रायपुर। राजधानी में अनोखे बुक फेयर की शुरुआत हुई है. इस पुस्तक मेले का नाम है ड्रीम बुक फेयर.इस बुक फेयर की खास बात ये है कि यहां मिलने वाली किताबें एमआरपी रेट में नहीं बेची जाती.बल्कि किताबों को वजन के हिसाब से बेचा जाता है. यही कारण है कि इस अनोखे बुक फेयर में युवाओं के साथ-साथ बुक लवर्स की भीड़ लगी हुई है.इस ड्रीम बुक फेयर में ऐसी किताबों का संकलन रखा गया है जो आसानी से नहीं मिलती।
इस बुक फेयर में फिक्शनल, नॉनऱफिक्शनल,मोटिवेशनल और जनरल कैटेगिरी की किताबों का अंबार है. ऑर्गेनाइजर की माने तो इस बुक फेयर में 3 लाख से ज्यादा किताबों का संकलन किया गया है. दिल्ली बेस्ड बुक माफिया कंपनी इस पुस्तक मेले को तीसरी बार छ्त्तीसगढ़ में आयोजित कर रही है. बुक माफिया भारत के कई राज्यों में इसी तरह का बुक फेयर आयोजित कर चुकी है.इन किताबों को विदेश से इंपोर्ट करके सस्ते दामों में भारतीयों को उपलब्ध कराया जाता है।
बुक फेयर में ज्यादातर युवाओं की भीड़ देखी जा रही है.किफायती कीमत में वल्र्ड क्लास राइटर्स की बुक आसानी ने उपलब्ध हो रही है.यही वजह है कि रायपुरवासी इस सुनहरे मौके को हाथ से जाने नहीं देना चाहते. बुक फेयर में किताब लेने आए प्रकाश मगरिया के मुताबिक आदमी जिंदगी में हमेशा सीखते रहता हैं. सीखने की कोई उम्र नहीं होती. इसीलिए बुक एक माध्यम है जो कि इंसान के नॉलेज को बढ़ाता है.वहीं अन्य ग्राहकों ने भी अपनी प्रतिक्रिया बुक फेयर के लिए दी है।
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