रायपुर। जल संसाधन मंत्री केदार कश्यप ने आज नवा रायपुर स्थित मंत्रालय महानदी भवन में जल संसाधन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक लेकर विभागीय कार्यो की अद्यतन स्थिति की गहन समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को कार्यो की प्रशासकीय स्वीकृति मिलते ही टेंडर की प्रक्रिया शुरू करने की सख्त हिदायत दी। मंत्री श्री कश्यप ने बैठक में सभी मुख्य अभियंताओं को यह सुनिश्चित करने को कहा कि प्रशासकीय स्वीकृति मिलने के 100 दिवस के भीतर टेंडर लग जाना चाहिए। इसमें किसी भी तरह की लेट लतीफी और लापरवाही बर्दाश्त नही की जाएगी। टेंडर प्रक्रिया में विलंब होने पर जिम्मेदारी तय कर संबंधितों के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मंत्री श्री कश्यप ने जशपुर जिले के कुनकुरी में नया कार्यपालन अभियंता कार्यालय खोलने की स्वीकृति दी। मंत्री श्री कश्यप ने बिलासपुर और सरगुजा के मुख्य अभियंताओं को प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त योजनाओं का टेंडर जारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने बांध सुरक्षा संबंधी कार्यो के बजट का उपयोग सुनिश्चित करने के लिए कंसलटेंट, सार्वजनिक उपक्रम को लगाकर कार्य-योजना बनाकर कार्य में तेजी लाने तथा भू-जल सॉफ्टवेयर स्मार्ट मीटर का काम दिसम्बर तक पूरा कराने के निर्देश दिए। बैठक में मुख्य अभियंता कार्यालय जगदलपुर एवं राज्य जल सूचना केन्द्र की स्थापना के संबंध में भी चर्चा की गई। मंत्री श्री कश्यप ने विभाग की सभी बड़ी योजनाएं को पीएफआईसी से अनुमोदित कराकर प्रशासकीय स्वीकृति जारी करने और आगामी तीन माह में टेंडर लगवाने के भी निर्देश अधिकारियों को दिए। बैठक में रिक्त पदों पर भर्ती और पदोन्नति, कुनकुरी में नये अनुविभागीय अधिकारी विद्युत यांत्रिकी कार्यालय के शुभारंभ करने के संबंध में आवश्यक निर्देश अधिकारियों को दिए गए। सोलर पावर प्रोजेक्ट, जल संसाधन विभाग की सम्पतियों का व्यवसायिक उपयोग हेतु नीति, बांधो से गाद निकालने हेतु डेªजिंग पॉलिसी बनाने, वन विभाग में लंबित व्यपवर्तन प्रकरणों को समय सीमा में निराकृत करने के संबंध में भी आवश्यक निर्देश दिए गए। इस अवसर पर जल संसाधन सचिव राजेश सुकुमार टोप्पो, प्रमुख अभियंता इंद्रजीत उइके, मुख्य अभियंता एस व्ही. भागवत, के.एस गुरूवर, एस.के.टीकम, डी. के. उमेरकर, आर. के. इंदवार सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
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