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Rajnandgaon

  • अंग्रेजों के जमाने के भारतीय दंड संहिता,दंड प्रक्रिया संहिता और साक्ष्य अधिनियम अब समाप्त

    04-Jul-2024

    बदल गई देश की आपराधिक न्याय व्यवस्था थीम के साथ पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के द्वारा दी गई जानकारी

    राजनांदगांव। कॉन्फ्लुएंस कॉलेज के राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा हाल ही में देश में लागू हुए तीन नए आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता 2023,भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 के संबंध में विस्तृत जानकारी कौन सा कानून लेगा किस कानून की जगह और नए कानून संसद से कब पारित हुए जैसे महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान किया गया  द्य प्रो. विजय मानिकपुरी कार्यक्रम अधिकारी रासेयो ने बदल गई देश की आपराधिक न्याय व्यवस्था थीम के साथ पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन द्वारा छात्रों को भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू हुए से संबंधित जानकारी दिए द्यजिसमें कहा कि 12 दिसंबर 2023 को तीन कानूनो में बदलाव के बिल संसद में पेश द्य 21 दिसंबर 2023 संसद से तीनों विधेयक पारित, 25 दिसंबर 2023 राष्ट्रपति द्वारा मंजूरी और 24 फरवरी 2024 केंद्र ने कानून लागू करने की तारीख घोषित किया और 1 जुलाई 2024 तीन नए आपराधिक कानून देश भर में लागू हो गया है। आगे श्री मानिकपुरी ने बताया कि इंडियन पीनल कोड (आईपीसी) 1860 की जगह_ भारतीय न्याय संहिता 2023, क्रिमिनल प्रोसीजर कोड (सीआरपीसी) 1973 की जगह_ भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और इंडियन एवीडेंस एक्ट 1872 की जगह_ भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 लागू हो गया है। और नए कानून के उद्देश्य सरकार ने सदन में कहा था कि समाप्त होने वाले ये तीनों कानून अंग्रेजी शासन को मजबूत करने और उसकी रक्षा करने के लिए बनाए गए थे और उनका उद्देश्य दंड देने का था न्याय नहीं। तीन नए कानून की आत्मा हैद्य भारतीय नागरिकों को संविधान द्वारा दिए गए सभी अधिकारों की रक्षा की जाए , इनका उद्देश्य दंड देना नहीं बल्कि न्याय देना हैद्य जैसे महत्वपूर्ण जानकारी साझा किया गया द्य प्रस्तुतीकरण के बाद विद्यार्थियों के जिज्ञासा प्रश्नोत्तरी,उनके जिज्ञासा को शांत किया गया। प्राचार्य डॉ. रचना पांडे ने नए आपराधिक कानून से संबंधित विशेषताओं जैसे उद्देश्यों के संबंध में चर्चा की है ,जिसमें नए अपराध, आतंकवाद ,मॉब लिंचिंग, संगठित अपराध, महिला ,बच्चों के विरुद्ध होने वाले अपराध, फेक न्यूज़, राजद्रोह को नए नाम देशद्रोह के साथ पेश किया गया द्य सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान ,बाल अपराध जैसे गंभीर मुद्दों के बारे में चर्चा किया गया द्य महाविद्यालय के डायरेक्टर आशीष अग्रवाल, संजय अग्रवाल एवं डॉ. मनीष जैन ने सभी को नए कानून को समझने जानने और पढऩे की सलाह देते हुए इस नए कानून के माध्यम से समाज में होने वाले परिवर्तन को प्रभावित बताया।  आयोजन में महाविद्यालय की प्राध्यापक प्रीति इंदौरकर विभागध्यक्ष( शिक्षा) एवं राधेलाल देवांगन सहित महाविद्यालय के विद्यार्थी उपस्थित थे। 

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