रायपुर/ सर्व आदिवासी समाज के प्रदेश अरविंद नेताम ने प्रदेश में 50 से 55 सीटों पर विधानसभा चुनाव लडऩे का ऐलान किया है। उका कहना है कि वर्षों से आदिवासी सताए जा रहे है। उन्हें अधिकारों से वंचित रखा जा रहा है, इसलिए मजबूर होकर अब समाज को चुनाव लडऩा पड़ रहा है। रविवार को वे यहां बस्तर से लौटते समय कुछ देर के लिए रेस्ट हाउस में रूके थे। यहां आदिवासी समाज प्रमुखों से मुलाकात की। इस बीच उन्होंने आरक्षण के मुद्दे पर कहा कि सरकार में इच्छा शक्ति नहीं है, इसलिए उसे उलझा दिया गया है। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज सदियों से सताए गए है, उन्हें वंचित रखा गया है।
जातिवाद, छुआछूत, वर्ण व्यवस्था में बांधकर पीछे धकेल दिया गया है। उन्होंने आगे कहा कि पेसा कानून पर उन्होंने कहा कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार पेशा कानून को लेकर इमानदार नहीं है। मूल कानून में जल जंगल जमीन का है। जो अधिकार आदिवासियों को दिया गया था, उसे इन सरकारों ने खत्म कर दिया। समाज के लिए यह खतरे की घंटी है। पिछले 15 वर्षों में समाज का कटु अनुभव रहा है।
बीते दस सालों से लगातार आदिवासी समाज 23 सूत्री मांगों को लेकर आंदोलन प्रदर्शन कर रही है, लेकिन नतीजा सिफर रहा। उनकी बात को कोई सुनने को तैयार ही नही है।ऐसे में समाज आखिर कहां जाए। मजबूरी में समाज को चुनाव लडऩा पड़ रहा है। प्रदेश में हम 50 से 55 सीटों में चुनाव लड़ेंगे। 33 आरक्षित सीटों के अलावा 20 सामान्य सीटों में भी चुनाव लडेंगे, जहां आदिवासियों की बड़ी संख्या है। इस मौके पर सर्व आदिवासी समाज के जिलाध्यक्ष जीवराखन लाल मरई, महेश रावटे, डॉ एआर ठाकुर, एचआर परिहा, रामनारायण चुरेन्द्र, शंकर लाल नेताम, सीता राम ध्रुव, मुकेश ध्रुव, गोपी नेताम, वेदप्रकाश ध्रुव, ऋषभ ठाकुर, हेमंत छेदैहा, रामेश्वर मरकाम, बंटी मरकाम, हर्ष मरकाम, अवल नेताम, विष्णु मरकाम, शिवा नेताम, इंदल मरकाम, भूपेन्द्र मंडावी आदि मौजूद रहे।
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