके हैं, उन्हें वापस लेने की कार्यवाही तेज किया जाए। राजस्व मंत्री ने कहा कि चेकलिस्ट से मिलान कर ई-डिस्ट्रिक्ट के आवेदन स्वीकार किया जाए। ताकि प्रमाण पत्र जारी करने में अनावश्यक विलंब न हो। अतिक्रमण के विरूद्ध कार्रवाई भी निरंतर जारी रहने चाहिए। विशेषकर कॉलेज एवं स्कूल के आस-पास के अतिक्रमण को पहले चरण में बेदखल किया जाये। ऐसे अतिक्रमित स्थलों को शह मिलने पर असामाजिक तत्वों का अड्डा बन जाता है। 

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