राजनांदगांव। सुमति मंडल कामठी लाइन प्रारंभ से ही सनातन संस्कृति की पौराणिक घटनाओं पर आधारित विसर्जन झांकियां प्रस्तुत करते आ रहा है । सुमति मंडल ने अपनी शताब्दी पूरी कर इस वर्ष 101 वें वर्ष की झांकी में भगवान शिव के वृषभ अवतार की घटना का सचित्र चित्रण करने का प्रयास किया है । शिव महापुराण एवं विष्णु पुराण के अनुसार भगवान शिव ने 19 अवतार लिए हैं , जिसमें ज्यादातर अवतार दानवों के संहार के लिए लिया था । किंतु महादेव ने वृषभ अवतार भगवान विष्णु के पुत्रों के विनाश के लिए लिया था। पौराणिक कथाओं के आधार पर महादेव के आदेश पर भगवान विष्णु अपनी याददाश्त भूल कर पाताल लोक में अप्सराओं के साथ निवास करते हैं , जिनसे उन्हें कुछ पुत्रों की प्राप्ति होती है , जो सभी दानवी प्रवृत्ति के होते हैं । उनके द्वारा तीनों लोकों में आतंक मचाया जाता है तब देवता गण महादेव के पास जाते हैं , इन आतंकित विष्णु पुत्रों के विनाश के लिए भगवान शिव वृषभ ( बैल ) का अवतार लेकर श्री विष्णु के पुत्रों का संहार कर देते हैं.
भगवान श्री गणेशजी विघ्नहर्ता के रूप में भगवान श्री हरि विष्णु को उनकी वास्तविक स्थिति का ध्यान दिलाते हुए उनकी याददाश्त वापस दिलाते हैं । इस प्रकार प्रस्तुत झांकी विराट स्वरूप में दो जीप में बनाई गई है । पहली जीप में विशालकाय राक्षस एवं भगवान वृषभ को दर्शाया गया है , वृषभदेव अपने फरसा से वार करते हुए एवं राक्षस को तडफ़ते हुए दर्शाया गया है । इन मूर्तियों में सात मूविंग होगी । दूसरी जीप में विशाल स्वरूप में महादेव नंदी के ऊपर विराजमान है , साथ में माता महालक्ष्मी , भगवान श्री हरि विष्णु , नारद जी , गरुड़ जी , दो अप्सरा एवं अन्य राक्षसों को प्रस्तुत किया गया है । पूरी झांकी में 16 मूवमेंट होंगे। झांकी के पृष्ठ भाग में भव्य आर्च विद्युत की रौशनी से जगमगाता रहेगा , जो फोल्डिंग होगा । इस प्रकार सुमति मंडल ने अपने 101 वें वर्ष में प्रवेश कर युवा पीढ़ी को जोड़ते हुए युवा कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी सौंपी है । इन युवा कार्यकर्ताओं ने एकजुट होकर उत्साह एवं उल्लास के साथ श्री गणेश जी की स्थापना की एवं भव्य विसर्जन झांकी के माध्यम से आम जनता को सनातन संस्कृति की अमूल्य धरोहरों से अवगत कराने का कार्य किया है।
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